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Thursday 15 February 2018

शादीशुदा बहन मेरे लंड पर फिदा | Shadishuda behan mere Lund par Fida - Hindi Sex Stories

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आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट  कॉम पर पढ़ रहे हैं।
प्रेषक : विजय …
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विजय है और मेरी उम्र 24 साल, लम्बाई 5.8 है। में दिखने में ठीक लगता हूँ और में एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। दोस्तों में भी आप सभी की तरह बहुत समय से एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़कर मज़े लेता आ रहा हूँ और मुझे सभी सेक्सी कहानियाँ बहुत पसंद आती है। फिर एक बार मैंने मन में विचार बनाया कि में भी अपनी उस सच्ची घटना जो मेरे साथ घटित हुई उसको आप सभी के लिए लिखकर पेश करूं और आज मैंने उसको लिख लिया है और भेज रहा हूँ उम्मीद करता हूँ कि सभी पढ़ने वालों को यह जरुर पसंद आएगी। दोस्तों यह कहानी तब की है जब में अपनी स्कूल की पढ़ाई कर रहा था और मेरे उन दिनों 10th के पेपर पूरे होने के बाद में अपनी मौसी के घर अपनी छुट्टियाँ बिताने के लिए गया था। दोस्तों मेरी मौसी एक गाँव में रहती है और उस गाँव में उनका एक बड़ा सा घर है और जब में वहां पर पहुंचा, तब घर में मेरी मौसी और मौसा जी थे। दोस्तों वैसे मेरी मौसी को दो बेटियाँ है और वो दोनों शादीशुदा है, जिसमे से एक का नाम वर्षा है और दूसरी बेटी का नाम नंदनी है दोनों बेटियों की शादी हो जाने की वजह से अब मेरी मौसी-मौसाजी उसके कोई भी लड़का ना होने की वजह से उस इतने बड़े घर में अलेके ही रहते है।

दोस्तों मेरी वर्षा दीदी की उम्र करीब 27 साल है और नंदनी दीदी की उम्र 24 साल है और मेरे साथ जो घटना घटी वो मेरी वर्षा दीदी के साथ घटी। दोस्तों जब में अपनी मौसी के घर गया था, उस समय मेरी वर्षा दीदी भी वहीं अपनी माँ के घर आई हुई थी। फिर मेरे वहां पर पहुंचते ही वो सभी लोग मुझे देखकर बहुत खुश हुए, क्योंकि पिछले तीन साल से में अपनी स्कूल की छुट्टियों में वहीं पर जाता था। फिर में भी मेरी वर्षा दीदी को वहां पर देखकर बहुत खुश था, क्योंकि वो मुझे उनके घर पहली बार मिली थी और उनके शादी हो जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे को बहुत कमी से मिले थे। फिर में अपनी मौसी के घर पहुंचकर मुहं हाथ धोकर उस लंबे सफर की थकान को दूर करके हल्का हो गया और उसके बाद में टीवी देखने लगा था। फिर थोड़ी ही देर के बाद वर्षा दीदी ने मुझे आवाज देकर अपने पास बुला लिया और में हाँ में अभी आ रहा हूँ कहकर तुरंत ही उनके कमरे में चला गया, क्योंकि उनका वो कमरा ऊपर था और फिर उस कमरे में जाते समय मैंने देखा कि मेरी मौसी अपना कुछ सामान एक बेग में जमा रही थी।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट  कॉम पर पढ़ रहे हैं।

