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Friday 9 February 2018

मेरी गर्लफ्रेंड की भयानक चुदाई | Meri Girlfriend ki Bhayanak Chudayi - Hindi Sex Stories


मेरी गर्लफ्रेंड की भयानक चुदाई | Meri Girlfriend ki Chudayi - Hindi Sex Stories

प्रेषक : संजय …
हैल्लो दोस्तों, मेरी एक गर्लफ्रेंड है जो दिखने में एकदम मॉडर्न तरह की किसी फिल्म की हिरोइन लगती है, उसका नाम सानीका है और मेरा पूरा कॉलेज उस लड़की के पीछे पड़ा रहता है और कुछ ही दिन पहले वो मेरी गर्लफ्रेंड बनी है। दोस्तों उसके वो बड़े आकार के गोरे बूब्स और गांड को देखकर तो मेरा लंड अचानक से खड़ा हो जाता है। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं। अब मेरा मन करता है कि में उसी समय उसके पास जाकर इसको पकड़कर अपनी बाहों में भर लूँ और उसके साथ वो कर लूँ जो मेरे मन में उस समय चल रहा हो। दोस्तों वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी होने के साथ ही उसका व्यहवार भी बहुत अच्छा और वो बहुत ही खुले विचारों की हंसमुख स्वभाव की लड़की थी इसलिए हर कोई उसको पाना चाहता था। एक बार देखते ही हर कोई उसकी तरफ आकर्षित होकर उसकी तरफ खींचा चला जाता था। दोस्तों मेरी उसके साथ दोस्ती होने के बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने बहुत हंसी मजाक करने लगे थे जिसकी वजह से हमारे बीच की दूरियां अब बिल्कुल खत्म होती जा रही थी और वो भी मुझे मन ही मन प्यार करने लगी थी और उसका प्यार उस दिन मुझे पहली बार उसकी चुदाई के समय पता चला।

एक दिन कॉलेज के बाद उसका मेरे घर फोन आया और वो मुझसे कहने लगी कि में आज किसी काम की वजह से कॉलेज नहीं आ सकी तो क्या तुम मुझे आज कॉलेज में जो कुछ भी बताया है वो सब बताने मेरे घर आ सकते हो प्लीज? दोस्तों अब में तो उसको अपनी तरफ से ना तो कहना नहीं चाहता था और इसलिए मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश होकर उसको तुरंत हाँ कह दिया। तभी वो मुझसे कहने लगी कि तुम वहीं रुको में खुद ही तुम्हारे घर आ जाउंगी और फिर मैंने झट से उसको हाँ कह दिया। अब में मन ही मन में सोचने लगा कि शायद आज ही वो दिन था, जब मेरे मन में चाही हर एक बात होने वाली थी, क्योंकि उस दिन मेरे घर में कोई भी नहीं था। दोस्तों मेरी अच्छी किस्मत से उसने मेरे घर आने का फैसला किया और मेरे घर के सभी सदस्य एक दिन के लिए बाहर गये थे, जिसकी वजह से मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और अब में उसके आने का इंतजार करने हुए सभी तैयारियों को जल्दी से पूरी करने लगा था। फिर करीब दोपहर के तीन बजे वो मेरे घर आ गई और मैंने तुरंत ही जाकर दरवाज़ा खोल दिया और अपने मुस्कुराते हुए चेहरे से मैंने उसका स्वागत करते हुए उसको अंदर आने के लिए कहे बिना देखता ही रहा और में उस समय उसको अपनी चकित आँखों से उसको घूरकर देखते ही रह गया। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

