Showing posts with label Aunty. Show all posts
Showing posts with label Aunty. Show all posts

Thursday 18 January 2018

आंटी की डर्टी चुदाई आखों से देखी - Aunty ki dirty chudai aankho se dekhi

आंटी की डर्टी चुदाई आखों से देखी -
 Aunty ki dirty chudai aankho se dekhi


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अली है और मेरी उम्र 24 साल के करीब है। यह मेरी आंटी की सच्ची बड़ी मस्त चुदाई की घटना है, जिसमे मैंने अपनी चुदक्कड़ आंटी को अपने अंकल और उसके एक बड़े पक्के दोस्त के साथ चुदाई के मज़े लेते हुए देखा और वो सब कैसे हुआ अब आप इस कहानी को उसके मज़े ले, जैसे मैंने उस रात को देखकर लिए थे और अभी इस कहानी को लिखते हुए भी सोचकर मेरा लंड खड़ा हो चुका है। दोस्तों मेरी आंटी का नाम नाज़िश है और वो हम सभी घरवालों के साथ ही रहती है और शुरू से ही में उनको देखा करता था, क्योंकि मेरी आंटी दिखने में बहुत सुंदर गोरी थी। दोस्तों मेरे पापा मम्मी नौकरी करते थे इसलिए पूरे दिन घर में मेरी आंटी अकेली रहती थी और मेरे अंकल जिनका नाम अयाज़ है वो और मेरी आंटी दोनों बहुत बार अच्छा मौका देखकर सेक्स किया करते थे और में वो सब चोरीछिपे देखता रहता था। दोस्तों शादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी उनकी अपनी कोई औलाद नहीं थी इसलिए वो मुझे ही अपना बेटा मानते थे। दोस्तों मेरे अंकल की उम्र 40 साल होगी और उनका लंड करीब आठ इंच का था और मेरी आंटी की उम्र करीब 35 साल की होगी, लेकिन इस बढ़ती उम्र ने भी शायद उनकी मस्त जवानी पर कम ही असर डाला था।

दोस्तों इसलिए मेरी आंटी को जो भी देखता वो उनके इस हुस्न को देखकर पागल होकर अपनी ललचाई नजरों से घूरकर देखता रह जाता। दोस्तों मेरी आंटी का वो गोरा गठीला जिस्म बड़े आकार के बूब्स उनके गुलाबी नशीले होंठ रस से भरे गाल मानो खुदा ने उन्हें खुद अपने हाथों से बनाया था। फिर वक़्त के साथ साथ और अंकल की उस बेरहम चुदाई ने इस हसीन जवानी को और भी निखार दिया था। अब आंटी भी अपनी इस मस्तानी जवानी की नुमाइश बड़े शौक़ से करने लगी थी और आंटी के सुंदर गोरे बदन पर उनका झिलमिल सा नन्हा सा गहरे गले का ब्लाउज उनके बड़े आकार के एकदम सुडोल बूब्स को अपने पीछे आधा ही छुपा पाते थे और फिर उनकी गोरी चिकनी पीठ पर तो वो सिर्फ़ उनके रंगीन ब्रा के बेल्ट तक ही खत्म हो जाता था। दोस्तों आंटी उनकी नंगी गोरी बाहों के नीचे के बालों को अक्सर अंकल के रेज़र से साफ करती थी और में कई बार देख चुका था और इस मदहोश जिस्म पर नाभि के नीचे इतना नीचे कि जहाँ से चूत के बालों का सिलसिला शुरू होता है वो द्रश्य उनकी मस्त जवानी को और भी मदहोश बना देता था। दोस्तों जहाँ तक मुझे याद है बचपन से ही इस मस्त नशीले शबाब को मस्ती के हर रूप को में देखता आया हूँ और में जब छोटा था तब आंटी मुझसे कोई भी परदा नहीं करती थी।

दोस्तों ठंड के दिनों में आंटी आँगन में ही नहाती थी, वो बिल्कुल नंगी और उनकी चूत पर एक छोटी सी पेंटी होती थी, जो उनकी बड़ी आकार की चूत के गोरे होंठो को ही छुपा सकती थी। फिर नहाते समय आंटी की गोरी चिकनी पीठ पर उनका हाथ पूरा नहीं पहुँचता तो अंकल जब भी घर पर होते तब वो आंटी की मखमल जैसे गोरे बदन पर साबुन लगाने को काम करते थे। फिर वो बड़ी ही मस्ती से धीरे-धीरे आंटी के गोरे नंगे बदन पर अंकल साबुन रगड़ते और वो उनके बूब्स को भी मसलते और कभी वो आंटी के भीगे बदन को भी अपनी बाहों में जकड़ लेते और फिर धीरे से अंकल का हाथ आंटी की पेंटी के अंदर सरक जाता। अब आंटी शरमाते हुए कहने लगती ऊफ्फ्फ यह सब क्या है? तुम दिनों दिन बड़े ही बेशरम हो रहे हो घर में एक बच्चा भी तो है। फिर अंकल आंटी के पेंटी के अंदर हाथ रगड़ते हुए कहते, अरे मेरी जान अभी वो छोटा है उसे क्या पता यह कौन सा खेल है? अब आंटी सिसकियाँ भरते हुए कहती उूउइईईईईई आह्ह्ह अब बस भी करो, तुम्हारी यह बेसब्री कब खत्म होगी। अब अंकल आंटी के नंगे बदन को दबोचते हुए पेंटी के अंदर अपना हाथ और भी तेज़ी से रगड़ने लगते और कहते तुम्हारे मक्खन जैसे नंगे भीगे बदन को देखकर मेरा मन और भी बेकरार हो जाता है।

फिर आंटी आअहह ससईईईईई प्लीज अब छोड़ भी दो नहीं तो में झड़ जाउंगी और वो कहने लगते ऊओह मेरी जान मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है और उसी समय आंटी के मुहं से अहह अब में झड़ी बस यह इतना सा बाहर निकलता और आंटी अंकल की बाहों में सिमटकर एक पल के लिए एकदम शांत हो जाती। फिर अंकल आंटी के बदन पर साबुन लगाकर उनको नहला देते और जब कभी अंकल घर पर नहीं होते थे तब आंटी मुझसे कहती कि बेटा ज़रा तुम मेरी कमर पर साबुन लगा दो, वहां तक मेरा हाथ ही नहीं पहुँचता। एक दिन साबुन लगाते वक़्त मुझे ध्यान आया कि अंकल जब आंटी की पेंटी के अंदर हाथ डालते है, तब आंटी बहुत खुश हो जाती है। फिर मैंने मन ही मन में सोचा क्यों ना में भी आज आंटी की पेंटी के अंदर हाथ डालकर आंटी को साबुन लगा दूँ हो सकता है कि मेरे ऐसा करने से आंटी खुश हो जाएँगी? अब मैंने साबुन को लगाते हुए अपना एक हाथ आंटी की पेंटी के अंदर सरका दिया। अब उनके मुहं से वो शब्द निकल गए ओउउउइ ऊऊऊओ यह तुम क्या कर रहे हो? तुम तो अपने अंकल की नक़ल कर रहे हो, मेरे बेटे तुम अभी बहुत छोटे हो अपनी आंटी के साथ इस तरह से नहीं करते और आंटी मुस्कुराने लगी। फिर में जैसे जैसे बड़ा होता गया आंटी के जिस्म पर कपड़ा बढ़ता चला गया, पहले तो उनके बड़े आकार के बूब्स पर ब्रा चढ़ गई।

