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Wednesday 14 February 2018

कुंवारी पड़ोसन की चूत को जबरदस्त चोदा | Kuwari Padosanki Choot ko Jabardast Choda - Hindi Sex Stories

कुंवारी पड़ोसन की चूत को जबरदस्त चोदा | Kuwari Padosanki Choot ko Jabardast Choda - Hindi Sex Stories

प्रेषक : साहिल …
हैल्लो सभी चूत और गांड को मेरा सलाम, दोस्तों में एक बार फिर से आ गया हूँ आप सभी एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम के चाहने वालों के सामने अपनी एक और सच्ची घटना को लेकर। दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हो कि में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरा नाम है साहिल। दोस्तों में आज की अपनी इस कहानी में आप सभी को बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने मकान मालिक की कुंवारी हॉट सेक्सी लड़की की पहली बार चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद में पूरे एक साल तक उसका पति बनकर उसकी हर कभी चुदाई करता रहा। अब आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए में अपनी कहानी को पूरी तरह विस्तार से सुनाना शुरू करता हूँ और में आशा करता हूँ कि मेरी यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी।

दोस्तों यह बात तब की है जब में 18 साल का था। हम सभी घर वाले एक मकान में किराए से रहते थे और वो मकान एक विधवा औरत का था। दोस्तों मेरी उस आंटी के चार बच्चे थे, दो लड़के और दो लड़कियाँ थी, उनकी सबसे बड़ी लड़की 19 साल की थी और छोटी लड़की 16 साल की थी। दोस्तों मेरी आंटी की बड़ी लड़की का नाम अंशु था, वो दिखने में बहुत ही हॉट सेक्सी थी और वो अक्सर हमारे कमरे में बैठकर अपना सारा काम किया करती थी और उस काम में उसके कपड़े बदलना भी शामिल था। फिर अपने सामने अचानक से उसके चिकने गोरे बदन को देखकर मेरी ऑंखें चकित होकर फटी की फटी रह जाती थी और इसके अलावा में उसको कई बार कपड़े धोते और घर के कामों को करते हुए चोरीछिपे देखा करता था। में ना जाने कितनी बार उसकी गोरी छाती को देखकर उसके नाम की में मुठ मार चुका था। दोस्तों वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और इसलिए में अक्सर सही मौका देखकर उसको नहाते हुए बाथरूम की दरार से चोरी चोरी देखा करता था और उसके गोरे गदराए बदन को देखकर मेरा लंड तुरंत ही तनकर खड़ा हो जाता था।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।


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दोस्तों पहले तो उसको मेरी इस हरकत और मेरी उसके ऊपर गंदी नजर के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उसको भी पता चल गया, लेकिन वो अब मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी। फिर एक दिन हमारे घर पर एक छोटी सी पार्टी थी, जिसके दौरान उसने मुझे इशारा करके छत पर बुलाया और अब उसने मुझसे पूछा कि में उसको हमेशा घूरकर क्यों देखता रहता हूँ? उसी समय मैंने हिम्मत करके उसको कह दिया कि में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ, क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे प्यार करने लगा हूँ। फिर वो मेरे मुहं से मेरे मन की पूरी बात को सुनकर अब मुझसे कुछ नहीं बोली, लेकिन उसने मुझे उसी समय एक प्यारी सी मुस्कान दी। फिर हमारे बीच कुछ देर इधर उधर की बातें होने के बाद हम दोनों नीचे आ गए, लेकिन अब एकदम साफ था कि मेरा उसकी तरफ आगे बढ़ने का वो रास्ता बिल्कुल साफ है, क्योंकि में उसको अपने मन की सच्ची बात बता चुका था, जिसको सुनकर उसको बिल्कुल भी ना तो बुरा लगा और ना उसने मुझे गुस्से में आकर कुछ कहा ना ही विरोध जताया। अब मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी और अब में पहले से भी ज्यादा आगे बढ़ने उसके साथ बहुत कुछ करने के विचार अपने मन में लेकर बड़ा खुश रहने लगा था और जब भी में उसको देखता वो मेरी तरफ हल्की सी मुस्कान देकर चली जाती।

दिल्ली में रंडी बहन की चुदाई |

दोस्तों हम दोनों के बीच अब पहले से ज्यादा वो हरकते होने लगी थी। में उसको घूरकर देखा करता, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं करती और कई बार में मौका पाकर उसके जिस्म को छू भी चुका था और समय गुजरने के साथ ही मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ती ही जा रही थी। फिर एक दिन जब घर पर कोई भी नहीं था उस समय वो मेरे पास आ गई और उसने मुझसे कहा कि हाँ अब तुम आज मुझे पूरी तरह खुलकर बताओ कि तुम्हे मेरे अंदर क्या पसंद है? जिसकी वजह से तुम मेरी तरफ आकर्षित हुए जा रहे हो, क्योंकि में आजकल देख रही हूँ कि तुम मुझे अब कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही छेड़ने लगे हो। अब में उसके मुहं से वो बात सुनकर चुप ही रह गया और उसने दोबारा ज़ोर देकर मुझसे पूछा कि बताओ ना क्यों चुप बैठे हो। अब मैंने हिम्मत करके तुरंत कह दिया कि में तुम्हारे साथ एक बार सेक्स करना चाहता हूँ, वो मेरे मुहं से उस जवाब को सुनकर हंस पड़ी और अब उसने मुझसे कहा कि हाँ में भी तो तुम्हारे साथ यही करना चाहती हूँ। दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में खुशी से उसी के सामने नाचने लगा था और वो मेरी इस हरकत को देखकर अपने मुहं पर एक हाथ को रखकर हंसने लगी।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।

दोस्तों बस फिर क्या था? मैंने तुरंत ही उसी समय उसको अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया और अब में उसको चूमने प्यार करने लगा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। अब मैंने बिना देर किए उसके एक एक करके पूरे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से वो मेरे सामने बड़ी ही कामुक अवस्था में बिना कपड़ो के थी और में अपनी चकित नजरो से उसको लगातार घूरकर देख रहा था। दोस्तों उसके वो बूब्स बहुत ही प्यारे आकर्षक लग रहे थे और मैंने तुरंत आगे बढ़कर अब उसके बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसना शुरू कर दिया। वो सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब इसके आगे क्या करूं और क्या ना करूं? क्योंकि उस दिन पहली बार मुझे ऐसा मौका मिला था, जिसकी वजह से आज में पहली बार किसी कुंवारी चूत के मज़े ले सकता था। अब में बस मन ही मन जल्दी से जल्दी कुंवारी चूत की चुदाई करने के लिए बहुत बेचैन हुआ जा रहा था। फिर में जोश में आकर उसके बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से उसके मुहं से सिसकियों की वो आवाज निकल रही थी और वो बार बार अपने मुहं से ह्म्‍म्म्ममम आहह्ह्ह ऑश आराम से करो प्लीज क्या में कहीं भागी जा रही हूँ।

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दोस्तों में अब उसके कहने पर कहाँ रुकने वाला था? क्योंकि मेरे सर पर उसकी चुदाई का भूत जो सवार था में अब रुकने वाला नहीं था। फिर जब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के सामने अब बिल्कुल नंगे थे और फिर उसने पहली बार मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड देखा और वो उसका आकार लम्बाई को देखकर एकदम चकित होकर सोच में पड़ गई। अब वो अपने मुहं पर एक हाथ को रहकर कहने लगी ऊई माँ आपका इतना बड़ा लंड है, में तो इसको लेकर मर ही जाउंगी, मुझे लगता है कि यह मुझे दिन में भी तारे दिखा देगा। में इसको अपने अंदर नहीं ले सकती, मुझे इसकी वजह से बड़ा तेज दर्द होने वाला है, जिसकी वजह से में मर ही जाउंगी। अब मैंने उसको बड़े ही प्यार से समझाते हुए कहा कि हाँ में समझ सकता हूँ कि पहली पहली बार सभी को इसको अपने अंदर लेने से दर्द होता है और वैसे ही तुम्हे भी होगा, लेकिन उसके बाद में तुम्हे मज़ा भी बहुत आने लगेगा और वैसे भी में तुम्हारे दर्द का ध्यान रखते हुए इस काम को पूरा करूंगा तुम्हे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है में हूँ ना तुम्हारे साथ।

शादी में बुलवाया चुदवाने के लिए 

अब में उसको यह सभी बातें समझाने के बाद उसको जोश में लाकर चुदाई के लिए तैयार करने के लिए उसकी चूत में सबसे पहले उंगली करने और चूत को अपने दूसरे हाथ से सहलाने लगा था जिसकी वजह से वो गरम हो जाए और हम दोनों को बिना कोई ज़ोर जबरदस्ती के मस्त मज़ा आए। अब में उसकी चूत के दाने को सहलाने के साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल पूरे बूब्स की गोलाईयों पर हाथ घुमाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने अचानक ही उसकी चूत में अपनी उंगली को अंदर बाहर करने की रफ़्तार को थोड़ा सा बढ़ा दिया था। अब वो मज़े मस्ती की वजह से गरम होकर बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी साथ ही वो अपने कूल्हों को भी ऊपर उठाने लगी थी। अब मैंने मन ही मन में सोच कि मेरा यह इतना बड़ा लंड इसकी कुंवारी चूत में अब जाएगा कैसे? तभी अचानक ही मेरी नज़र पास में रखे तेल पर पड़ी। अब मैंने उस बोतल से तेल अपने हाथ में ले लिया और सबसे पहले मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर बहुत सारा तेल लगाया और चूत को धीरे धीरे मसाज करके एकदम चिकनी कर दिया। फिर उसके बाद मैंने अपने लंड के टोपे पर भी तेल लगाकर उसको भी चिकना कर दिया और उसके बाद मैंने लंड का टोपा खुली चूत के होंठो पर रहकर सेंटर मिलाकर सबसे पहले तो मैंने हल्का सा झटका मारा। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों वो दर्द की वजह से चिल्ला उठी ऊऊइईई माँ मर गई आह्ह्ह ऊऊऊईईई आराम से प्लीज धीरे करो, मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है। फिर में यह आवाज सुनकर तुरंत ही रुक गया और अब में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमने लगा था, कुछ देर वैसे ही रुककर मैंने दोबारा लंड को चूत के मुहं से मिलाया और एक बार फिर से मैंने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड कुछ इंच तक अब उसकी कुंवारी चूत के अंदर चला गया, लेकिन उसको अब दर्द बड़ा तेज हो रहा था। फिर में तो वैसे ही वहीं पर रुक गया मैंने लंड को उसकी चूत में कुछ देर के लिए उसी एक जगह पर रोक दिया और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उसको शांत देखकर एक बार फिर से एक ज़ोर का झटका लगा दिया। अब मेरा लंड उस कुंवारी चूत में करीब पांच इंच अंदर जा चुका था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं गया और मैंने दूसरा भी ज़ोर का धक्का लगा दिया और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला गई आईईईई ऊईईईई माँ में मर गई आह्ह्ह ऊऊहह मार डाला प्लीज इसको अब बाहर निकालो वरना में मर ही जाउंगी ऊईईईई आआहह। फिर मैंने उसके पूरे जिस्म को अपने दोनों हाथों से सहलाते हुए उसको शांत करते हुए कहा कि अभी कुछ देर में तुम्हे भी मेरे साथ इस खेल में मज़ा आने लगेगा।

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अब में लगातार कभी उसकी चूत को और कभी उसके गोलमटोल बूब्स को सहलाकर उसके दर्द को कम करने की कोशिश करने लगा था। फिर कुछ देर के बाद अब उसको भी दर्द कम होते ही मज़ा आने लगा था, लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा मोटा भी था इसलिए चूत के अंदर बाहर और भी धक्के मारने की वजह से उसका दर्द बढ़ता ही जा रहा था, लेकिन अब में नहीं रुक सकता था। दोस्तों मुझे अपने जोश की वजह से किसी की परवा नहीं थी और इसलिए में अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा था और वो दर्द की वजह से चिल्लाते हुए बार बार बोलती जा रही थी प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है, प्लीज रूको मर मर जाउंगी, लेकिन में एक बार भी नहीं रुका। फिर वो भी कुछ देर बाद खामोश हो गई क्योंकि अब उसको भी दर्द कम होने की वजह से मज़ा आने लगा था और वो अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ भी देने लगी थी और वो पूरी तरह जोश से मेरा लंड ले रही थी। अब में अपनी पूरी ताकत से अपने लंड को उसकी गीली चूत के अंदर धक्के मार रहा था और वो तो बस अपनी दोनों आँखों को बंद करके आह्ह्ह ऊहहह आइईईई उफफफ्फ़ किए जा रही थी। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।

ऑफिसर की बीवी को चोदा | 

फिर में कुछ देर बाद बार बार उसके होंठो के चूमता और उसको प्यार रहता रहा, क्योंकि उसके होंठ कुछ ज्यादा ही नरम थे, इसलिए में बार बार उनको पेप्सी समझकर पी रहा था। मैंने उसके दोनों होंठो को चूस चूसकर सुर्ख लाल कर दिया था। फिर मैंने उसी समय सोच कि क्यों ना फिल्मी अंदाज़ में आज इसकी चूत मारकर मज़े लिए जाए? अब मैंने उसको अपने सामने घोड़ी बनाया और फिर उसकी खुली हुई चूत में पीछे से जाकर मैंने अपना लंबा मोटा लंड जब अंदर डाला। दोस्तों उस समय तो बस उसकी हालत ऐसी हो गई जैसे कि वो अभी मर जाएगी, क्योंकि मेरे लंड का आकार कुछ ज्यादा ही बड़ा था और उसकी वो कुंवारी चूत थी इसलिए पहली बार ऐसा बलशाली लंड लेकर उसका दर्द बर्दाश्त करना उसके लिए कुछ ज्यादा ही मुश्किल था, लेकिन दोस्तों वो लड़की भी कुछ ऐसी थी कि इतना सब सहने के बाद भी अब वो कुछ भी नहीं बोल रही थी। अब मैंने उसको घोड़ी के आसन में उसकी कमर को पीछे से पकड़कर तेज और कभी हल्के धक्के देने शुरू किए और कुछ देर बाद मैंने बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू किए। दोस्तों उसके कमर पर मेरी पकड़ कुछ इतनी मस्त थी इसलिए मुझे धक्के देने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था और जब तक में उसको धक्के दे रहा था। उसी समय मैंने मन ही मन में सोचा कि अब किसी और दूसरे आसन में इसकी चूत मारी जाए।


