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Monday 12 February 2018

शादी में बुलवाया चुदवाने के लिए | Shadi mai bulvaya chudwane ke liye - Hindi Sex Stories

शादी में बुलवाया चुदवाने के लिए | Shadi mai bulvaya chudwane ke liye - Hindi Sex Stories

प्रेषक : पारस …
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पारस है और मेरी उम्र 28 साल है और में अपने गोरे गठीले बदन, व्यहवार और हर एक औरत लड़की को अपनी मस्त चुदाई की वजह से पूरी तरह संतुष्ट करने के लिए ही पैदा हुआ हूँ। दोस्तों मैंने अभी तक जिनको भी चोदा है वो सभी मेरे लंड की महिमा को समझ सकती है और वैसे मेरा काम भी बस यही है। मैंने अब तक ना जाने कितनी चूत को अपने लंड से चोदकर शांत किया है। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं। दोस्तों में चेन्नई में रहता हूँ और उसके पहले में अपनी पढ़ाई के लिए दिल्ली गया था और वहीं से मैंने चुदाई का काम शुरू किया था। मुझे हर कभी किसी ना किसी प्यासी चूत को शांत करने उसकी जमकर चुदाई करके खुश करने के लिए फोन आने लगे थे और में उनकी इच्छा को पूरी करके मन ही मन बहुत खुश था, लेकिन दिल्ली में होते हुए भी मुझे चेन्नई से बहुत बार फोन आते थे। फिर इसलिए मैंने एक बार सोचा कि चेन्नई में इस काम को करवाने वालों की कमी नहीं है और इसलिए क्यों ना चेन्नई जाकर ही यह काम किया जाए और इसलिए में वापस चेन्नई ही आ गया।

अब मेरा काम बहुत अच्छा चल रहा है मुझे हमारे पूरे देश से इस काम को करने के लिए फोन आते है और अक्सर कई बार बहुत बार इस तरह की रोचक और सेक्सी घटनाए मेरे साथ होती है जिन्हें में किसी को बता भी नहीं सकता, लेकिन कामुकता डॉट कॉम के माध्यम से अब में आप सभी को बता सकता हूँ और इसलिए लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। दोस्तों चलो अब एक और सच्ची घटना को में सुनाना शुरू करता हूँ। एक बार मुझे चेन्नई से 29 साल की शादीशुदा लड़की का फोन आया, उन्होंने मुझे बताया कि वो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है और अब वो मेरे साथ मज़े लेना चाहती है। फिर मैंने आने के लिए हाँ बोल दिया और उन्होंने मुझे तारीख बताई कि उस दिन शाम को आठ बजे के बाद आप मुझे मेरे मोबाइल पर फोन करना में बता दूँगी कि तुम्हे कहाँ आना है? उन्होंने मुझे अपने घर का पता नहीं बताया। अब मैंने उनको कहा कि ठीक है और में उनकी बताई तारीख पर शाम को पहुँच गया और उसके बाद में मैंने 8:30 बजे उनको फोन किया। फिर उन्होंने मुझे एक शादी गार्डन का पता बता दिया और बोला कि तुम यहाँ चले आओ और उधर पहुँचकर तुम मुझे फोन करना।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।

फिर में ऑटो से उस पते पर पहुँच गया और मुझे वो गार्डन मिल भी गया। मैंने बाहर से ही उन्हें फोन लगाया और अपना हुलिया बता दिया। अब उन्होंने मुझे बाहर ही रुकने के लिए कहा, बाहर बहुत भीड़ थी और बहुत सी गाड़ियाँ खड़ी हुई थी, वो शायद किसी पैसे वाले की शादी थी। फिर कुछ देर के बाद एक बहुत सुंदर 29 साल की गोरी लड़की साड़ी पहने हुए बालों में फूल लगाए हुए एकदम मस्त सजकर गेट से बाहर आई और वो अपने कान पर मोबाइल लगाए किसी को खोज रही थी। अब मेरे मोबाइल की घंटी बजी। अब तक वो मेरे पास पहुँच चुकी थी, इसलिए मेरे मोबाइल की घंटी उसको भी सुनाई दे गई और में अपनी जेब से मोबाइल को बाहर भी नहीं निकाल सका था कि उसने फोन करना बंद कर दिया। अब में भी उन्हें ही देख रहा था और फिर उन्होंने मेरे पास आकर खड़े होकर फिर दोबारा मेरे पास फोन किया और दोबारा से मेरा फोन बजने लगा। अब वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और में भी मुस्कुराया गया। मोबाइल को बंद करके वो मेरे पास आ गई और अब उसने मुझसे पूछा क्या तुम ही पारस हो? मैंने कहा कि हाँ मेरा नाम ही पारस। फिर हम दोनों ने हाथ मिलाया, जिसके बाद उसने मुझे बताया कि यह मेरी एक बहुत अच्छी सहेली की शादी है और बस अभी कुछ देर में प्रोग्राम ख़त्म हो जाएगा।
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अब तुम आओ मेरे साथ खाना खा लो, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब में मन ही मन में हंस रहा था और सोच रहा था कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। फिर में उसके साथ अंदर गया और उस भीड़ में शामिल हो गया, वो मुझे वहीं छोड़कर स्टेज पर चली गई और में खाना खाने लगा, लेकिन वो स्टेज से लगातार मुझे ही देखे जा रही थी और वैसे में भी उसको देख रहा था। दोस्तों वो एक 29 साल की सेक्सी लड़की थी, उसका जिस्म बहुत ही सेक्सी लग रहा था। वो बिल्कुल प्रिंयका चौपड़ा की तरह नजर आ रही थी। अब में खाना खा चुका था और एक कुर्सी पर बैठकर में बड़े आराम से कॉफी पीने लगा था, तभी मैंने देखा कि अब दूल्हा दुल्हन और सब लोग स्टेज से नीचे उतरकर खाना खाने के लिए जा रहे है। फिर इसने में वो उसी समय उन लोगों को छोड़कर मेरे पास आ गई और एक कॉफी लेकर मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठ गई और हम दोनों उस समय भीड़ से बिल्कुल अलग बैठे हुए थे। अब हम दोनों कॉफी पीते हुए बातें करने लगे। उसने मुझसे पूछा कि आपको यहाँ पर आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई? मैंने कहा कि नहीं में आते समय एक दो बार पूछते हुए आराम से यहाँ तक चला आया। अब उसने मुझे बताया कि यह मेरे बॉस की बेटी की शादी है और वो मेरी सहेली भी है, मेरे बॉस बहुत ही अमीर आदमी है।

फिर मैंने कहा कि हाँ यह सब इंतज़ाम देखने से ही पता चलता है कि यह बहुत बड़े आदमी की शादी है। अब उसने मुझे बताया कि यह जो आप दो आसपास महलनुमा कोठी देख रहे है ना, मैंने कहा कि हाँ मुझे नजर आ रही है। फिर वो बोली कि एक कोठी में लड़की वाले रुके है और एक में लड़के वाले हम सभी के लिए अलग अलग कमरे दिए गये है और अब यह स्टेज का काम खत्म होने के बाद फेरे का कार्यक्रम है और जहाँ यह काम होना है उधर भी मेरा एक कमरा है। अब वो कहने लगी कि यहाँ बहुत से लड़के लड़कियाँ है, किसी को हमारे ऊपर कोई शक नहीं होगा, क्योंकि यहाँ भीड़ इतनी है कि किसी को किसी के बारे में सोचने का समय ही नहीं है। दोस्तों में बड़े ही ध्यान से उसकी वो सभी बातें सुन रहा था और मैंने एक बात पर भी ध्यान दिया कि वो यह सब मुझसे बोल तो रही थी, लेकिन बोलते हुए उसकी साँसे फूल रही थी। अब में उसकी स्थिति को तुरंत समझ रहा था और फिर उसने मुझे बताया कि में मांगलिक हूँ और इस वजह से अभी तक मेरी शादी कहीं तय नहीं हो सकी है और मेरे साथ की सभी लड़कियों की शादी हो चुकी है और उनके अपने बच्चे भी है, लेकिन अब इस उम्र में सेक्स को लेकर मेरा क्या हाल हो रहा होगा, तुम अच्छी तरह से समझ सकते हो?आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।

आज इसलिए मैंने तुमसे मिलने और यह सब करने के बारे में विचार किया, लेकिन यह हम दोनों की पहली और आखरी मुलाकात होगी। फिर में उसकी वो सभी बातें सुनने के बाद उसको बोला कि अगर कभी आप बाजार जाती है और अगर आपकी ठंडा पीने की इच्छा होती है और आप दुकान पर जाकर ठंडा पीती है, पैसे देती है और वापस अपने घर आ जाती है ना। अब वो बोली कि हाँ तो उसमे क्या नई बात है? अब आप मुझे एक बात बताओ कि आप वो गिलास अपने साथ घर क्यों नहीं लेकर आती हो जिसमे आपने ठंडा पिया था? अब वो कहने लगी कि मैंने क्योंकि वो गिलास नहीं खरीदा था, बस उसमे रखा हुआ ठंडा खरीदा था। फिर मैंने उनको कहा कि हाँ ऐसे ही आपने मेरे काम को खरीदा है मुझे नहीं और इसलिए आपसे आज के बाद मुझे कोई मतलब नहीं रहेगा, आप निश्चित रहे। अब वो मेरी पूरी बात को सुनकर मुस्कुराने लगी और हम दोनों करीब बीस मिनट तक वैसे ही बैठकर बातें करते रहे और फिर इस बीच दूल्हा दुल्हन उस कोठी की तरफ जाने लगे, जहाँ पर मंडप बना हुआ था और उधर ही उनका कमरा भी था। अब वो मुझसे बोली कि उठो और मेरे साथ में चलो, हम दोनों भी दूल्हा दुल्हन की भीड़ के साथ शामिल हो गये और मैंने देखा कि वो कोठी अंदर से भी बहुत अच्छी थी बिल्कुल फिल्मो के सेट की तरह नजर आ रही थी।


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फिर हम दोनों अंदर पहुँचे और कुछ भीड़ में शामिल लोग इधर उधर हो गये। कुछ लड़के लड़कियाँ कपड़े बदलने के लिए अपने अपने कमरों में जाने लगे। अब दूल्हा दुल्हन और चार पांच लड़के, लड़कियाँ मंडप के पास बैठ गये और उसी समय प्रिया ने मुझे इशारा किया। फिर हम दोनों भी शांत होकर कमरे की तरफ उस भीड़ के साथ चले गये, प्रिया ने दरवाजा खोला और वो अंदर चली गई और में कुछ दूरी पर था। फिर सही मौका देखकर में भी अंदर चला गया। वो एक बड़ी होटल की तरह का कमरा था, उसमे एक बड़ा बेड था और टीवी, फोन रखे हुए थे। दोस्तों वो कमरा महक भी रहा था। उसने ऐ.सी. को चालू कर दिया और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था, मैंने अब अंदर झांककर देखा कि वो बहुत बड़ा और सुंदर भी था। अब हमने अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया में पलंग पर बैठ गया और मैंने अपने जूते उतारकर में पलंग पर दीवार से अपनी पीठ को लगाकर लेट गया। फिर मैंने टीवी को चालू किया और में देखने लगा और उस समय प्रिया पलंग के पास खड़ी हुई थी। वो मुझे ही लगातार देखे जा रही थी। दोस्तों तेज गति से साँस लेने की वजह से उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे, मैंने उसकी तरफ अपने एक हाथ को आगे बढ़ा दिया और कुछ देर के बाद उसने मेरा हाथ पकड़ा।