फिर उसके बाद आंटी नहाते समय अब अपने बदन पर पेटिकोट को अपने बूब्स तक बाँध लेती थी और अब जब में बड़ा हो गया हूँ आंटी अब बाथरूम में नाहने लगी है। अब समय के साथ मेरे ऊपर भी जवानी का रंग चढ़ने लगा था और अब मेरे लंड के आसपास झांटे निकल गयी थी और जवान गोरी सुंदर लड़कियों को देखकर मेरे लंड में एक सनसनी होने लगी थी और हर कभी अपनी आंटी के ब्लाउज से झांकते आधे बूब्स को देखकर मेरा लंड सनसना जाता है। अब में मन ही मन में सोचता कि काश मुझे भी अपनी आंटी की तरह ही कोई मस्त जवानी हाथ में आ जाए तो ज़िंदगी का असली मज़ा आ जाए। फिर धीरे-धीरे आंटी के इस गोरे हुस्न में मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी थी। एक दिन अंकल घर पर नहीं थे और उस समय आंटी बाथरूम में नहा रही थी। फिर मेरे मन में एक विचार में सोचने लगा कि क्यों ना आज आंटी को बाथरूम में नहाते हुए ही में देख लूँ। फिर में यह बात सोचकर धीरे से बाथरूम के दरवाज़े के पास चला गया और दरवाज़े के उस छोटे से छेद से में बाथरूम के अंदर झांककर देखने लगा। अब मैंने देखा कि आंटी ने अभी नहाना शुरू ही किया था वो अपने कपड़े उतार रही थी और फिर उसने अपना ब्लाउज को खोलना शुरू किया।

अब आंटी ब्रा और पेटिकोट में मेरे सामने थी उनके बड़े आकार के गोरे गोरे बूब्स मानो ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहे थे और फिर आंटी ने अपनी ब्रा को भी उतार दिया। अब आंटी के दोनों बूब्स आज़ाद हो गए थे और फिर आंटी ने अपना पेटिकोट भी उतार दिया जिसकी वजह से अब वो बिल्कुल नंगी थी। दोस्तों पहली बार में किसी औरत को पूरा नंगा देख रहा था और मेरी वो नंगी सेक्सी आंटी बड़ी ग़ज़ब की हसीन लग रही थी और आंटी के बूब्स से मेरी नज़र नीचे सरकती हुई अब उनकी चूत पर ठहर गई। दोस्तों मैंने देखा कि आंटी की चूत बहुत बड़ी उभरी हुई और गोरी थी उस पर हल्की सी झांटे भी उगी हुई थी। अब वो द्रश्य देखकर मेरे पूरे बदन में सनसनी होने लगी थी और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। फिर मैंने देखा कि आंटी अब अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से दबाने लगी और इस तरह दबाते हुए जोश की वजह से आंटी पर जवानी की मदहोशी छाने लगी थी और आंटी के मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ निकलने लगी, ऊऊह्ह्ह्ह आअहह ससिईई और फिर उनका एक हाथ नीचे सरकता हुआ अब चूत पर चला गया। अब आंटी पहले तो अपनी चूत के होंठो को हल्के हल्के सहला रही और फिर उसने अपनी चूत में अपनी दो उँगलियों को डाल दिया उूउइईई माँ मेरी चूत की आग बुझा दे आह्ह्ह तूने मेरी चूत को इतना गरम क्यों बनाया कि इसकी आग जितना बुझाओ यह बढ़ती ही जाती है?
फिर आंटी अपनी उँगलियों को बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी थी। फिर आंटी के पूरे बदन में थोड़ी देर तक एक सिहरन होती रही और उसके बाद फिर वो शांत हो गई, शायद आंटी की चूत से पानी निकल गया था। अब मेरे भी लंड में सनसनी होने लगी थी और में भी अपने लंड को पकड़कर अपने हाथ को ऊपर नीचे करने लगा था और थोड़ी ही देर के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया। दोस्तों आंटी ने भी अब नहाना शुरू कर दिया उसी समय में दरवाज़े से हट गया और थोड़ी देर के बाद आंटी नहाकर बाथरूम से बाहर निकल गई। इस बार मुझे उनका हुस्न और भी लाजवाब लगा। दोस्तों आंटी का यह रंडी का रूप देखकर मुझे अपनी आंटी में दिलचस्पी लेने के लिए बड़ा बेकरार कर दिया था। एक रात मेरी जब नींद खुली तब मैंने सुना कि मेरी आंटी अंकल के कमरे से आवाज़े आ रही थी और में एक ही झटके से जाग उठा और मन ही मन सोचने लगा कि शायद आज भी मुझे आंटी का कोई मस्ताना रूप देखने को मिल जाए। अब में उनके कमरे के दरवाज़े पर उस एक छेद पर अपनी एक आंख को लगाकर देखने लगा, कमरे में एक छोटा सा बल्ब जल रहा था, इसलिए मुझे सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।

दोस्तों उस कमरे में अंकल और हमारे पड़ोस के जमाल अंकल भी थे और उस समय आंटी पलंग पर बैठ थी और आंटी का आँचल उनकी गोद में था, जिसकी वजह से उनके दोनों अधखुले बूब्स ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब लग रहे थे। फिर जमाल अंकल ने देखते ही देखते आंटी को अपनी बाहों में भरकर उनके रसीले होंठो पर अपने होंठ रख दिया और वो अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स को मसलने लगे थे। अब मेरे अंकल ने आंटी की कमीज़ को खींचकर खोलना शुरू कर दिया और जब वो कमीज़ खुली तब आंटी के मस्त बूब्स तुरंत बाहर आ गए, अंकल ने ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटाया, लेकिन पूरा उतारा नहीं और अब वो एक बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगे थे वो बारी बारी से दोनों बूब्स के हल्के भूरे को चूस रहे थे, जो अब खड़े होकर एकदम लाल हो चुके थे। अब इधर आंटी जमाल अंकल का भरपूर साथ देते हुए उनकी पेंट की चेन को खोलकर अंकल के लंड को अपने हाथ में ले लिया उन दोनों पर चुदाई का खुमार चढ़ने लगा था और फिर जमाल अंकल ने आंटी का नन्हा सा ब्लाउज फाड़कर उनके गोरे जिस्म को पूरा नंगा कर दिया और फिर ब्रा को भी खींच डाला और मेरे अंकल ने आंटी का सलवार को भी उतार दिया।।

अब आंटी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी, वो बला की हसीन लग रही थी और एक मादरचोद अनुभवी रंडी की तरह वो अपने गोरे जिस्म से दोनों मर्दों को चुदाई की दावत दे रही थी। फिर आंटी जोश में आ गई अपने दांतों से उँगलियों को दबाते हुए दूसरा हाथ बूब्स से सरकता हुआ चूत तक पहुंच गया, आज आंटी की चूत पर बड़ी बड़ी झांटे थी और उन झांटों के अंदर से झांकती हुई उनकी गोरी चूत। फिर मैंने अपनी आंटी की चूत को जब गौर से तो देखा तो एक सीधी लाइन थी और उसका ऊपरी हिसा बाहर निकला हुआ था। दोस्तों जिसको चूत का दाना कहते है यह मुझे बाद में पता चला, आंटी की चूत की होंठ इस तरह से चिपके हुए थे जैसे कि कभी किसी ने उनके साथ कुछ किया ही ना हो, लेकिन थोड़ा अँधेरा बाल होने की वजह से मुझे साफ दिखा ही नहीं था। अब में तो बस इस रंडी के अदा को देखकर बेकरार हो गया और इस बीच वो दोनों मर्द भी नंगे हो गए। फिर आंटी जमाल अंकल और मेरे अंकल दोनों के लंड को अपने हाथों में लेकर उनको सहलाने लगी थी और देखते ही देखते दोनों का लंड डॅंडी की तरह तनकर खड़ा हो गया। अब आंटी खुश होकर कहने लगी वाह कितना शानदार लंड है तुम दोनों का में तो कब से बस इस लंड की दीवानी हूँ और आंटी ने दोनों के लंड पर थोड़ा थोड़ा थूक लगाया और बारी बारी से उन दोनों हरामियों के लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी थी