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दोस्तों मैंने देखा कि उसने एकदम चिपकी हुई जींस और उसके ऊपर लाल रंग का छोटे आकार का टॉप पहना था, जिसकी वजह से मुझे उसका गोरा मुलायम पेट साफ नजर आ रहा था। अब मुझे उसकी ब्रा का थोड़ा सा हिस्सा उसके खुले कंधो से दिख रहा था और तभी उसने मुझसे अंदर आने के लिए पूछा और तब जाकर में अपने होश में आया गया। फिर मैंने उसको कहा कि तुम मुझे माफ करना हाँ तुम अंदर आ जाओ, वो अंदर आ गई और अब उसने मुझसे पूछा क्या कोई भी घर में नहीं है? मैंने कहा कि हाँ घर के सभी लोग आज सुबह ही मेरे चचेरे भाई के पास गये है और में वहाँ पर बोर हो जाता हूँ इसलिए में उनके साथ नहीं गया। फिर हम दोनों मेरे कमरे में चले गये और में उसको हमारे कॉलेज की पढ़ाई के बारे में सब कुछ समझाने लगा, कुछ देर तक में उसको वैसे ही समझाता रहा और फिर वो मुझसे कहने लगी कि वो अब बहुत बोर महसूस कर रही है, अच्छा हुआ आज में कॉलेज नहीं आई वरना में पक ही जाती, तुम्हे बोर महसूस नहीं होता क्या? मैंने उसको कहा कि अब क्या करे पढ़ाई तो पूरी करनी है और वैसे तुम्हारे साथ रहकर मुझे पता ही नहीं चलता कि कब मेरे समय निकल जाता है।
फिर वो जहाँ पर बैठी हुई थी, वहीं पर में लेट गया और मैंने उसको भी थोड़ा सा आराम करने के लिए लेटने को कहा और वो भी वहीं पर लेट गई। दोस्तों अब हम दोनों एक दूसरे के पास में बड़े आराम से लेटकर बातें करने लगे थे और तभी उसकी नज़र सामने वाली टेबल पर रखी हुई एक सीडी पर पड़ी। फिर वो उसको देखने के लिए उठकर वहाँ गयी और अब में बहुत डर गया था, क्योंकि दोस्तों वो सेक्सी फिल्म की सीडी थी। अब मैंने अपनी दोनों आँखों को बंद कर लिया था और फिर मैंने उसके मुहं से वाह शब्द कहते हुए सुना और उस आवाज को सुनकर तुरंत मैंने अपनी दोनों आँखों को खोल लिया। अब उसने मुझसे कहा कि अच्छा तो तुम भी यह सब देखते हो? आख़िर कोई तो ऐसा है जो मेरी पसंद के काम करता है। फिर मैंने चकित होकर उसको पूछा क्या तुम भी यह सब देखती हो? झट से मुस्कुराते हुए उसने मुझसे कहा कि हाँ मुझे यह सब देखना बहुत पसंद है और मेरे पास तो ऐसी पांच सीडी है। फिर वो उसी समय मेरे पास आकर बैठी और वो मुझसे पूछने लगी क्या तुमने यह सब कभी किसी के साथ किया भी है? मैंने उसको ना कहा और उसको यही सवाल पूछने पर उसने मुझसे भी ना ही कहा।



फिर मैंने धीरे से उसको पूछा क्या तुम मेरे साथ यह सब करना पसंद करोगी? और उसी समय उसने तुरंत ही मेरी तरफ पलटकर देखा और वो कुछ देर मुझे देखती ही रही मैंने मन ही मन डरते हुए सोचा कि यह अब मुझसे गुस्सा होकर मुझे जरुर थप्पड़ मारने वाली है, लेकिन दोस्तों उसका एकदम उल्टा हुआ। अब वो अपनी ऊँची आवाज में मुझसे कहने लगी, क्या तुम पहले यह सब नहीं कह सकते थे? मुझे इतनी देर से बोर कर रहे थे साले बहनचोद। दोस्तों मुझे तो उसके मुहं से वो शब्द और गालियों को सुनकर जैसे एक बड़ा तेज झटका लगा और अब तुरंत ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। फिर वो तुरंत ही वापस पलंग पर लेट गई और में झट से उसके ऊपर लेट गया और मेरा लंड का उभरा हुआ हिस्सा जो पेंट के अंदर था उसकी पेंट पर चूत वाले हिस्से पर धीरे से रगड़ना शुरू कर दिया, लेकिन ऐसा करने से मुझे कुछ भी मज़ा नहीं आ रहा था और इसलिए मैंने तुरंत ही अपनी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर में खड़ा हो गया। फिर उसने भी मुझे यह सब करता देख अपनी जींस को उतार दिया और अब वो भी अपनी पेंटी में पलंग पर लेट गयी। अब वो मुझे बहुत ही सेक्सी रंडी नजर आ रही थी और में उसका वो बदला हुआ रूप देखकर बड़ा चकित था।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फिर मुझे उस दिन पहली बार पता चला कि वो जितनी कपड़ो में सेक्सी नजर आती थी वो उससे भी ज्यादा बिना कपड़ो के हॉट सेक्सी थी। अब मैंने जोश में आकर अपना लंड उसकी पेंटी पर रगड़ना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब हम दोनों को थोड़ा सा मज़ा आने लगा था। अब वो भी मेरे लंड को अपनी चूत पर महसूस करके धीरे धीरे आह्ह्ह सईईईइ करके आहे भरने लगी थी। फिर मैंने अपनी बनियान को उतारा और उसके बाद अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और उसको अपने लंड को दिखाते हुए उसके सामने खड़ा हो गया। दोस्तों मेरा खड़ा लंड जो सात इंच लंबा और कड़क होकर झटके देने लगा था, मेरा तना हुआ लंड देखकर तो वो एकदम पागल होकर मेरे ऊपर चढ़ गयी। फिर में वापस बेड पर अपनी पीठ के बल लेट गया और वो मेरे ऊपर बैठकर मुझसे पूछने लगी अबे साले कुत्ते हरामी इतने दिन तक तूने कहाँ छुपाकर रखा था अपना यह अनमोल ख़ज़ाना? और इतना कहते हुए जोश में आकर उसने तुरंत ही अपनी पेंटी और ब्रा को उतारकर दूर फेंक दिया। दोस्तों अब मेरे सामने वो द्रश्य था जिसको देखकर मेरी ऑंखें चकित होकर फटी की फटी रह गई, में उसके वो रसीले बूब्स और गोल गोल गांड को देखने के लिए कब से तरस रहा था और आज मुझे वो सब देखने के लिए ही नहीं बल्कि आज मुझे उस गोरे गदराए बदन के साथ खेलने का मौका भी मिलने वाला था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।