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अब में उसकी चूत से लंड को बाहर निकालकर पलंग पर लेट गया और मैंने अपने लंड को सीधा किया और फिर उससे कहा कि अब तुम मेरे लंड पर आकर बैठ जाओ। अब वो बहुत ही आराम से उठी और जैसा मैंने उसको कहा था वो वैसा ही करने लगी थी। दोस्त तब मुझे पहली बार पता चला कि इस आसन में चूत मारने का मज़ा ही कुछ और होता है, क्योंकि इस आसन में चुदाई करते समय जब पूरा लंड चूत के अंदर जाता है उस समय लड़की की जान निकल जाती है। दोस्तों पहले तो वो मेरे लंड पर बड़े ही आराम से बैठ गई और मेरा पूरा लंड उसने अपनी चूत के अंदर ले लिया और फिर कुछ देर वो वैसे ही रुकी रही। फिर अचानक से वो खुद ही धक्के देने लगी, मुझे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और में भी नीचे से उसको धक्के देने लगा था और वो भी ऊपर से धक्के दे रही थी। फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ इसलिए मैंने जोश में आकर उसकी गीली चूत में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए। जैसे ही में झड़ने वाला था, मैंने उसको पकड़कर लेटा दिया। अब में उसके ऊपर चढकर बैठ गया और अपने लंड को हाथ में लेकर में उसके बूब्स के ऊपर ही झड़ गया। मैंने अपना पूरा वीर्य दोनों बूब्स पर निकाल दिया।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम  पर पढ़ रहे हैं।

अब में थककर उसके पास ही लेट गया और फिर उसने अपने दोनों बूब्स को एक कपड़े से साफ किया और वो भी मेरे पास ही लेट गई। दोस्तों हम दोनों करीब तीस मिनट तक आराम से लेटे रहे उसके बाद में उठा और दोबारा से में उसके होंठो को चूमने लगा। बहुत देर तक दोनों होंठो को चूमने के बाद मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया। अब मैंने उसको अपने सामने उल्टा लेटाकर उसकी गांड भी मारी और यह मज़े लेने का काम इस तरह रात के तीन बजे तक चलता रहा। फिर उसके बाद हम दोनों बहुत ज्यादा थककर वैसे ही पूरे नंगे सो गये और जब में सुबह और मैंने उसकी तरफ देखा तो अब उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, इसलिए वो बड़ी ही मुश्किल से नीचे गयी थी। दोस्तों फिर हमारी उस पहली बार की चुदाई के बाद हम दोनों को जब भी कोई अच्छा मौका मिलता हम चुदाई का वो खेल खेलते है और हम दोनों के बीच ऐसा पूरे एक साल तक चला। फिर एक बार उसकी माँ को हमारी चुदाई वाली बात के बारे में पता चल गया और इस वजह से उसकी माँ ने बिना देर किए उसकी शादी तुरंत ही कहीं करके उसको अपने ससुराल रवाना कर दिया और उसके चले जाने के बाद में अकेला ही रह गया ।।
धन्यवाद …

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Monday 29 January 2018

पड़ोसन की बंजर चूत पर बरसात || Padosan ki Banjar Choot par Barsat || GarmaGaram Kahaniya

पड़ोसन की बंजर चूत पर बरसात

प्रेषक : आर्यन …
हैल्लो दोस्तों, यह मेरी कामुकता डॉट कॉम पर एक सच्ची घटना है, मेरा नाम आर्यन और मेरी उम्र 23 साल है। दोस्तों में एक बहुत ही अच्छे गठीले बदन का दिखने में बहुत अच्छा लड़का हूँ। मेरी लम्बाई 5.11 इंच है, क्योंकि में हर दिन कसरत रहता हूँ जिसकी वजह से मेरा बदन बहुत ही आकर्षक दिखता है। अब में अपनी कहानी की तरफ आपको सीधे ले जाता हूँ। दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स करना और अब सेक्सी कहानियों को भी पढ़ने का बहुत शौक है। मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों को पढ़कर बड़े मज़े लिए है। फिर एक दिन मेरे मन में अपने एक सेक्स अनुभव को लिखकर यहाँ पर पहुँचाने के बारे में विचार आया, जिसमे मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक बहुत ही हॉट सेक्सी लड़की के साथ बहुत कुछ किया। वैसे तो में उसके साथ पहले से ही चुदाई के सपने देख रहा था। अब में उस घटना को विस्तार से बताना शुरू करता हूँ, दोस्तों मेरे पड़ोस में एक घर है, जिसमे एक अंकल, आंटी और उनकी एकलौती बेटी जिनका नाम निशा है वो रहती है। दोस्तों उसके बूब्स का आकार 40-28-34 है और उसका बदन एकदम मलाईदार और बूब्स छोटे संतरे की तरह दिखते है उसके गुलाबी गाल तो ऐसे कि बस छू लो तो वो एकदम लाल हो जाए। दोस्तों यह बात उस समय की है, जब में बी.ए. पहले साल की पढ़ाई कर रहा था और निशा भी बी.ए. की आखरी साल की पढ़ाई कर रही थी।
दोस्तों हम दोनों का कॉलेज और विषय भी एक ही था और हम दोनों का परिवार भी एक दूसरे से बहुत मिलकर रहते थे। दोस्तों मेरे अंकल एक प्राइवेट कंपनी में और आंटी एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करते थे और इस वजह जब भी निशा कॉलेज नहीं जाती थी, वो पूरे दिन दस बजे से चार बजे तक उनके घर में कोई भी नहीं होता था, बस निशा ही अकेली रहती थी। एक बार में निशा से लिए हुए कुछ नोट्स देने उसके घर करीब सुबह 11 बजे चला गया और उस समय वो घर में अकेली ही थी और में नोट्स देकर वापस जाने लगा। अब वो मुझसे बोली कि बैठ जाओ और चाय पीकर चले जाना तुम्हे इतनी जल्दी भी क्या है जाने की? तुम कुछ देर मेरे साथ बैठकर चाय पीकर बातें करके चले जाना। फिर अचानक उसको पता नहीं क्या हुआ मुझे पता नहीं, लेकिन उसने मुझसे बोला कि थोड़ी देर रुको में अभी नहाकर आती हूँ। फिर हम दोनों साथ में बैठकर चाय पी लेंगे आयर मुझे नहाने में बस दस मिनट लगेंगे। दोस्तों उसने मुझे बताया कि कल रात को देर रात तक पढ़ाई करने की वजह से वो अभी कुछ देर पहले ही उठी थी इसलिए सुबह देर से सोकर उठने की वजह से वो मुझसे यह बात बोलकर नहाने चली गई। अब मेरे अंदर का शैतान धीरे धीरे जागने लगा था और वैसे भी में बहुत दिनों से उसको चोदने के बारे में सोचा करता था।
अब मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरे हाथ उसके साथ बहुत कुछ करने का मौका हाथ लगा है। अब में मेहमानों वाले कमरे में बैठा हुआ था। फिर कुछ देर बाद में वहाँ से उठकर चुपचाप उसके कमरे में आ गया जहाँ कि उसके कमरे वाले बाथरूम में वो नहा रही थी। फिर में वहीं पास की अलमारी के पीछे चुपचाप छुप गया, मेरा लंड तनकर सात इंच का हो चुका था और जींस के अंदर काले नाग की तरह फुंकार मार रहा था। अब मैंने देखा कि मेरे सामने बिस्तर पर उसकी ब्रा, पेंटी स्कर्ट और एक सफेद रंग की टी-शर्ट रखी हुई थी और में तुरंत समझ गया कि वो सिर्फ़ टावल लेकर नहाने गई है। फिर मैंने उस जगह से उठकर तुरंत वो सारे कपड़े पलंग के नीचे छुपा दिए, जिसकी वजह से जब वो नहाकर बाथरूम से बाहर निकले और में उसको अपने आगोश में ले लूँ और उसको अपने पास बदन ढकने को कुछ ना मिले। फिर करीब दस मिनट के बाद मेरे इंतज़ार की घड़ी खत्म हो गई और वो अब अपने बदन पर सिर्फ़ टावल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली, वाह उसका क्या मस्त गोरा गठीला बदन था वो बड़ी गजब की सुंदर एकदम तराशा हुआ माल नजर आ रही थी। दोस्तों में उस अलमारी के पीछे इस तरह छुपा हुआ था कि वो मुझे नहीं देख सकी।
अब मैंने देखा कि वो कांच के सामने खड़ी होकर अपने पानी से भीगे हुए बालों को ठीक कर रही थी और अचानक से उसने अपना टावल अपने गोरे चिकने बदन से हटा दिया और मुझे पर वो द्रश्य देखकर बिजली गिर गई। दोस्तों अब पूरी तरह से वो एक नंगी लड़की जिसकी गांड अब मेरी तरफ थी और उस सामने लगे कांच में मुझे उसके बड़े आकार के बूब्स और एकदम गोरी उभरी हुई चूत साफ साफ नजर आ रही थी और मैंने देखा कि चूत पर हल्के भूरे बाल भी थे। अब उसने पलंग पर रखे अपने कपड़ों की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन वहां पर कपड़े ना पाकर वो एकदम चकित रह गई। फिर में समय ना गँवाते हुए उस अलमारी के पीछे से निकल गया और एक झटके में मैंने उसको अपनी बाहों में पीछे से दबोच लिया। दोस्तों में पहले से जानता था कि वो अचानक से हुए इस हमले की वजह से चिल्लाएगी जरुर इसलिए मैंने तुरंत ही उसको दबोचकर पलंग पर पटक दिया और मैंने अपने एक हाथ को उसके मुहं पर रख दिया। अब में उसके ऊपर पूरी तरह से सवार हो चुका था और में अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स को बड़े मज़े से दबा रहा था।
फिर जैसे ही मैंने उसके मुहं से अपने हाथ को हटाया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और अब वो मुझसे कहने लगी कि छोड़ दो आर्यन मुझे यह तुम क्या कर रहे हो? यह सब ठीक नहीं है तुम मेरे ऊपर से हट जाओ प्लीज छोड़ दो मुझे कपड़े पहनने दो, में कहीं मुहं दिखाने लायक नहीं रहूंगी। अब मैंने उसको बोला कि देख निशा इस समय तू मेरी बाहों में पूरी नंगी है और आज में तुझे बिना तेरी चुदाई करे नहीं छोड़ सकता, क्योंकि में तुझे इस तरह नंगा देखने के लिए बहुत तड़पा हूँ। अब तू ज्यादा शोर शराबा करेगी तो इसमे तेरी ही बदनामी होगी, क्योंकि में तो लड़का हूँ और मुझे क्या फर्क पड़ेगा, लोग मुझे आवारा कहने लगेंगे, लेकिन तेरा क्या होगा पहले तू सोच ले? और वैसे भी एक बात यह भी है कि एक बार मुझसे चुदाई करवा लेने से तेरी घिस तो नहीं जाएगी? देखना तुझे भी मेरे साथ बड़ा मस्त मज़ा ही आएगा। दोस्तों उसके साथ यह सब बातें करते हुए में उसके बूब्स को भी दबा रहा था और उसकी चूत पर भी अपने एक हाथ को फेर रहा था और शायद वो मेरे इतना सब करने की वजह से अब गरम हो चुकी थी, इसलिए अब वो अपनी लड़खड़ाती आवाज़ में मुझसे पूछने लगी कि किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तू रहने दे, मैंने आज तक ऐसा पहले कभी नहीं किया, मुझे डर लगता है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।