अब उन दोनों के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी थी आआहह ऊफ्फ्फ हाँ थोड़ा दाँत बचाकर चूस मेरी रंडी वाह तू ग़ज़ब का चूसती है, वाह तेरी माँ की चूत की कसम तू बड़ी मस्त माल है। फिर आंटी कहने लगी कि अब देख तू कि तेरी कुतिया तेरे लंड को किस तरह से भरपूर मज़ा लेकर चूस रही है। अब जमाल अंकल बड़बड़ा रहे थे ऊओह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ साली कुतिया तू तो आज मेरी जान ही ले लेगी। फिर दोनों मर्दों ने आंटी को एक खिलोने की तरह अपने हाथों में उठाकर बिस्तर पर पटक दिया ऊओईई साले मेरे कुत्ते अब शुरू हो जा, अपनी माँ की मस्तानी जवानी का यह असली मज़ा लूटने के लिए शुरू हो जा। अब आंटी बड़बड़ा रही थी आह्ह्ह सस्सईईईई क्यों तुम प्यास बढ़ा रहे हो अपनी रंडी माँ की चूत की अपनी माँ की चूत की कसम फाड़ डालो, तुम अब मेरी मस्त चूत को। फिर अंकल और जमाल अंकल ने मेरी रंडी आंटी को बिस्तर पर सीधा लेटाकर उनके दोनों हाथ और पैर पलंग के चारों पिल्लर से बाँध दिए और आंटी एक बेबस चिड़िया की तरह बँधी लेटी थी। फिर जमाल अंकल ने एक बाल साफ करने का जुगाड़ लिया और वो आंटी की चूत की झांटों पर क्रीम लगाने लगे। अंकल अयाज़ शायद अब कुछ ज्यादा ही गरम हो चुके थे, उन्होंने मेरी बेबस रंडी आंटी के मुँह में अपना लंड डाल दिया।

अब वो कहने लगे कि ले साली कुतिया की औलाद ले चूस अपने हरामी बाप का लंड साली रंडी अगर तेरी तरह मस्त मेरी माँ भी होती तो में उसको भी चोद देता और अंकल बिल्कुल पागल हो रहे थे। फिर इधर जमाल अंकल ने आंटी की चूत के बालों को साफ करना शुरू कर दिया और झांट के बाल साफ करने के बाद उन्होंने आंटी की बाहों के नीचे के बाल भी साफ किए। अब आंटी बिल्कुल ऊपर से नीचे तक चिकनी हो गयी थी, जमाल अंकल भी अब पीछे नहीं रहने वाले थे। फिर आंटी की चूत पर उन्होंने ढेर सारा थूक लगा दिया और वो कुत्ते की तरह चूत को चूसने लगे आहहह ऊऊईई मेरी मान ऑश वाह मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा है चूस ले हरामी, चूस ले अपनी रंडी माँ की चूत। अब आंटी जोश में आकर कहने लगी कि देख तो तेरी चुदक्कड़ माँ की चूत कितनी हसीन है आह्ह्ह आहहाइईईई खा जा तू तेरी रंडी माँ की मस्त चूत को और अब आंटी मदहोश होकर सिसकियों के बीच बोल रही थी। अब अंकल अपने मूसल से लंड को आंटी की हसीन नाज़ुक चूत में एक धक्के के साथ अपने लंड को डाल दिया ऊओइईई हरामी मार दिया रे तूने, आंटी ज़ोर से चिल्लाई। अब अंकल तेज़ी से अपने लंड को आंटी की चूत के अंदर बाहर करने लगे थे और आंटी नीचे से अपनी चूत को उछालकर उनके लंड को अपनी चूत में निगल रही थी और इधर अंकल आंटी के मुँह में ही अपना लंड डाले हुए चुदाई कर रहे थे।
अब आंटी एक बेबस चिड़िया की तरह दोनों मर्दो के बीच छटपटा रही थी और फिर जमाल अंकल की बारी थी। फिर जमाल अंकल ने आंटी के दोनों हाथ खोलकर बैठा दिया, आंटी के दोनों पैरों को उसी तरह फैलाकर बँधे थे, जमाल अंकल ने पीछे से आंटी को अपनी गोद में बैठा लिया और उनकी फैली गांड में अपना लंड डाल दिया और दूसरी तरफ अंकल अयाज़ ने आंटी की चूत में धच से अपने लंड को डाल दिया। फिर एक पल के लिए तो आंटी छटपटा गयी ऊऊओह साले कुत्ते मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है तुम दोनों बड़े ही बेरहम हो, तुम दोनों मादरचोद की औलाद हो, तुमने आज मेरी चूत और गांड दोनों को ही फाड़ दिया है, ऊफ्फ्फ्फ़ आयाहह्ह्ह मेरी माँ मुझे बचा ले इन कुत्तों से आईईईईई ओह्ह्ह अब मेरी जान निकली जा रही है। अब अंकल अयाज़ और अंकल जमाल अपने अपने लंड को धक्के देकर अंदर बाहर कर रहे थे और अब चुदाई की रफ़्तार को उम दोनों ने बढ़ा दिया था। फिर कुछ देर बाद आंटी का दर्द मज़े में बदल गया और चिल्लाने लगी ऊऊऊहह आआहह अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, हाँ और चोदो, फाड़ दो तुम अपनी रंडी की हसीन चूत और गांड को, तुम्हे अपनी माँ की मस्त चूत की कसम जो आज मेरी चूत को फाड़ेगा उसको में अपनी माँ की चूत का मज़ा भी चखा दूंगी आईईइ।

अब में जा रही हूँ ऊऊुउउइईई तुम हरामियों ने मुझे जन्नत में पहुंचा दिया, में अब झड़ गई और फिर आंटी एक झटके के साथ झड़ गयी। अब अंकल अयाज़ और जमाल अंकल ने अपना अपना लंड आंटी की चूत और गांड से बाहर निकाला और बड़ी ही बेदर्दी से एक साथ आंटी के मुँह में डाल दिया और मुँह की चुदाई शुरू कर दी। अब उन दोनों के मुहं से आअहह ओह्ह्ह तेज़ सिसकियाँ निकलने लगी थी और फिर दोनों ने अपना अपना रस आंटी के मुँह में निकाल दिया। दोस्तों आंटी अब छटपटाकर अपना मुँह पीछे हटाना चाह रही थी, लेकिन जमाल अंकल ने ज़बरदस्ती उनके चेहरे को पकड़कर अपना सारा रस आंटी को पिला दिया। फिर थोड़ी देर के लिए वो तीनों बिल्कुल निढाल होकर एक दूसरे पर तीनों गिर गये। फिर एकाएक आंटी ने उन दोनों के बालो को पकड़कर उनके मुहं अपनी चूत पर सटा लिए और वो मूतने लगी, वो दोनों मर्द प्यासे कुत्ते की तरह आंटी की चूत से निकल रही पेशाब की धार पर अपना मुँह लगाए उसको पी रहे थे और दो तीन लंबी पिचकारी के बाद पेशाब निकलना बंद हो गया। दोस्तों वो दोनों मर्द पेशाब की एक एक घूँट को अपने मुहं में लिए आंटी के मुँह में डाल रहे थे।
फिर वो दोनों खड़े हो गये और आंटी के मुँह पर पेशाब करना शुरू कर दिया, आंटी ने उन दोनों का पेशाब गटक लिया। दोस्तों उनकी चुदाई का यह खेल अब खत्म हो चुका था और अंकल अयाज़ ने आंटी के दोनों पैरों को खोल दिया और आंटी को गले लगते हुए होंठो को चूमने लगे और उनको कहने लगे, वाह मेरी जान तू मस्त रंडी है वाह क्या शानदार चूत है तेरी काश में उस चूत को चोद सकता जिसने तुम जैसी चूत की रानी को जन्म दिया है। अब अंकल अयाज़ ने पूछा क्यों जमाल, है ना मेरी रंडी ग़ज़ब की माल? फिर आंटी ने शिकायत करते हुए कहा कि जमाल भाई आज आप नसरीन भाभी को क्यों नहीं लाए वो रहती तो अपनी इस चुदाई में और भी मज़ा आता। अब अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा कि भाभी माफ़ करना नसरीन की तबियत कुछ ठीक नहीं है और उसका इलाज चल रहा है इसलिए वो नहीं आ सकी, लेकिन में आपसे वादा करता हूँ अगर दोबारा हमे ऐसा मौका मिला तो में उसको अपने साथ जरुर लेकर आऊंगा। दोस्तों यह सब देखकर में बहुत चकित होकर अपने कमरे में आकर अपनी आंटी के नाम की मुठ मारकर सो गया ।।

धन्यवाद …
loading...

loading...

loading...

loading...