फिर मैंने तुरंत ही उसको पलंग पर खींच लिया और वो बड़ी ही अदा से मेरी छाती पर आ पड़ी। हम आधे लेटे हुए थे, जिसकी वजह से उसका सर उस समय मेरी छाती पर था। दोस्तों अपने एक हाथ से में उसको थामे हुए था और एक हाथ से मैंने उसके गालों को छुआ, उसने अपनी आँखों को तुरंत बंद कर लिया। दोस्तों उस समय वो दुल्हन की तरह सजी हुई थी और उसने साड़ी गहने भी पहने हुए थे और उसके बदन की मदहोश कर देने वाली उस महक से में दीवाना हो गया था। अब मैंने उसके माथे पर चूम लिया और आज में भी उसके साथ सुहागरात मनाने के मूड में था और प्रिया एक 29 साल की कुंवारी लड़की थी, इसलिए में यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि उसको क्या चाहिए? फिर मैंने उसकी बंद आँखों को चूमा और में एक हाथ को उसके बालों में घुमाने लगा और वो किसी नयी दुल्हन की तरह शरमा रही थी। उसका एक हाथ मुझे अपने घेरे में लिए हुए था। फिर में उसके ऊपर कुछ झुका और मैंने अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए, जिसकी वजह से वो काँप गई और ज़ोर से उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। अब में उसके रसीले होंठो को चूस रहा था और वो भी मेरे होंठो को चूस रही थी, कुछ देर होंठ चूसते हुए वो इतनी बैचेन हो गई कि उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों गाल पकड़े और ज़ोर ज़ोर से सर को घुमाकर वो मेरे होंठो को चूसने लगी, वो पागलों की तरह मेरे होंठो को चूमती रही।


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दोस्तों एक समय तो में भी छटपाटने लगा था। वो इतनी गरम हो चुकी थी कि वो एक भूखी शेरनी बन गई थी और उस समय उसके बड़े आकार के मुलायम बूब्स मेरी छाती पर दब रहे थे। फिर मैंने भी अपना एक हाथ उसके सर के पीछे ले जाकर उसका सर पकड़कर पूरे ज़ोर से उसके होंठो को में चूसने लगा था और करीब दस मिनट तक हम बस वही सब करते रहे। फिर कुछ देर के बाद हम अलग हुए हम दोनों ही बुरी तरह से हाँफ रहे थे, हम दोनों बिस्तर पर अलग अलग लेटे हुए थे। फिर कुछ देर बाद जब हम सामान्य हुए तो में उसकी तरफ पलटा वो अपनी आँखों को बंद किए लेटी थी। अब मैंने उसको गर्दन पर चूमते हुए उसके बूब्स पर चूमने लगा और साड़ी का पल्लू उसकी छाती से अलग करते ही में एकदम चकित रह गया, वाह क्या मस्त बड़े आकार के मुलायम बूब्स थे? एकदम गोरे गोलमटोल बूब्स को देखकर में मचल उठा। फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसके दोनों बूब्स पर रख दिए और में सहलाने लगा, उसकी साँसे तेज़ गति से चलने लगी और वो मेरी तरफ देखने लगी। फिर मैंने उसके बूब्स को सहलाते हुए अपना मुहं उसके ब्लाउज में डाल दिया, जिसकी वजह से वो मचल उठी और उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़कर बूब्स पर दबा दिया और में अपने होंठो को उसके बूब्स पर फेरे जा रहा था।

फिर मैंने एक हाथ से उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और देखा कि वो गुलाबी रंग की रूपा की ब्रा पहने हुए थी वाह क्या सेक्सी ब्रा थी मज़ा आ गया। फिर में कुछ देर ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबाता रहा और अपने होंठ फेरता रहा और में बूब्स से नीचे होते हुए उसके पेट और नाभि पर आ गया और उसकी कमर को चूसा उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। फिर में एक झटके से बिल्कुल नीचे उसके पैरों के पास पहुँच गया और उसके पैरों को चूमते हुए उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए जांघो तक आ गया, वाह क्या सुंदर सेक्सी जांघे थी? में दोनों जांघो पर अपने होंठो को रगड़ रहा था, जिसकी वजह से वो मदहोश हो रही थी और अपना सर ज़ोर ज़ोर से इधर उधर घुमा रही थी और अपने होंठो को दाँतों से चबा रही थी। फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसकी दोनों जांघो से सरकाते हुए उसकी पेंटी को पकड़ लिया और पेंटी को नीचे खींच दिया, मेरी इस हरकत की वजह से वो चहक गई और उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबा दिया। दोस्तों वो बहुत ही मस्त सुंदर चूत थी और वो एकदम मलाई की तरह चिकनी ब्रेड की तरह उठी हुई बिल्कुल साफ उस चूत पर एक भी बाल नहीं था और वो महक भी रही थी।

अब मैंने अपना काम शुरू कर दिया, में अपने दोनों हाथ से उसके बूब्स को सहलाते हुए उसकी चूत को चाटने लगा था और वो अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से ऊपर उछालने लगी थी। उसके मुहं से सीईईई सीईईईई की आवाज निकलने लगी थी और करीब दस मिनट तक चूत को चाटते हुए उसने एक बार अपना पानी छोड़ दिया था, क्योंकि उसको बहुत आनंद आ रहा था। फिर में अलग हुआ, वो भी बैठ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। मैंने पेंट को खोलना शुरू किया तो उसने शर्ट को उतारने के बाद मेरी छाती पर बहुत ही प्यार से हाथ फेरा और अपने होंठो को मेरी छाती से लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी छाती पर होंठ घुमाने लगी। अब में अपनी पेंट को भी उतार चुका था और फिर मैंने उसकी ब्रा को भी अलग कर दिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स बाहर आ गये। दोस्तों उसके इतने बड़े आकार के सुंदर बूब्स को देखकर में भी बेकाबू हो गया और मैंने उसको अपनी छाती से चिपका लिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी छाती से दब गए। अब उसको और मुझे भी बहुत अच्छा लगा। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसकी नाभि के नीचे साड़ी के अंदर हाथ को डाल दिया, वो मुझे देखने लगी कि में यह क्या कर रहा हूँ?आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।


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फिर में मुस्कुराया और मैंने अंदर से उसकी साड़ी का तह किया हुआ हिस्सा पकड़ा और हाथ को बाहर खींच लिया, जिसकी वजह से एक ही झटके में उसकी वो साड़ी एकदम से खुल गई। अब वो हंसने लगी, मैंने उसकी साड़ी को अलग किया और अब वो पेटीकोट में थी पेटीकोट में ही उसके कूल्हों का आकर देखकर में पागल हो गया, क्योंकि उसकी गांड बहुत ही गोल ऊपर उठी हुई और आकार में बड़ी भी थी और मुझे साड़ी में कूल्हों को देखना बहुत पसंद है। दोस्तों राह चलती औरतो की में सबसे ज्यादा उनकी गांड को ही देखता हूँ क्योंकि मेरा मानना है कि अगर औरत के कूल्हे अच्छे आकर में ना हो तो उसको देखकर सेक्स की बिल्कुल भी इच्छा नहीं होती और अगर कोई साड़ी पहने हुए अच्छे बड़े गोल कूल्हे दिख जाए तो लंड तभी झटके से खड़ा हो जाता है। दोस्तों ठीक वैसे ही प्रिया के कूल्हे थे जिसको देखकर मेरा लंड और भी पागल हो गया था और जोश में आकर मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। फिर मैंने उसकी गांड को बहुत प्यार किया, सहलाया चूमा अब उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था। वो ऊपर से ही मेरे लंड को दबा रही थी।

फिर अचानक से उसने मेरी अंडरवियर को नीचे खींच दिया और मैंने पूरी अंडरवियर को बाहर निकाल दिया और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब कब तक तुम मुझे ऐसे ही तड़पाते रहोगे? प्लीज जल्दी से अंदर डालो ना। अब मैंने भी बिना देर किए उसके दोनों पैरों को अपनी कमर पर रखकर उसकी चूत पर अपने लंड को रख दिया, लेकिन उसने पहले से ही अपनी दोनों आँखों को बंद कर लिया और फिर मैंने अपना लंड उसकी कुँवारी चूत पर रगड़ना शुरू किया। फिर धीरे से लंड को चूत के अंदर डाल दिया और वो दर्द की वजह से झटपटा गई, अभी मेरा थोड़ा सा ही लंड अंदर गया था, लेकिन वो पागल होने लगी थी और अभी उसको असली दर्द का अहसास नहीं था, क्योंकि मैंने अभी थोड़ा सा लंड चूत के अंदर किया था, जिसकी वजह से वो इतनी मचल रही थी। फिर अचानक से उसने अपने दोनों पैरों से मुझे कसकर जकड़ लिया और अपने दोनों हाथ बिस्तर पर टिकाकर अपनी कमर से एक ज़ोरदार झटका देकर उसने मेरे लंड पर एक भरपूर वार कर दिया। अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया, मेरे लंड की चमड़ी ऊपर चड़ गई थी जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और में दर्द की वजह से चीख पड़ा और मेरे साथ वो भी चीख पड़ी, क्योंकि उसको भी बहुत दर्द हो रहा था।

अब मेरे उसकी चूत में लंड को डालते ही वो इतनी उत्तेजित हो गई थी कि में बता नहीं सकता और हम दोनों कुछ देर वैसे ही रुक गये। मेरा लंड अब भी उसकी चूत में था और कुछ देर के बाद दर्द कम होने पर में आगे पीछे हुआ। अब हम दोनों को कुछ अच्छा लगने लगा था और फिर मैंने धीरे धीरे अपने धक्को की रफ्तार को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से उसको भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी। दोस्तों करीब तीस मिनट तक मैंने उसी एक आसन से उसकी चुदाई के मज़े लिए और इतने समय में वो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी। फिर वो मुझसे कहने लगी कि अब बस तुम अपना काम खत्म कर दो, अब मुझसे ज्यादा देर सहन नहीं होगा, तुमने मुझे आज जीते जी स्वर्ग की सेर करा दी है, मेरी आत्मा ना जाने कब से प्यासी थी और हाँ में जब 9th क्लास में पढ़ती थी तब से लंड की प्यासी थी और अब मैंने 29 साल की उम्र में यह पाया है, इसलिए में तुम्हारी बहुत अहसान मंद हूँ। फिर यह सब कहकर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने अपने धक्को की रफ्तार को बढ़ा दिया और करीब दस मिनट और करने के बाद भी में नहीं झड़ा और वो मुझसे कहने लगी कि तुम झड़ क्यों नहीं रहे हो, प्लीज अब मेरी कमर दर्द कर रही है।