फिर मैंने उसको बोला कि तू किसी भी बात की ज्यादा टेंशन मत ले, मेरे होते हुए तुझे डरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं यहाँ पर कोई नहीं आने वाला है और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब निशा मुझसे कहने लगी कि देख तू मेरी चुदाई मत करना उसके अलावा तुझे मेरे साथ जो भी करना है कर ले में मना नहीं करूंगी। फिर मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन अगली बार तू खुद मुझे अपनी चुदाई करने के लिए कह देगी। अब उसने मुझसे बोला कि हाँ पक्का आज बस इस तरह तू मुझे प्यार कर उसके बाद आगे की देखी जाएगी। फिर में उसके नरम मुलायम बूब्स को दबाते हुए उसके होठों को चूसने लगा और वो भी अब मेरा साथ देते हुए मेरे होठों को चूसने लगी। फिर कुछ देर बाद में धीरे से अपना मुहं उसकी चूत की तरफ ले गया और मैंने बिना देर किए अपनी पूरी जीभ को उसकी चूत में डाल दिया। अब में उसकी चूत को चूसने लगा और वो मज़े मस्ती की वजह से पागलों की तरह छटपटाने लगी, में लगातार चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाने के साथ साथ उसके बूब्स की निप्पल को दबाकर उसका रस भी निचोड़ रहा था। फिर मैंने महसूस किया कि अब उसका पूरा बदन मेरे यह सब करने की वजह से बहुत गरम होने लगा था और में उसी तरह उसकी चूत को चाट रहा था।
अब अचानक से उसका हाथ मेरी पेंट पर जा पहुंचा और जोश में एक ही झटके में उसने मेरी पेंट को खोल दिया। फिर मेरी अंडरवियर के नीचे के काले नाग रूपी लंड को उसने अपने एक मुलायम हाथ से पकड़कर बाहर निकालकर तुरंत अपने हाथों में ले लिया और इतना लंबा सात इंच का लंड देखकर वो डरते हुए काँप गई। अब मैंने उसको बोला कि तुम इसको देखकर बिल्कुल भी डरो मत मेरी जान, आज में तुम्हारी चुदाई नहीं करूंगा, आज तो सिर्फ़ इसको तुम्हारे मुहं में देना है और थोड़ी सा नखरा दिखाने के बाद वो मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, जिसकी वजह से उसको बड़ा मज़ा आने लगा था। फिर हम दोनों कुछ देर बाद 69 की पोज़िशन में आ गए और वो बड़े मज़े से खुश होकर मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत की चुदाई अपनी जीभ से कर रहा था। अब वो जोश में आकर मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर लंड को अंदर बाहर करते हुए उसको लोलीपोप की तरह चूस रही थी और अपने कूल्हों को उठा उठाकर मेरी जीभ को अपनी चूत के पूरा अंदर लेने की कोशिश करने लगी थी। फिर कुछ देर बाद अचानक ही मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकाल दिया और उसने तुरंत ही लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझसे पूछा कि क्या हुआ? आर्यन तुम ऐसे रुक क्यों गए? मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।
प्लीज तुम फिर से डालो ना अपनी जीभ को अंदर, क्यों तुम मुझे तरसा रहे हो? दोस्तों में उसके मुहं से वो बात सुनकर तुरंत समझ गया कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है, इसलिए अब इसके ऊपर हथोड़ा मारने का ठीक समय आ गया है। अब मैंने बहाना बनाकर उसको कहा कि निशा आज के लिए बस इतना ही बहुत है, मेरी जीभ दर्द कर रही है, क्योंकि में पिछले दस मिनट से तेरी चूत को मेरी जीभ से चूसकर मज़े दे रहा हूँ मुझसे अब और नहीं होता। फिर उसने जोश में आकर कहा कि तेरे यह सब करने से मेरे अंदर एक आग सी लगी है, अब उसको कौन बुझाएगा? साले चल अब चुपचाप तू अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर डाल दे और चूसना शुरू कर में तेरे लंड को चूसकर अभी हल्का कर देती हूँ। दोस्तों में अब उसके मुहं से पहली बार वो गंदे शब्द सुनकर बड़ा खुश हो गया, क्योंकि मुझे अब उसकी बातों और जोश को देखकर महसूस होने लगा था कि उसकी चूत में अपने लंड को डालने का मेरा सपना अब बहुत जल्दी पूरा होने वाला था। फिर मैंने मन ही मन खुश होकर उसको कहा कि अब मेरा जीभ में दर्द हो रहा है इसलिए में अब अपनी जीभ नहीं डालूँगा। अब उसने मुझसे कहा कि साले कमीने तू मेरी चूत में अपनी जीभ को नहीं डाल सकता तो फिर अब तू तेरे लंड को इसके अंदर डाल दे।
फिर मैंने उसको कहा कि अभी कुछ देर पहले तुमने ही तो मुझसे मना करके लंड को डालने से इंकार किया था और अब तुम्हे क्या हो गया जो तुम ही मुझे डालने के लिए कह रही हो? निशा कहने लगी कि तू अब मेरी आग को बुझा दे आर्यन, आज तू मुझे जमकर चोद, तू अब जल्दी से डाल दे अपने लंड को मेरी इस प्यास को बुझा दे, प्लीज जल्दी कर कल किसने देखा? मुझसे ज्यादा देर अब नहीं रुका जाएगा। अब मैंने खुश होकर हंसते हुए उसको बोला कि निशा मेरी जान फिर तुम तैयार हो जाओ मेरे लंड को झेलने के लिए आज में तुम्हारी चूत को चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा। फिर मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर एकदम चित लेटा दिया और अब में उसके ऊपर चड़ गया। अब मैंने अपने लंड के टोपे की मदद से गीली चूत के दाने को सहलाकर उसका जोश और भी ज्यादा बढ़ा दिया वो अपने सर को इधर उधर पटक रही। अब वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी कि ऊफ्फ्फ्फ़ स्सीईईइ प्लीज तुम मुझे क्यों इतना तरसा रहे हो? अब डाल भी दो ना इसको अंदर आह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह क्या तुम्हे मज़ा आ रहा है। फिर उसने मुझसे यह सब कहते हुए अपने दोनों पैरों को दूर करते हुए अपनी कामुक चूत को पूरा खोलकर मेरे लंड के उसके अंदर जाने का स्वागत किया।
अब मैंने उसका जोश देखकर लंड का टोपा उसकी खुली चूत के छेद पर रखकर एक जोरदार करारा धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड चार इंच तक एक ही बार में उसकी चूत की दीवारों को फाड़ता फैलाता हुआ अंदर चला गया। अब वो उस धक्के की वजह से दर्द से उछलकर बिस्तर से एक फिट ऊपर चली गई और उसके मुहं से आहह ऊऊईईईईईई नहीं आईईई साले कुत्ते आह्ह्ह में मर गई निकाल इसको बाहर। दोस्तों वो अपनी पूरी ताकत को लगाकर मुझे अपने ऊपर से हटा रही थी, लेकिन मेरा लंड उसकी कसी हुई चूत में अंदर जाकर फंस सा गया था और मेरी मजबूत पकड़ की वजह से में उसकी कमर को जकड़े हुए था। दोस्तों दर्द की वजह से लगातार उसके गले से चीखने की आवाज आ रही थी और मेरा लंड उसकी चूत में फंसा हुआ चूत में ही फुदकने लगा था और मैंने उसी तरह से अपने लंड को दो मिनट तक रोके रखा और फिर में उसके बूब्स को चूसता दबाता रहा। फिर कुछ देर बाद जब मैंने देखा कि वो दर्द कम होने की वजह से विरोध ना करते हुए कुछ शांत हो गई है तब जाकर मैंने अपने लंड को उसकी चूत से थोड़ा सा बाहर निकाल लिया। फिर अचानक से मैंने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा सात इंच का लंड उसकी चूत की गहराईयों में उतार दिया।
अब वो दर्द से मचलते हुए चिल्ला उठी और कहने लगी कि मुझे अब छोड़ दे ऊफ्फ्फ्फ़ निकाल ले साले कुत्ते तू अब अपने लंड को आह्ह्ह्ह वरना मेरी चूत फट जाएगी है ऊह्ह्ह प्लीज थोड़ा तू मेरे ऊपर तरस खा। फिर मैंने उसके बूब्स और चूत के ऊपर अपने हाथ से सहलाते हुए उसको कहा कि निशा मेरी रानी तुम थोड़ी देर और सह लो फिर उसके बाद बस मज़ा और जन्नत ही जन्नत है। दोस्तों में लगातार उसके पूरे जिस्म को सहलाता रहा और जब उसका दर्द कम होता देख मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और अब मुझे उसकी चूत गीली महसूस हो रही थी, इसलिए लंड बड़े ही आराम से अपनी जगह बनाकर अंदर बाहर होता रहा। फिर कुछ ही देर के बाद उसको दर्द खत्म होने के बाद मज़ा आने लगा था और फिर में धीरे धीरे धक्के लगाने लगा था और वो मुझसे कहने लगी, उह्ह्ह्ह हाँ मेरे राजा तुम अब रूको मत और तेज़ हाँ और तेज़ आह्ह्ह मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है, तू आज जमकर चोद दे मेरी इस चूत को, में भी तेरे लंड के लिए बहुत तड़ती हूँ। दोस्तों में लगातार उसकी बातें सुनकर जोश में आकर धक्के देता रहा और वो बड़बड़ाती रही उफ्फ्फ्फ़ हाँ आज इस बंजर ज़मीन पर पहली बार बरसात हुई है, तू ऐसे ही इसको इसी तरह चोदता रह आह्ह्ह्ह हाँ आज तू फाड़ दे मेरी इस चूत को, वो लगातार ऐसे शब्द अपने मुहं से निकाल रही थी।
फिर करीब बीस मिनट धक्के देने के दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी और फिर अचानक ही तेज़ धक्के लगाते हुए मैंने भी अपने ढेर सारे वीर्य की उसकी चूत में पिचकारी सी छोड़कर उसकी चूत को पूरा अपने वीर्य से भर दिया था। फिर उसके बाद भी आधे घंटे तक हम दोनों ऐसे ही पूरे नंगे एक दूसरे से चिपके पड़े रहे और एक दूसरे के अंग से खेल भी रहे थे। दोस्तों उस दिन में निशा की कुंवारी चूत को अपने लंड से जमकर चोदकर बहुत खुश था, क्योंकि यह मेरे लंड की अच्छी किस्मत थी, जिसको उसके जैसी कामुक चूत मिली थी जो कुछ देर में ही गरम होकर चुदाई के लिए तैयार हो गई और उसने चुदाई में मेरा पूरा पूरा साथ भी दिया, में उसका वो जोश देखकर बड़ा चकित था। दोस्तों उस हमारी पहली चुदाई के बाद भी में हर कभी अच्छा मौका मिलते ही निशा की चुदाई करता हूँ और मुझे उसका जवाब गोरा कुंवारा बदन मिला था, जिसको पाकर मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और अब उसको भी मेरे लंड का चस्का लग चुका है और हम दोनों बहुत खुश रहते है ।।
धन्यवाद …
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Sunday 14 January 2018