Saturday 16 December 2017

Pados Ki Badi Gand wali aunty ki mast chudai - Hindi Sex Story

हेलो दोस्तो, मेरा नाम रंजीत सिंह है, मैं
पटना (बिहार) का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 25 साल
है।
मैं
आर्मी की तैयारी करता हूँ।
आप समझ गए होंगे कि मैं कैसा हूँ।
मैं अपनी एक
सच्ची आपबीती आप सब
को बता रहा हूँ, बात 5 साल पहले शुरु हुई थी।
मेरे पड़ोस मैं एक आंटी है उनका नाम
रीना है, क्या कमाल की माल है।
एकदम गोरी,लम्बाई 5 फुट 10 इंच,फिगर
तो पूछो ही मत।
चूची इतनी बड़ी कि पकड़
मैं नहीं आये।
चूतड़ बड़े बड़े कि देखकर मुंह में पानी आ जाए…
जब चलती है तब लगता है कि तूफान आ जाएगा।
उनका बड़ा लड़का मेरे से दो साल छोटा है।
मगर आज भी देखो तो लगती है
कि 3O साल की है।
शुरु शुरु में मैं जब उनके घर
जाता तो उनको देखता ही रह जाता।
तब मैं उनके घर सुबह में जाने लगा जब वह
नहा रही होती थी।
उनका भीगा और आधा नंगा जिस्म देखकर मेरे मुंह
और लंड दोनों में पानी आ जाता था।
चूची पर निप्पल ऐसा लगता था कि मानो चाँद पर दाग,
मैं छुप छुप कर उनको देखता था।
वो सिर्फ ब्रा और कछिया पहनकर नहाती और
उसके बाद पूरी नंगी होकर
चूची और चूत पर मालिश करती।
यह देख मैं मुठ मारने लगता।
जिस कारण मुझे मुठ मारने की आदत पड़ गई।
मैं हमेशा उनके बारे में सोचता था और मेरा माल गिर
जाता था जिसके कारण मैं रंडियों के पास
कभी कभी जाता था।
गर्मी के मौसम में वो ब्लाउज और
पेटीकोट में
ही रहती थी और ब्लाउज
के ऊपर के दो हुक खुले रहते थे और ब्रा बहुत
ही कसा हुआ जिस कारण
उनकी चूची लगता था कि ब्लाउज और
ब्रा फाड़कर बाहर निकल जायेगी।
और पेटीकोट पतला होने के कारण
कभी कभी लाइट में
उनकी चूत पर छोटे छोटे झांट और
गोरी गोरी जांघें दिखाई
देती थी।
एक बार मैं उनके घर दिन में गया, गर्मी बहुत
थी जिस कारण वे सिर्फ पेटीकोट
पहनी हुई थी, ऊपर कर के, जिस
कारण
उनकी आधी चूची और
आधी जांघ दिख रही था, एकदम
गोरी गोरी !
और वे बैठ कर पंखा झल रही थी।
थोड़ी देर में लाइट आ गई वो पलंग पर लेट गई और
मैं वहीं पर टीवी देखने
लगा।
थोड़ा समय बाद एकएक मेरी नजर उन पर
पड़ी, मैंने देखा कि वे सो गई थी और
पंखा चलने के कारण उनका पेटीकोट ऊपर उठ
गया था जिस कारण उनकी चूत साफ साफ दिख
रही थी, एकदम
पावरोटी जैसी फ़ूली हुई लाल
लाल, एक्दम सफ़ाचट जैसे उन्होंने आज ही झाँट
साफ की हों।
यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे मन
किया कि अभी इनकी चुदाई कर दूं लेकिन
डर भी रहा था।
मैं तुरंत उठा और उनके बाथरुम में जाकर मूठ मारने लगा।
उनकी ब्रा और कछिया वहीं पर
पड़ी हुई थी जिसको उठा कर मैं चूमने
लगा उसमें से परफ्यूम की महक आ
रही थी।
मैंने अपने लंड का सारा माल उनके ब्रा और कछिया पर
गिरा दिया और वापस आ कर टीवी देखने
लगा।
अब यह मेरा रोज का काम हो गया था।
कुछ दिन पहले की बात है उन्होंने मुझे बुलाया और
कहा कि आज रात को तुम मेरे घर पर रह जाना,
यहीं सो जाना, हम सभी एक
पार्टी में जा रहे हैं।
मैंने उनकी बात मान ली और रात में
उनके घर चला आया।
अभी वे तैयार हो रही थी,
मैं चुपचाप उनके घर में घुस गया।
उनके रूम का दरवाजा बंद था, दरवाजे में एक छेद था।
मैंने झांककर देखा तो वो बिल्कुल
नंगी थी।
मैं देख कर पागल हो रहा था। वो अपने शरीर पर
मालिश कर
रही थी कभी अपने
चूची को मलती तो कभी अपनी चूत
में उँगली डालकर
हिला रही थी और सिसकारियाँ भर
रही थी।
यह देख कर मेरा माल अपने आप गिर गया, मगर
वो अभी उंगली कर
रही थी।
थोड़ी देर बाद वो भी झड़ गई।
उसके बाद उन्होंने अपनी चूत को पोंछा और कपड़े
पहनने लगी।
मैं वहाँ से हट गया।
थोड़ी देर बाद वो तैयार होकर रूम से
निकली।
गजब की कामुक लग
रही थी। गुलाबी रंग
की साड़ी और ब्लाउज उजले रंग
की ब्रा बिल्कुल कसी हुई, जिस कारण
उनकी चूची बाहर
निकली हुई थी,
साड़ी का पल्लू थोड़ा हटा हुआ जिससे
गोरी और बड़ी चूची के
दर्शन हो रहे थे।
मन किया कि पकड़कर दांत से काट लूं।
उनकी इस अदा को देखकर अपने से
किसी का भी माल गिर जाए।
सेक्सी अदा से उन्होंने मुझसे कहा-
तुम्हारा गला सूख रहा है पानी दूं क्या।
मैंने कहा- हां…
उन्होंने मुझको पानी दिया पीने के लिये
और वो पार्टी में चली गई, घर में बाहर
से लॉक लगा के।
मैं भी सो गया। मुझे बहुत
गहरी नींद आ
रही थी।
रात में मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है।