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दोस्तों इस दिन का मुझे कितने दिनों से इंतजार था? और उस दिन मेरे हाथ वो मौका लगते ही में खुशी से पागल हो चुका था। अब हम दोनों दो चार मिनट तक अपनी जीभ से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे वो मज़े लेकर खुश हो रहे थे और उसके रसभरे होंठो का मज़ा लेने के साथ ही उसके रसीले बूब्स की उठी हुई निप्पल को में अपनी मुठ्ठी में भरकर दबाने लगा था। दोस्तों उसके बूब्स का आकार इतना बड़ा और वो बदन इतना गरम था कि में बता नहीं सकता। मेरे हाथ उसके चिकने बदन को महसूस करके मुझे उत्साहित ही जा रहा था। फिर उसने जोश में आकर मेरा लंड झट से अपने एक हाथ से पकड़ लिया और पूरा ज़ोर लगाकर अपनी चूत के खुले मुहं पर रखकर उसने लंड के ऊपर बैठते हुए उसको अपनी चूत के अंदर डाल लिया। अब मेरा पूरा लंड एक ही बार में पूरा चूत की गहराईयों में डुबकी लगा रहा था और में लेटे हुए ही उसको अपने लंड पर बैठाकर चोदने लगा था। अब वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और में उसकी कमर को अपने हाथों का सहारा देकर उसको ऊपर नीचे करते हुए अपने लंड से धक्के भी देने लगा था। दोस्तों मुझे उसके साथ यह सब करने में बड़ा मस्त मज़ा और जोश भी आ रहा था।

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फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम होने के बाद वो आहहह्ह्ह ऊऊहह हाँ हाँ ऐसे ही चोदो मुझे उह्ह्ह हाँ ही वाह मज़ा आ गया, वो आहे भरने लगी थी। अब में भी ज़ोर से आहे भरने लगा था और उस काम का हम दोनों खुश होकर बड़ा मज़ा ले रहे थे। फिर कुछ देर बाद मुझे महसूस होने लगा कि अब मेरा लंड झड़कर उसकी चूत में थूकने वाला है, लेकिन मुझे उसके मुहं में सारा वीर्य निकालना था और इसलिए मैंने उसको इशारा किया। अब वो तुरंत मेरे ऊपर से उतर गई और फिर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर में ज़ोर से रगड़ने लगा। फिर उसने अपना मुहं पूरा खोलकर मेरा लंड अपने मुहं में भर लिया। अब मैंने हल्के धक्के देकर अपना सारा वीर्य उसके मुहं में डालना शुरू किया। अब उसका मुहं पूरा मेरे लंड के वीर्य से भर गया, लेकिन फिर भी और रस मेरे लंड से निकल रहा था इसलिए वो मैंने थोड़ा सा उसके बालो पर और कूल्हों पर भी निकाल दिया। फिर उसने मुझे चूमते हुए थोड़ा सा वीर्य मेरे मुहं में भी डाल दिया और बचा हुआ वो गटक गई और फिर मैंने वापस उसको चूमते हुए मेरे मुहं का वीर्य उसके मुहं में डालकर उसको पीने को दिया।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फिर कुछ देर के बाद वो मेरा लंड अपनी जीभ से चाटकर साफ करने लगी और उसके बाद मैंने उसकी चूत को भी अपनी जीभ से चाटा और में अपने एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा, लेकिन उसने मेरा हाथ अपने बालो से हटा दिया और अपने निप्पल को मेरे मुहं में दे दिए और वो मेरे मुहं पर अपने बूब्स को दबाने लगी। अब उसके बूब्स से एकदम मजेदार स्वादिष्ट रस निकलने लगा और में उसको पी गया। फिर थोड़ी देर के बाद हमने दोबारा चुदाई के मज़े लिए और इस बार मैंने उसकी गांड मारी। दोस्तों किसी भी लड़की की गांड मारना एक बहुत ही अच्छा अनुभव होता है। यह बात मुझे पहली बार उसकी गांड मारकर पता चली। फिर में करीब बीस मिनट तक उसकी गांड मारता रहा और उसको पूरी लाल कर दिया और वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से आअहह ऊफ्फ्फ माँ मर गई चिल्लाने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद उसके चिल्लाने के शब्द बदल गए और अब वो हाँ और ज़ोर से धक्के मारो मेरी गांड को और धक्के दो कहने लगी थी। दोस्तों कुछ देर गांड मारने के बाद फिर हम दोनों ने एक दूसरे की जीभ को चूसना शुरू किया और ऐसे ही हम दोनों पूरे पांच घंटे सेक्स करने के बाद बहुत थक चुके थे और फिर मैंने घड़ी की तरफ देखा तो अब रात होने को आई थी।