बुआ की पड़ोसन को तेल लगाकर चोदा | Bhua Ki Padosan ko tel laga kar choda

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बॉबी है और में कैथल हरियाणा का रहने वाला हूँ| मैंने अब तक बहुत सी कहानियों को पढ़ा है क्योंकि यह सभी कहानियाँ हम सभी का बहुत अच्छी तरह से मनोरंजन कर देती है और यह मेरा मन कहता है। दोस्तों में भी आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने आया हूँ जो बिल्कुल सच है और अब आप उसको सुनिए और मज़े लीजिए। दोस्तों में एक कॉलेज का छात्र हूँ और मेरा सेमेस्टर सिस्टम होने की वजह छुटियाँ बहुत कम होती है और फिर मुझे मेरे पेपर से पहले छुट्टियों में कुछ दिनों के लिए मेरी बुआ जी के पास जाने का मौका मिला और में बता दूँ कि मेरी बुआ करनाल में रहती है इसलिए में उनको मिलने करनाल चला गया। दोस्तों में वहां पर उनके पास बस दो तीन दिन के लिए गया था, लेकिन फिर मेरे बहुत दिनों के बाद उनसे मिलने की वजह से मेरी बुआ जी ने मुझे अपने पास ही और कुछ दिनों के लिए रोक लिया और में भी वहीं पर रुक गया। दोस्तों उन्ही दिनों मेरी बुआ जी के पड़ोस में एक सिख परिवार किराए से उस एक मकान में रहने आया, उस परिवार में एक बड़ी सुंदर सी प्यारी सी लड़की भी थी। दोस्तों जिसका नाम गुरदीप कौर था।
दोस्तों में आप सभी को उस लड़की के बारे में क्या बताऊँ? में बस इतना सा कह सकता हूँ कि वो एक बहुत ही सुंदर गोरी अच्छी दिखने वाली शरीफ लड़की थी और उसका चेहरा बड़ा ही बेदाग रंग बहुत ही साफ, उसका कद करीब 5.7 इंच उसके बूब्स का आकार करीब 34-36 इंच रहा होगा। दोस्तों अब आप ही सोच लीजिए वो दिखने में कैसी लगती होगी? अब में थोड़ा अपने बारे में भी बता देता हूँ, मेरी लम्बाई 6.1 इंच है और मेरा लंड इतना लंबा और मोटा है कि किसी भी असंतुष्ट को भी पहली चुदाई के बड़ी आसानी से संतुष्ट कर दे। दोस्तों अब में सीधा मुद्दे की बात पर आता हूँ। फिर मैंने उस लड़की को मेरे करनाल पहुंच जाने के दूसरे दिन पहली बार देखा था, लेकिन वो भी मुझे बस उसका पिछला हिस्सा ही मुझे नजर आया था और इसलिए मैंने उस लड़की में इतनी कोई रूचि नहीं ली थी। दोस्तों क्योंकि अब तक मुझे उसका वो सुंदर आकर्षक चेहरा और उसका गोरा हॉट सेक्सी बदन जो नजर नहीं आया था। फिर अगले दिन अचानक ही किसी काम से मुझे उनके घर जाना पड़ा और मैंने तब पहली बार वहां पर उसको बड़े ध्यान से देखा था और में बहुत चकित था, लेकिन फिर भी जैसे तैसे अपने मन को काबू में करके अपने उस काम को खत्म करके वहां से निकल गया।
दोस्तों मेरे मन में अब भी उस लड़की के लिए कोई भी गलत बात नहीं थी, क्योंकि अगले दिन मुझे अपने घर भी वापस आना था, लेकिन बुआ जी ने मुझे जिद करके अपने पास ही रोक लिया और में भी हंसी खुशी उनके पास ही रुक गया, क्योंकि वैसे चाहता तो मेरा मन भी यही था। फिर उसी दिन शाम को सभी लोग गली में बैठकर बातें कर रहे थे और में अपनी बुआ के घर के अंदर टीवी पर क्रिकेट मेच देख रहा था, लेकिन कुछ देर के बाद ही बिजली चली गई। अब में भी घर से बाहर आ गया। दोस्तों मेरी बुआ जी की कोई औलाद नहीं है इसलिए वो मुझे हमेशा बहुत प्यार करती है और फिर में उन्ही के पास आकर बैठ गया, मैंने सुना कि सभी के बीच इधर उधर की कुछ बातें चल ही रही थी, तभी गुरदीप ने मेरी तरफ मुस्कुरा दिया। फिर मैंने भी अपनी तरफ से जवाब में उसकी तरफ मुस्कुरा दिया। अब में अच्छी तरह से समझ चुका था कि वो मुझे थोड़ा बहुत पसंद करती है और फिर ऐसे ही इधर उधर की बातें होती रही। दोस्तों रात को करीब आठ बजे हम दोनों गली में एक साथ खड़े थे कि तभी एक आईस्क्रीम वाला आ गया।
फिर मैंने उसको मेरी तरफ से आईस्क्रीम खाने के लिए पूछा और बस वहीं से हम दोनों की दोस्ती की कहानी शुरू हुई, लेकिन मेरे दिल में उसके लिए कोई भी पाप नहीं था। फिर बस ऐसे ही चलता रहा और अब में उसके साथ अकेले में भी मिलना चाहता था, लेकिन हम दोनों को ऐसा कोई भी मौका नहीं मिला था। एक दिन मुझे मेरी अच्छी किस्मत से वो मौका मिल ही गया, हमारे पड़ोस में एक सत्संग चल रहा था इसलिए सभी लोग वहीं पर गए हुए थे और में अपने घर पर ही अकेला रह गया था। फिर मुझे लगा कि शायद गुरदीप भी वहीं सत्संग में गयी होगी इसलिए में अकेले घर में बैठे टीवी देखने लगा था। फिर कुछ देर बाद में वैसे ही अपने घर से बाहर निकला तो उस समय मैंने देखा कि गुरदीप उस तेज धूप में बाहर खड़ी हुई थी। अब मैंने उसको अंदर आने को कहा, लेकिन उसने आने से साफ मना कर दिया और मैंने एक बार फिर से उसको आने के लिए कहा तब जकड़ वो मान गयी। अब वो घर के अंदर आकर सोफे पर बैठ गयी और में फ्रिज से हमारे लिए ठंडा लेने चला गया और फिर वापस आकर हम दोनों उसको पीते हुए बातें करने लगे। फिर कुछ देर उसके साथ बातों को करते हुए ही मैंने हिम्मत करके उसको पूछ लिया क्या तुम्हे सेक्स करना पसंद है? उसने यह बात सुनकर तुरंत ही अपनी आँखों को फेर लिया।
फिर मैंने उसका एक हाथ अपने हाथ में ले लिया। अब उसने थोड़ा सा गुस्से में आकर मुझसे कहा यह सब क्या बदतमीजी है?
में : अच्छा यह बदतमीजी है क्या?
गुरदीप : हाँ और नहीं तो क्या है? घर आए मेहमान से क्या ऐसे पेश आते है?
अब मैंने तुरंत उसका हाथ छोड़ दिया और वो मेरी इस हरकत की वजह से ज़ोर से हंसने लगी। फिर मैंने उसको पूछा क्यों अब क्या हुआ, जो तुम मुझे ऐसे देख रही हो? तभी वो मुझसे कहने लगी कि बुद्दू राजा एक बार किसी लड़की का हाथ पकड़कर वापस इस तरह से नहीं छोड़ते है। अब में उसकी आँखों में आँखें डालकर देख रहा था और मुझे उसकी आँखों में अजीब सी कशिश नजर आ रही थी, जो मुझे अब बिल्कुल दीवाना कर चुकी थी। अब उसने मुझसे पूछा कि आपकी बुआ जी आज कहाँ गई है? मैंने उसको कहा कि जहाँ पर आपकी माता जी गई है। अब वो यह बात सुनकर खुश होकर कहने लगी ओह फिर तो वो भी शाम को ही वापस आएँगी क्या तुमने खाना खा लिया? फिर मैंने उसको कहा कि हाँ खा लिया और वो लगातार मुझे देखती ही रही और उसका मुझे देखने का अंदाज कुछ ऐसा था मानो जैसे वो अभी मेरा कत्ल कर देगी। अब मेरा ध्यान उसके बूब्स की तरफ चला गया जिसकी वजह से मेरे अंदर का वो शैतान जाग गया, हालाँकि मैंने कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन मुझे उसके बारे में सारा सब कुछ पता था। फिर में खड़ा हो गया और मैंने उसका हाथ पकड़कर उसके पास बैठ गया और कुछ देर एक दूसरे को हम दोनों बिना बोले देखते रहे। अब मैंने उसको कहा कि तुम अब अपनी आँखों को बंद करो, में तुम्हारे लिए एक उपहार लेकर आया हूँ।
फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर खुश हो गई और उसने उत्साहित होकर अपनी दोनों आँखों को बंद कर लिया और अब क्या था? में तुरंत उसके सामने आ गया और मैंने उसको ज़ोर से अपनी बाहों में भरकर एक बड़ा प्यारा सा चुम्मा दे दिया, जिसकी वजह से वो मेरी बाहों में मचलने लगी थी और अपने आप को मुझसे छुड़ाने की कोशिश लगी और उसका चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था, लेकिन वो मुझसे बोल कुछ नहीं रही थी। फिर मैंने भी कुछ देर उसको छोड़ दिया, जिसकी वजह से अब वो थोड़ा सा शांत हो चुकी थी। अब वो मुझसे कहने लगी यह सब क्या था?
में : वही जो एक जवान लड़के और सुंदर लड़की के बीच होता है।
गुरदीप : हाँ वो सब तो तुम्हारा कहना ठीक है, लेकिन यह सब ठीक नहीं है बहुत गंदी गलत बात है।
में : तो फिर तू ही मुझे बताओ कि क्या ठीक है? मुझे भी तो पता चले।
गुरदिप : अगर किसी को पता चल गया तो क्या हो सकता है तुम्हे इस बात का अंदाजा भी है?
में : अच्छा, इसका मतलब तुम यह बात सबको बताना चाहती हो?
गुरदिप : नहीं में क्यों बताने लगी, मुझे क्या मरना है सबको यह सब बताकर?
में : तो फिर इस सभी के बारे में किसी को कैसे चलेगा?
अब वो मेरे मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ी सी शांत हो गई और मैंने सही मौका देखकर एक बार फिर से उसको अपनी बाहों में भर लिया और में धीरे से उसको चूमने प्यार करने लगा था, लेकिन उसकी तरफ से मुझे थोड़ा सा भी साथ नहीं मिल रहा था। अब मैंने उसको पूछा क्यों क्या तुम्हे कोई आपत्ति है मेरे साथ यह सब करने में? वो कहने लगी कि नहीं बस वैसे ही मैंने पहले कभी यह सब किया नहीं ना इसलिए मुझे थोड़ा सा डर लग रहा है। अब मैंने हंसते हुए उसको कहा कि तो में कौन सा हर रोज किसी के साथ ऐसा सब करता हूँ और फिर वो थोड़ी सी मान गई। फिर मैंने उसके माथे पर चूम लिया और उसके बाद में उसके होंठो पर भी चूमने लगा, जिसकी वजह से उसके शरीर में कम्पन सी हुई और मुझे उसने अपनी बाहों में जकड़ लिया और दोनों मदहोश होकर एक दूसरे में खोकर करीब दो मिनट तक वैसे ही प्यार करते रहे। दोस्तों मैंने उसको चूमने के दौरान ही उसके बूब्स पर अपने एक हाथ को रख दिया और उसकी वजह से उसकी सांसे तभी अचानक ही तेज हो गयी और अब में उसकी सांसो की गरमी को भी भली भांति से महसूस कर रहा था। अब वैसे मेरा लंड भी इतना सब उसके साथ हो जाने की वजह से तनकर खड़ा हो चुका था और मेरे लंड को भी उसके शरीर को छू जाने की वजह से अब जोश आ चुका था
फिर मैंने उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाने शुरू किए, लेकिन कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और वो मुझसे कहने लगी कि यह तुम क्या कर रहे हो? में अब उसको कुछ नहीं बोला और मैंने उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल को अपने एक हाथ से रगड़ दिया, जिसकी वजह से वो सीईई करने लगी। अब में उसको बेड की तरफ़ ले गया और मैंने उसको लेटा दिया। उसके बाद में दोबारा उसको चूमने प्यार करने लगा और अब वो भी मेरी दीवानगी में खो गयी थी। फिर मैंने कपड़ो में ही उसके पूरे शरीर पर अपने हाथ को फेरना शुरू किया और वो जोश मस्ती की वजह से बिन पानी की मछली की तरह मचल रही थी। अब में उसके बूब्स कपड़ो के ऊपर से ही चूसने दबाने लगा था, लेकिन अब उसके बस में कुछ भी नहीं था। फिर में अपना हाथ धीरे धीरे नीचे ले गया और उसकी चूत पर रख दिया जिसकी वजह से वो डरते हुए सहम सी गयी, लेकिन उसने कहा कुछ भी नहीं। अब में दोबारा उसको चूमने लगा था और अब वो भी मेरा उस काम में पूरा साथ दे रही थी। फिर मैंने सही मौका देखकर उसकी कमीज़ को उतार दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने ब्रा और सलवार में थी।
दोस्तों मैंने देखा कि उसका रंग एकदम शीशे की तरह साफ था। उसके बदन में कोई भी दाग नहीं था और में अब उसमे पूरी तरह से डूब जाना चाहता था। फिर मैंने उसकी काली रंग की ब्रा को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने अधनंगी थी और मैंने उसकि छाती पर बूब्स को दबाने के लिए अपने एक हाथ को रखा, तब मैंने महसूस किया कि उसका दिल बहुत ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और उसकी दोनों आंखे बंद थी। अब मैंने उसकी गर्दन पर चुम्मा किया और फिर में उसके बूब्स से खेलने लगा और अब वो मज़े मस्ती की वजह से इस दुनिया में नहीं थी और उसको पता ही नहीं चल रहा था कि हो क्या रहा है? अब में धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगा और मैंने अपना हाथ एक बार फिर से उसकी चूत पर रख दिया, जिसकी वजह से वो एक बार फिर से मचलने लगी और वो मेरा हाथ पकड़ने लगी। अब मैंने अपने हाथ को उससे छुड़ाकर तुरंत ही उसकी सलवार को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और में उसके सामने अपने पूरे कपड़ो में था।
फिर मैंने बिना देर किए उसकी पेंटी को भी उतार दिया, हाए राम में क्या बताऊँ आप सभी को? में उसको पहली बार अपने सामने पूरी नंगी देखकर सब कुछ भूल चुका था, क्योंकि मैंने देखा कि उसकी उस कुंवारी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसका आकार छोटा था, लेकिन फिर भी वो बड़ी सुंदर लग रही थी। फिर मैंने उसकी नंगी चूत पर अपना हाथ लगाकर उसकी चूत को सहलाया तो वो एकदम से तिलमिला उठी और जोश की वजह से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। अब मैंने भी बिना देर किए अपने सारे कपड़े उतार दिए, मैंने देखा कि उसकी दोनों ऑंखें अब भी बंद ही थी और उसने मेरा आठ इंच का लंबा मोटा लंड भी तक नहीं देखा था। फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसकी चूत की पंखुड़ियो पर तुरंत अपने होंठ रख दिए, जिसकी वजह से वो एकदम धीरे से चिल्ला पड़ी आईई ऊह्ह्ह। दोस्तों में अब उसकी गुलाबी रसभरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा था और उसको और भी ज्यादा मदहोश करने लगा था और अब उसके मुँह से बड़ी अजीब सी आवाज़े आ रही थी। अब में उसको चोदना चाहता था, लेकिन पहले कभी सेक्स ना करने की वजह से मुझे ज्यादा कुछ उसके बारे में पता नहीं था।
फिर में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया और मैंने अपने लंड का अगला हिस्सा उसकी खुली चूत के मुँह पर रख दिया, तभी अचानक से उसने अपनी आँख खोली। अब वो मेरा लंड देखकर डर गयी और वो मुझसे कहने लगी कि यह अंदर नहीं जाएगा। फिर मैंने उससे कहा कि अगर यह अंदर नहीं गया तो मजा भी नहीं आएगा उसके बिना यह सब काम अधूरा ही रह जाएगा। अब वो कहने लगी हाँ ठीक है, लेकिन तुम इस बात का भी ध्यान रखना इसकी वजह से मुझे बड़ा तेज दर्द होने वाला है इसलिए तुम इसको धीरे से ही अंदर डालना, ज्यादा जल्दबाजी मत करना। फिर जब में अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डालने लगा, तब वो अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत अब तक वर्जिन थी इसलिए वो बहुत टाईट और में भी उस समय बहुत जोश में था इसलिए मुझे पता था कि उसकी चूत में लंड डालते ही खून जरुर आएगा। फिर इसलिए मैंने पहले से ही एक फटा पुराना कपड़ा उसके कूल्हों के नीचे रखने के लिए ढूँढ लिया था। फिर मैंने अपने लंड पर बहुत सारा सरसों का तेल लगाकर अपने लंड को बहुत चिकना कर लिया और अब थोड़ा सा तेल मैंने उसकी चूत पर भी लगाकर उसको भी चिकना कर दिया।
अब मैंने धीरे से अपने लंड को दोबारा उसकी चूत के उस छोटे से छेद पर रखकर एक धक्का मार दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत में मेरे लंड का टोपा अंदर चला गया और बस इतने में ही वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी ऊईईईईई माँ में मर गई ऊउईईईईई मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है। तभी मैंने तुरंत ही उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर उसकी आवाज को अंदर ही दबा दिया और फिर धीरे से मैंने एक और धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से वो तो एकदम तड़प उठी और मेरी नंगी पीठ पर उसने अपने दोनों हाथों के नाखूनों को चुभो दिया और उस दर्द की वजह से उसकी आँखों में आँसू आ गये। दोस्तों वो चिल्लाना चीखना चाहती थी, लेकिन मैंने उसके होंठ नहीं छोड़े और में ऐसे ही कुछ देर उसके ऊपर बिना धक्के दिए लेटा रहा और वो कुछ देर बाद थोड़ी सी शांत हो गई। अब में उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके बदन को अपने हाथ से सहलाने भी लगा था, जिसकी वजह से उसको अब कुछ अच्छा महसूस होने लगा था और इसी बीच मैंने सही मौका देखकर एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया। अब वो दोबारा से चीखना चाहती थी, लेकिन ऐसा कर ना सकी और अब में उसके बूब्स को पागलों की तरह लगातार चूसने और उसके पूरे बदन को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से उसको उस दर्द का एहसास ज्यादा ना हो।
फिर कुछ देर बाद जब वो शांत होने लगी तब मैंने उसको धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब वो थोड़ा सा अच्छा महसूस कर रही थी और करीब 10-15 धक्के देने के बाद अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर थोड़ी ही देर के बाद उसके शरीर में एक अजीब सी हरकत हुई और मुझे उसने कसकर अपनी छाती से लगा लिया और फिर उसके बाद वो एकदम से शांत हो गई। अब में तुरंत समझ गया कि वो झड़ चुकी है उसके माथे से पसीना बहने लगा था वो एकदम ठंडी होकर वैसे ही पड़ी रही जैसे उसके शरीर में अब बिल्कुल भी जान नहीं है। फिर करीब दो मिनट लगातार धक्के देने के बाद में भी झड़ गया और में अपने लंड को उसकी चूत के अंदर ही डाले हुए उसके ऊपर लेट गया। अब मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी थी और में यह सब कुछ देखकर मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मेरा पहला सेक्स अनुभव बहुत अच्छा रहा। फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठकर बाथरूम में एक साथ नहाने चले गये और हम दोनों नहाकर बाहर आए और हम दोनों बड़े खुश थे हमारे उस पहले सेक्स अनुभव की वजह से। फिर उसके बाद वो अपने घर पर जाते समय बाहर फेंकने के लिए वो पुराना कपड़ा जो चुदाई की वजह से निकले खून की वजह से लथपथ था उसको अपने साथ ही ले गयी और उसने अपने घर जाते समय उसको भी कहीं बाहर फेंक दिया। दोस्तों यह थी मेरी एकदम सच्ची कहानी आप सभी को यह कैसी लगी में नहीं बता सकता, लेकिन मुझे वो चुदाई करके बड़ा मस्त मज़ा आया ।।
धन्यवाद …