दोस्तों में मुस्कुरा गया क्योंकि मैंने उसको तो पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था, लेकिन में अभी भी संतुष्ट होना चाहता था। अब मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है अच्छा तुम मेरे ऊपर आ जाओ और वो बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन जल्दी से काम खत्म कर देना। फिर मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है, वो मेरे ऊपर आ गई, मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाला और उसने अपनी चूत का पूरा भार मेरे लंड पर रख दिया वो कुछ आगे पीछे हुई जिसकी वजह से मुझे अच्छा लगने लगा था। फिर मैंने अचानक से उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसको ऊपर उठा दिया, जिसकी वजह से अब उसका भार उसके ही दोनों घुटनों पर था। अब मैंने अपने दोनों पैरों को बिस्तर पर टिकाकर अपनी गांड को ऊपर उठा दिया और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत पर अपने लंड से वार करने लगा, लेकिन मुझे कुछ परेशानी हुई जिसकी वजह से में रुक गया और मैंने अपने सर के नीचे एक तकिया रख लिया और में एक बार फिर से शुरू हो गया। अब में बड़ी तेज रफ्तार से उसको चोद रहा था और वो भी मछली की फड़क रही थी, करीब दस मिनट तक लगातार चोदने के बाद मैंने उसकी चूत में अपना सारा वीर्य निकाल दिया।
अब में शांत हो गया और वो मेरे ऊपर लेट गई। फिर दस मिनट तक हम दोनों वैसे ही लेटे रहे और फिर हम अलग हुए, दोनों बाथरूम गये और हम दोनों ने अपने आप को साफ किया और हम दोनों ही नंगे थे। हमारे बदन पसीने से लतपथ हो रहे थे। फिर मैंने फव्वारे को खोल दिया और हम दोनों उसके नीचे खड़े थे, अब उसका वो गोरा गीला बदन देखकर में एक बार फिर से जोश में आ गया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये और हमारे ऊपर पानी लगातार गिरे जा रहा था। दोस्तों हम दोनों करीब पन्द्रह मिनट तक एक दूसरे के बदन से खेलते रहे और फिर में उसके पीछे आया। अब मैंने उसको आगे की तरफ झुका दिया और अपना लंड पीछे से मैंने उसकी गांड में डालना चाहा, लेकिन उसने मना कर दिया। फिर में भी मान गया और मैंने अपना लंड उसी तरह उसको और आगे झुकाकर उसकी चूत में डाल दिया। वो झुकी हुई थी और अपने दोनों हाथों से नल को पकड़े हुए थी। अब मैंने आगे पीछे होना शुरू किया, जिसकी वजह से उसको भी मज़ा आने लगा था, इसलिए वो भी अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी। फिर मैंने अपनी रफ्तार को बढ़ा दिया और मेरे दोनों हाथ उसके कूल्हों को कसकर पकड़े हुए थे और दस मिनट की जबर्दस्त चुदाई के बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरी कमर में दर्द हो रहा है प्लीज अब तुम खत्म कर दो।

फिर मैंने अपनी रफ्तार को बढ़ाया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर मैंने उसकी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया और वो पानी हमारे ऊपर लगातार गिरे जा रहा था। दोस्तों गिरते पानी में चुदाई का क्या आनंद आता है यह बात वो समझ सकता है जिसने ऐसा किया हो और फिर हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे को बाहों में भरकर बहुत प्यार किया। अब हम दोनों बाथरूम में नहा रहे थे और नहाकर हम लोग बाहर आए, प्रिया बहुत खुश थी हमने अपने कपड़े पहने और बाहर निकलने के लिए तैयार हो गये। फिर प्रिया ने अपने पर्स से रुपये निकालकर मुझे दे दिए और वो मुझसे कहने लगी कि धन्यवाद अगर तुम ना होते तो जीवन के इस सुख से में ना जाने कब तक महरूम रहती और यह कहकर वो एक बार फिर मुझसे लिपट गई। अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हें जाने देने को मेरा बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा है। फिर मैंने उसको चूमा और कहा कि अगर दोबारा तुम्हे मेरी याद आए तो तुम मुझे फोन कर देना, लेकिन अब यह कोशिश करना कि तुम्हे मेरी ज़रूरत ना पड़े और तुम अपना ध्यान रखना, ठीक है अब हम चलते है। फिर वो मुझसे बोली कि रूको पहले में बाहर देखती हूँ कोई है तो नहीं, मैंने कहा कि हाँ ठीक है।

अब उसने दरवाजा खोला और वो बाहर से दरवाजा बंद करके चली गई और वो दो मिनट में ही वापस आ गई, वो मुझसे कहने लगी कि सब कार्यक्रम हो चुके है अब विदाई हो रही है सब लोग उधर ही है, तुम निकल जाओ। फिर में उसके साथ बाहर आ गया और बरामदे में आने पर मैंने देखा कि उधर सभी लोग थे और हम दोनों भी उस भीड़ में शामिल हो गये और उसके बाद अलग अलग हो गये। अब में धीरे धीरे बाहर की तरफ बढ़ने लगा और प्रिया भी अपनी सहेलियों के साथ शामिल हो गई, लेकिन वो मुझे लगातार देखे ही जा रही थी और फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो प्रिया की आँखों में आँसू थे। फिर मैंने उसको एक हल्की सी मुस्कान दी और तेज़ी से बाहर निकल गया और किसी को कोई शक नहीं हुआ। दोस्तों यह थी मेरी उस शादी के बीच चुदाई की सच्ची घटना मुझे उम्मीद है कि सभी पढ़ने वालों को यह जरुर पसंद आएगी ।।
धन्यवाद …

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Friday 9 February 2018

मेरी गर्लफ्रेंड की भयानक चुदाई | Meri Girlfriend ki Bhayanak Chudayi - Hindi Sex Stories


मेरी गर्लफ्रेंड की भयानक चुदाई | Meri Girlfriend ki Chudayi - Hindi Sex Stories

प्रेषक : संजय …
हैल्लो दोस्तों, मेरी एक गर्लफ्रेंड है जो दिखने में एकदम मॉडर्न तरह की किसी फिल्म की हिरोइन लगती है, उसका नाम सानीका है और मेरा पूरा कॉलेज उस लड़की के पीछे पड़ा रहता है और कुछ ही दिन पहले वो मेरी गर्लफ्रेंड बनी है। दोस्तों उसके वो बड़े आकार के गोरे बूब्स और गांड को देखकर तो मेरा लंड अचानक से खड़ा हो जाता है। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं। अब मेरा मन करता है कि में उसी समय उसके पास जाकर इसको पकड़कर अपनी बाहों में भर लूँ और उसके साथ वो कर लूँ जो मेरे मन में उस समय चल रहा हो। दोस्तों वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी होने के साथ ही उसका व्यहवार भी बहुत अच्छा और वो बहुत ही खुले विचारों की हंसमुख स्वभाव की लड़की थी इसलिए हर कोई उसको पाना चाहता था। एक बार देखते ही हर कोई उसकी तरफ आकर्षित होकर उसकी तरफ खींचा चला जाता था। दोस्तों मेरी उसके साथ दोस्ती होने के बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने बहुत हंसी मजाक करने लगे थे जिसकी वजह से हमारे बीच की दूरियां अब बिल्कुल खत्म होती जा रही थी और वो भी मुझे मन ही मन प्यार करने लगी थी और उसका प्यार उस दिन मुझे पहली बार उसकी चुदाई के समय पता चला।

एक दिन कॉलेज के बाद उसका मेरे घर फोन आया और वो मुझसे कहने लगी कि में आज किसी काम की वजह से कॉलेज नहीं आ सकी तो क्या तुम मुझे आज कॉलेज में जो कुछ भी बताया है वो सब बताने मेरे घर आ सकते हो प्लीज? दोस्तों अब में तो उसको अपनी तरफ से ना तो कहना नहीं चाहता था और इसलिए मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश होकर उसको तुरंत हाँ कह दिया। तभी वो मुझसे कहने लगी कि तुम वहीं रुको में खुद ही तुम्हारे घर आ जाउंगी और फिर मैंने झट से उसको हाँ कह दिया। अब में मन ही मन में सोचने लगा कि शायद आज ही वो दिन था, जब मेरे मन में चाही हर एक बात होने वाली थी, क्योंकि उस दिन मेरे घर में कोई भी नहीं था। दोस्तों मेरी अच्छी किस्मत से उसने मेरे घर आने का फैसला किया और मेरे घर के सभी सदस्य एक दिन के लिए बाहर गये थे, जिसकी वजह से मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और अब में उसके आने का इंतजार करने हुए सभी तैयारियों को जल्दी से पूरी करने लगा था। फिर करीब दोपहर के तीन बजे वो मेरे घर आ गई और मैंने तुरंत ही जाकर दरवाज़ा खोल दिया और अपने मुस्कुराते हुए चेहरे से मैंने उसका स्वागत करते हुए उसको अंदर आने के लिए कहे बिना देखता ही रहा और में उस समय उसको अपनी चकित आँखों से उसको घूरकर देखते ही रह गया। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

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दोस्तों मैंने देखा कि उसने एकदम चिपकी हुई जींस और उसके ऊपर लाल रंग का छोटे आकार का टॉप पहना था, जिसकी वजह से मुझे उसका गोरा मुलायम पेट साफ नजर आ रहा था। अब मुझे उसकी ब्रा का थोड़ा सा हिस्सा उसके खुले कंधो से दिख रहा था और तभी उसने मुझसे अंदर आने के लिए पूछा और तब जाकर में अपने होश में आया गया। फिर मैंने उसको कहा कि तुम मुझे माफ करना हाँ तुम अंदर आ जाओ, वो अंदर आ गई और अब उसने मुझसे पूछा क्या कोई भी घर में नहीं है? मैंने कहा कि हाँ घर के सभी लोग आज सुबह ही मेरे चचेरे भाई के पास गये है और में वहाँ पर बोर हो जाता हूँ इसलिए में उनके साथ नहीं गया। फिर हम दोनों मेरे कमरे में चले गये और में उसको हमारे कॉलेज की पढ़ाई के बारे में सब कुछ समझाने लगा, कुछ देर तक में उसको वैसे ही समझाता रहा और फिर वो मुझसे कहने लगी कि वो अब बहुत बोर महसूस कर रही है, अच्छा हुआ आज में कॉलेज नहीं आई वरना में पक ही जाती, तुम्हे बोर महसूस नहीं होता क्या? मैंने उसको कहा कि अब क्या करे पढ़ाई तो पूरी करनी है और वैसे तुम्हारे साथ रहकर मुझे पता ही नहीं चलता कि कब मेरे समय निकल जाता है।
फिर वो जहाँ पर बैठी हुई थी, वहीं पर में लेट गया और मैंने उसको भी थोड़ा सा आराम करने के लिए लेटने को कहा और वो भी वहीं पर लेट गई। दोस्तों अब हम दोनों एक दूसरे के पास में बड़े आराम से लेटकर बातें करने लगे थे और तभी उसकी नज़र सामने वाली टेबल पर रखी हुई एक सीडी पर पड़ी। फिर वो उसको देखने के लिए उठकर वहाँ गयी और अब में बहुत डर गया था, क्योंकि दोस्तों वो सेक्सी फिल्म की सीडी थी। अब मैंने अपनी दोनों आँखों को बंद कर लिया था और फिर मैंने उसके मुहं से वाह शब्द कहते हुए सुना और उस आवाज को सुनकर तुरंत मैंने अपनी दोनों आँखों को खोल लिया। अब उसने मुझसे कहा कि अच्छा तो तुम भी यह सब देखते हो? आख़िर कोई तो ऐसा है जो मेरी पसंद के काम करता है। फिर मैंने चकित होकर उसको पूछा क्या तुम भी यह सब देखती हो? झट से मुस्कुराते हुए उसने मुझसे कहा कि हाँ मुझे यह सब देखना बहुत पसंद है और मेरे पास तो ऐसी पांच सीडी है। फिर वो उसी समय मेरे पास आकर बैठी और वो मुझसे पूछने लगी क्या तुमने यह सब कभी किसी के साथ किया भी है? मैंने उसको ना कहा और उसको यही सवाल पूछने पर उसने मुझसे भी ना ही कहा।