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अब में मन ही मन में सोचने लगा कि यह क्यों अपना सामान जमा रही है? फिर मैंने अपनी दीदी के पास जाकर उनसे पूछा कि मौसी बेग में सामान क्यों जमा रही है? तब वर्षा दीदी ने मुझे बताया कि वो दोनों एक सप्ताह के लिए यात्रा पर बाहर जा रहे है। दोस्तों माफ करना में अपनी दीदी के बारे में आप सभी को बताना तो भूल ही गया और अब बता देता हूँ। मेरी दीदी थोड़ी लंबी और गोरी है, उसके बूब्स आकार में इतने बड़े नहीं थे, लेकिन उनकी वो गांड बहुत मस्त उभरी हुई थी और उनको एक बेटी भी है और वो शादीशुदा और एक बच्चे की माँ होने के बाद भी किसी कुंवारी लड़की जैसी नजर आती थी। अब में अपनी दीदी के कमरे में जाकर उनकी बेटी के साथ खेलने लगा और वो कुछ देर बाद नीचे चली गयी, फिर वर्षा दीदी ने हम सभी के लिए खाना बनाया और खाना खाने के बाद हम सभी बैठे हुए बातें कर रहे थे। फिर उन सभी ने मेरे घर का हालचल मुझसे पूछा और फिर मौसी ने मुझसे कहा कि में अपनी दीदी के साथ यहीं पर ही रहूँ, क्योंकि जल्दी सुबह ही वो लोग ट्रेन से बाहर जाने वाले है तुम्हे यहाँ आया देखकर हमारी आधी चिंता खत्म हो गई और अब हम आराम से जा सकते है, क्योंकि घर की हमे पीछे से कोई भी चिंता अब नहीं होगी।

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फिर हम सभी लोग बातें खत्म करके सोने के लिए चले गये और उसी समय जब में जा रहा था, तभी दीदी ने मुझसे कहा कि में उनके साथ ही कमरे में सो जाऊं। अब मैंने उनको तुरंत हाँ कर दिया और में साथ ऊपर वाले उनके कमरे में सोने चला गया, रात को बहुत देर तक हम दोनों बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे। फिर मैंने कुछ देर बाद दीदी से उनके पति के बारे पूछा, लेकिन वो मेरे मुहं से अपने पति के बारे में सुनते ही तुरंत ही उदास हो गयी और वो अब बिल्कुल चुप हो गयी जैसे उनको कोई सांप सूंघ गया हो, उनके चेहरे से वो मुझे थोड़ी सी नाराज़ भी लगी। फिर मैंने कहा कि मुझे माफ करे मेरा आपका दिल दुखाने का इरादा बिल्कुल भी नहीं था और अब में पलंग पर लेट गया, लेकिन वो तो अब रोने लगी थी और वो कहने लगी कि उन दोनों पति-पत्नी का झगड़ा हो गया है। अब वो मुझसे कहने लगी कि हमारे बीच यह झगड़ा उनको बेटी होने की वजह से हुआ है, क्योंकि उनके पति और सास को मुझसे एक बेटा चाहिए था, लेकिन पहली बार ही बेटी होने की वजह से हमारे बीच झगड़ा हुआ था और इस वजह से वो अपनी माँ के घर वापस चली आई। अब वो अपनी बात को खत्म करके दोबारा रोने लगी थी, उनको रोता देख मुझे उनके ऊपर दया आ गई।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट  कॉम पर पढ़ रहे हैं।

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फिर मैंने उनको पानी लाकर दे दिया और में उनको चुप करवाने लगा था, कुछ देर के बाद हम दोनों सो गये। फिर दूसरे दिन सुबह जब में उठा तब मैंने देखा कि मेरी मौसी और मौसाजी अब तक जा चुके थे और मेरी दीदी उस समय रसोई में काम कर रही थी। फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में बैठकर नाश्ता किया और उसके बाद हम दोनों वापस ऊपर वाले कमरे में चले गये और तभी मुन्नी रोने लगी। अब में उसको चुप करवाने के लिए उसको अपनी गोद में उठाकर उसके साथ खेलने लगा, लेकिन वो चुप ना होकर अब और भी ज़ोर से रोने लगी थी। फिर दीदी ने उसको मेरे पास से अपनी गोद में ले लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि मुन्नी को भूख लगी है इसलिए वो इतना रो रही है, उसका दूध पीने का समय हो चुका है, इसलिए उसको अब दूध पिलाना पड़ेगा और तब जाकर ही वो चुप होगी। दोस्तों उस समय मेरी दीदी ने गाउन पहना हुआ था और फिर दीदी ने तुरंत नीचे बैठकर मेरे ही सामने अपने गाउन के ऊपर के दो तीन बटन को खोलकर अपना एक बूब्स उस खुले हिस्से से बाहर निकालकर मुन्नी के मुहं में अपने एक निप्पल को दे दिया।