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Saturday 16 December 2017

Pados Ki Badi Gand wali aunty ki mast chudai - Hindi Sex Story

हेलो दोस्तो, मेरा नाम रंजीत सिंह है, मैं
पटना (बिहार) का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 25 साल
है।
मैं
आर्मी की तैयारी करता हूँ।
आप समझ गए होंगे कि मैं कैसा हूँ।
मैं अपनी एक
सच्ची आपबीती आप सब
को बता रहा हूँ, बात 5 साल पहले शुरु हुई थी।
मेरे पड़ोस मैं एक आंटी है उनका नाम
रीना है, क्या कमाल की माल है।
एकदम गोरी,लम्बाई 5 फुट 10 इंच,फिगर
तो पूछो ही मत।
चूची इतनी बड़ी कि पकड़
मैं नहीं आये।
चूतड़ बड़े बड़े कि देखकर मुंह में पानी आ जाए…
जब चलती है तब लगता है कि तूफान आ जाएगा।
उनका बड़ा लड़का मेरे से दो साल छोटा है।
मगर आज भी देखो तो लगती है
कि 3O साल की है।
शुरु शुरु में मैं जब उनके घर
जाता तो उनको देखता ही रह जाता।
तब मैं उनके घर सुबह में जाने लगा जब वह
नहा रही होती थी।
उनका भीगा और आधा नंगा जिस्म देखकर मेरे मुंह
और लंड दोनों में पानी आ जाता था।
चूची पर निप्पल ऐसा लगता था कि मानो चाँद पर दाग,
मैं छुप छुप कर उनको देखता था।
वो सिर्फ ब्रा और कछिया पहनकर नहाती और
उसके बाद पूरी नंगी होकर
चूची और चूत पर मालिश करती।
यह देख मैं मुठ मारने लगता।
जिस कारण मुझे मुठ मारने की आदत पड़ गई।
मैं हमेशा उनके बारे में सोचता था और मेरा माल गिर
जाता था जिसके कारण मैं रंडियों के पास
कभी कभी जाता था।
गर्मी के मौसम में वो ब्लाउज और
पेटीकोट में
ही रहती थी और ब्लाउज
के ऊपर के दो हुक खुले रहते थे और ब्रा बहुत
ही कसा हुआ जिस कारण
उनकी चूची लगता था कि ब्लाउज और
ब्रा फाड़कर बाहर निकल जायेगी।
और पेटीकोट पतला होने के कारण
कभी कभी लाइट में
उनकी चूत पर छोटे छोटे झांट और
गोरी गोरी जांघें दिखाई
देती थी।
एक बार मैं उनके घर दिन में गया, गर्मी बहुत
थी जिस कारण वे सिर्फ पेटीकोट
पहनी हुई थी, ऊपर कर के, जिस
कारण
उनकी आधी चूची और
आधी जांघ दिख रही था, एकदम
गोरी गोरी !
और वे बैठ कर पंखा झल रही थी।
थोड़ी देर में लाइट आ गई वो पलंग पर लेट गई और
मैं वहीं पर टीवी देखने
लगा।
थोड़ा समय बाद एकएक मेरी नजर उन पर
पड़ी, मैंने देखा कि वे सो गई थी और
पंखा चलने के कारण उनका पेटीकोट ऊपर उठ
गया था जिस कारण उनकी चूत साफ साफ दिख
रही थी, एकदम
पावरोटी जैसी फ़ूली हुई लाल
लाल, एक्दम सफ़ाचट जैसे उन्होंने आज ही झाँट
साफ की हों।
यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे मन
किया कि अभी इनकी चुदाई कर दूं लेकिन
डर भी रहा था।
मैं तुरंत उठा और उनके बाथरुम में जाकर मूठ मारने लगा।
उनकी ब्रा और कछिया वहीं पर
पड़ी हुई थी जिसको उठा कर मैं चूमने
लगा उसमें से परफ्यूम की महक आ
रही थी।
मैंने अपने लंड का सारा माल उनके ब्रा और कछिया पर
गिरा दिया और वापस आ कर टीवी देखने
लगा।
अब यह मेरा रोज का काम हो गया था।
कुछ दिन पहले की बात है उन्होंने मुझे बुलाया और
कहा कि आज रात को तुम मेरे घर पर रह जाना,
यहीं सो जाना, हम सभी एक
पार्टी में जा रहे हैं।
मैंने उनकी बात मान ली और रात में
उनके घर चला आया।
अभी वे तैयार हो रही थी,
मैं चुपचाप उनके घर में घुस गया।
उनके रूम का दरवाजा बंद था, दरवाजे में एक छेद था।
मैंने झांककर देखा तो वो बिल्कुल
नंगी थी।
मैं देख कर पागल हो रहा था। वो अपने शरीर पर
मालिश कर
रही थी कभी अपने
चूची को मलती तो कभी अपनी चूत
में उँगली डालकर
हिला रही थी और सिसकारियाँ भर
रही थी।
यह देख कर मेरा माल अपने आप गिर गया, मगर
वो अभी उंगली कर
रही थी।
थोड़ी देर बाद वो भी झड़ गई।
उसके बाद उन्होंने अपनी चूत को पोंछा और कपड़े
पहनने लगी।
मैं वहाँ से हट गया।
थोड़ी देर बाद वो तैयार होकर रूम से
निकली।
गजब की कामुक लग
रही थी। गुलाबी रंग
की साड़ी और ब्लाउज उजले रंग
की ब्रा बिल्कुल कसी हुई, जिस कारण
उनकी चूची बाहर
निकली हुई थी,
साड़ी का पल्लू थोड़ा हटा हुआ जिससे
गोरी और बड़ी चूची के
दर्शन हो रहे थे।
मन किया कि पकड़कर दांत से काट लूं।
उनकी इस अदा को देखकर अपने से
किसी का भी माल गिर जाए।
सेक्सी अदा से उन्होंने मुझसे कहा-
तुम्हारा गला सूख रहा है पानी दूं क्या।
मैंने कहा- हां…
उन्होंने मुझको पानी दिया पीने के लिये
और वो पार्टी में चली गई, घर में बाहर
से लॉक लगा के।
मैं भी सो गया। मुझे बहुत
गहरी नींद आ
रही थी।
रात में मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है।
मैंने धीरे से आँख खोलकर देखा तो वह
आंटी थी।
मैं तो दंग रह गया और मस्त भी था, मैं चुपचाप
लेटा रहा।
आंटी ने मेरी पैंट उतार
दी और मेरे लंड को लेकर चूमने लगी।
उसके बाद उन्होंने अपना साड़ी, ब्लाउज और
ब्रा उतारी और
अपनी दोनों चूची के बीच में
मेरा लंड रख कर हिलाने लगी।
मेरा लंड एकदम खड़ा और मोटा हो गया था कुछ देर बाद उन्होंने
अपना पेटीकोट और कछिया उतार दी।
वो अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।
उसके बाद उन्होंने मेरे लंड में कण्डोम पहनाया और
मेरी जांघ पर बैठ कर अपनी चूत में
मेरा लंड डालने लगी।
मैंने धीरे से आँख खोलकर
देखा उनकी चूची उछाल मार
रही थी मानो जैसे कोई फुटबाल खेल
रहा हो।
लगभग 20 मिनट बाद मैं झड़ गया।
उन्होंने मेरे लंड से कन्डोम निकाला लंड को मुँह में डाल कर
चूमने लगी।
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़
रहे हैं !
उसके बाद आंटी उठी और अपने कपड़े
लेकर अपने रूम में चली गई।
उसके बाद मुझे नींद नहीं आ
रही थी।
मैं आंटी के रूम में
गया तो देखा कि आंटी नंगी लेटी हुई
हैं, यह देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैं आंटी के पास गया और
उनकी चूची को सहलाने
लगा तो उनकी नींद खुल गई और
उठकर बैठ गई।
वो गुस्सा करते हुए अपने चूची और चूत को हाथ
से ढकते हुए बोली- ऐ, क्या कर रहे हो?
मैं- वही जो कुछ देर पहले आप मेरे साथ कर
रही थी।
आंटी- मैंने क्या किया?
मैं- मेरे पानी में नींद
की दवा डालकर पिला दिया घर में कोई
नहीं था, मुझे जल्दी नींद
लग गई, जब मुझे हल्का होश आया तो देखा कि आप
पूरी नंगी होकर मेरे लंड
को अपनी चूत में डाल रही हैं और
मस्ती कर रही हैं।
आंटी- ओह तो तुम जाग गये थे।
मैं- हाँ,और मैं मजा ले रहा था, अब
मेरी बारी है।
और उनके हाथ को हटा कर
उनकी चूची और चूत को सहलाने लगा।
उनकी नाभि लगभग दो इंच
गहरी थी, मैं उसे चूमने लगा, फ़िर
किचन में जाकर थोड़ी सी दूध
की मलाई लाया और उनके नंगे शरीर पर
लगाकर चाटने लगा।
और आंटी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने
लगी और बोली- मेरी चूत
को चाटो !
मैं उनकी चूत को चाटने लगा, बड़ा मजा आ रहा था,
आंटी बोल रही थी- तुम्हारे
अंकल तो हमेशा काम से बाहर ही रहते हैं जिस
कारण मेरी प्यास
पूरी नहीं होती… आज तुम
ही मेरी प्यास बुझाओ।
मैं उनको चाट रहा था उनके मुँह से सिसकारी निकल
रही थी, वो बोल
रही थीं-
जल्दी मेरी चुदाई करो, मुझसे बर्दाश्त
नहीं हो रहा है।
लगभग बीस मिनट बाद मैंने उनसे एक कन्डोम
माँगा तो वो बोली- मुझे बिना कन्डोम के
ही चोदो।
मैं पलंग पर चढ़ गया और
अपनी उंगली उनकी चूत में
डालकर हिलाने लगा तो आंटी बोली-
उंगली से नहीं लंड से चोदो…
तो मैं अपना लंड उनकी चूत में डालकर चुदाई करने
लगा और अपने हाथों से
उनकी चूची को मसलने लगा।
आंटी बोली- और कस के चोदो !
मैं और जोर से चुदाई करने लगा, कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था,
मैंने आंटी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो आंटी बोली- मेरी चूत में
ही झड़ जाओ, मैंने ऑपरेशन करा लिया है।
दो मिनट बाद मैं झड़ गया और
आंटी भी झड़ गई थी।
कुछ देर हम दोनों चिपके रहे, फिर हम दोनों नंगे
ही सो गए।
सुबह जब मैं जगा तो आंटी घर
की सफाई कर
रही थी सिर्फ ब्रा और
कछिया पहनकर यह देख मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।
मैं जाकर
आंटी की चूची को सहलाने
लगा।
आंटी बोली- फिर से चुदाई करने का मन
है?
मैंने कहा- अंकल की कमी मैं
पूरी कर दूंगा।
फिर हम दोनों बाथरुम में गए, आंटी मुझे और मैं
आंटी को नहलाने लगा,
उनकी गोरी गोरी चूत
चूची और चूतड़ में साबुन लगाकर मलने लगा, फिर
मैंने फर्श पर लिटा कर उनकी चुदाई
की।
जब मैं झड़ गया तो उसके बाद हम दोनों नहा कर बाहर आ
गए।
फिर मैंने आंटी को कपड़े पहनाए, उसके बाद साथ में
नाश्ता किया और अपने घर चला गया।
अगले दिन मैंने उनको एक पारदर्शी ब्रा और
कछिया गुलाबी रंग का लाकर दिया।
वो मस्त हो गई और तुरंत मुझे पहन कर दिखाया, गजब
की कमायत लग रही थी।
मैंने फिर उनकी चुदाई की मजा आ
गया बहुत ही कसी हुई चूत है
उनकी…
अब भी कभी कभी अंकल
और उनके लड़के के नहीं रहने पर मैं
उनकी और अपनी प्यास बुझाता हूँ।
तो दोस्तो,
मेरी आत्मकथा कैसी लगी जरूर
बताना!
amitbth1990@rediffmail.com

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Friday 17 November 2017

Sunday 12 November 2017

पड़ोसन आंटी और उनकी सहेली की मस्त नंगी चूत गांड चुदाई - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