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अब जल्दी से उसने अपने कपड़े पहन लिए और वो खुश होकर मुझसे कहने लगी कि वाह तेरे लंड के साथ खेलकर मज़ा आ गया और अब आगे भी ऐसे ही मज़े लेने के लिए तुम अब मेरे घर आ जाना। हम दोनों वहां पर भी वापस ऐसे ही मज़ा लेंगे। फिर मैंने खुश होकर कहा कि हाँ हाँ क्यों नहीं में तेरे बदन से मज़ा लेने तो ज़रूर चला आऊंगा? बस तू मुझे बता देना मुझे कब तेरी चूत की सेवा करने आना है में तुरंत दौड़ा चला आऊंगा और फिर हम दोनों ने दोबारा चूमना शुरू किया और उसके बाद वो अपने घर चली गयी। दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव अपनी गर्लफ्रेंड की कुंवारी चूत को चोदने का वो मज़ा और उसके बाद भी हम दोनों ने कई बार मस्त मज़े लिए और हम अब पहले से भी ज्यादा खुश और पास रहने लगे है ।।
धन्यवाद …
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Tuesday 7 November 2017

सॉफ्टवेयर इंजिनियर मेरी रखैल -Hindi Sex Stories

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हैल्लो दोस्तों, मेरी उम्र 27 साल है, में दिखने इतना स्मार्ट नहीं हूँ, लेकिन हट्टा कट्टा हूँ। में एक औरत या लड़की की आग को 100% ठंडा कर सकता हूँ। यह बात कुछ 6-7 महीने पहले की है, में सुबह जब कंपनी में जाते ही अपना पी.सी ऑन करके अपने ई-मैल चैक करता हूँ और उसके बाद अपना कामकाज चालू करता हूँ।
फिर जैसे ही मैंने अपना पी.सी ऑन किया तो मेरा काम करने का सॉफ्टवेयर बार-बार बंद हो रहा था। फिर उस दिन में काफ़ी परेशान हुआ और फिर मेरे सीनियर ने मुझे जिस इंजिनियर से सॉफ्टवेयर बनवाया था, उसका मोबाईल नम्बर दिया और उसके घर का एड्रेस दिया। फिर मैंने उस मेडम को फोन किया, तो उसने आने से इनकार किया और वो बोली कि तुम सॉफ्टवेयर का बैकअप सी.डी मेरे पास लेकर आओ। तो तब मैंने कहा कि ठीक है, में आज रात को 9 बजे आता हूँ। तो तब उसने कहा कि नहीं 9-10 तक हमारा डिनर टाईम रहता है तुम 10 से 11 के बीच या फिर कल सुबह आ जाओ। तो तब मैंने कहा कि ठीक है, में कोशिश करता हूँ। फिर मैंने कंपनी से 8 बजे छुट्टी की और सीधा अपने घर आया और फिर घर आते ही मैंने डिनर किया और अपने पापा की बाइक लेकर उस मेम के घर गया।
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अब मुझे वहाँ पहुँचने में 10:45 हो गये थे। फिर घर के पास जाते ही मैंने मेम को कॉल किया तो वो बोली कि छठे फ्लोर पर 48 नम्बर का फ्लेट है। तो में लिफ्ट से गया और जाते ही डोरबेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला तो मेरी जवानी ठंडी पड़ गई, क्योंकि सामने एक 35-36 की साउथ इंडियन औरत खड़ी थी, क्या फिगर था उसका? फिर में अंदर गया, तो सामने एक हॉल था, उसके साईड में 5 छोटे– बड़े कमरे थे और फिर सबसे लास्ट में जो कमरा था उस कमरे में हम लोग गये, वहाँ एक बेड और 4-5 कुर्सियां थी और उस एक टेबल पर पी.सी था। फिर में कुर्सी पर बैठ गया और वो पी.सी चालू करने लगी। तो तब मैंने कहा कि आपका नाम? तो वो बोली कि विजया और तुम्हारा। तो तब में बोला कि पंडित। फिर मैंने कहा कि इतने बड़े घर में आप अकेली रहती हो? तो तब उसने कहा कि नहीं में और मेरा बेटा और मेरी नौकरानी काली बाई। फिर तब मैंने कहा कि घर में तो कोई नजर नहीं आ रहा है। तो तब उसने कहा कि मेरा बेटा अमेरिका में है और मेरी नौकरानी 9 बजे घर का काम करके चली जाती है। तो तब मैंने कहा कि और आपके पति? तो वो जरा नाराज हो गयी। तो तब मैंने कहा कि क्या हो गया? तो वो कहने लगी वो मेरे साथ नहीं रहते है। फिर मैंने उसको बैकअप वाली सी.डी दे दी। अब रात के करीब 11:45 हो गये थे। फिर मैंने मेम से कहा कि मेम जरा जल्दी करो। तो तब मेम ने कहा कि क्यों घर पर बीवी इंतजार कर रही है क्या? तो तब मैंने कहा कि मेरी शादी नहीं हुई है। तो वो हंस पड़ी और कहने लगी कि तुमने अब तक शादी नहीं की। तो तब मैंने कहा कि हाँ नहीं की। अब वो सी.डी में सॉफ्टवेयर देख रही थी और में उसे देख रहा था, क्या बदन था उसका? दोस्तों माँ कसम, उसने नाइटी पहन रखी थी, वो कुर्सी पर बैठी थी, तो पीछे से उसकी पेंटी नजर आ रही थी। अब मेरे अंदाज से कम कम साईज 32 इंच तक होगी, ऐसा लग रहा था, पूछो मत। अब में उसे पूरी तरह से निहार रहा था। अब मेरे मुँह में से पानी टपक रहा था। तो तभी इतने में मेम ने कहा कि पंडित सॉफ्टवेयर में कम से कम 2 घंटे तो लगेंगे। तो तब मैंने हाँ कह दी। दोस्तों ये कहानी आप Ahindi sex stories डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर थोड़ी देर के बाद में बोर हो गया और उनसे कहा कि मेम मुझे नींद आ रही है। तो तब मेम ने कहा कि वहाँ बेड पर सो जाओ, तो में झट से बेड पर सोने चला गया। अब मुझे नींद आने की वजह से जल्दी सो गया था। फिर रात में जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेम भी मेरे पास ही सो गयी थी, उस कमरे में छोटा बल्ब जल रहा था। अब में घबरा गया था, मेरे बदन पर पसीना आ गया था और में डर रहा था, क्योंकि मेम की नाइटी उनके पैरो से काफ़ी ऊपर थी और गले के पास के बटन खुले थे। अब में मेम को घूर रहा था। अब मेरा 5 इंच का लंड 7-8 इंच का होकर मेरी पेंट से रगड़ रहा था। फिर मैंने धीरे से उसकी टांग को टच किया, उसकी टांगे बहुत मुलायम थी और थोड़ा-थोड़ा उसकी नाइटी को ऊपर खींचा। तभी इतने में वो दूसरी तरफ पर मुड़ी तो उसकी गांड मेरे सामने आ गयी। अब में उसकी ब्लू रंग की चड्डी देखकर पागल हो गया था। फिर मैंने झट से उसकी चड्डी को खींचा तो वो जाग गयी और सीधी सो गयी थी।
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अब उसका सामने वाला हिस्सा मेरे सामने आ गया था, उसकी नाभि भी बहुत मोटी और गहरी थी। अब में उस पर किस कर रहा था। वो उठकर बैठ गयी, तो मेरी तो फट गयी। अब वो मेरी तरफ गुस्से से देख रही थी। तब मैंने मेम को सॉरी कहा। तो तब मेम ने कहा कि और कुछ चाहिए हो तो माँगकर ले लो और कहा कि में जानबूझकर अपने दोनों तरफ मुड़ी थी। यह सुनकर में शैर की तरह उसके बदन पर टूट पड़ा और उसकी नाइटी फाड़ दी और उसे पूरा नंगा किया और ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगा था। फिर मेम ने मेरा सिर पकड़कर अपनी दोनों टांगो के बीच में ले लिया। अब में मेम की लाल-लाल चूत को चाट रहा था और वो मेरा लंड चाट रही थी। अब उसकी चूत में से गम जैसा पानी आ रहा था और में वो पानी पी रहा था। अब वो पूरे जोश में थी। फिर मेम उठकर घोड़ी बन गयी और बोली कि पंडित अब देर ना कर।