फिर मैंने धीरे से उसको पूछा क्या तुम मेरे साथ यह सब करना पसंद करोगी? और उसी समय उसने तुरंत ही मेरी तरफ पलटकर देखा और वो कुछ देर मुझे देखती ही रही मैंने मन ही मन डरते हुए सोचा कि यह अब मुझसे गुस्सा होकर मुझे जरुर थप्पड़ मारने वाली है, लेकिन दोस्तों उसका एकदम उल्टा हुआ। अब वो अपनी ऊँची आवाज में मुझसे कहने लगी, क्या तुम पहले यह सब नहीं कह सकते थे? मुझे इतनी देर से बोर कर रहे थे साले बहनचोद। दोस्तों मुझे तो उसके मुहं से वो शब्द और गालियों को सुनकर जैसे एक बड़ा तेज झटका लगा और अब तुरंत ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। फिर वो तुरंत ही वापस पलंग पर लेट गई और में झट से उसके ऊपर लेट गया और मेरा लंड का उभरा हुआ हिस्सा जो पेंट के अंदर था उसकी पेंट पर चूत वाले हिस्से पर धीरे से रगड़ना शुरू कर दिया, लेकिन ऐसा करने से मुझे कुछ भी मज़ा नहीं आ रहा था और इसलिए मैंने तुरंत ही अपनी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर में खड़ा हो गया। फिर उसने भी मुझे यह सब करता देख अपनी जींस को उतार दिया और अब वो भी अपनी पेंटी में पलंग पर लेट गयी। अब वो मुझे बहुत ही सेक्सी रंडी नजर आ रही थी और में उसका वो बदला हुआ रूप देखकर बड़ा चकित था।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फिर मुझे उस दिन पहली बार पता चला कि वो जितनी कपड़ो में सेक्सी नजर आती थी वो उससे भी ज्यादा बिना कपड़ो के हॉट सेक्सी थी। अब मैंने जोश में आकर अपना लंड उसकी पेंटी पर रगड़ना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब हम दोनों को थोड़ा सा मज़ा आने लगा था। अब वो भी मेरे लंड को अपनी चूत पर महसूस करके धीरे धीरे आह्ह्ह सईईईइ करके आहे भरने लगी थी। फिर मैंने अपनी बनियान को उतारा और उसके बाद अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और उसको अपने लंड को दिखाते हुए उसके सामने खड़ा हो गया। दोस्तों मेरा खड़ा लंड जो सात इंच लंबा और कड़क होकर झटके देने लगा था, मेरा तना हुआ लंड देखकर तो वो एकदम पागल होकर मेरे ऊपर चढ़ गयी। फिर में वापस बेड पर अपनी पीठ के बल लेट गया और वो मेरे ऊपर बैठकर मुझसे पूछने लगी अबे साले कुत्ते हरामी इतने दिन तक तूने कहाँ छुपाकर रखा था अपना यह अनमोल ख़ज़ाना? और इतना कहते हुए जोश में आकर उसने तुरंत ही अपनी पेंटी और ब्रा को उतारकर दूर फेंक दिया। दोस्तों अब मेरे सामने वो द्रश्य था जिसको देखकर मेरी ऑंखें चकित होकर फटी की फटी रह गई, में उसके वो रसीले बूब्स और गोल गोल गांड को देखने के लिए कब से तरस रहा था और आज मुझे वो सब देखने के लिए ही नहीं बल्कि आज मुझे उस गोरे गदराए बदन के साथ खेलने का मौका भी मिलने वाला था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।


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दोस्तों इस दिन का मुझे कितने दिनों से इंतजार था? और उस दिन मेरे हाथ वो मौका लगते ही में खुशी से पागल हो चुका था। अब हम दोनों दो चार मिनट तक अपनी जीभ से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे वो मज़े लेकर खुश हो रहे थे और उसके रसभरे होंठो का मज़ा लेने के साथ ही उसके रसीले बूब्स की उठी हुई निप्पल को में अपनी मुठ्ठी में भरकर दबाने लगा था। दोस्तों उसके बूब्स का आकार इतना बड़ा और वो बदन इतना गरम था कि में बता नहीं सकता। मेरे हाथ उसके चिकने बदन को महसूस करके मुझे उत्साहित ही जा रहा था। फिर उसने जोश में आकर मेरा लंड झट से अपने एक हाथ से पकड़ लिया और पूरा ज़ोर लगाकर अपनी चूत के खुले मुहं पर रखकर उसने लंड के ऊपर बैठते हुए उसको अपनी चूत के अंदर डाल लिया। अब मेरा पूरा लंड एक ही बार में पूरा चूत की गहराईयों में डुबकी लगा रहा था और में लेटे हुए ही उसको अपने लंड पर बैठाकर चोदने लगा था। अब वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और में उसकी कमर को अपने हाथों का सहारा देकर उसको ऊपर नीचे करते हुए अपने लंड से धक्के भी देने लगा था। दोस्तों मुझे उसके साथ यह सब करने में बड़ा मस्त मज़ा और जोश भी आ रहा था।

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फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम होने के बाद वो आहहह्ह्ह ऊऊहह हाँ हाँ ऐसे ही चोदो मुझे उह्ह्ह हाँ ही वाह मज़ा आ गया, वो आहे भरने लगी थी। अब में भी ज़ोर से आहे भरने लगा था और उस काम का हम दोनों खुश होकर बड़ा मज़ा ले रहे थे। फिर कुछ देर बाद मुझे महसूस होने लगा कि अब मेरा लंड झड़कर उसकी चूत में थूकने वाला है, लेकिन मुझे उसके मुहं में सारा वीर्य निकालना था और इसलिए मैंने उसको इशारा किया। अब वो तुरंत मेरे ऊपर से उतर गई और फिर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर में ज़ोर से रगड़ने लगा। फिर उसने अपना मुहं पूरा खोलकर मेरा लंड अपने मुहं में भर लिया। अब मैंने हल्के धक्के देकर अपना सारा वीर्य उसके मुहं में डालना शुरू किया। अब उसका मुहं पूरा मेरे लंड के वीर्य से भर गया, लेकिन फिर भी और रस मेरे लंड से निकल रहा था इसलिए वो मैंने थोड़ा सा उसके बालो पर और कूल्हों पर भी निकाल दिया। फिर उसने मुझे चूमते हुए थोड़ा सा वीर्य मेरे मुहं में भी डाल दिया और बचा हुआ वो गटक गई और फिर मैंने वापस उसको चूमते हुए मेरे मुहं का वीर्य उसके मुहं में डालकर उसको पीने को दिया।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फिर कुछ देर के बाद वो मेरा लंड अपनी जीभ से चाटकर साफ करने लगी और उसके बाद मैंने उसकी चूत को भी अपनी जीभ से चाटा और में अपने एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा, लेकिन उसने मेरा हाथ अपने बालो से हटा दिया और अपने निप्पल को मेरे मुहं में दे दिए और वो मेरे मुहं पर अपने बूब्स को दबाने लगी। अब उसके बूब्स से एकदम मजेदार स्वादिष्ट रस निकलने लगा और में उसको पी गया। फिर थोड़ी देर के बाद हमने दोबारा चुदाई के मज़े लिए और इस बार मैंने उसकी गांड मारी। दोस्तों किसी भी लड़की की गांड मारना एक बहुत ही अच्छा अनुभव होता है। यह बात मुझे पहली बार उसकी गांड मारकर पता चली। फिर में करीब बीस मिनट तक उसकी गांड मारता रहा और उसको पूरी लाल कर दिया और वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से आअहह ऊफ्फ्फ माँ मर गई चिल्लाने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद उसके चिल्लाने के शब्द बदल गए और अब वो हाँ और ज़ोर से धक्के मारो मेरी गांड को और धक्के दो कहने लगी थी। दोस्तों कुछ देर गांड मारने के बाद फिर हम दोनों ने एक दूसरे की जीभ को चूसना शुरू किया और ऐसे ही हम दोनों पूरे पांच घंटे सेक्स करने के बाद बहुत थक चुके थे और फिर मैंने घड़ी की तरफ देखा तो अब रात होने को आई थी।


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अब जल्दी से उसने अपने कपड़े पहन लिए और वो खुश होकर मुझसे कहने लगी कि वाह तेरे लंड के साथ खेलकर मज़ा आ गया और अब आगे भी ऐसे ही मज़े लेने के लिए तुम अब मेरे घर आ जाना। हम दोनों वहां पर भी वापस ऐसे ही मज़ा लेंगे। फिर मैंने खुश होकर कहा कि हाँ हाँ क्यों नहीं में तेरे बदन से मज़ा लेने तो ज़रूर चला आऊंगा? बस तू मुझे बता देना मुझे कब तेरी चूत की सेवा करने आना है में तुरंत दौड़ा चला आऊंगा और फिर हम दोनों ने दोबारा चूमना शुरू किया और उसके बाद वो अपने घर चली गयी। दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव अपनी गर्लफ्रेंड की कुंवारी चूत को चोदने का वो मज़ा और उसके बाद भी हम दोनों ने कई बार मस्त मज़े लिए और हम अब पहले से भी ज्यादा खुश और पास रहने लगे है ।।
धन्यवाद …
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Wednesday 24 January 2018

यार… डॉक्टर हमे कहाँ कुवारी रहने देते हैं || yaar... doctor hume kahan kuwari rehne dete hai


यार… डॉक्टर हमे कहाँ कुवारी रहने देते हैं मैंं harry 26 का हूं। मैंं रियलकहानी 2016 से ही पढ़ रहा हूं, लेकिन कभी कहानी नहीं भेजी, इससे पहले मेरा सेक्स ज्ञान काफी कम था।
दोस्तों, 
यह कहानी मेरी तब शुरू हुई थी, जब मैंं पढ़ने के लिए जयपुर गया।

वहाँ पर मैंंने एक कमरा किराए पर ले लिया। मैंं सुबह::-सुबह घूमने जाता था। वहाँ पर कई लड़कियाँ भी आती थी। मैंं शुरू में किसी पर भी ध्यान नहीं देता था। लेकिन 5::-10 दिनों बाद मैंंने देखा कि वहाँ पर तीन लड़कियों का ग्रुप आता था।
वह मेरी तरफ बार::-बार देखती है। एक बार उसमें से एक ने कमेंट किया, “हम सब तुम को रोज देखते हैं, पर तुम कभी नहीं देखते।”
मैंंने कहा::- तुम में ऐसा क्या है, जो मैंं तुम्हें देखूँ। सब की सब एक जैसी हो।
वो बोली::- कभी अकेले में मिलना।
मैंंने कहा::- अभी चलो।
वो भी बोली::- हाँ चलो।