दोस्तो.. मेरा नाम सुमित है और मैं आगरा से हूँ। मैं एक बार फिर से एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया उसके लिए आप सभी का शुक्रिया।
मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं वो बहुत सेक्सी और खूबसूरत हैं.. उनका नाम दीप्ति है। आंटी की एक सहेली पूजा भी हैं.. वो थोड़ी कम सेक्सी हैं पर फिगर उनका भी बहुत मस्त है। मैं आंटी को छुप-छुप कर देखता था। मैं करीब 20 लड़कियों को नंगी देख चुका हूँ।
एक दिन आंटी ने मुझे घर बुलाया, मैंने वहाँ देखा कि आंटी की सहेली भी उनके साथ बैठी हैं।
मैं उनकी सहेली को उधर देख कर आंटी से बोला- मैं बाद में आता हूँ।
आंटी कहने लगीं- अरे बैठो.. मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी।
आंटी हल्ले से मुस्कराई.. फिर बातें होने लगीं।
ऐसे ही आंटी की सहेली ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मना कर दिया।
तब तक आंटी चाय बना कर ले आईं।
हम लोग चाय पी रहे थे। अचानक आंटी की सहेली मेरे करीब में आ कर बैठ गईं, वो कभी अपना हाथ मेरे सर पर फिरातीं.. कभी टाँगों पर!
मुझे चाय पीने के बाद कुछ अजीब सा लग रहा था। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मेरे पैंट में उभार बनते देख कर आंटी मुस्करा रही थीं।
तभी आंटी की सहेली पूजा मेरे लंड को देखकर हँस पड़ी, वो कहने लगीं- यह क्या है?
मेरा लंड खड़ा था।
पूजा आंटी सहलाने लगीं और मुझे बहुत जबरदस्त किस करने लगीं। उधर दीप्ति आंटी भी मेरे पास आ गईं। अब दोनों आंटियों ने मुझे नंगा कर दिया और मुझे चूमने लगीं। मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं।
तभी पूजा आंटी मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और लंड को चूसने लगीं।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
दीप्ति आंटी अपने कपड़े उतारने लगीं। यार… आंटी क्या कयामत माल लग रही थीं।
फिर पूजा आंटी भी कपड़े उतारने लगीं।
वो थोड़ी कम सेक्सी थीं.. पर दोनों को नंगी देख कर मजा आ रहा था।
मैंने दीप्ति आंटी को किस किया, साथ ही मैं उनकी चूचियों को भी दबा रहा था। उनके मुँह से काफ़ी तेज़ आवाजें आ रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
वो एकदम गर्म हो गई थीं और मेरा लंड पकड़ कर बड़ी जंगली तरीके से चूसने लगीं।
कुछ मिनट लंड चूसने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैं पूजा आंटी के मुँह में झड़ गया। दोनों नंगी आंटियों ने मेरा रस पी लिया।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैं दीप्ति आंटी को किस कर रहा था और उनके चूतड़ों को मसल रहा था। मैं अब जोश में आ गया था। मैंने आंटी को लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा।
आंटी बहुत गर्म हो गई थीं, वो कह रही थीं- आह्ह.. कुछ करो मेरे राजा.. मुझे चोद दो।
मैंने अपना लंड हाथ में लिया और आंटी की नंगी चूत पर रख दिया। धक्का मारते लंड चूत से फिसल गया।
पूजा आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और रगड़ने लगीं, वो कहने लगीं- अब नहीं रहा जाता.. लंड पेल दो अन्दर.. लंड के लिए बहुत दिनों से प्यासी हूँ।
उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था।फिर मैंने उनकी चूत पर अपना थूक लगाया और कुछ थूक लंड पर मल लिया।
अब चूत की फांकों को फैला कर सुपारा फंसा दिया और धीरे से एक धक्का लगा दिया। मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया। आंटी के आंसू आ गए, वो बहुत चिल्लाने लगी थीं- उहहहह.. मर गई..
मैं बिना कुछ सुने लंड डाले जा रहा था। इधर पूजा आंटी मेरे लंड को पीछे से चाट रही थीं। वो कभी मेरी गांड में उंगली करतीं.. तो कभी मेरी गांड चाटतीं।
मैं दीप्ति आंटी को चोद रहा था और किस कर रहा था। थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं- और ज़ोर से चोद दे मेरे राजा।
मैं जोश में आ गया और दीप्ति आंटी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा ‘अहह.. चोद दो.. आह्ह..’
उनकी आवाजें कमरे को भी गर्म कर रही थीं, चूत चुदाई की आवाजों से भी पूरा कमरा रोमांटिक हो गया था।
दीप्ति आंटी जल्दी ही एक बार झड़ चुकी थीं। फिर मैंने उनकी चूचियों को चूसा और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गईं, वो कहने लगीं- और ज़ोर से चोद..
तो मैं भी जोश में आ गया और लगातार आंटी की चूत में झटके देने लगा।
कुछ मिनट बाद वो दूसरी बार झड़ चुकी थीं, अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूं?
इतने पूजा आंटी ने कहा- मेरे मुँह में लंड देना।
मैंने लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया। वो काफ़ी तेजी से लंड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी पूजा आंटी के मुँह में निकल गया।
मैंने जैसे ही उनके मुँह से लंड निकाला.. तो दोनों आंटियां रंडी की तरह एक-दूसरे के मुँह को चाट रही थीं।
फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं सोचने लगा कि आज तो पक्का इन दोनों ने मेरी चाय में कोई कामोत्तेजक दवा मिला दी है।
मैंने सोचा अब दवा अन्दर चली ही गई है तो इन दोनों को भी भरपूर चोद कर ही दम लूँगा। मेरा लंड एकदम पत्थर के सामान हार्ड हो गया था।
अब पूजा आंटी को चोदा, पूजा आंटी की चूत दीप्ति आंटी से और ज्यादा टाइट थी, पूजा आंटी की चूत में लंड नहीं जा रहा था। तब दीप्ति आंटी ने उनकी चूत पर थोड़ा तेल लगाया। तब जाके कहीं लंड चूत में गया।
पूजा आंटी दर्द से ‘अहह.. उहह..’ करके चिल्ला रही थीं, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, उनकी चूत से खून भी निकल रहा था।
फिर मैं थोड़ा रूका और उनके ऊपर लेटा रहा, उनके होंठों को और मम्मों को चूसता रहा, थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ।
अब मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरु कर दिए, वो भी अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई का मजा ले रही थीं। मैं काफी देर तक लगातार चुदाई करता रहा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने फिर पूछा- कहाँ निकालूं?
तो उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.. मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना है।
मैंने माल आंटी की चूत के अन्दर ही छोड़ दिया, कुछ देर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा।
बाद में मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गया। मैं लेटा हुआ था.. तभी पूजा आंटी उठीं और मेरे मुँह के पास अपनी चूत ले आईं।
मुझसे कहने लगीं- चूत चटवानी है।
मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगीं- मादरचोद चाट.. मेरी चूत खा जा भोसड़ी के!मैं उनकी चूत चाटता रहा, फिर वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं।
कुछ देर आराम करने के बाद मुझे उनकी गांड मारने इच्छा हुई, मैंने पूजा आंटी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है।
पहले उन्होंने मना किया.. फिर कुछ देर बाद वो मान गईं और मुझसे कुत्ते की तरह अपनी गांड चटवाने लगीं।
मैंने पहले दीप्ति आंटी की गांड को मारना चाहा, वो मना कर रही थीं- नहीं बहुत दर्द होगा।
फिर वो मेरे कहने पर मान गईं।
मैं उनकी गांड पर अपना लंड रखा और बहुत सा थूक लगाया, फिर धीरे से झटका मारा।
आंटी चिल्लाईं- मार डाला.. बहुत दर्द हो रहा है.. निकाल लो.. उई मम्मी.. मर गई।
मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो आंटी की गांड में लंड डाले जा रहा था।
फिर जब उन्हें थोड़ा आराम हुआ तो वो मेरे ऊपर आ गईं और उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगीं। उधर पूजा आंटी मुझे किस कर रही थीं।
कुछ देर बाद दीप्ति आंटी के झड़ने के बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने सारा रस आंटी की गांड में डाल दिया। मेरा लंड अन्दर तक घुसा हुआ था। उसमें आंटी की पॉटी लग गई थी।
कुछ देर आराम हुआ.. फिर दीप्ति आंटी ने पूजा आंटी की गांड साफ की। मैंने पूजा आंटी की गांड पर अपना लंड लगा कर एक झटका मारा, मेरा आधा लंड पूजा आंटी की गांड में घुस गया, वो भी चिल्लाने लगीं- निकालो इस मूसल को मेरी गांड से.. मैं मर जाऊँगी।
मैं थोड़ी देर रुका रहा, वो नॉर्मल हो गईं, फिर मैंने जोर का झटका लगाया, वो बिस्तर पर गिर गईं और उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उनकी गांड मारने लगा। थोड़ी देर बाद उनको मजा आने लगा और वो चूतड़ों को उठा कर गांड चुदवाने लगीं।
इस तरह मैं उनको चोदता रहा और काफ़ी टाइम बाद उनकी गांड में ही झड़ गया।
मैंने उस रात कई बार चूत गांड मारी.. मुझे बहुत मजा आया, उस रात हम तीनों ने खूब मजे लिए।
मैं काफ़ी थक चुका था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. मुझे मेल करते रहना।
sexylund1122@gmail.com
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साली की चुदाई करके बीवी को पड़ोसी से चुदवाया-2 - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

अब उसके बाद मनस्वी और माधुरी की फोन पर रोज ही बातें होने लगी। पंखुड़ी को कुछ अंदाज नहीं था। मनस्वी आगरा रहता था और माधुरी दिल्ली, दोनों ही तड़फ रहे थे।
अगले महीने माधुरी ने मनस्वी को बताया कि मोहित दो दिन के लिए चेन्नई जा रहा है। वो चाहती थी कि मनस्वी दिल्ली आ जाये पर मनस्वी अपना ऑफिस छोड़ कर जा नहीं सकता था, तो क्या करे!
मनस्वी ने एक ड्रामा बनाया, उसने पंखुड़ी को कहा कि उसे दिल्ली एक पार्टी से मिलना है इसलिए वो शाम को ऑफिस जल्दी बंद कर के 5 बजे दिल्ली जायेगा और रात को ही वापस आ जायेगा, अगर लेट हो गया तो होटल में रुक कर सुबह जल्दी आ जायेगा।
पंखुड़ी ने यह बात माधुरी को फोन पर बताई कि परसों तेरे जीजू दिल्ली आयेंगे पर शाम को ही आयेंगे और रात को ही वापस आ जायेंगे।
इस पर दिखावा करते हुए माधुरी नाराज हुई कि जीजू से कहना रात को मेरे पास रुकेंगे और सुबह चले जायेंगे।
माधुरी ने पंखुड़ी को यह नहीं बताया कि उस दिन मोहित भी नहीं होगा।
अब अपने प्लान से मनस्वी रात को 8 बजे दिल्ली पहुँच गया, माधुरी उसे बाहर ही मिली। क्या ग़ज़ब ढा रही थी माधुरी आज… उसने स्कर्ट और टाइट टॉप पहना था जिसमें उसके मम्मे बाहर आने को बेताब थे। हाई हील और ऑरेंज नेल पेंट में सजी वो कॉलेज गर्ल का लुक दे रही थी।
दोनों ने एक रेस्तराँ में खाना खाया और घूम फिर कर 10 बजे तक घर पहुंचे।
बीच में एक बार माधुरी ने पंखुड़ी को फोन करके पूछा कि मनस्वी कब तक आएगा और वो जरूर उसके घर ही ठहरे।
पंखुड़ी ने जब मनस्वी से पूछा कि वो कहाँ है तब मनस्वी ने कह दिया कि होटल में क्लाइंट के साथ हूँ, देखता हूँ कहाँ ठहरूंगा क्योंकि अब रात को तो आना संभव नहीं है।
इस पर पंखुड़ी ने मनस्वी से कहा- माधुरी के घर ही चले जाना, वर्ना वो बुरा मानेगी!
खैर दोनों लैला मजनूं घर पहुंचे और दरवाजा बंद होते ही चिपट गए। माधुरी तो मानों मनस्वी को खा जाना चाहती थी, दोनों के जिस्म से कपड़े उतरते चले गए और बेताबी इतनी कि बेडरूम तक जाने की भी जरूरत नहीं समझी और लॉबी में ही कपड़ों को अलविदा कह दिया गया, वहीं पड़ी सेट्टी पर दोनों गुत्थम गुत्था हो गए।
मनस्वी मजबूत कद काठी का था और माधुरी पतली… मनस्वी ने माधुरी को जांघों से उठा लिया और नीचे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया।
माधुरी को यह स्टाइल बहुत पसंद आया, उसने भी अपनी बाहें मनस्वी के गले में डाल दी और चुदाई का मजा लेने लगी। उसने मनस्वी के कान में फुसफुसा कर कहा- जीजू, चलो बेडरूम में..
मनस्वी ने उसे नीचे उतार दिया और बेड रूम की ओर चल दिए।
माधुरी ने मनस्वी को बेड पर धक्का दिया और उसका मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया, वो पागलों की तरह लंड को ऐसे चूस रही थी कि मानो लोलीपॉप हो।
मनस्वी छटपटा रहा था, उसने माधुरी को नीचे किया और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी। माधुरी की चूत तो बहुत गीली हो रही थी। अब मनस्वी को भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने माधुरी की टांगों को ऊपर करके चौड़ा किया और अपने कंधे पर रख कर अपना लंड एक ही झटके नें अंदर पेल दिया।
अब तो माधुरी चीखने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया जीजू.. तुम कहाँ थे अब तक.. आज मेरी चूत तो फाड़ ही डालोगे.. और जोर से करो ना जीजू…
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मनस्वी की स्पीड राजधानी मेल से कम नहीं थी.. उसने एक जोर का धक्का लगते ही सारा माल माधुरी की चूत में ही भर दिया और अपना लंड माधुरी के मुँह में कर दिया।
माधुरी को एकबारगी तो ख़राब सा लगा पर उसने फटाफट मनस्वी का लंड चाट कर साफ़ कर दिया।
मनस्वी निढाल होकर बेड पर पड गया.. दोनों नंगे ही चिपट कर सो गए।
रात को 3 बजे मनस्वी की आँख खुली, माधुरी उसका लंड चूस रही थी.. मनस्वी को जगा देखकर माधुरी उसके ऊपर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और फुदक फुदक कर मनस्वी को चोदने लगी।
अब तक मनस्वी की भी नींद उड़ चुकी थी, उसने नीचे से धक्के देने शुरू कर दिए। सुबह के सेक्स का मजा कुछ और ही होता है। अब मनस्वी ने माधुरी को नीचे पलटा और घोड़ी बना कर उसकी गांड में लंड पेलना चाहा तो माधुरी दर्द से कराह गई, तो मनस्वी ने उसकी चूत में ही पेल दिया और आगे झुक कर उसके मम्मे मसलने लगा।
उसका लंड छूटने का नाम ही नहीं ले रहा था।
अब उसने माधुरी को नीचे लिटाया और उसकी टांगें ऊपर कर के पिलाई जोर से करनी शुरू की। अब दोनों हांफ रहे थे, एक झटके में ही मनस्वी ने अपना माल माधुरी की चूत और उसके मम्मों पर छोड़ दिया। माधुरी ने अपने मम्मे उसके वीर्य से मालिश की और अपनी उंगलियाँ चाट ली।
मनस्वी ने वाशरूम से टॉवल लाकर माधुरी का पेट और अपना लंड पौंछा और एक नींद लेने के लिए लेट गया।
सुबह दोनों साथ नहाये और नाश्ता करके मनस्वी 8 बजे तक निकल लिया।
जीजा साली की चूत चुदाई की कहानी अगले भाग में क्या र
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साली की चुदाई करके बीवी को पड़ोसी से चुदवाया-1 - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