अब मुन्नी उस निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी थी और में बस वही सब बड़े ध्यान से देख रहा था, क्योंकि मैंने पहली बार किसी को इतना पास से बच्चे को दूध पिलाते हुए और किसी के गोरे गोल बूब्स को अपनी आँखों से देखा था, इसलिए में बड़ा चकित था। फिर कुछ देर बाद दीदी ने मेरी तरफ अपनी नजर को उठाकर देखा और दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम ऐसे क्या घूरकर देख रहे हो? अब में उनके मुहं से यह सवाल सुनकर शरमा गया। फिर तुरंत ही मैंने अपनी नजर को नीचे झुका लिया था और में उनको कहने लगा कि कुछ नहीं और फिर में उस कमरे से बाहर जाने लगा था। फिर दीदी ने उसी समय मुझसे कहा कि तुम यहीं रहो, तुम्हे कहीं नहीं जाना और में उनकी यह बात सुनकर वापस बैठ गया और उस समय मैंने अपनी झुकी नजर से चोरी छिपे देखा कि दीदी ने आज अपने उस गाउन के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। अब मेरी दीदी के बूब्स को मुन्नी बड़े मज़े से चूस रही थी और कुछ देर दूध पीने के बाद मुन्नी बिल्कुल शांत हो गयी और शायद वो पेट भरने की वजह से चुप थी। फिर दीदी ने मुझसे कहा कि तुम बैठकर कुछ देर इसके साथ खेलो, तब तक में नहा लेती हूँ और फिर वो मुझे अपनी बेटी के पास छोड़कर नहाने चली गयी और में मुन्नी के साथ खेलने मस्ती करने लगा था।

फिर दीदी थोड़ी देर के बाद नहाकर बाथरूम से बाहर आ गई और फिर में बस उन्हे देखता ही रहा गया, क्योंकि दीदी ने उस समय अपने गोरे चिकने बदन पर सिर्फ़ टावल ही लपेटा हुआ था और उनके वो खुले हुए लंबे काले बाल बहुत सुंदर थे वो उस गोरे बदन की सुंदरता को कुछ ज्यादा ही बढ़ा रहे थे, इसलिए मेरी दीदी उस समय क्या मस्त लग रही थी। अब पहली बार अपनी दीदी का वो कामुक द्रश्य उनका आधा नंगा बदन देखकर मेरे अंदर एक झनझनाहट होने लगी थी और में बस उनके गोरे चिकने पैर और जांघो को ही देख रहा था, जिसके वजह से मेरे अंदर की जवानी अंगड़ाई लेने लगी थी।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट  कॉम पर पढ़ रहे हैं। दोस्तों उस द्रश्य को देखकर मेरा मुहं पूरा खुला ही रह गया और वो कब मुझे देखने लगी थी मुझे यह भी पता नहीं रहा, मेरी नजरे अपनी दीदी के बदन को अपनी खा जाने वाली नजरों से देख रही थी, क्योंकि मेरे साथ ऐसा सब पहली बार हो रहा था। फिर दीदी ने मुझे अपने पास बुलाया, तब जाकर मैंने उनकी आँखों में झांककर देखा और में शरमा सा गया और वो मेरी तरफ देखकर हंस रही थी। दोस्तों उसी समय मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो चुका था और मेरी इच्छा हो रही थी कि में अभी अपनी दीदी की चुदाई कर दूँ और मेरे झटके देते हुए लंड ने मुझे बड़ा मजबूर किया, लेकिन मुझे बड़ा डर भी लग रहा था और इसलिए में चुप ही रहा।