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फिर मैंने झट से उठकर उसकी गांड में मेरा 8 इंच वाला बड़ा लंबा चौड़ा लंड डाला। तो वो पागल सी हो गयी और गिर गयी थी। फिर तब मैंने उसे उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसकी दोनों टागें पकड़कर अपना लंड उसकी चूत पर रखकर ज़ोर से एक झटका दे दिया। तो उसके मुँह से सिसकी निकली और वो बोली कि पंडित धीरे-धीरे चोदो। तो यह सुनकर में और भी जोश में आ गया और उसे चोदता ही रहा। फिर 40-45 मिनट तक उसको चोदने के बाद मेरे लंड में से गर्म पानी की धार उसकी चूत में ही छूट गयी और में वैसे ही उसके नंगे बदन पर सो गया। अब रात के करीब 5 बजे थे। फिर मेम बोली कि मुझे कल ऑफिस में 11 बजे जाना है तो अब आराम से सो जाते है। फिर मैंने 6 बजे फिर से एक बार मेम को चोदा। फिर सुबह उसकी नौकरानी आई, तो उसने हम दोनों के लिए चाय बनाई और मेम वॉशरूम में चली गयी और में बेड पर लेटा रहा। फिर उनके वापस आने के बाद में वॉशरूम चला गया। फिर हम दोनों फ्रेश हो गये और अपने-अपने काम पर जाने लगे। तो तब मेम बोली कि आज से तुम मेरे पास ही रहने के लिए आ जाना ।।

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जिंदगी का सबसे यादगार दिन -Hindi Sex Stories