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मैंं उनके साथ डरते::-डरते चला गया, रास्ते में उनसे बात चल रही थी, वो सब अकेली रहती थीं, यहाँ पर नर्सिंग कर रही थीं। मैंं उनके कमरे पर चला गया, वहाँ पर उन्होंने चाय बनाई।
मैंंने चाय पी और कहा::- अब मैंं चलता हूं।
उन्होंने अपने नम्बर दिए। मैंं वापस घर आ गया।
दूसरे दिन उनके से एक लड़की जिसका नाम अंजना था, वो नाईट सूट में ही गार्डन में आ गई थी। मैंंने उसे पहली बार उसे कामुक नजर से देखा।
उसके स्तनों का साइज 32 का होगा, कूल्हे 34 के, कमर पतली थी। गले में लम्बी चेन लटक रही थी। बड़े::-बड़े कुण्डल कानों में पहन रखे थे।
मैंंने कहा::- यह क्या पहन कर आई हो आज,,!
तो बोली::- मैंं उनसे अलग हूं, तुम्हें यह दिखाने आई हूं।
उससे मेरी दोस्ती हो गई। अब हमारी रोज::-रोज रात को बात होती थी। कभी::-कभी सुबह 5 बजे तक बात करते थे।
एक दिन वो बोली::- बात ही करोगे या कुछ और,,!
मैंं बोला::- मैंं तो आपकी ‘हाँ’ का ही इंतजार कर रहा हूं, क्योंकि दोस्ती तो दोस्ती होती है। तुम मुझे गलत ना समझ लो।
वो बोली::- हमें कौन सी शादी करनी है।
मैंंने कहा::- ठीक है।
दीपावली की छुट्टी थीं। उसकी सहेलियाँ पहले ही घर पर चली गईं, पर वो नहीं गई कि दो दिन बाद जाऊँगी।
वो दिन जिंदगी का सबसे हसीन दिन था।
पहले हम होटल में खाना खाने गए और वापस रात को 10 बजे आ गए। वो बाथरूम में जाकर कयामत बन कर आ गई। मैंं उसे देखता ही रह गया। उसने गहरे लाल रंग की नाईटी पहन रखी थी। जिसमें से उसी रंग की ब्रा और पैंटी दिख रही थी, उसके बड़े::-बड़े दूध बाहर आ रहे थे।
अब हम दोनों बिस्तर पर आ गए। हम दोनों एक::-दूसरे की बांहों में समा जाने के लिए तैयार थे। हम दोनों ने एक::-दूसरे को कस कर बांहों में समेट लिया।
दस मिनट तक एक::-दूसरे को चुमते रहे हम, एक::-दूसरे के होंठों को चुस::-चुस कर लाल कर दिया, उसकी लिपिस्टिक उसके गालों पर आ गई। मुझे लग रहा था कि उसके लाल::-लाल टमाटर जैसे होंठों को चुसता रहूं।
मैंंने उसकी नाईटी उतार दी। उसके बोबों को प्यार से दबाने लगा और होंठ चुसता रहा, वो ‘ओ,, आ…ईस्स… आह,, आह…’ करने लगी।
अब मेरे हाथ उसकी पैंटी के अन्दर चल रहे थे, वो बार::-बार आई लव यू…. आई लव यू…. बोलती जा रही थी।
मैंंने उसके चुत में दो उंगली चला दी, धीरे::-धीरे वो बहुत गर्म हो चुकी थी, अपने हाथ::-पांव जोर::-जोर से बिस्तर पर पटक रही थी।
कहने लगी::- आज ही मार डालोगे क्या,,! अब जल्दी से अपना डाल दो,, नहीं तो मैंं मर जाऊँगी,,!

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मैंंने अपने हाथ से उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी। अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने पड़ी हुई थी। गुलाबी चादर में संगमरमर की मूरत लग रही थी। चुत पर एक भी बाल नहीं था, पूरे शरीर को वैक्स करवा रखा था, लाल लाईट में बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंं उसके बोबों को बुरी तरह मसल रहा था, अब उसके बर्दाश्त से बाहर हो चुका था।
वो बिस्तर पर खड़ी हो गई, मुझे धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया, मेरी टी::-शर्ट को इतनी जोर से खींचा कि वो फट गई।
मेरे नाईट पजामे को भी उसने फाड़ दिया, मेरी अण्डरवियर को उसने उतार दिया, मेरा लण्ड हाथ में ले किया।
मैंं पलंग पर खड़ा हो गया, वो घुटने के बल बैठ गई और मेरे लिंग को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चुसने लगी।
कुछ देर में उसने उसे लोहे सा सख्त कर दिया, मुझे लगा कि मैंं स्वर्ग में पहुँच गया।
वो जब जीभ से मेरे लिंग को चाटती तो अजीब सा मजा आ रहा था।
अब हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैंं उसकी चुत में उंगली चला रहा था, जिससे वो झड़ गई। उसने मेरे लिंग को इतनी जोर से दबाया कि मेरी चीख निकल गई।
मैंंने अपना लिंग झटके से बाहर निकाल लिया, नहीं तो वो खा ही जाती। मैंंने उसके पैरों से लेकर सिर तक चुमने लगा और चुत में उंगली करता रहा, अब वो दूसरी बार झड़ गई।
उसकी फूली हुई चुत जैसे कह रही हो::- मुझे चोद दो,, आज मुझे सुहागन बना दो,,!
उसका भूरे रंग का दाना दूर से ही चमक रहा था, उसकी चुत के दो द्वारों को खोलते ही लालिमा चमक उठी जैसे बादलों के बीच बिजली चमक रही हो।
वो मेरे लिंग को खींचने लग गई, उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया, उसकी मादक सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। ‘हूं…आ…आह,,ओआउच…मेरी गई,,’ बहुत तेज::-तेज बोल रही थी।
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया, मेरे लिंग को अपनी चुत में प्रवेश करने लिए टिका दिया।
मैंंने धक्का दिया, जैसी ही लिंग उसके अन्दर गया, तो उसकी सांसें बाहर आ गई, अपने पैरों को जोर::-जोर से पटकने लगी।
लेकिन मैंं रूका नहीं, लगातार धीरे::-धीरे धक्के देता रहा, वो अपनी सांसों को संयत करते हुए बोली::- तेज::-तेज करो।
वो अब मेरे बालों में अपना हाथ घुमाने लगी। मैंं उसको प्यार से चोद रहा था।
वो बड़बड़ाने लगी::- जोर से करो, ये चुत तुम्हारी है… मैंं भी तुम्हारी हूं, तुम मुझे रोज ऐसे ही प्यार से चोदना, मैंं कुतिया बनकर पूरी जिंदगी तेरी बन कर रहूंगी।
अब वो भी अपनी कमर को ऊपर उठाने लगी, गाड़ी दोनों ओर से चल रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। धीरे::-धीरे करने से चुदाई देर तक रह सकते हैं।

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वो एक बार और झड़ गई, मैंंने लौड़ा बाहर खींच कर उसकी पैंटी से उसकी चुत पोंछ दी क्योंकि गीली चुत को चोदने में मजा नहीं आता।
अब मैंंने उसके दोनों पैरों को एक हाथ से ऊपर कर दिया जिससे उसकी चुत ज्यादा ऊपर आ गई। उसके कूल्हे बड़े::-बड़े थे, मैंं उसका वर्णन नहीं कर सकता, केवल दिल में ही सोच सकता हूं।
मैंंने अपनी स्पीड बढ़ा दी वो ‘आ… आ…’ करने लगी::- जोर से… आ… करो… मुझे,, जिदंगी…भर… का आह मजा,,दिया है आ,,मैंं… आहहह कभी भूल नहीं सकती… आहहह क्या कर रहे हो…आउच…मर गई,, आह… करो,, करो. जोर,,से करो…और तेज…आ…आह…मेरे जानू…करो आ…!”
मैंं अब फुल स्पीड से चोदने लगा, मेरा लण्ड उसकी चुत की धज्जियाँ उड़ाने में लग गया था, ऐसा लग रहा था कि उसकी चुत में भूंकप आ गया हो।
वो बहने लगी, बहुत तेज गति से पानी बाहर आने लगा जैसे किसी ने अन्दर से नल खोल दिया हो।
वो बोली::- आज जिंदगी में पहली बार इतनी तेज झड़ी हूं, कि मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई।
मैंंने पूछा::- तुमने पहले कब किया !
तो वो बोली::- हम तो रोज ठुकती हैं, डॉक्टर हमें कहाँ कुंवारी रहने देते हैं, लेकिन उनके साथ मज़ा नहीं आता वे तो अपना पानी निकाल के हमें दुत्कार देते हैं, हम सहेलियाँ आपस में एक::-दूसरे की प्यास बुझाती हैं, मजा लेती हैं, डॉक्टरों से चुदना तो हमारी मज़बूरी है।
अब मुझे भी थकान होने लगी थी, मैंं पसीने::-पसीने हो गया, साईड में दर्द हो रहा था, मैंं पूरे जान लगाकर धक्के देने लगा, दूसरी ओर उसकी सिसकारियाँ चीखों में बदल गईं।
वो बोली::- इंसान की तरह चोदो, भूतों की तरह नहीं,, आह….आहहाआ,,उ,, धीरे कर यार, मुझे दर्द हो रहा है, अब मत कर,,!
और इसी के साथ मैंं झड़ गया। मैंंने अपना मूसल बाहर निकाल कर आठ::-दस पिचकारियाँ छोड़ी जो कभी उसके बोबों पर, चुत पर, आंखों पर पहुँच गईं।
हमने एक::-दूसरे को कस कर पकड़ लिया, एक::-दूसरे की बांहों में सो गए। दूसरे दिन 1.00 बजे हमारी नींद खुली और दोनों एक::-दूसरे को देखकर हँसने और चुमने लगे।
वो बहुत हसीन लग रही थी, उसकी बोबे पूरे लाल थे, होंठों पर काटने के निशान, चुत की लालिमा बाहर तक दिख रही थी।
जैसे ही मैंंने उसकी चुत पर उंगली लगाई, वो उछल पड़ी::- दर्द हो रहा है,, तुमने इसकी हालत खराब कर दी,,!
फिर हम बाथरूम में नहाने चले गए। आगे की कहानी फिर कभी आपको सुनाऊँगा।
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Wednesday 22 November 2017

Bheekh Mangne wale ki Kahani Bhikhari ke sath sex Indian sex story Hindi sex story


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Sunday 12 November 2017

थोड़ा ही घुसाउंगा बोला पर पूरा पेल दिया भाई ने - Gandi Khaniya

मेरा नाम पुष्पा है आज मैं आपके अपनी ज़िन्दगी की एक रियल कहानी सूना रही हु, ये कहानी मेरा अपना सगा भाई का नहीं है ये मेरे ममेरा भाई किशन के बारे में है. जिसने मेरी चूत में जोर से अपना लण्ड घुसा दिया था और मैं दर्द से बैचेन हो रही थी. पर हां थोड़े देर बाद मुझे भी बहूत मजा आया, मैं आज आपको पूरी वाकया बताउंगी की क्या क्या हुआ था उस रात को.
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मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की नियमित विजिटर हु, मुझे यहाँ पर कहानियां पढ़कर बहूत ही ज्यादा अच्छा लगता है. और हां एक बात और है मेरी सारी सहेलियां भी इस वेबसाइट को पढ़ती है. मुझे लगा की मैं आज अपनी मन की बात आपसे बता दू. मैं अभी 21 साल की हु, और कानपूर में पढाई करती हु, मेरा भाई 24 साल है. और वो कानपूर देहात में रहता है, मैं होस्टल में रहती हु, मेरा पढाई पढ़ने में ज्यादा तेज नहीं था इस वजह से वो अभी से ही पिताजी के काम में लग गया. मैं थोड़ी ज्यादा ही मॉडर्न हु, मैं हमेशा जीन्स में रहती हु, वो भी काफी टाइट, और मैं टॉप जो पहनती हु वो हमेशा मेरे नाभि से ऊपर रहती है. मेरा चूतड़ जब चलते हुए हिलता है तो कइयों को दीवाना बना देता है. मैं गोरी हु, साधना कट बाल कटा कर रहती हु, मैं ३४ बी साइज की ब्रा पहनती हु.  www.ahindisexstories.com

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बात आज से एक महीना पहले की है. जब मेरा भाई कानपूर आया था, मेरे घर से हरेक महीना कोई ना कोई आता है सामान वगैरह देने के लिए, पर एक बड़गड़ हो गई. मैं और मेरा भाई दोनों कहना कहकर वो अपने मोबाइल पे गेम खेलने लगा, और मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम खोलकर पढ़ने लगी. रात के करीब १२ बज रहे थे. हम दोनों अलग अलग सोये थे, वो ऊपर सोया था और मैं जमीन पर विछावन पर सोई थी. अचानक रात को मेरे पेट में काफी दर्द सुरु गो गया, और काफी ज्यादा हो गया, मेरा भाई तुरंत बाहर गया ताकि कोई मेडिकल से कुछ दबाइयां ले आये पर कोई भी मेडिकल खुला नहीं था. वो आ गया वापस, मेरे आँख में आंसू थे, मुझे काफी दर्द हो रहा था, तभी मेरा भाई बोला बहन अगर तुम कहते हो तो मैं गरम सरसो का तेल पेट में लगा दू, अक्सर माँ तेल लगा देती थी पेट में जब भी कभी पेट में दर्द होता था. मुझे और कोई चारा नहीं था इस वजह से मैंने हां कह दिया. और तो तुरंत तेल गरम कर के ले आया.