दोस्तो… कैसी लग रही हैं आपको मेरी कहानियां…
आज की कहानी एकदम अलग परिस्थितियों की कहानी है… माधुरी और पंखुड़ी दोनों बहनें हैं, पंखुड़ी बड़ी और माधुरी उससे एक साल छोटी… दोनों की शादी हो चुकी है।
पंखुड़ी के पति मनस्वी का व्यापार है और अच्छा पैसा कमाता है… इसके साथ ही वो बहुत रंगीला भी है। पंखुड़ी के कपड़ों और अन्य चीजों के लिए उसकी ओर से कोई मनाही नहीं है।
पर पंखुड़ी का स्वभाव उसके उलट बिल्कुल शांत और गम्भीर है, वो बेड पर मनस्वी को मना तो नहीं करती, मजा भी पूरा देती है पर पहल नहीं करती, उसे उकसाना पड़ता है।
उधर माधुरी बहुत नटखट और शौक़ीन है, वो हर नई चीज़ का आनन्द लेना चाहती है, चाहे वो सही हो या गलत!
उसका पति मोहित एम्बेसी में है और अक्सर एक एक महीने के लिए विदेश चला जाता है। पैसे की उन्हें भी कमी नहीं है पर माधुरी बहुत खर्चीली है अतः मोहित ने उसका पॉकेट मनी बाँध रखा है कि उसे उतने में ही अपनी निजी शौक पूरे करने हैं।
अब माधुरी के शौक तो असीमित हैं, वो फिक्स रकम से कैसे पूरे हों… तो माधुरी को मदद पंखुड़ी करती रहती है।
दोनों बहनों में बहुत गाढ़ा प्यार और अंडरस्टैंडिंग है।
माधुरी को नाइट सूट का बहुत शौक है, मोहित उसके लिए विदेश से बहुत सेक्सी सूट लाता है और वो उनमें से आधे पंखुड़ी के बहुत मना करने पर भी उसे दे देती है। हालाँकि पंखुड़ी बहुत मन से उन्हें नहीं पहनती पर मनस्वी जबरदस्ती उसे पहनवा देता है।
मनस्वी और माधुरी की भी बहुत छनती है और दोनों के बीच अश्लील मजाक होते रहते हैं जिसका बुरा पंखुड़ी नहीं मानती। मनस्वी को माधुरी के बड़े बड़े मम्मे बहुत भाते हैं और बेड पर उसने पंखुड़ी को कई बार यह कह भी दिया है।
एक दो बार तो हंसी में पंखुड़ी ने भी उससे कह दिया कि तुम माधुरी को रख लो मैं मोहित के साथ रह लेती हूँ.. बात हंसी में खत्म हो जाती।
एक बार पंखुड़ी और माधुरी एक हफ्ते के लिए मायके गईं थीं, मोहित तो विदेश गया हुआ था, पंखुड़ी को वापिस लाने मनस्वी पहुंचा। रात में वो वहीं रुका। कमरे में वो पंखुड़ी का इन्तजार कर रहा था, पर पंखुड़ी और माधुरी अपनी माँ के साथ ही सोने के मूड में थीं…
अब इधर मनस्वी बोर हो रहा था तो पंखुड़ी ने माधुरी से कहा कि मैं तो मम्मी पापा के पास ही सोऊँगी, तू आज जीजू के पास चली जा, गप्पें मार, थोड़ी देर में वो सो जायेंगे तो तू भी यहीं आ जाना या वहीं सो जाना!
माधुरी मनस्वी के रूम में पहुंची तो मनस्वी मुँह फुलाए बैठा था, माधुरी ने जब उसे बताया कि वो उसे कंपनी देगी तो मनस्वी का मूड बढ़िया हो गया। माधुरी मनस्वी के बगल में बैठ गई और रूम का दरवाजा ढुका लिया।
मनस्वी का मोबाइल चालू था, माधुरी ने उठाया तो मनस्वी ने वापिस लेने की कोशिश की, माधुरी समझ गई कि कुछ बदमाशी हो रही थी तो उसने मोबाइल नहीं दिया और देखा तो मनस्वी उसमें ब्लू फिल्म देख रहा था।
माधुरी हंस पड़ी और मनस्वी से चिपट कर बैठ गई और मूवी देखने लगी। दोनों हॉट फील कर रहे थे, इससे पहले कभी ऐसी सिचुएशन बनी भी नहीं थी।
माधुरी ने नाइट सूट पहना था पर ब्रा नहीं थी, उसके निप्पल कड़े हो गए थे और साफ़ नजर आ रहे थे।
मनस्वी का तम्बू भी झंडा ऊंचा किये ही था, उसकी ओर इशारा करके माधुरी हंस पड़ी। मनस्वी झेंप गया, बोला- मुझे नींद आ रही है, मैं सो रहा हूँ।
उसे नहीं मालूम था कि माधुरी भी यहीं लेटेगी।

माधुरी ने लाइट बंद की और बेड में घुस गई मनस्वी के साथ!
दोनों बहुत संभल कर अलग अलग लेटे थे। माधुरी ने करवट बदली और एक हाथ मनस्वी के सीने पर रख दिया। दोनों सोने की कोशिश कर रहे थे।
मनस्वी थका हुआ था तो जल्दी ही सो गया।
रात को लगभग एक बजे मनस्वी की आँख खुली तो माधुरी का हाथ उसकी शॉर्ट्स पर लंड के ऊपर था। वो समझ नहीं पाया कि यह कैसे हो गया, उसने बिना हिले डुले आँख खोली तो देखा माधुरी सोई पड़ी है और उसकी शर्ट का ऊपर के दोनों बटन खुले हैं।
मनस्वी ने हल्के से करवट ली और सोने का नाटक करते हुए अपना हाथ माधुरी के मम्मों पर रख दिया। मनस्वी को 440 वोल्ट का करेंट लगा।जिन मम्मों को वो हमेश छूना चाहता था, आज उसका हाथ उनके इतने पास था। मनस्वी ने महसूस किया कि माधुरी ने उसका लंड ऊपर से पकड़ा हुआ है। अब यह या तो उसका भ्रम था या हकीकत… क्योंकि करवट लेने से माधुरी का हाथ नीचे हो गया था और उसके लंड से दबा हुआ था।
मनस्वी ने अब हिम्मत की और अपने एक हाथ को माधुरी के टॉप के अंदर डालने की कोशश की पर वो कामयाब नहीं हुआ उसके मम्मों तक पहुँचने में!
वो सोच रहा था कि क्या करे, तभी माधुरी ने कसमसा कर करवट बदली और सीध लेटी थी और उसके मम्मे तने हुए थे। Download Our App
साली की चुदाई करके बीवी को पड़ोसी से चुदवाया-1
(Sali Ki Chudai Karke Bivi Ki Padosi Se Chudwaya- Part 1)
सनी वर्मा 2017-03-09 Comments 1665 25155
यह कहानी निम्न शृंखला का एक भाग है:
सनी वर्मा की सभी कहानियाँ
मनस्वी दो मिनट तो शांत पड़ा रहा, फिर उसने एक हाथ धीरे से उसके मम्मों पर रख दिया। जब माधुरी ने कोई हरकत नहीं की तो मनस्वी ने उसके टॉप के अंदर नीचे से हाथ डालना शुरू किया और धीरे धीरे टॉप को ऊपर करके आखिर में उसके हाथों में माधुरी के मम्मे आ ही गए।
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मनस्वी की तो सांस चलने लग गई थी, आज उसका एक सपना साकार हो गया था, पर वो डर भी रहा था, उसने अपना हाथ निकाल लिया और करवट बदल कर आँख बंद कर के लेट गया।
तभी माधुरी का हाथ उसकी कमर से हटा हुआ उसके बरमूडा तक पहुंचा और सीधे अंदर चला गया।
माधुरी ने उसका लंड पकड़ लिया था और वो उसे दबा रही थी।
मनस्वी पलटा.. माधुरी आँख खोल कर उसे देख मुस्कुरा रही थी।
अब माधुरी ने अपना हाथ उसके बरमूडा से निकाल लिया और अपने होंठ मनस्वी के होंठों से चिपका लिए। मनस्वी भी सारी मर्यादा तोड़ अब माधुरी से चिपट गया।
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तभी बाहर कुछ आहट हुई, दोनों अलग होकर चुपचाप लेटे रहे, कमरे का दरवाजा खुला और पंखुड़ी ने आकर लाइट खोली, देखा दोनों सो रहे हैं तो वो लाइट बंद करके मनस्वी के पास आकर लेट गई और अब मनस्वी और माधुरी के सामने की सोने की मजबूरी थी पर माधुरी की चूत ज्यादा ही खुजला रही थी, उसने फिर मनस्वी का लंड पकड़ लिया और फिर धीरे से नीचे खिसक गई और 69 पोजीशन में आकर उसने मनस्वी का लंड मुंह में ले लिया।
मनस्वी ने भी धीरे से अपनी उंगली उसकी चूत में कर दी… वहां तो पहले से ही नदियाँ बह रह रही थी। मनस्वी अब हर हालत में माधुरी को चोदना चाहता था, पर पंखुड़ी का डर था, अगर वो जग जाती तो बहुत कुछ ख़राब हो जाता।
माधुरी फिर सीधे होकर लेट गई और एक बार फिर उसने मनस्वी को चूमा। मनस्वी ने पंखुड़ी को दूसरी तरफ धकेला तो पंखुड़ी नींद में ही करवट दूसरी ओर करके लेट गई।
इधर माधुरी ने अपना लोअर उतार दिया था और टॉप भी ऊंचा कर लिया था। मनस्वी ने उसके मम्मे अपने मुँह में लिए और अपना बरमूडा नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया।
माधुरी ने सीधे धावा उसके लंड पर बोला और उसे पकड़ कर अपनी चूत में कर लिया। अब मनस्वी ने सारी शर्म छोड़ दी, सोचा जो होगा देखा जायेगा और वो पूरे जोर से माधुरी की चूत में घुस गया।
दोनों की सांसें तेज होने लगी, मनस्वी माधुरी के ऊपर चढ़ गया और बिना शोर किये धक्के लगाने लगा। माधुरी के मुँह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उह निकालनी शुरू हो गई जिसे मनस्वी ने उसके होठों से अपने होंठ मिला कर दबाया।
मनस्वी ने जल्दी ही माधुरी की चूत अपने वीर्य से भर दी और धीरे से नीचे उतर आया, माधुरी वाशरूम में भागी, मनस्वी ने अपने बरमूडा से ही अपना लंड पौंछा और चुपचाप पहन कर सो गया।
माधुरी वाशरूम से अपनी मम्मी के कमरे में चली गई और सो गई। सुबह पंखुड़ी उठकर नहाने चली गई, तभी रूम में माधुरी आई और मनस्वी को चूमकर थैंक्स बोल कर हंस कर चली गई।
मनस्वी और पंखुड़ी भी 9 बजे तक वापस चले गए।
जीजा साली की चूत चुदाई की कहानी जारी रहेगी।
enjoysunny6969@gmail.com
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Thursday 9 November 2017

पड़ोसन भाभी की चूत की चुदाई करके बुखार उतारा

मेरा नाम अविनाश है, उम्र 22 वर्ष, कद 6 फीट, रंग ठीक-ठाक है। मैं दिल्ली में रहता हूँ, मैं यहाँ जॉब करता हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है जो एक माह पूर्व मेरे साथ घटी घटना पर आधारित है। यह बिल्कुल सच्ची आपबीती है बस थोड़ा सा मसाला अतिरिक्त डाल दिया है ताकि आप कहानी का सम्पूर्ण लुत्फ़ ले सकें।
मैं एक साल पहले नॉएडा शिफ्ट हुआ, मैं एक किराये के रूम में रहता हूँ, इस घर में कुल 5 कमरे हैं, मेन गेट से अंदर आकर बायीं तरफ मकान मालिक का बेडरूम है और सामने ड्राइंगरूम। बरामदे के बायीं और बाथरूम और दायीं ओर किचन। पीछे को दो और रूम हैं जिसमे से बाएं वाले में मैं रहता हूँ।
भैया आर्मी में हैं, घर पर भाभी और उनकी एक साल की बेटी नमिता रहती है। भैया के माँ बाप गाँव में रहते हैं, कभी कभार साल भर में आते हैं। अभी तक मैंने उनको दो बार यहाँ देखा है।

एक साल पहले मैं यहाँ आया या फिर यूँ कहें कि मेरी किस्मत मुझे यहाँ ले आई।
मैं जब यहाँ आया तब काफी शर्मीला था, लड़कियों से ज्यादा बोलता भी नहीं था।
भाभी कभी कभार हंसी मजाक कर लेती थी और मैं मुस्कुराकर जवाब दे देता था।
गली के बहुत सारे लड़के भाभी के दीवाने थे और मुझसे कहते- साले तू पटाता क्यूँ नहीं भाभी को!
पर तब मैं ना इस बारे में सोचता था और ना ही मुझमें लड़की पटाने की हिम्मत थी।
भाभी दिखने में बहुत खूबसूरत हैं पर थोड़ी मोटी, उनका साइज़ लगभग 34 32 38 होगा। एक बात उनको और खूबसूरत बनाती है, वह है उनका रंग, वे बहुत गोरी हैं।
8 मार्च को मैं शाम को 5 बजे रूम पर आया, मैंने चेंज किया। तभी दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने भाभी थी- अवि क्या मेरे लिये बुखार की दवाई ला दोगे।वह अलसाई सी बोली।