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुसुम है। में कॉलेज में Ist ईयर में पढ़ती हूँ। मेरा फिगर 34-28-34 है और मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और भैया है। मेरी उम्र 19 साल की है, रंग गोरा, चूची गोल है। मैंने पहले लिखा था कि कैसे कॉलेज टूर पर मेरी और हेमा की राजेश, संदीप और जितेन्द्र ने खूब चुदाई की। अब हम दोनों उन तीनों की बिना शादिशुदा वाईफ की तरह रह रही थी। अब हम दोनों उनसे पूरी तरह से खुल गयी थी और अब हम पूरी तरह से गंदी भाषा का उपयोग करते थे। उन तीनों ने पूरे टूर पर हम दोनों को नाम लेकर नहीं बुलाया था और वो गाली से ही बुलाते थे। अब हमें भी मज़ा आता था, अब हम टूर से वापस आ गये थे और अब हमारी कॉलेज में ही मुलाक़ते होती थी। अब जब भी उन तीनों में से किसी को मौका मिलता था, तो वो हमारी चुदाई कर लेते थे। अब जितेन्द्र भी हमारे ग्रूप में शामिल हो गया था, मुझे जितेन्द्र के साथ ही ज्यादा मज़ा आता था। अब एक बार हम पाँचो कैंटीन में बैठे थे, जब सर्दी बहुत थी।
राजेश : हरामजादियों तुम्हारी चूत मारे बहुत दिन हो गये है।
हेमा : कॉलेज में तो नाम लेकर बोला करो।
संदीप : रंडियों के नाम नहीं होते है।
में : हम तो तुम्हारी रंडिया है।
जितेन्द्र : कुसुम, जब तुम्हारी चूत में लंड होता है तो तब तो बड़ी बोलती है कि में रंडी हूँ, हरामजादी हूँ।
में : हाँ यार तब पता नहीं मुझे क्या हो जाता है? मेरा मन करता है कोई मुझे गालियां दे, मुझे मारे, मुझे सच में ही कुतिया बना दे।
जितेन्द्र : चलो आज तुम अपनी सेक्स की इच्छा बताओं।
हेमा : कोई खास नहीं, बस मेरी चूत चूसे और कुछ खास नहीं।
जितेन्द्र : तुम्हारी कुसुम?
में : यार वैसे तो कोई खास नहीं, लेकिन कभी–कभी में जब बहुत गर्म होती हूँ तो मेरी बड़ी इच्छा होती है कि 3-4 लंड मेरी खूब चुदाई करे, मुझको गालियाँ दे, जो में कहूँ उसका उल्टा करे, मुझे सेक्स में रुला दे।
हेमा : चाहे वो अंजान हो?
में : यार मुझे करना थोड़े ही है, में तो इच्छा बता रही हूँ।
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फिर हम बस ऐसे ही बातें करते रहे और वो तीनों हमें छेड़ते रहे और हम भी मज़े लेते रहे। फिर जितेन्द्र चला गया और हम भी क्लास में चले गये। फिर 3-4 दिन बीत गये और फिर जितेन्द्र की कॉल आई और बोला कि आज घर कोई नहीं है, तुम आ जाओ, तो मैंने कहा कि ठीक है में हेमा को लेकर आ जाऊंगी, तुम राजेश और संदीप को फोन कर दो। तो वो बोला कि नहीं आज तुम अकेली आओ और हाँ 2-3 घंटे के लिए घर पर बोलकर आना। फिर मैंने कहा कि क्या बात है? इरादा तो ठीक है ना। तो वो बोला कि 1 बजे में घर पर इंतजार करूँगा। तो तभी में ठीक 1 बजे अपनी स्कूटी से उसकी कोठी पर पहुँच गयी। फिर में अंदर चली गयी, उसकी कोठी बहुत बड़ी थी। फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गया, उसका बेडरूम क्या था? इतना शानदार मैंने कभी सपने में भी नहीं देखा था, बहुत बड़ा बेड और चारो तरफ शीशे और बेड के बिल्कुल ऊपर गोल शीशा था।
फिर मैंने पूछा कि ये तुम्हारा बेडरूम है। तो वो बोला कि नहीं जान ये रंडीखाना है, इस बेड पर मेरे पापा से मेरी मम्मी चुदती है या मेरी गर्लफ्रेंड मुझसे और आज तुम्हारी बारी है। तो में मुस्कराने लगी और बोली कि ओके, आई एम रेडी जानू, आओं चले। तो तभी वो बोला कि अभी नहीं, अभी तुम्हारे लिए सर्प्राइज है। तो में चौक पड़ी क्या? तो उसने फोन मिलाया और बोला कि आ जाओ। तो में बोली कि कौन आ रहा है? तो वो बोला कि जान आज तुम्हारी इच्छा पूरी करनी है। फिर मैंने पूछा कि कौनसी इच्छा? तो वो बोला कि गाली वाली, तुम्हें रुलाने वाली। दोस्तों में डर गयी और बोली कि नहीं यार वो तो मैंने ऐसे ही कहा था। तभी वो बोला कि नहीं आज तो तुझे रंडी बना दूँगा। तभी इतने में डोरबेल बजी, तो उसने गेट खोला। अब 2 लड़के 32-33 साल के उसके साथ अंदर आ गये थे, उसने पहले ही उनको मेरी इच्छा के बारे में बता दिया था।
फिर वो बोला कि इनसे मिलो ये राज और दूसरा समीर है, वो दोनों लंबे और साँवले थे। फिर वो आते ही बोले कि तो ये है वो हरामजादी, ये तो बड़ी नाज़ुक सी है। तभी जितेन्द्र बोला कि ये बहुत दमदार है, ये हम तीनों दोस्तों की बीवी है, आज ये पांचाली बन जाएगी। तभी में बोली कि जितेन्द्र नहीं, में ऐसी लड़की नहीं हूँ, प्लीज मुझे जाने दो, में फिर आ जाऊंगी। तो तभी जितेन्द्र बोला कि इस कमरे से कोई भी लड़की चुदे बिना बाहर नहीं जा सकती है।