रात में मैं स्कर्ट पहन राखी थी और टॉप स्लीवलेस, वो मैंने थोड़ा सा टॉप को ऊपर कर दी. वो मेरे पेट में तेल से मालिश करने लगा, करीब 10 मिनट बाद मेरा दर्द ख़तम हो गया और मुझे हलकी हलकी नींद आने लगी. अब दर्द के जगह में मर्द का हाथ मेरे शरीर को छू रहा था इस वजह से मुझे कुछ कुछ होने लगा. अचानक मेरा हाथ भाई के पेंट में सटा तो कड़ा सा कुछ लगा मैं समझ गई की भाई का लण्ड खड़ा हो गया है. वो मेरा टॉप को थोड़ा और ऊपर कर दिया और मेरे ब्रा को नीचे से छूने लगा. मुझे भी अच्छा लगने लगा. उसके बाद वो मेरे पैर में मालिश करने लगा और मेरा स्कर्ट जांघो के ऊपर तक कर दिया फिर वो मेरे जांघो को सहलाने लगा. और फिर अपना लण्ड निकाल लिया और हाथ में पकड़ कर हिलाने लगा. मैं हलके आँख से देख रही थी.
दोस्तों मैं सब समझ रही थी की ये रिश्ता पाक होता है, कभी मुझे लग रहा था, की मैं बाहों में भर लूँ, पर कभी लग रहा था भाई बहन का रिश्ता है ऐसा मैं कैसे कर सकती हु. तभी वो मेरे पेंटी को खोलने लगा. मैं नींद का बहाना कर दी. और उसने मेरी पेंटी को उतार दिया और सूंघने लगा. मैं हैरान थी की आखिर ये सूंघ क्यों रहा है. फिर वो मेरी पेंटी को अपने लण्ड में रगड़ने लगा और, आह आह आह करने लगा. फिर उसने मेरे स्कर्ट से झांक कर देखा मेरी चूत पे नजर जाते ही, उसके मुह से आवाज आई इससस, ओह्ह ओह्ह क्या चीज है. और वो फिर मेरे पैर को अलग अलग कर दिया और स्कर्ट को ऊपर कर दिया, अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगा. मैं समझ गई की अब तो ये चोदेगा, और अगर मैं नींद का बहाना करती रह गई तो काम खराब हो जायेगा मैं भी मजा नहीं ले पाऊँगी, और मैं जग गई. वो डरा नहीं, वो मुझे अपनी बहसि नजरों से देख रहा था मैंने कहा क्या कर रहे हो? उसने कहा, आज मुझे मत रोकना प्लीज, मुझे चोदना है. मैंने कहा नहीं नहीं ये नहीं हो सकता, तो वो कहने लगा क्यों नहीं हो सकता, मेरे घर की चीज को कोई और चोद सकता है और मैं नहीं. तो मैंने कहा कौन मेरे साथ क्या किया, वो वो कहने लगा. क्यों तुम ट्यूशन बाले सर से नहीं चुदवाई? मैं हैरान रह गई. की आखिर इसको कहा से पता चला, उसने कहा मैं सारा पोल खोल दूंगा, तुमने तो मामा जी से भी चुदवाया था. ओह्ह्ह माय गॉड. इसको तो मेरी रंगरेलियां के बारे में पता था.

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मैंने कहा ठीक है. आज मेरा मेंस (माहवारी) हुआ है. थोड़ा थोड़ा निकल रहा है. आज छोड दो कल ले लेना, तो उसने बोला ठीक है. पर थोड़ा तो घुसाने दो. पर मैं मना कर रही थी. और अंदर से आग भी लगी थी चुदने का. मैंने फिर कहह ठीक है थोड़ा सा घुसा लो. उसने कहा ठीक है. और फिर मेरे दोनों पैरों को अलग कर के उठा दिया और मेरे चूत पे अपना लण्ड रख कर जोर से धक्का मार दिया, दोस्तों मेरी तो चीख निकल गई थी. मेरी चूत फट गई, मैंने कहा मैंने तो कहा था ज्यादा मत डालना पर तुमने ऐसा क्यों किया, उसने कहा की तुम तो वही बात कर रही हो! शेर के सामने बकरी हो और शेर सूंघ कर छोड़ दे. और वो मुझे झटके दे दे के चोदने लगा, और मैं भी गांड उठा उठा को जोर जोर से नीचे से धक्के देने लगी. कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी और मेरी आह आह उफ़ उफ़ आउच अहो अहो अहो आ आ आ उफ़ उफ़ उफ़ आ आ औ ऊ ओऊ उफ़ और जोर से और जोर से, और फिर क्या था दोस्तों, मुझे तनिक भी परवाह नहीं रहा मेरी माहवारी का और मैं कभी ऊपर होके कभी नीचे होके चुदवाने लगी. दोनों झाड़ जाते और फिर आधे घंटे में तैयार होके फिर एक दूसरे के होठ को किश करने लगते और वो चूचियां दबाते दबाते मुझे फिर से पेलने लगता. www.ahindisexstories.com
दोस्तों रात भर यही सब चलता रहा. सुबह जब उठी तो मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी. मेरी चूत काफी सूज चुकी थी. पर रात का मजा कुछ और ही था.
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Tuesday 7 November 2017

देसी गर्लफ्रेंड के साथ हॉट सेक्स -Hindi Sex Stories

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हैलो हॉट बाय्स और गरम सेक्सी गर्ल्स.. मेरा नाम विक्की है और मुझे हिंदी में हॉट सेक्स कहानियां और चुटकुले पढ़ना पसंद हैं. मैं लखनऊ में रहकर पढ़ाई करता हूँ.

बात उस समय की है जब मैं 18 साल का था और अपने घर में रहता था.
मेरे घर के पास में ही एक देसी सी लड़की रहती थी, जिसका नाम ममता था. ममता का फिगर स्लिम है और वो बहुत गोरी लड़की है. मैं और ममता एक-दूसरे को पसंद करते थे और मैं कभी-कभी उसको अपने घर बुलाकर उससे बातें करता था. हम दोनों एक ही उम्र के थे और कभी-कभी हम किस भी कर लिया करते थे. लेकिन परिस्थितियों के चलते हमारा चुदाई का कार्यक्रम कभी नहीं बन पाया.

अब मैं जब पढ़ाई करने लखनऊ आ गया तो मैं यहाँ अलग रूम लेकर रहता था. वो भी लखनऊ के एक कॉल सेंटर में जॉब करने लगी.
मैंने ममता से उसका नंबर ले लिया और फिर हम दोनों के बीच मैसेज और मोबाइल पे बातों का दौर स्टार्ट हुआ.

एक दिन बात करते-करते मैंने उसको थोड़ा सा सेक्सी मैसेज सेंड कर दिया. पहले तो वो थोड़ा नाराज़ हुई लेकिन बाद में वो भी सेक्सी मैसेज में चैट करने लगी.

एक दिन मैं उससे मोबाइल पर बात कर रहा था तभी मैंने उससे कहा- मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ.
वो बोली- मिल कर क्या करना है? मैं तुमसे डेली बात तो करती हूँ ना!

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फिर एक दिन मैंने उससे हॉट चैट करना स्टार्ट किया और बाद में चुदाई की बातें की. अब वो हॉट हो गई.. और उसने मुझे चुत में आग लगने की बात कही.
फिर मैंने उसको फिंगरिंग करना बताया. उस दिन वो लाइफ में पहली बार अपनी चुत में उंगली करके झड़ी. उसने मुझे बताया कि उसकी चुत से खूब सारा सफेद पानी निकला.
कुछ दिन बाद उसने मुझसे चुदवाने का मन बनाया. चूंकि हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे इसलिए उसको कोई दिक्कत नहीं थी. मैंने उसको अपने रूम पर बुलाकर चोदना चाहा, वो राज़ी हो गई.

अगले दिन वो कॉल सेंटर ना जाकर मेरे रूम पर आ गई. मैंने उसका वेलकम किया और उसे बांहों में भरते हुए उसके गालों पे एक किस कर ली. वो मेरे रूम पर चूड़ीदार सलवार और कुर्ता पहनकर आई थी, जिसमें उसके चूचे और मस्त गांड उभर आई थी. वो बहुत मस्त लग रही थी.
वो बहुत हॉट और एग्ज़ाइटेड थी फिर भी नखरे दिखाते हुए बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं तुमसे प्यार करता हूँ.. आई लव यू!
तो उसने भी हामी भरते हुए मुझे उत्तर दिया.

फिर क्या था.. मैंने तुरंत ही उसे अपनी बांहों में भर लिया और पागलों की तरह किस करने लगा. मेरा लंड पूरा खड़ा था. जब मैं किस करने लगा तो पहले तो उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया लेकिन थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
उसे किस करते-करते कब मेरे हाथ उसके मम्मों पे पहुँच गए, मुझे पता ही नहीं चला. थोड़ी देर बाद वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो गई थी, तब मैंने उसका कुर्ता उतार दिया और उसको किस करने लगा. साथ में मैं उसको कमर के ऊपर सहला रहा था, उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं. वो मेरा नाम लेते हुए चुदास से सिसक रही थी और मुझसे पूरा चिपक गई थी.

अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को चूसने लगा. उसके चूचे एकदम तने हुए थे और मैं उन्हें चूस रहा था.
ममता ने मेरा लोवर उतार दिया और मेरा लंड सहलाने लगी. मुझे उसका लंड छूना बहुत अच्छा लगा. फिर वो ‘आअहह ऊऊहह..’ की आवाज़ करने लगी.
हम दोनों वासना की आग में जलने लगे. फिर किस करते-करते मैंने अपना एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चुत पर रख दिया.