मैंने धीरे से आँख खोलकर देखा तो वह
आंटी थी।
मैं तो दंग रह गया और मस्त भी था, मैं चुपचाप
लेटा रहा।
आंटी ने मेरी पैंट उतार
दी और मेरे लंड को लेकर चूमने लगी।
उसके बाद उन्होंने अपना साड़ी, ब्लाउज और
ब्रा उतारी और
अपनी दोनों चूची के बीच में
मेरा लंड रख कर हिलाने लगी।
मेरा लंड एकदम खड़ा और मोटा हो गया था कुछ देर बाद उन्होंने
अपना पेटीकोट और कछिया उतार दी।
वो अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।
उसके बाद उन्होंने मेरे लंड में कण्डोम पहनाया और
मेरी जांघ पर बैठ कर अपनी चूत में
मेरा लंड डालने लगी।
मैंने धीरे से आँख खोलकर
देखा उनकी चूची उछाल मार
रही थी मानो जैसे कोई फुटबाल खेल
रहा हो।
लगभग 20 मिनट बाद मैं झड़ गया।
उन्होंने मेरे लंड से कन्डोम निकाला लंड को मुँह में डाल कर
चूमने लगी।
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़
रहे हैं !
उसके बाद आंटी उठी और अपने कपड़े
लेकर अपने रूम में चली गई।
उसके बाद मुझे नींद नहीं आ
रही थी।
मैं आंटी के रूम में
गया तो देखा कि आंटी नंगी लेटी हुई
हैं, यह देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैं आंटी के पास गया और
उनकी चूची को सहलाने
लगा तो उनकी नींद खुल गई और
उठकर बैठ गई।
वो गुस्सा करते हुए अपने चूची और चूत को हाथ
से ढकते हुए बोली- ऐ, क्या कर रहे हो?
मैं- वही जो कुछ देर पहले आप मेरे साथ कर
रही थी।
आंटी- मैंने क्या किया?
मैं- मेरे पानी में नींद
की दवा डालकर पिला दिया घर में कोई
नहीं था, मुझे जल्दी नींद
लग गई, जब मुझे हल्का होश आया तो देखा कि आप
पूरी नंगी होकर मेरे लंड
को अपनी चूत में डाल रही हैं और
मस्ती कर रही हैं।
आंटी- ओह तो तुम जाग गये थे।
मैं- हाँ,और मैं मजा ले रहा था, अब
मेरी बारी है।
और उनके हाथ को हटा कर
उनकी चूची और चूत को सहलाने लगा।
उनकी नाभि लगभग दो इंच
गहरी थी, मैं उसे चूमने लगा, फ़िर
किचन में जाकर थोड़ी सी दूध
की मलाई लाया और उनके नंगे शरीर पर
लगाकर चाटने लगा।
और आंटी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने
लगी और बोली- मेरी चूत
को चाटो !
मैं उनकी चूत को चाटने लगा, बड़ा मजा आ रहा था,
आंटी बोल रही थी- तुम्हारे
अंकल तो हमेशा काम से बाहर ही रहते हैं जिस
कारण मेरी प्यास
पूरी नहीं होती… आज तुम
ही मेरी प्यास बुझाओ।
मैं उनको चाट रहा था उनके मुँह से सिसकारी निकल
रही थी, वो बोल
रही थीं-
जल्दी मेरी चुदाई करो, मुझसे बर्दाश्त
नहीं हो रहा है।
लगभग बीस मिनट बाद मैंने उनसे एक कन्डोम
माँगा तो वो बोली- मुझे बिना कन्डोम के
ही चोदो।
मैं पलंग पर चढ़ गया और
अपनी उंगली उनकी चूत में
डालकर हिलाने लगा तो आंटी बोली-
उंगली से नहीं लंड से चोदो…
तो मैं अपना लंड उनकी चूत में डालकर चुदाई करने
लगा और अपने हाथों से
उनकी चूची को मसलने लगा।
आंटी बोली- और कस के चोदो !
मैं और जोर से चुदाई करने लगा, कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था,
मैंने आंटी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो आंटी बोली- मेरी चूत में
ही झड़ जाओ, मैंने ऑपरेशन करा लिया है।
दो मिनट बाद मैं झड़ गया और
आंटी भी झड़ गई थी।
कुछ देर हम दोनों चिपके रहे, फिर हम दोनों नंगे
ही सो गए।
सुबह जब मैं जगा तो आंटी घर
की सफाई कर
रही थी सिर्फ ब्रा और
कछिया पहनकर यह देख मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।
मैं जाकर
आंटी की चूची को सहलाने
लगा।
आंटी बोली- फिर से चुदाई करने का मन
है?
मैंने कहा- अंकल की कमी मैं
पूरी कर दूंगा।
फिर हम दोनों बाथरुम में गए, आंटी मुझे और मैं
आंटी को नहलाने लगा,
उनकी गोरी गोरी चूत
चूची और चूतड़ में साबुन लगाकर मलने लगा, फिर
मैंने फर्श पर लिटा कर उनकी चुदाई
की।
जब मैं झड़ गया तो उसके बाद हम दोनों नहा कर बाहर आ
गए।
फिर मैंने आंटी को कपड़े पहनाए, उसके बाद साथ में
नाश्ता किया और अपने घर चला गया।
अगले दिन मैंने उनको एक पारदर्शी ब्रा और
कछिया गुलाबी रंग का लाकर दिया।
वो मस्त हो गई और तुरंत मुझे पहन कर दिखाया, गजब
की कमायत लग रही थी।
मैंने फिर उनकी चुदाई की मजा आ
गया बहुत ही कसी हुई चूत है
उनकी…
अब भी कभी कभी अंकल
और उनके लड़के के नहीं रहने पर मैं
उनकी और अपनी प्यास बुझाता हूँ।
तो दोस्तो,
मेरी आत्मकथा कैसी लगी जरूर
बताना!
amitbth1990@rediffmail.com