फिर में बोली कि लेकिन में इन्हें नहीं जानती यार नो-नो। फिर समीर ने चैन खोलकर अपना लंड बाहर निकाला और बोला कि रंडी इससे जान पहचान रखती है, उसका लंड 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा होगा। फिर जितेन्द्र बोला कि साली कुत्तियाँ नखरे करती है, टूर पर तो बड़े मज़े ले रही थी। फिर राज ने मुझे पकड़ा और किस करने लगा और मेरा मुँह खोलकर मेरी जीभ चूसने लगा। अब जितेन्द्र भी पीछे से मुझसे चिपक गया था और पीछे से मेरी चूची दबाने लगा था। अब समीर मेरी जांघे सहला रहा था। फिर राज ने मुझे छोड़ा और मेरी टी-शर्ट उतारने लगा। अब समीर मेरी जींस उतार रहा था। अब में पिंक ब्रा और रेड पेंटी में थी। अब जितेन्द्र ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया था। अब मेरी गोल मटोल चूचीयां नंगी हो गयी थी। तभी राज के मुँह से वाऊ निकला और उसने अपने लिप्स मेरी चूची पर रख दिए और जितेन्द्र ने मेरा दूसरा निप्पल अपने लिप्स में दबा लिया। मेरे मुँह से सिसकी निकली आआअ क्या कर रहे हो? अब समीर ने मेरी पेंटी उतार दी थी और मेरी चूत को अपने हाथों से मसलने लगा था। अब में एयाया, उूउउ कर रही थी।
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फिर जितेन्द्र ने मुझे गोदी में उठाया और बेड पर पटक दिया। अब वो तीनों बेड पर चढ़ गये थे। फिर समीर ने मेरे बाल पकड़कर मुझे घुटनों के बल बैठा दिया। अब जितेन्द्र और समीर के लंड मेरी आँखों के सामने थे। अब में चुपचाप देख रही थी। फिर समीर अपना लंड हिलाते हुए बोला कि हरामजादी, साली, कुतिया इनको क्या तेरी माँ आकर चूसेगी? तो मैंने कहा कि माँ की गाली मत दो। तो तभी जितेन्द्र बोला कि इसकी चूत में जब लंड जाता है तो तब इसकी चाहे माँ चोद लेना, ये खुद ही बोलेगी, ये पहले ऐसे ही बोलती है। अब में उनके लंड पर किस करने लग गयी थी। फिर मैंने अपना मुँह खोला और समीर का लंड अपने मुँह में ले लिया और जितेन्द्र का लंड अपने एक हाथ में पकड़कर हिला रही थी। तभी इतने में मेरी गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ पड़ा, तो तभी मेरे मुँह से उउई माँ निकला। तभी राज बोला कि बहनचोद अपनी टांगे खोल। फिर मैंने अपनी दोनों टांगे खोल दी, तो राज ने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए और चूसने लगा। दोस्तों ये कहानी आप GandiKhaniya डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
अब मेरी चूत में चीटियाँ रेंगने लगी थी, अब वो कभी मेरी चूत की फाँको को अपने दातों से काटने लगता, तो मेरे मुँह से आआआअ और खा जाओ, बहुत तंग करती है ये निकलता। अब समीर मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह में धक्के दे रहा था। अब जितेन्द्र ने अपना लंड मेरे हाथों में दे रखा था और अपने हाथों से मेरी चूचीयाँ मसल रहा था। अब मेरा हाल बुरा था, अब मेरे अंदर आग लगी हुई थी। फिर जितेन्द्र बोला कि हरामजादी अपने आपको शीशे में देख, कितनी मस्त लग रही है? तो मैंने देखा तो में सही में सेक्स की भूखी लड़की लग रही थी। तभी राज बोला कि रंडी के सामने लंड होता है तो वो मस्त हो जाती है, इस कुत्तिया के सामने तो 3 लंड है। अब वो तीनों मुझे चूस रहे थे और गालियाँ दे रहे थे। अब मेरी चूत झड़ चुकी थी, अब में बेकाबू हो गयी थी।
फिर में उनसे बोली कि यार अब कर भी लो। तभी जितेन्द्र बोला कि साली को लंड चाहिए, बोल साली क्या चाहिए? अब में बहुत गर्म हो गयी थी। फिर में बोली कि लंड चाहिए। फिर जितेन्द्र बेड पर लेट गया, अब उसका 10 इंच का काला मोटा लंड छत की तरफ तना हुआ था। फिर समीर और राज ने मुझे उठाया और उसके लंड पर बैठा दिया, मेरी चूत गीली थी। फिर समीर बोला कि राज ये रंडी एक बार में पूरा लंड अपनी चूत में ले लेगी, बोल हरामजादी। अब में जोश में थी तो में बोली कि हाँ। तभी उन्होंने मेरे कंधे सख्ती से पकड़े और बोले कि रेडी। तभी में बोली कि हाँ, तो उन दोनों ने मेरी कमर ज़ोर से नीचे दबाई और नीचे से जितेन्द्र ने अपने चूतड़ ऊपर उछाले तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में फंस गया। तभी मेरे मुँह से ज़ोर की चीख निकली आईईईईइ माँ, आआआआआआआ बचाओ, उउईईई में मर गइईईईई माँ, आआआ। अब वो दोनों ताली बजाने लगे थे और बोले कि वाह ये तो पूरा ले गयी, ये तो पूरी रंडी है। अब मेरी आँखों में आँसू आ गये थे।