क्या बताऊं दोस्तो कि उसकी चुत कितनी ज़्यादा गर्म थी. कुछ देर तक मैं ऐसे ही चुत सहलाता रहा. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया.
अब मैंने उसकी सलवार निकाल दी और खुद भी पूरा नंगा हो गया. मैं उसकी गीली पेंटी के ऊपर से ही चुत को सहलाने लगा. चुदास का माहौल बन गया था. मैं उसको कान पर, गले पर, होंठों पर.. लगातार चुम्बनों की बौछार किए जा रहा था. फिर मैं उसको उल्टा करके उसकी बैक पर किस करने लगा और उसे चाटने लगा. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मुझसे रहा नहीं गया, तब मैंने उसकी लाल धारीदार पेंटी को उतार दिया. उसकी छोटी सी चुत को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया. मैं 69 पोज़िशन में होकर उसकी चुत चूसने लगा और साथ-साथ उसकी गोरी जांघें और कमर के आस-पास भी बहुत चूसने-चाटने लगा.


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मैं चूसते हुए उसकी बहुत टाइट चुत में उंगली भी कर रहा था, जो उसको बहुत पसंद आया. अब वो और तेज़ी से मोन करने लगी. कुछ ही पलों में तो वो जैसे झड़ने ही वाली हो उठी थी. दो मिनट बाद वो झड़ गई. मैं उसकी चुत का सारा पानी पी गया, जो मुझे बहुत अच्छा लगा.
वो भी उत्तेजना में मेरा लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद में भी झड़ने लगा. उसने भी मेरा पूरा पानी पी लिया. अब वो भी हांफ रही थी और मुझसे चिपकी हुई थी.

मैंने उसकी आँखों में चुदाई की भूख देखी और मैं 69 से उठ कर उसके पास लेटकर उसको प्यार करने लगा. हम दोनों फिर एक बार गर्म हो गए और उसने मुझे जल्दी से चोद देने को कहा.
उसके दोनों पैर मैंने फैला दिए, उसकी चिकनी गुलाबी हॉट चुत मेरे लंड के सामने थी और मेरा लंड अन्दर जाने को तैयार था. मैं उसकी चिकनी चुत पर लंड सहलाने लगा और वो तड़पने लगी.

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मैंने उसकी गीली चूत पर लंड रखकर दबाया तो वो उछल पड़ी और थोड़ा डर भी गई. उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने भी चुदाई कुछ देर के लिए रोक दी.
फिर मैंने उसको एक छोटी सी हॉट सेक्स मूवी दिखाई, जिसमें नई चुत की सील टूटने के बाद चुत को मिलने वाले मजे का नजारा था.

अब वो समझ गई और मुझसे चुदवाने के लिए अपनी टांगें फैला दीं. मैंने फिर धीरे से उसकी चुत में लंड डाला, उसको बहुत दर्द हुआ और मैं उसके दर्द को कम करने के लिए उसको किस करने लगा और चुचियों को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो रिलेक्स हुई और अपनी गांड हिलाने लगी. मैं भी तैयार था, मैं झटके मारने लगा और साथ में वो भी उछलने लगी. उसकी गीली चुत छपचप की आवाज़ कर रही थी जो कि मेरा जोश बढ़ा रही थी. फिर मैं उसको बहुत तेज़ रफ्तार से चोदने लगा और वो भी चुदवाने लगी.

हम दोनों बहुत गरम थे. धीरे-धीरे उसका बदन अकड़ने लगा.. उसने अपने नाख़ून मुझमें गड़ा दिए और वो झड़ गई.
अब मेरा लंड उसकी चुत में बहुत आसानी से जा रहा था. थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया और अपना माल उसकी चुत में डाल दिया. पूरी चुदाई के बाद मैं उसको अपने पास लिटाकर प्यार करने लगा और वो आई लव यू बोलकर मेरी बांहों में आ गई.

हम थोड़ी देर यू ही रिलेक्स हुए और थोड़ी देर बाद हम फिर से हॉट हो गए हालांकि उसने कहा कि रहने दो, उसकी चुत में दर्द हो रहा है, मैंने फिर भी उसको मना लिया.
अब मैं ममता की चुत चूसने लगा. मुझे उसकी चिकनी चुत अब और भी टेस्टी लग रही थी. वो भी मज़े से मेरा लंड चूस रही थी. फिर मैंने उसको अपने लंड पर बिठाया और धीरे-धीरे चोदने लगा. हम दोनों को इस बार ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं ममता को अपने ऊपर बिठाकर चोद रहा था और वो बहुत मज़े से मेरे लंड पर उछल रही थी. उसकी चुत से अजीब सी ‘पुच्छ पुच्छ..’ की आवाजें आ रही थीं और वो बीच-बीच में मुझे किस भी कर रही थी.

ममता का गोरा बदन चमक रहा था और उसका मुँह लाल हो गया था, वो ‘आआह.. अहह अहह मेरे विक्की.. अब मैं रोज़ तुमसे चुदवाऊंगी.. अह.. मेरी चुत फाड़ दो.. आई लव यू.. आह..’ कहे जा रही थी.

उसकी कामुक सीत्कारें मेरा जोश बढ़ा रही थीं. फिर जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैं रुक गया और पोज़िशन बदल ली. अब वो घोड़ी बन गई और मैं उसको पीछे से चोदने लगा. वो लंड डलते ही एक बार और झड़ गई.

उसने हाँफते हुए मुझसे कहा कि वो थक गई है और कई बार झड़ चुकी है. तब मैंने उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदा, जिससे वो एक बार और झड़ गई. उसे बहुत थकान हो गई थी और वो दर्द से कराहने लगी.
तब मैंने अपने लंड को उसकी चुत से निकाल लिया. वो तुरंत उठकर मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

अब हम दोनों थक चुके थे. मैंने उसको चार घंटे तक चोदा था. फिर हम साथ में नहाये, जहाँ मैंने उसकी चुत साफ़ की और उसने मेरा लंड चूसा और धोया. मैंने उसकी चुत में उंगली की. इधर वो इतनी एग्ज़ाइटेड हो गई कि वो झड़ने के साथ मूतने भी लगी.
हम दोनों ने नहा कर कपड़े पहने. उसने मुझे एक लम्बा किस किया. फिर हमने बिस्तर ठीक करके नाश्ता किया और उसने अनवॉंटेड की दवा ले ली. मैं और ममता अपनी पहली चुदाई के बाद बहुत खुश थे.


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ममता और मैंने एक-दूसरे को चुदाई के बहुत मौके दिए और आगे की कहानी में मैंने कैसे ममता को रात में रूम पर बुलाकर चोदा और कैसे उसकी मालिश करके तेल लगाकर उसकी गांड मारी.. जो मुझे बहुत पसंद आई.
वो किस्सा आगे की चुदाई की हॉट सेक्स कहानी में लिखूंगा.

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पड़ोसी ने मुझे फंसा कर मेरी चूत की पहली चुदाई की -Hindi Sex Stories

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फ्रेंड्स, मेरा नाम सरिता है, घर पर मुझे प्यार से सभी सोनी बुलाते हैं. मैं दिल्ली में रहती हूँ और एमबीए की पढ़ाई कर रही हूँ. मैं अभी 24 साल की हूँ. मेरे पापा एक अकाउंटेंट हैं और मॉम हाउस वाइफ हैं.
तो दोस्तो मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी सेक्स स्टोरी आपके साथ शेयर करूँ. तो चलिए दोस्तो मैं अपनी सेक्स स्टोरी पर आती हूँ.

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सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ कि मेरा बदन और मेरा फिगर काफ़ी सेक्सी और हॉट है, जो भी मुझे देखता है.. बस देखता ही रह जाता है.

मेरे चूचे 34 इंच के एकदम तने हुए हैं और मेरी कमर 28 इंच की है. मेरे चूतड़ों का नाप 36 इंच का है.. जब मैं चलती हूँ तो लोग मुझे पीछे से मेरी गांड को बहुत ही सेक्सी निगाहों से ऐसे घूर-घूर कर देखते हैं.. जैसे वो मेरा अभी रेप कर देंगे. ये सब देख कर मुझे गुस्सा तो बहुत आता है, पर इसमें उनकी भी ग़लती क्या है. जब इतना सेक्सी और हॉट माल जा रहा हो.. तो किसी की भी निगाहें क्यों नहीं फिसलेंगी.

दोस्तो, ये बात तब की है, जब मैं बीबीए के फर्स्ट ईयर में पढ़ती थी. मेरे पड़ोस में एक लड़का रेंट पर नया-नया ही आया था, उसका नाम विवेक था और वो दिखने में काफ़ी हैंडसम था.

एक दिन मैं अपने कपड़े सुखाने के लिए अपनी छत पर गई तो वो भी अपनी छत पर ही अकेले खड़ा फोन पर बात कर रहा था. मैं जब अपने कपड़े सुखाने के लिए हैंगर पर डाल रही थी, तो वो मुझे बहुत घूर कर देख रहा था.

मैंने उसे देखा कि वो मेरी चूचियों को देख रहा है, मैंने अपने दुपट्टे से अपने मम्मों को ढक लिया और उस पर ध्यान नहीं दिया और मैं नीचे अपने कमरे में आ गई.

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उसके बाद मुझे कॉलेज जाना था तो मैं रेडी होने लगी और कॉलेज के लिए निकल पड़ी. रास्ते में मैंने देखा कि विवेक अपनी बाइक से जा रहा था. वो मुझे देख कर थोड़ा आगे जाकर रुक गया और मेरा वेट करने लगा.

जब मैं उसके पास से निकल रही थी तो उसने मुझे कहा- हैलो.. एक्सक्यूज मी..
मैंने कहा- जी बोलिए?
तो उसने कहा- मैं आपके पड़ोस में ही रहता हूँ, रेंट पर.. अभी नया ही आया हूँ. क्या मैं आपको कुछ दूर तक ड्रॉप कर दूँ?
मैंने कहा- नहीं, मैं चली जाऊंगी.

तो उसने काफ़ी फोर्स किया- मैं आपको कुछ करूँगा नहीं.. डरो मत.
मैंने कहा- मतलब क्या है आपका?
उसने कहा- कुछ आप डर सी रही हो.. ऐसा क्यों..? प्लीज़ आओ ना, अगर आप साथ चल लोगी तो दूरी का पता भी नहीं चलेगा.

उसके इतना फोर्स करने की वजह से मैं उसके साथ बाइक पर बैठ गई.

उसने बाइक आगे बढ़ाते हुए मुझसे पूछा- आपका नाम क्या है.. और कहाँ जा रही हो?
मैंने बताया- मेरा नाम सरिता है और मैं कॉलेज जा रही हूँ.
विवेक ने कहा- अरे वाह मैं भी कॉलेज जा रहा हूँ. आपका कॉलेज कहाँ है?
मैंने कॉलेज का नाम बताया.

विवेक ने कहा- मैं भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता हूँ. हमारा कॉलेज तो पास-पास में ही है. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें रोज ड्रॉप कर दिया करूँगा.
विवेक बाइक काफ़ी तेज चला रहा था, मुझे डर लग रहा था. कई बार वो ब्रेक लगाता तो मेरे चूचे उसकी पीठ से लग जाते.

मैं महसूस कर रही थी कि विवेक इसे काफ़ी एंजाय कर रहा है. हमारी रास्ते में काफ़ी बातें हुईं और मेरा कॉलेज आ गया. मैं अपने कॉलेज के गेट से अन्दर जाने लगी, तभी विवेक ने मुझे आवाज़ दी.
मैंने घूम कर उसे देखा तो उसने कहा- मैं शाम को आऊंगा, साथ में घर चलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
तो विवेक ने कहा- अपना मोबाइल नंबर तो दे दो, मैं तुम्हें कॉल कर लूँगा.
मैंने उसे अपना नंबर दे दिया और कॉलेज के अन्दर चली गई.