loading...

loading...

loading...

loading...


Friday 1 December 2017

चॉकलेटी चूत वाली आंटी की चुदाई - Chocolate Chut Wali Aunty Ki Chudai | hindi sex Story

यह कहानी आज से कुछ महीने पहले की है.. बात कुछ ऐसी है कि मैं रोज़ जब भी घर से निकल कर अपने जॉब पर जाता हूँ.. तो मेरे घर के थोड़ा फासले पर एक स्कूल है.. वहीं से होकर मेरा रोज़ आना-जाना रहता है।
जैसे ही में स्कूल के पास पहुँचता हूँ.. तो एक आंटी अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने आती हैं और तकरीबन रोज़ ही मेरा और उनका आमना-सामना हो जाता था और हम दोनों एक दूसरे के चेहरे को देखते थे।
वो अक्सर मुझे देख कर मुस्कान भी देती थीं। वो स्कूटी से आती थीं और जब वो गाड़ी खड़ी करके अपने बच्चे को स्कूल में अन्दर ले जाती थीं.. तो मैं वहीं पर खड़े होकर उनका इन्तजार करता रहता।
इस तरह कई दिन ऐसे ही गुज़र गए.. मुझे आंटी की गाण्ड देखने में बहुत मज़ा आता था। आंटी की उठी हुई बड़ी सी गाण्ड बड़ी मस्त लगती थी.. और उनके मम्मे भी बड़े-बड़े थे।
मैं उनको कई बार प्यासी नजरों से देखता था.. मुझे वो एक बहुत ही मस्त चोदने लायक माल नजर आती थीं।
जब मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता तो मैं उनको चोदने का प्लान बनाने लगता.. और अब तो मैं रोज़ ही उनके आने से पहले ही स्कूल के पास पहुँच कर उनका इन्तजार करने लगा था।कई बार मैंने उनसे बात करनी चाही.. लेकिन मेरी फटती थी.. हिम्मत नहीं होती थी।
फिर एक दिन मैंने हिम्मत की कि आज उनसे कुछ बात जरूर करूँगा.. सो मैं अच्छी तरह तैयार होकर स्कूल के पास जाकर खड़ा हो गया और उनका इन्तजार करने लगा।
ठीक समय पर जैसे ही आंटी आईं.. तो मैं उनको घूर-घूर कर देखने लगा.. वो मुझे कातिल नजरों से देखती हुई अन्दर चली गईं.. कुछ ही पलों में वो अपने बच्चे को स्कूल में छोड़ कर वापस आईं और अपनी स्कूटी स्टार्ट करने लगीं.. लेकिन कई बार किक मारने के बाद भी उनकी स्कूटी स्टार्ट नहीं हो रही थी। फिर आंटी थक कर इधर-उधर देखने लगीं और फिर उन्होंने मुझे आने का इशारा किया।
मैं- क्या हुआ आंटी?
आंटी: पता नहीं.. क्यों गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही है ज़रा तुम देखो..
मैं- ओके..
मैंने अच्छी तरह गाड़ी के प्लग को साफ़ किया और फिर किक मारी.. चोक भी दिया.. मगर गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई।
फिर मैंने पूछा- आप कहाँ रहती हो?
वो बोली- मैं कैम्प में रहती हूँ..
मुझे मालूम था कि कैम्प इधर से काफी दूर है.. तो मैंने उनसे कहा- आप आओ.. मेरा घर पास में ही है.. आप वहीं रुक जाओ.. मैं आपकी गाड़ी गैरेज से ठीक करवा कर ला देता हूँ।
तो वो बोलीं- ठीक है।
loading...
फिर गाड़ी को साइड में खड़ी करके मैं आंटी को ले कर अपने घर ले आया और उन्हें अपनी मम्मी से मिलवाया।
‘मम्मी.. ये मेरे फ्रेंड की मम्मी हैं।’
मैंने झूठ बोल दिया और आंटी ने मुझे देख कर बस एक कंटीली मुस्कान दे कर रह गईं।
फिर मैं उनकी गाड़ी गैरेज में ले गया और उधर मिस्त्री ने चैक किया और बताया- इंजिन में कोई प्रॉब्लम है इसमें समय लगेगा.. आज नहीं हो पाएगा..मैंने घर जाकर आंटी को बताया, वो बोलीं- ठीक है..
मम्मी ने कहा- जा.. आंटी को उनके घर ड्राप कर दे।
मैंने अपनी बाइक पर आंटी को बिठाया और उनके घर की तरफ चल दिया। रास्ते में आंटी बार-बार अपने मम्मों को मेरी पीठ पर टच कर रही थीं।
मुझे उनके दूधों के टकराव से बहुत मज़ा आ रहा था। घर पहुँच कर आंटी ने मुझे चाय ऑफर की.. तो मैं जानबूझ कर नाटक करने लगा।
आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अन्दर चलने को कहने लगीं, मुझे अन्दर जाना पड़ा.. वैसे मेरा मन तो था ही।
आंटी का घर बहुत बड़ा और बहुत खुबसूरत था.. मैंने उनके घर की तारीफ की.. तो उन्होंने ‘थैंक्स’ कहा और रसोई में चाय लेने चली गईं।
मैं एक सोफे पर बैठ गया और जब आंटी चाय लेकर आईं.. तो मैंने पूछा- आंटी घर में आप अकेली रहती हो क्या?
आंटी- हाँ.. ऐसा ही समझो.. मेरे पति हर दूसरे दिन आउट ऑफ़ सिटी जाते हैं वो एक कम्पनी चलाते हैं और इसी वजह से वो अक्सर सिटी से बाहर ही रहते हैं।
जब आंटी ये सब बोल रही थीं.. तब मेरी नजर उनके मम्मों पर टिकी थी.. क्योंकि पहली बार मैं उनके रसीले मम्मों को बहुत पास से देख रहा था। उनके मम्मे बिल्कुल गोल और सख्त थे।
यह बात आंटी ने नोटिस कर ली थी.. फिर वो अपनी चिर-परिचित कटीली मुस्कान देते हुए बोलीं- क्या देख रहे हो?मैं शर्मिन्दा होकर मुस्कराने लगा.. पर आंटी ने फिर पूछा- बताओ न.. क्या देख रहे थे?
मैं बोला- जो देखने की चीज थी उसे देख रहा था..
आंटी बोलीं- छूना चाहोगे?
मैंने खुश होकर उनकी जाँघ पर हाथ रख दिया।
आंटी ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और हम चूमा-चाटी करने लगे.. साथ ही मैं अपना हाथ उनके मम्मों पर रख कर.. उनके मम्मों को जोर-जोर से मसलने लगा।
आंटी अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर तक घुसेड़ कर चुसवाने लगीं.. और एक हाथ से मेरे लण्ड को मसलने लगीं।
मेरा लण्ड जो कि साढ़े सात इंच का है.. वो अकड़ गया और पूरे जोश में आ गया। अब तक मैंने आंटी के सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए थे।
वो बोलीं- चलो.. बेडरूम में चलते हैं..
बेडरूम में जाकर आंटी ने मुझसे बोला- एक मिनट इन्तजार करो.. मैं अभी आई..
वो अपनी गाण्ड मटकाती हुई रसोई में चली गईं.. और उधर से चॉकलेट ले आईं।
अब उन्होंने अपनी अनुभवी ठरक दिखाई और मुझे पूरा नंगा करके मेरे लण्ड पर आधी चॉकलेट गिराकर चूसने लगीं..याआआ येस्स्स्स..’
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. और फिर मैं उनके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरे माल की साथ सब चॉकलेट भी चाट गईं.. और फिर वो मुझे उठाकर एक लम्बी चुम्मी करते हुए बेड पर अपनी चूत खोल कर लेट गईं और टाँगें फैला कर अपनी चूत पर चॉकलेट लगाकर मुझे चूत चाटने का कहा..
मैंने उनकी चूत को चाटने के लिए अपना मुँह उधर को बढ़ाया तो उन्होंने मेरा सर अपनी चूत पर रख दिया और मैं खूब जोर-जोर से चूत को चाटने लगा। मैं उनकी ‘जी-स्पॉट’ को जुबान से मसलने लगा।

loading...
वो भी मस्त होकर अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चूत चुसवाने लगीं और फिर ‘आह्ह्ह…’ करती हुई झड़ गईं.. तो मैंने भी उनका पूरा पानी चाट लिया।
फिर आंटी ने बोला- प्लीज.. अब अपने लण्ड को मेरी चूत में डाल दो..
मैंने अपने लण्ड को उनकी चूत पर रख कर घिसने लगा.. तो वो नागिन की तरह मचलने लगीं और बोलीं- अब डाल भी दो..मैंने लण्ड को चूत से सटा कर एक झोरदार झटका मारा.. आंटी की चीख निकल गई।
‘आह्हह्ह.. आआअह ह्ह मर गई.. भोसड़ी के.. जरा धीरे से.. तेरा लण्ड है या हथौड़ा.. बहुत तेज धक्का दे दिया.. रे तूने.. हरामी..’
फिर मैं लौड़े को चूत में सैट करके धक्के लगाने लगा और कुछ ही देर में मैं पूरी स्पीड में धक्के मारने लगा।
अब वो भी अब मजे ले कर अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चुदवाने लगीं।
वे चुदाई की मस्ती में बोल भी रही थीं- और तेज़.. और तेज़ य्य्य्यीआ.. य्य्य्यीस.. कम ऑन.. फ़क मी हार्ड यययइस..
वे ऐसी कामुक आवाजें निकाल रही थीं.. फिर उन्होंने मुझे नीचे गिरा कर अपनी चूत मेरे लण्ड पर रख कर उछलने लगीं और मैं उनके मम्मों को जो कि बहुत मजे से झूल रहे थे.. पकड़ कर मसलने लगा।
फिर कुछ देर बाद उन्हें मैं डॉगी स्टाइल में चोदने लगा।
अब तक आंटी का दो बार पानी निकल चुका था और अब मैं भी झड़ने वाला था।मैंने आंटी से बोला.. तो वो हाँफते हुए उठ कर मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं और बोलती जा रही थीं- आह्ह.. ये लण्ड नहीं हथौड़ा है.. अन्दर सब दीवारें तोड़ दीं इसने..
मैं उनके मुँह में झड़ गया और आंटी ने चाट-चाट कर मेरा लवड़ा चमका दिया।
इसके बाद तो आंटी मेरी पक्की चूत की जुगाड़ बन गई थीं.. कुछ समय बाद वे शहर छोड़ कर चली गईं।
तो यह थी मेरी सबसे यादगार चुदाई।
आप सभी के कमेन्टस का स्वागत है।
babusharma525@gmail.com

loading...

loading...