फिर जितेन्द्र बोला कि देख तेरी इच्छा पूरी हुई ना, सेक्स में रुला दिया ना। अब राज मेरी चूची पर काट रहा था और समीर मेरे गालों पर अपना लंड घुमा रहा था। अब मुझे थोड़ा आराम आने लगा था। अब में धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी थी। अब मेरे मुँह से आअ, आह, उहहहहह निकल रहा था। अब समीर ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया था और जितेन्द्र ने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया था। अब मेरी चूची उसकी छाती से चिपक गयी थी। अब में समझ गयी थी कि ये मेरी गांड में अपना लंड डालेंगे। तभी में बोली कि नहीं गांड में नहीं और अब में उठने लगी थी। तो तभी जितेन्द्र ने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया। फिर राज ने मेरे चूतड़ अलग किए और मेरी गांड के छेद पर अपना लंड लगाया, तो में ना-ना करती रही।
फिर उसने कसकर एक धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। तो तभी में चीखी ओह माँ, आआअ तेरी बेटी मररर गईईईईई, हाईई प्लीज निकाल लो, लेकिन अब मेरी कौन सुनता? अब उसने एक और धक्के में अपना लंड अंदर जड़ तक पहुँचा दिया था। तभी में बोली कि आज बच्ची को मारोगे क्या? तो तभी समीर बोला कि बहन की लोड़ी 2-2 लंड खा गयी, तू कहाँ से बच्ची है? और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया। अब मेरे तीनों छेदों में लंड था, अब मेरे चूतड़ों पर बीच- बीच में जितेन्द्र और राज थप्पड़ मारते और समीर मेरे बाल पकड़कर मेरे गले तक अपना लंड डाल देता था। फिर समीर ने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ा और मेरे मुँह में झड़ने लगा तो मैंने बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरे गाल पर थप्पड़ मारा और बोला कि रंडी पी इसे, तो में उसका पूरा रस पी गयी। अब मेरा गाल लाल हो गया था। अब वो मेरी गांड में और चूत में कस-कसकर चोद रहे थे। अब में 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो दोनों पता नहीं क्या खाकर आए थे? अभी तक लगे हुए थे।
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अब में फिर से झड़ने के करीब थी तो तभी में बोली कि ज़ोर-ज़ोर से करो ना और अब में सामने शीशे में खुद को देख रही थी। अब मेरे मुँह से एम्म, आआआअ, ज़ोर से, ज़ोर से चोदो निकल रहा था। तो तभी जितेन्द्र बोला कि एक बार वैसे ही बोल जैसे जयपुर में बोली थी बोल कुतिया। फिर में मस्ती में चीखने लगी कि इस रंडी की चूत फाड़ दो, अपनी हरामजादी को इतना चोदो कि बार-बार तुम्हारे लंड की हरामजादी बने, अपनी कुत्तिया की चूत पर कोई तरस मत खाओ, ये मुझे बहुत तंग करती है, इस मादरचोद रंडी को अपने बच्चे की कुँवारी माँ बना दो, जोर-जोर से चोदो, ज़ोर-ज़ोर से चोदो। अब वो अपनी पूरी स्पीड से लगे हुए थे और में अपने आपको गालियाँ दे रही थी, हाँ में हरामजादी हूँ। अब वो दोनों मेरे चूतडों पर थप्पड़ मार थे। अब में झड़ चुकी थी, तो तभी समीर ने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे जितेन्द्र के ऊपर से खड़ा कर दिया और फिर मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर अपना वीर्य मेरे मुँह पर, बालों पर गिरा दिया।
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फिर समीर बोला कि मुझको इतना मज़ा पहली बार आया है, मज़ा आ गया। तभी जितेन्द्र बोला कि अभी और भी मजा आएगा। फिर में उठी और बोली कि में नहाकर आती हूँ। तभी जितेन्द्र ने मुझे गोदी में लिया और बाथरूम में बाथ टब में बैठा दिया और बोला कि दोस्तों इस रंडी को अपने पेशाब से नहलाओ। तो में चौक गयी और बोली कि ये क्या है? जितेन्द्र में सचमुच की रंडी नहीं हूँ, लेकिन अब वो तीनों मेरे आस पास खड़े हो गये थे और मुझ पर पेशाब करने लगे थे, उनका पेशाब नमकीन सा था। फिर उन तीनों ने पेशाब करके अपने लंड मुझे चुसाए और साफ करवाए और नहलाकर वापस लाए और फिर शाम के 6 बजे तक मुझे बदल-बदलकर चोदते रहे। फिर में अनगिनत बार झड़ी और फिर वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन गया ।।

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