उस दिन उसने मुझे कई रोमाँटिक मैसेज किए और कॉल भी किया. शाम को उसने मेरे कॉलेज के बाहर आकर मुझे कॉल किया और बोला- हेए सरिता.. कहाँ हो यार.. मैं तुम्हारे कॉलेज के बाहर तुम्हारा वेट कर रहा हूँ.
मैंने कहा- बस मैं आ रही हूँ.. थोड़ा और वेट करो.
‘ओके मैडम जी वेट करता हूँ.’

उसके बाद हम साथ में घर आने लगे. मैं उसके बाइक पर बैठी थी और वही सिलसिला फिर शुरू हो गया. मेरे चूचे उसकी कामोत्तेजना को बढ़ा रहे थे.

रास्ते में उसने बाइक एक रेस्तरां के सामने रोकी और कहा- चलो यार कुछ खा लेते हैं. मैंने मना किया.. पर उसने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- चलो ना यार..
तो मैं मान गई और हम दोनों ने साथ में डिनर किया और फिर घर आ गए.

अब ये सिलसिला रोज चलने लगा था, वो मुझे कॉलेज छोड़ता और रोज लाता था. हम दोनों एक-दूसरे के साथ काफ़ी घुल-मिल गए थे और अच्छे दोस्त बन गए थे. वो मुझे कभी-कभी मज़ाक-मज़ाक में गालों पर किस भी कर लिया करता था. वो कहता कि ये सब दोस्ती में चलता है. मुझे भी वो अच्छा लगने लगा था.

फिर 2-3 महीनों में उसने हमारे घर से अच्छे रिलेशन बना लिए थे और हमारे घर कभी भी आ जाया करता था. पापा और उसकी काफ़ी अच्छी बनने लगी थी.

एक दिन हमारी पूरी फैमिली को 2-3 दिनों के लिए एक शादी में जाना था, पर मैंने मॉम से मना कर दिया कि मैं नहीं जा पाऊंगी, मेरे एग्जाम पास में है और मुझे कई सारे नोट्स भी तैयार करने हैं.

इसके बाद मेरी पूरी फैमिली शाम को चली गई. अब मैं अपने घर में अकेली थी.. और काफ़ी बोर हो रही थी.
तभी विवेक का कॉल आया, मैंने कॉल पिक किया. विवेक ने कहा- हेए सरिता बेबी.. क्या हो रहा है? आज तो तुम्हारी फैमिली बाहर गई है.. बोर हो रही होगी?
मैंने कहा- हाँ थोड़ा बोर तो हो रही हूँ.
तो उसने कहा- मैं आ जाऊं.. साथ बैठकर चैस खेलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है आ जाओ.

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दोस्तो मैं आपको बता दूँ कि मुझे शतरंज बहुत पसंद है.

थोड़ी देर के बाद दरवाजे की वेल बजी और मैंने दरवाजा खोला तो विवेक सामने था. विवेक ने ट्राउज़र और टी-शर्ट पहनी थी. मैंने भी उस दिन जीन्स और टॉप पहना था. वो मुझे आँख मारते हुए अन्दर आया. मैंने दरवाजा बंद किया और चैस खेलने बैठ गए. एक गेम खेलने के बाद विवेक ने कहा- यार मुझे प्यास लगी है, थोड़ा पानी मिलेगा.
मैंने कहा- मैं अभी लाती हूँ.

मैं किचन की ओर चली गई, मैं रेफ्रिजरेटर से पानी की बॉटल निकालने के लिए थोड़ा सा झुकी ही थी कि तभी किसी ने मुझे पीछे से जोर से पकड़ लिया. मैं तेज से चिल्लाई, लेकिन उसने मेरा मुँह अपने हाथों से बंद कर दिया. मैं अपने आपको छुड़ाने लगी. मैंने पीछे देखा तो वो कोई और नहीं विवेक था.

विवेक ने कहा- चिल्लाओ मत मेरी जान.. चुप रहो कोई सुन लेगा तो तुम्हें ही प्राब्लम होगी.
विवेक ने मेरे मुँह से हाथ हटाया, मैंने विवेक से कहा- विवेक ये तुम क्या कर रहे हो.. छोड़ो मुझे?
उसने कहा- सरिता मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हें बहुत चाहता हूँ.
मैंने कहा- अगर तुम मुझे नहीं छोड़ोगे.. तो मैं चिल्लाऊँगी.
विवेक ने कहा- ठीक है चिल्लाओ.. मैं भी कह दूँगा इसने मुझे खुद ही बुलाया था और वैसे भी तुम लड़की हो बदनामी तुम्हारी ही होगी.

मुझे भी लगा कि ये बात तो ठीक कह रहा है. मैं पूरी तरह से फंस चुकी थी.
अब उसने कहा- मैं जैसा कहता हूँ, वैसा ही करो.. वरना अच्छा नहीं होगा.
मैंने विवेक से कहा- देखो विवेक, ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो.

विवेक ने मेरे होंठों को अपने होंठों से मिला दिया और पागलों की तरह किस करने लगा. उसने मुझे 5 मिनट तक किस किया.

फिर विवेक ने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरे रूम में लेकर आ गया. अब वो मेरे कपड़े उतारने लगा.

मैंने विवेक को मना किया- विवेक रुक जाओ क्या कर रहे हो तुम? ये सब ग़लत कर रहे हो.

मैं अपने आपको विवेक से छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी, पर विवेक नहीं रुका. उसने एक-एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मैं अब उसके सामने बस ब्रा और पैंटी में थी.

उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए. पहली बार मैंने लाइव अपने सामने किसी मर्द का लंड देखा था. उसका लंड लगभग 8 इंच का था.

मुझे बहुत डर लग रहा था और ये अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था. दोस्तो मैं आपको बता दूँ इससे पहले मैं अभी तक किसी लंड से नहीं चुदी थी. इससे आप लोग अंदाज़ा लगा सकते हैं कि मेरा क्या हाल हो रहा होगा.

मेरी साँसें जोर-जोर से चल रही थीं. विवेक मेरे पास आया और लंड की तरफ इशारा करके बोला- चल पकड़ इसे और इसको सहला.. मेरी जान आज से ये तेरी चुत का पति है.
अब मैं समझ चुकी थी कि आज मैं चुदने वाली हूँ.

विवेक ने मुझे किस करते हुए बोला- सरिता प्लीज़, मैं तुम्हारी मर्जी के खिलाफ तुम्हें कुछ नहीं करूँगा.
फिर विवेक ने मेरी ब्रा को ऊपर उठाया और मेरे मम्मों को चूसने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो.. मम्मे चुसवाने का मस्त क्या एहसास था.. सच में मुझे बहुत अच्छा लगा और गुदगुदी भी हो रही थी. विवेक मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा. इस तरह वो लगभग 15 मिनट तक मेरे मम्मों के साथ खेलता रहा.
फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी पैंटी उतार दी.. और मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा.

थोड़ी देर हाथ फेरने के बाद मेरी चुत को अपनी जीभ से चाटने लगा. मेरे मुँह से गरम सिसकारियां निकलने लगीं और मैं उसने मुँह को अपनी दोनों टांगों के बीच दबाने लगी. विवेक की तरफ से छूटने की कोशिश करने लगी, पर अब विवेक मुझे छोड़ने वाला नहीं था.

उसने मेरी चुत को खूब चाटा और चूसा. अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद मेरी चुत ने अपना पानी छोड़ दिया. विवेक मेरी चुत का सारा पानी पी गया.

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थोड़ी देर बाद विवेक उठा और बोला- अब तुम मेरे लंड को मुँह में लो.
मैंने कहा- छी: विवेक मैं ऐसा नहीं करूँगी.

उसने मुझे काफ़ी रिक्वेस्ट की, पर मैंने मना कर दिया- ये मुझे बहुत गंदा लगता है.
विवेक ने कहा- कोई बात नहीं.

अब उसने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और सहलाने लगा. फिर मेरी चुत पर अपने लंड को रख कर सहलाने लगा, मैंने विवेक को मना किया- विवेक रहने दो.. ऐसा मत करो मैं मर जाऊंगी.

पर विवेक पर तो कामदेव आ चुके थे, वो अब रुकने वाला नहीं था. मैं बिस्तर पर चित लेटी हुई थी. विवेक ने मेरी दोनों टाँगें फैलाईं और अपना लंड मेरी चुत पर रखकर एक हल्का सा धक्का मारा.
मेरी तो जान ही निकल गई और मैं दर्द के मारे जोर से चिल्लाई- अऔच.. ओह गॉड.. प्लीज़ विवेक इसे निकाल लो, मुझे दर्द हो रहा है.
पर विवेक ने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मुझे किस करने लगा.

मैं रोने लगी, मेरी आंखों से आँसू निकल रहे थे. सच में मुझे बहुत दर्द हो रहा था. थोड़ी देर के बाद विवेक ने धीरे-धीरे धक्के लगाकर अपने लंड को थोड़ा और अन्दर करते हुए मेरी चुत में डालने लगा. मैं सहमी सी पड़ी थी, तभी उसने एक और धक्का दे दिया. अब उसका आधा लंड मेरी चुत में घुस चुका था.

थोड़ी देर बाद उसने एक और धक्के के साथ पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया. थोड़ी देर रुकने के बाद विवेक मेरी चुत में धक्के पर धक्के देने लगा और मेरी चुदाई करने लगा.

अब उसने अपनी स्पीड थोड़ा बढ़ाकर मुझे चोदने लगा. वो बोले जा रहा था- सरिता तू कितनी सेक्सी है.. अह.. कितनी हॉट है.. तेरे जैसे माल के लिए तो कोई भी कुछ भी कर जाए.
मैं भी खूब चीख रही थी, चिल्ला रही थी. मेरी चीख और सिसकारियों की वजह से वो और उत्तेजित हो रहा था.
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मैं इस तरह से आवाजें कर रही थी.

लगभग 20 मिनट के बाद उसने एक जोरदार धक्का मेरी चुत में मारकर अपने लंड से पिचकारी छोड़ दिया. मेरी चुत में ही झड़ गया, उसने अपना सारा पानी मेरी चुत में छोड़ दिया.

हम ऐसे ही एक-दूसरे की बांहों में थोड़ी देर तक लेटे रहे. मैं अभी भी थोड़ा रो रही थी.

तो विवेक ने कहा- आई’म सॉरी मेरी जान.. मुझे माफ़ कर दो, मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पाया.. देखो तुम जो चाहो मुझे कर सकती हो, लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. ये सच है.

मैंने कुछ नहीं कहा, मैं बस लेटी रही. थोड़ी देर बाद मैं बाथरूम में फ्रेश होने चली गई. इसके बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया.

दोस्तो जब भी मौका मिलता था, विवेक मुझे ऐसे ही चोद लेता था.

फ्रेंड्स आपको मेरी पहली बार चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल ज़रूर कीजिए.

अगर आपका रेस्पॉन्स अच्छा रहा तो मेरी विवेक के साथ और भी चुदाई की कहानियां हैं.. वो मैं आपको अगली चुदाई की कहानी मैं बताऊंगी कि अब मैं विवेक का लंड भी चूसने लगी हूँ और लंड चूसने में एक्सपर्ट भी हो चुकी हूँ. बाय..a

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