‘ह्म्म्म क्यूँ क्या हुआ?’ मैं तुरंत बोला। हालाँकि मुझे तुरंत अहसास हुआ कि बुखार की दवाई क्यूँ मंगाई जाती है।
‘हल्का बुखार है।’ वह धीरे से बोली।
‘ठीक है, मैं ले आता हूँ।’ मैं बोला।
चेंज करके मैं सीधे बाहर आया, मेडिकल शॉप पर गया और बुखार की दवाई ली, भाभी को देकर मैं सीधे रूम मैं आ गया।
रात 10 बजे फिर से नॉक हुई। मैं ब्लू फिल्म देख रहा था, मैंने तुरंत वीडियो स्टॉप की और दरवाजा खोला तो सामने भाभी थी- क्या प्लीज मेरे सर पर बाम लगा दोगे?
भाभी को सचमुच बुखार था। हालाँकि मेरी नजर उसके नाईट ड्रेस से बाहर निकल रहे बूब्स पर थी।
मैंने तुरंत खुद को सम्भाला और हल्का सा सर हिला दिया।
भाभी ने मेरे मनोभाव पढ़ लिये थे और बाकी सबकुछ मेरी लोअर में बना तम्बू बयाँ कर रहा था।
मैं भाभी के पीछे पीछे उनकी गांड की लचक को निहारते हुए बेडरूम में पहुंचा। भाभी ने मुझे बाम दिया और खुद लेट गई।
मैं हल्के हाथों से उसके माथे पर बाम लगाने लगा।
धीरे-धीरे भाभी की आँखें बंद होने लगी। मैंने उनके सर पर पानी भिगोकर पट्टी रखी और जाने के लिए उठा। तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और थूक निगलकर बोली- प्लीज यहीं सो जाओ ना!
मेरे पूरे बदन में सिरहन सी दौड़ गई, मैं फिर से दीवार से पीठ सटाकर बैठ गया और भाभी की पट्टी बदलने लगा।
थोड़ी देर में मेरी भी आँख लग गई और मैं सो गया।

रात को मैंने अचानक हलचल महसूस की और मेरी नींद खुल गई। मैं नींद में बिस्तर के बीच में आ गया था और भाभी मेरी ओर पीठ करके सोई हुई थी और अपनी गांड को पीछे की ओर धकेलकर मेरे बदन पर दबाव बना रही थी।
मैंने सोचा शायद भाभी नींद में होंगी पर लंड पर काबू पाना मुश्किल था। मेरा लंड पूरा तन गया था पर मैंने खुद पर कंट्रोल किया। अब भाभी थोड़ा आगे खिसक गई और मैं भी सोने की कोशिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा भाभी की सलवार आधी गांड तक खुली हुई थी और उसका एक हाथ उसकी चूत को सहला रहा था। हालाँकि अभी भी वह मेरी तरफ पीठ करके सोई हुई थी।
अब लंड पर काबू करना मुश्किल था, मेरा लंड बहुत गर्म हो गया था, मैं हल्के से भाभी की और खिसका और लंड निकालकर उनकी बड़ी गांड की दो फांकों के बीच रखकर दाई टांग उठाकर उसकी टांग के ऊपर रख दी और सोने का नाटक करने लगा।
एक मिनट तक कुछ नहीं हुआ, फिर मैंने महसूस किया कि भाभी अपनी गांड को पीछे की और उचका कर लंड को आमंत्रित कर रही थी। अब मुझसे रहा नहीं गया और भाभी की गांड को हल्का सा उठाकर लंड को गांड के छेद पर सेट कर एक जोर का धक्का मारा।
भाभी ने अपनी गांड उचका ली और जल्दी से छत की और पीठ करके लेट गई।
मैं उसके ऊपर से जल्दी से चढ़ गया और लंड को गांड से निकलने नहीं दिया।
लंड लगभग एक इंच घुस चुका था। गांड टाइट होने के कारण लंड की चमड़ी पलट गई थी और मेरे लंड में तेज चुभन हो रही थी।
भाभी धीरे से फुसफुसाई- प्लीज, आगे से करो ना!
अब मैं उठा और भाभी को सीधा लिटाया, हालाँकि अभी भी उनकी आँखें बंद थी, सलवार और पैंटी उतार कर एक तरफ कर दी और टांगों के बीच आ गया।
गुलाबी चूत मेरे सामने थी, चूत पर हल्के हल्के बाल थे, मैं अपनी जीभ निकाल कर हल्के हल्के चूत को चाटने लगा।
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भाभी की हल्की हल्की सिसकारियाँ निकलने लगी। भाभी अपने चूतड़ों को हल्का हल्का उछलने लगी और फिर दोनों जांघों से जोर से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और चिल्लाते हुए झरने लगी- आह आसह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहाहाह आअह आय्य्याआ ह्ह्ह आअह्ह!
और फिर शांत हो गई।

पर मेरा काम अभी बाकी था, मैंने लंड को चूत पर सेट किया और हल्के हल्के अंदर डाला। मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था, आधा अंदर जाते ही चूत की गर्मी ने अपना प्रभाव दिखाया और मैं जोर जोर से झड़ने लगा।
यह मेरा पहली बार था, मुझे लगा जैसे मेरे अंदर से सब कुछ निकल गया हो।
हम 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर दस मिनट बाद लंड फिर से तैयार था। मैंने हल्के से लंड को पहले बाहर निकला और फिर एक ही झटके में पूरा लंड चूत में घुसा दिया।
भाभी चिल्ला उठी- आहह आऐई ईईईइ सस्स्याआह आह्ह्ह।
जोर के झटके से भाभी की पाद निकल गई।
मैं भाभी को मुंह पर किस करने लगा और उनके गोल और भारी उरोजों को मसलने लगा। भाभी के मखमली और गुदगुदे बूब्स चूसने लगा।
थोड़ी देर में भाभी अपनी भारी गांड धीरे धीरे उचकाने लगी, मैंने भी हल्के हल्के लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और 2 मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा- आआह ऊउईई म्माआ आआह्ह!
भाभी की हल्की सिसकारियाँ मेरे जोश को दुगुना कर रही थी और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी और भाभी की वो हाहाकारी चुदाई की जिसका उनका बेड आज भी गवाह है जो एक कोने से हल्का टूट गया था।
15 मिनट तक चोदने के बाद मैं झड़ गया और पूरा लावा भाभी की गुफा में समा गया और बाकी मैंने चूत के मुहाने पर छोड़ दिया।
फिर मैं चुपचाप अपने रूम में आकर सो गया।
अब मैं नॉएडा शिफ्ट हो गया हूँ पर भाभी के नाम की आज भी मुठ मारता हूँ।
मेरी हिंदी सेक्सी स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया मुझे जरूर भेजें।
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Mere Baju Wali -Hindi Sex Stories

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(Hi I’m RAHUL(changed)mein moga city se hu aapne meri phale b story padhi hogi meri umar 23 saal hai.mera lund 7” lamba 3” mota hain…..)
Mere baajoo mein ek bhabhi rahti hai uska naam richa hai kya chiz hai wo use koi bhi dekhega to wo aapna land leke uske phiche phice jayega. Ashi gajab ki bala hai.
uski shadi ho kar do saal ho gaye hai ab tak usko koi bhi bacha nahi hai. Richa ka saize 42 30 44 hai mein use dekhata hooto ji karta hai ke usko aabhi esi waqat sula ke chood daloo. Per ayesa moqa kab milea kya pata. Ek din meri kismath kul gayee. Kya hoo ausne muje bajuwale ke lakko kaha wo jo bajuwale sahab hai unko bulalo. Us ladke ne muje kah diya. Mein turant unke ghar gaya.dekha touska pati ghar per nahi tha. Usne kaha ke hamare ghar ke bijali gayi hai to jara dekh lijeye. Meine kaha thik hai bhabhi. Mein miter box ki taraf gaya dekha to mein swich off tha meine swich on kar diya. Aur ligh chloo ho gaee. Bhabhi boli to to kamal ke ho aate hee light chloo kar dee.
Meine kaha ke bhabhi aapto mere se bhi kamlki ho mein swich to band karke rakha tha. Tub babhai boli naraj math hona asal baat ye hai ki mein aapse kahi denose bat karna chathi thi per moqa hi nahi mila. Aur wo mere baju mein aakar batyet gayi. Meri to halth kharab ho gayee. Mera land khada ho gaya tha wo boli Rahul mein aapse bhout dinse ek baath karna chati hookya aap muje chood sakte hoo. Meri to hawa hi nikal gayee. Kya koi aurat kiseko yesa kah sakti hai. Utne mein wo boli kya sooch raheho. Meine kaha kya ye sach kahrahi bahabi.
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bhabhi boli haa. Mein to kush hokar bhabhi per toot pada mein ausko choomna chaloo kiya choomte choomte meine jeebh us ke moomein dal di.woooooooooooo kyaaaaaaaaaa gajab ka test tha. Jase koi sugar khilya ho mein to rukne ka naam hi nahi leraha tha. Aaahista aahista meine unke boobs dabane laga wow kya boob the mein to pagal ho gaya.nichese mera land jo 7ich kahai wo jhatke kane laga. Mein to us ko jaldi jaldi chodna chata thaper achanak wo mere niche bath gaye aaur mera khada land aapne hath mein lekar uper niche karne lagi meri to jaan hi nikal gayee kya mulaya hath the uske haa maja aagaya wo to baas hilarahi thi mein to aasman ki sayar kar rahatha muje laga ke mera ppni nikalne wala hai meine bhabhi se kaha bhabhi bash kaaaaaro mera pani nikalnewala hai. Bhabhi boli rookh jaoo mein tumara paani aapne moomein lena chati hoo. Bash phir kya tha bhabhne jhath se mera land aapne moomein lekar choosne lagi meri to jaan nikalne lagi hooooooooooo babhi kya kar rahi hooo sahmalo mein nikalne wala hoooo. Bhbhi to aur joor joorse land chooos ne lagi aur ek hi zatke mein mera paani toofan mail ki tarah chooot gaya wo nazara yesa thai usi waqt bhabhi ka moo us zatke kesaath uper uth gaya.mera sara paani usne chath chat kar saaf kar diya. Haaaaaaaaaa bhabhi: kya sukhun mila tumara pani pekar dill kush ho gaya.

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Meine kaha bhabhi mein bhi tume aisa hi maza dena chata hoo. Wo boli roka kisne hai. Mein to jahat se utkar niche bayt gaya aur babhi ki sadi autar kar uski chadi ko phadker nikal diya. Bhabhi bolne lagi kya kar rahe ho. Mein ne kaha bhabhi aab muje roko math nahi to mein maar jaooga. Meine jath se bhabhi ke paro mein aakar unke payer failakar unkei choot ko dekha to dekta hi raha kya cooot thi goolabi chooo mein lallal dana chamak rahata mein to unki choot dekkar to pagal ho gaya. Muje raha nahi gaya meine jhook kar bhabhi ki choot ko kisi koote ki tahara chatne laga. Kya kooshbo thi aaha mein to baash chath rahatha aur udaer uske halath to machali jashi ho gayi thi wo tadap rahi aur kah rahi thi kya kar raheho mere to jaan ja rahi hai.lagta tha uske patne kabhi uske choot ko choosa hi nahi. Mein to use jantka maja dena chata tha. Mein bhi pagaloki tahara choos raha tha aur utne mein wo itne joor se jhad gayi ki mera poora moo namkin pani se bhar gaya meine yeta kimti paani jaya nahi kiya sara ka sara pani pee gaya.
Bhabhi yeti kush ho gayi ki muje choomne lagi aur kahne lagi hooooo raja kya choosa hai thumne aaj tak mere pati ne bhi nahi choosa kya choste ho tom mein to sadke jaoo.

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Thodi der baad hum baathroom mein jake naha dhoke wapash bister per aagye phir babhine kaha kya thum muje chodana chate ho. Meine kaha are bhabhi yeta hone ke bad bhi aap muje puch rahi ho.mein to tume her din chodna chata hoo. To yeh baat hai to tum aajse muje bhabhi math kaho richa kaho. Meine kaha ok richa jaan aab to choodayi karte hai kya khyal hai.
Kyo nahi meri jaan. Phir richa ne mera land choosna chalookar diya thodi dermein mera land khada ho gaya. Phir meine aaw dekha na taww shida uske uper chad gaya aur use kiss karne laga aur uske boobs dabane laga choosne laga wo to pagal ho rahi thi aur mera land hath mein lekar khud hai aapne choot pe ragadne lagi. Use to bardast karna bhi mushkil ho raha tha.

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Ho rahul aab der math karo tumara land choot mein dal do warna mein maar jaoongi. Nahi richa rani tum mar nahi sakti ek hai choodaise koi marta hai kya. Nahi raja tumara land itna bada hai ke meri to choot hi phad dalega. Plzzzzzzzzzzzzz aab ghusa do na tumra land.
Mein bhi use tasana chod kar aapna land uski choot ke mooper rakhkar ek hi zatka diya to wo chila uthi aaramse raja meri kya jaan loge kya. Phi meine ahista ahista land ko zatka dene laga use dard ho rahath phir meine uske moo per moo rakha aur kiss karne laga tabhi meine nichese aisha zatka mara ke poora ka poora land uske choot mein sama gaya. Uski chikh mere moo mein hi dab gayi. Phir meine use koi moqa diye bina chodta hi gaya. Kamse kam meine use 30 min. Tak chodta raha. Aur richa ke choot mein hi zad gaya.
Wo to itni khush ho gayi ki abhi wo merese chodti hai kabhi bhi moqa mila mujse choode bina nahi jati.

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