Sunday 12 November 2017

पड़ोसन आंटी और उनकी सहेली की मस्त नंगी चूत गांड चुदाई - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

दोस्तो.. मेरा नाम सुमित है और मैं आगरा से हूँ। मैं एक बार फिर से एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया उसके लिए आप सभी का शुक्रिया।
मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं वो बहुत सेक्सी और खूबसूरत हैं.. उनका नाम दीप्ति है। आंटी की एक सहेली पूजा भी हैं.. वो थोड़ी कम सेक्सी हैं पर फिगर उनका भी बहुत मस्त है। मैं आंटी को छुप-छुप कर देखता था। मैं करीब 20 लड़कियों को नंगी देख चुका हूँ।
एक दिन आंटी ने मुझे घर बुलाया, मैंने वहाँ देखा कि आंटी की सहेली भी उनके साथ बैठी हैं।
मैं उनकी सहेली को उधर देख कर आंटी से बोला- मैं बाद में आता हूँ।
आंटी कहने लगीं- अरे बैठो.. मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी।
आंटी हल्ले से मुस्कराई.. फिर बातें होने लगीं।
ऐसे ही आंटी की सहेली ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मना कर दिया।
तब तक आंटी चाय बना कर ले आईं।
हम लोग चाय पी रहे थे। अचानक आंटी की सहेली मेरे करीब में आ कर बैठ गईं, वो कभी अपना हाथ मेरे सर पर फिरातीं.. कभी टाँगों पर!
मुझे चाय पीने के बाद कुछ अजीब सा लग रहा था। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मेरे पैंट में उभार बनते देख कर आंटी मुस्करा रही थीं।
तभी आंटी की सहेली पूजा मेरे लंड को देखकर हँस पड़ी, वो कहने लगीं- यह क्या है?
मेरा लंड खड़ा था।
पूजा आंटी सहलाने लगीं और मुझे बहुत जबरदस्त किस करने लगीं। उधर दीप्ति आंटी भी मेरे पास आ गईं। अब दोनों आंटियों ने मुझे नंगा कर दिया और मुझे चूमने लगीं। मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं।
तभी पूजा आंटी मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और लंड को चूसने लगीं।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
दीप्ति आंटी अपने कपड़े उतारने लगीं। यार… आंटी क्या कयामत माल लग रही थीं।
फिर पूजा आंटी भी कपड़े उतारने लगीं।
वो थोड़ी कम सेक्सी थीं.. पर दोनों को नंगी देख कर मजा आ रहा था।
मैंने दीप्ति आंटी को किस किया, साथ ही मैं उनकी चूचियों को भी दबा रहा था। उनके मुँह से काफ़ी तेज़ आवाजें आ रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
वो एकदम गर्म हो गई थीं और मेरा लंड पकड़ कर बड़ी जंगली तरीके से चूसने लगीं।
कुछ मिनट लंड चूसने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैं पूजा आंटी के मुँह में झड़ गया। दोनों नंगी आंटियों ने मेरा रस पी लिया।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैं दीप्ति आंटी को किस कर रहा था और उनके चूतड़ों को मसल रहा था। मैं अब जोश में आ गया था। मैंने आंटी को लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा।
आंटी बहुत गर्म हो गई थीं, वो कह रही थीं- आह्ह.. कुछ करो मेरे राजा.. मुझे चोद दो।
मैंने अपना लंड हाथ में लिया और आंटी की नंगी चूत पर रख दिया। धक्का मारते लंड चूत से फिसल गया।
पूजा आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और रगड़ने लगीं, वो कहने लगीं- अब नहीं रहा जाता.. लंड पेल दो अन्दर.. लंड के लिए बहुत दिनों से प्यासी हूँ।
उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था।फिर मैंने उनकी चूत पर अपना थूक लगाया और कुछ थूक लंड पर मल लिया।
अब चूत की फांकों को फैला कर सुपारा फंसा दिया और धीरे से एक धक्का लगा दिया। मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया। आंटी के आंसू आ गए, वो बहुत चिल्लाने लगी थीं- उहहहह.. मर गई..
मैं बिना कुछ सुने लंड डाले जा रहा था। इधर पूजा आंटी मेरे लंड को पीछे से चाट रही थीं। वो कभी मेरी गांड में उंगली करतीं.. तो कभी मेरी गांड चाटतीं।
मैं दीप्ति आंटी को चोद रहा था और किस कर रहा था। थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं- और ज़ोर से चोद दे मेरे राजा।
मैं जोश में आ गया और दीप्ति आंटी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा ‘अहह.. चोद दो.. आह्ह..’
उनकी आवाजें कमरे को भी गर्म कर रही थीं, चूत चुदाई की आवाजों से भी पूरा कमरा रोमांटिक हो गया था।
दीप्ति आंटी जल्दी ही एक बार झड़ चुकी थीं। फिर मैंने उनकी चूचियों को चूसा और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गईं, वो कहने लगीं- और ज़ोर से चोद..
तो मैं भी जोश में आ गया और लगातार आंटी की चूत में झटके देने लगा।
कुछ मिनट बाद वो दूसरी बार झड़ चुकी थीं, अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूं?
इतने पूजा आंटी ने कहा- मेरे मुँह में लंड देना।
मैंने लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया। वो काफ़ी तेजी से लंड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी पूजा आंटी के मुँह में निकल गया।
मैंने जैसे ही उनके मुँह से लंड निकाला.. तो दोनों आंटियां रंडी की तरह एक-दूसरे के मुँह को चाट रही थीं।
फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं सोचने लगा कि आज तो पक्का इन दोनों ने मेरी चाय में कोई कामोत्तेजक दवा मिला दी है।
मैंने सोचा अब दवा अन्दर चली ही गई है तो इन दोनों को भी भरपूर चोद कर ही दम लूँगा। मेरा लंड एकदम पत्थर के सामान हार्ड हो गया था।
अब पूजा आंटी को चोदा, पूजा आंटी की चूत दीप्ति आंटी से और ज्यादा टाइट थी, पूजा आंटी की चूत में लंड नहीं जा रहा था। तब दीप्ति आंटी ने उनकी चूत पर थोड़ा तेल लगाया। तब जाके कहीं लंड चूत में गया।
पूजा आंटी दर्द से ‘अहह.. उहह..’ करके चिल्ला रही थीं, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, उनकी चूत से खून भी निकल रहा था।
फिर मैं थोड़ा रूका और उनके ऊपर लेटा रहा, उनके होंठों को और मम्मों को चूसता रहा, थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ।
अब मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरु कर दिए, वो भी अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई का मजा ले रही थीं। मैं काफी देर तक लगातार चुदाई करता रहा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने फिर पूछा- कहाँ निकालूं?
तो उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.. मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना है।
मैंने माल आंटी की चूत के अन्दर ही छोड़ दिया, कुछ देर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा।
बाद में मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गया। मैं लेटा हुआ था.. तभी पूजा आंटी उठीं और मेरे मुँह के पास अपनी चूत ले आईं।
मुझसे कहने लगीं- चूत चटवानी है।
मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगीं- मादरचोद चाट.. मेरी चूत खा जा भोसड़ी के!मैं उनकी चूत चाटता रहा, फिर वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं।
कुछ देर आराम करने के बाद मुझे उनकी गांड मारने इच्छा हुई, मैंने पूजा आंटी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है।
पहले उन्होंने मना किया.. फिर कुछ देर बाद वो मान गईं और मुझसे कुत्ते की तरह अपनी गांड चटवाने लगीं।
मैंने पहले दीप्ति आंटी की गांड को मारना चाहा, वो मना कर रही थीं- नहीं बहुत दर्द होगा।
फिर वो मेरे कहने पर मान गईं।
मैं उनकी गांड पर अपना लंड रखा और बहुत सा थूक लगाया, फिर धीरे से झटका मारा।
आंटी चिल्लाईं- मार डाला.. बहुत दर्द हो रहा है.. निकाल लो.. उई मम्मी.. मर गई।
मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो आंटी की गांड में लंड डाले जा रहा था।
फिर जब उन्हें थोड़ा आराम हुआ तो वो मेरे ऊपर आ गईं और उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगीं। उधर पूजा आंटी मुझे किस कर रही थीं।
कुछ देर बाद दीप्ति आंटी के झड़ने के बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने सारा रस आंटी की गांड में डाल दिया। मेरा लंड अन्दर तक घुसा हुआ था। उसमें आंटी की पॉटी लग गई थी।
कुछ देर आराम हुआ.. फिर दीप्ति आंटी ने पूजा आंटी की गांड साफ की। मैंने पूजा आंटी की गांड पर अपना लंड लगा कर एक झटका मारा, मेरा आधा लंड पूजा आंटी की गांड में घुस गया, वो भी चिल्लाने लगीं- निकालो इस मूसल को मेरी गांड से.. मैं मर जाऊँगी।
मैं थोड़ी देर रुका रहा, वो नॉर्मल हो गईं, फिर मैंने जोर का झटका लगाया, वो बिस्तर पर गिर गईं और उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उनकी गांड मारने लगा। थोड़ी देर बाद उनको मजा आने लगा और वो चूतड़ों को उठा कर गांड चुदवाने लगीं।
इस तरह मैं उनको चोदता रहा और काफ़ी टाइम बाद उनकी गांड में ही झड़ गया।
मैंने उस रात कई बार चूत गांड मारी.. मुझे बहुत मजा आया, उस रात हम तीनों ने खूब मजे लिए।
मैं काफ़ी थक चुका था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. मुझे मेल करते रहना।
sexylund1122@gmail.com
loading...

loading...

loading...

loading...