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फिर में वापस कमरे से बाहर जाने लगा, लेकिन दीदी ने मुझे रोक दिया और वो मेरे लंड का उभार बहुत ध्यान से देखने लगी थी और वो मेरी हालत को एकदम ठीक तरह से समझकर अब हंसने लगी थी। अब वो बिल्कुल अंजान बनकर मुझसे पूछने लगी कि यह क्या है? मैंने कुछ भी नहीं बोला में चुप ही रहा और अब दीदी ने मुझे वहीं पर बैठने के लिए कहा। अब दीदी मेरे साथ मजाक करने लगी थी और वो मुझसे कहने लगी कि अब तो तुम बड़े हो गये हो और साथ ही तुम्हारा बहुत कुछ भी मुझे बड़ा नजर आ रहा है। अब में उनकी बात का मतलब समझकर शरमा रहा था और में वहीं पर बैठा था, तभी दीदी अब मेरे सामने ही अपने कपड़े पहनने लगी थी, दीदी ने वापस ही सिर्फ़ वहीं गाउन पहन लिया था और वो भी बिना ब्रा और पेंटी के, उसके बाद तैयार होकर मुन्नी को अपनी गोद में लेकर वो दोबारा उसको अपना दूध पिलाने लगी थी। अब में लगातार वो द्रश्य देख रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था और पेंट के अंदर ही हल्के हल्के झटके भी देने लगा था। फिर दीदी ने मुझे अपने पास बुलाया और मुझसे पूछा कि क्या हुआ? में इस बार भी कुछ बोल नहीं पा रहा था, लेकिन वो मेरे चेहरे की तरफ देखकर हंसने लगी थी।

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अब दीदी ने मुझसे कहा कि तुम तो मुझे बहुत देर से अपनी इन गंदी नज़रो से देख रहे हो। अब में डरते हुए उनको कहने लगा कि नहीं दीदी ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो आप प्लीज मुझे माफ कर दे अगर आपको लगता है कि मैंने कोई भी गलती की है तो मेरी उस गलती को प्लीज नजरंदाज कर दो। फिर वो मुझसे कहने लगी कि अब तुम उसको बाहर निकालो जिसको तुम अपनी पेंट के अंदर छुपाए बैठे हो, में एक बार उसको देखना चाहती हूँ, उसी समय मैंने डरते हुए उनको ना बोल दिया। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट  कॉम पर पढ़ रहे हैं। अब वो मेरे ना कहने की वजह से गुस्सा हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि में तुम्हारी मम्मी को यह सब बोल दूँगी कि तुमने मुझे कैसे देखा और हो सकता है कि उनको कुछ ज्यादा झूठ भी बोलकर तुम्हे फंसा सकती हूँ। फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत डर गया और जल्दी से मैंने अपना खड़ा लंड पेंट बाहर निकाल लिया और में उनके सामने अपना मुहं नीचे करके खड़ा हो गया और अब तक मुन्नी सो चुकी थी। अब दीदी उसी हालत में मुन्नी को बिस्तर पर लेटाकर उनका एक बूब्स बाहर ही लटके मेरे पास आकर मेरा लंड अपने एक हाथ में लेकर उसको सहलाने लगी थी और वो मुझसे कहने लगी कि वैभव वाह तेरा तो बहुत ही बड़ा लंड है। दूर से इसका आकार बहुत छोटा नजर आ रहा था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब भी में चुप ही रहा और वो मुझसे बोली कि भोड़सी के इतने दिनों तक तूने इसको कहाँ छुपा रखा था? वो उनकी बातों से बहुत खुश लग रही थी। अब मेरा भी थोड़ा सा डर कम हो गया और में भी शांत हो गया। वो मुझे पलंग पर बैठाकर मेरे लंड से खेलने लगी थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मेरे देखते ही देखते दीदी ने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको चूसने लगी थी और लगातार मेरे लंड को कभी अंदर और कभी पूरा बाहर निकालकर टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चाटने लगी थी वो यह सब किसी अनुभवी रंडी की तरह कर रही थी। दोस्तों में उनके ऐसा करने की वजह से बहुत गरम हो रहा था और जब वो मेरा लंड अपने मुहं के अंदर बाहर करने लगी। में मज़े मस्ती की दूसरी दुनियां में जा चुका था। फिर में भी उनका सर पकड़कर मज़े लेने लगा था और बस तीन चार मिनट में ही में उनके मुहं में झड़ गया, क्योंकि वो मेरा पहला अनुभव था और फिर झड़ने के बाद में पलंग पर वैसे ही लेट गया। अब दीदी चाटकर चूसकर मेरा सारा वीर्य पी गयी और मेरे लंड को दीदी ने लोलीपोप की तरह चूसकर एकदम साफ कर दिया, वो पूरी मेहनत से उस काम को कर रही थी।
फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह प्यार कर रहे थे और फिर दीदी ने मुझे बताया कि पिछले पांच महीने से उन्होंने चुदाई के यह सब मज़े नहीं लिए है, इसलिए आज दीदी के सर पर अपनी चुदाई का भूत सवार हो गया था और अब उनको अपनी प्यासी चूत में मेरा लंड चाहिए था।