Thursday 9 November 2017

Aunty ki Chudai - Hindi Sex Stories


Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Sex Kahani, Desi Chudai Kahani, Free Sexy Adult Story, New Hindi Sex Story,muslim sex,indian sex,pakistani sex , Mastram , gandikhaniya.com , Gandi Khaniya ,  ahindisexstories.com
loading...
Hi guys I am rahul from pune . I love sex . Muje sex bahot pasand hai . Main ek multinational company me sales manager hun. Ye kuch 1 saal pahele ki baat hai…Jab me tour me tha main Solapur me tha. Mere distributor Mr. Joshi jo 42 age ke the. Main unki office per pahocha. Unka ghar aur office sath me hi tha. Unho ne mere liye pani mangvaya to ek lady jo kuch 35 saal ki hogi gora rang uska figure 36 26 34 hoga. Mr. Joshi ne mera parichay karvaya ye meri patni sarika main to unhe dekhta hi rahe gaya..Phir main aur Mr. Joshi market ke liye nikal gaye us din raat ko muje hotel me Verdi film dekh raha tha usme jab jakie sroff madhuri dixit ko khich ker apne upper leta hai tab jo madhuri ke boobs dikhte hai tab muje purvi yaad ayee us scene ko dekhte dekhte sarika ko yaad karke main apna lund hila raha tha…Dusre din Mr. Joshi ne saam ke khane per invite kiya. Main aur Mr. Joshi khane ke liye niche beth gaye aur unki patni hume parosti thi main aur mr.

Joshi amne samne bethe the sarika parosane ati tab jukti aur meri nazar uske blouse me jati do teen baar aisa hua. Ek baar main dekh raha tha tab who muje dekh rahi thi hum dono ki nazar ek ho gayi maine dhire se sorry kaha who muskura ker chali gayi thodi der baad who jab ayi mr.joshi ke pichhe khadi rahi meri aur dekh rahi thi . Maine uski aur dekha to muskura rahi thi khana kha lene ke baad me main aur mr.joshi kal ka planning kar rahe the dusre din mera ek sales man and mr. Joshi pandharpur market ke liye jane ko maine bola aur main yaha aker apki sab scheme and claim bana ker company me bhej dunga aisa maine kaha who agree ho gaye ..Dusre din 10.00 am ko main unke waha pahocha sarika ne darwaja khola aur ane ko kaha maine puchha mr. Joshi gaye kya usne kaha ha dono early morning nikal gaye. Baad me main sab file aur bill book leker scheme banane beth gaya thodi der baad sarika chay leker ayi maine chay leker uski aur dekha who muskurayi samne beth gayee thodi der baat karne ke baad usne puchha kal khate samay kya dekh rahe the aap maine anjaan bante hue puchha kab to who boli apne sorry kyu kaha tha ? Maine himmat karke puchha tumhe koi sunder chiz dikh jaye to tum dekhogi ya nahi ?
loading...
Usne jawab diya ji bharke dekhungi hath lagaker dekhungi aisa bol ke who chali gayi meri bhi thodi himmat badhi thodi der baad himmat karke main uske pichhe kitchen me gaya wo khana banane ki taiyari kar rahi thi maine pichhe se uski kamar me hath dale aur uske boobs ko pakad liya wo gabhra gayi wo boli ye kya kar rahe ho aap maine kaha kal jo khubsoorat chiz main dekh nahi paya use hath laga ker dekh raha hun wo meri aur ghum gayi aur uska pallu usne zatak diya aur kaha lo zee bharke dekho . Wow wo nazara me zindgibhar nahi bhul shakta maine ek hath uske ball per rakha aur blouse ke upper se hi dabane laga usne mere gale me hath dala aur mere hoth kareeb leker kiss karne lagi hum dono garam hone lage thodi der baad maine uske blouse ko khol diya wo boli chalo bedroom me chalet hai maine use uthaya aur bed room me le gaya waha jaker hum dono ne apne upper ka kaboo kho diya maine uska blouse utar diya phir maine apne kapde nikal diye pura nanga ho gaya wo bhi ab sirf petticoat me thi maine kaha ise kyu rakha hai aisa bol ker use bhi khol diya ek sange marmar ka dudh me nahaya hua badan mere samne tha mera lund pura tan gaya tha use dekh wo hansi aur mere samne beth gayee usne mera lund muh me le liya chusne lagi 15 min chusne ke baad pura pani muh me chhod diya .

 Who use pi gayi phir se mere lund ko chsne lagi mera lund pura tana hua tha main use bed per litaya aur uske upper jaker mera lund uski chut per rakha aur jor se dhakka diya wo chikh padi thodi der aise hi rahe ker uske ball ko chus raha tha phir main mera lund ander bahar karne laga dono ko maza aa Raha tha wo bol rahi thi Rahul mere raja aur zor se karo phad do meri chut pls muje masal dalo aaj a…

loading...
Kareeb 20 min chodne ke baad main jad gaya is darmyan who 2 baar jad chuki thi jaise hi main hata to wo khadi hoke bathroom me ja rahi thi maine use khicha aur bed me le aya lita ke uske muh me lund de diya phir wo chusne lagi thodi der baad jab lund tan gaya to maine use table ke sahar ulta khada kiya aur mere lund per pani laga ker uski ass hole pe rakha to wo bol padi pls gand mat maro bahot dard hota hai maine kabhi nahi karvaya maine kaha dard thodi der hoga phir maza ayega per wo nahi man rahi thi maine usi dauran mera lund ko dhakka de diya who adhe jitna uski gand me ghus gaya wo chikh padi boli mar gayi aaaa baap re uski ankon me ansu aa gaye the who gidgida rahi thi mat karo maine dusra dhakka diya aur pura lund uski gand me ghus gaya thodi der main ruk gaya maine uska g-spot sahelaya uske boobs masal raha tha thodi der me wo garam ho gayee maine dhire dhire dhakke lagane shuru kiya kareeb 20 se 25 min tak maine uski gand mari phir hum alag ho gaye dono sath me bathroom me jakker nahaye maine use aur usne muje nahelaya baad me taiyaar ho ker khana khake hum apna kaam karne lage kaam pura ho gaya saam ke 5.00 baje the maine mere saleman ko mobile kiya kaha pahoche usne kaha hum abhi nikle hai 2.30 ghante baad hum solapur ajayenge ye janane ke baad me phir bed room me gaya wo waha baal bana rahi thi maine use phir se pakad liya wo boli “ wo log ate hi honge” maine kaha “ wo log 2.30 ghante baad ayenge “ aisa kaheker maine uske hoth per apne hoth rakh diye aur chusne laga phir se dusri inning shuru huee phir se use 2 baar choda ..Phir kya tha har subah Mr. Joshi market jate hi sarika muje mob per call karti thi pichhe se me waha jaker sarika ke sath maza karta tha.

Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Sex Kahani, Desi Chudai Kahani, Free Sexy Adult Story, New Hindi Sex Story,muslim sex,indian sex,pakistani sex , Mastram , gandikhaniya.com , Gandi Khaniya ,  ahindisexstories.com


loading...

Saturday 11 May 2013