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अब दीदी ने बिल्कुल साफ शब्दों में मुझसे अपनी चुदाई करने के लिए कहा और में अपनी कामुक दीदी के मुहं से यह चुदाई के शब्द सुनकर बहुत खुश हो गया। अब में तुरंत उनके ऊपर चढ़कर उनके रसभरे गुलाबी होंठो को चूमने लगा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उनको मेरे साथ यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने कुछ देर मज़े लेने के बाद उनको बैठाकर उनका गाउन उतार दिया और आज पहली बार मैंने किसी लड़की की नंगी चूत को देखा था, जिसकी वजह से में बहुत चकित था और मेरा पूरा ध्यान उस समय बस दीदी की चूत पर ही था। दोस्तों मैंने देखा कि मेरी दीदी की चूत पर एक भी बाल नहीं था, मानो बस अभी ही वो अपनी चूत को मेरे लिए साफ करके आई थी।

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फिर दीदी ने मेरा हाथ अपनी तरफ खींचा तब जाकर में होश में आकर उनके पास गया और अब में दीदी को चूमने प्यार करने लगा था। अब में उनके बूब्स को मसलने और एक बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था और उस समय दीदी के बूब्स से दूध भी आ रहा था, इसलिए में उस दूध को बड़े मज़े से चूस चूसकर पी रहा था और दीदी बहुत गरम हो रही थी। अब मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था, कुछ देर बाद हम दोनों 69 आसन में हो गये और में अपना मुँह उनकी चूत पर ले गया और उनकी चूत की भीनी भीनी खुशबू से में मदहोश हो रहा था। अब अपनी जीभ को उनकी चूत के होंठो पर रगड़कर में चूत के दाने को चाटने लगा था, जिसकी वजह से दीदी की चूत गीली होने साथ ही चिपचिपी भी हो चुकी थी। अब वो जोश में आकर मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूस रही थी और मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो चुका था। अब में आगे बढ़कर उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा था और वो मेरे सर के बाल पकड़कर मेरी जीभ को और भी अंदर डालने लगी थी। फिर मैंने कुछ देर बाद खड़ा होकर अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया। उस दर्द मस्त की वजह से वो आहह उह्ह्ह्ह करने लगी थी।

अब में अपनी उंगली को अपनी दीदी की गरम चूत में लगातार अंदर बाहर करने लगा था, जिसकी वजह से वो बहुत जोश में आ रही थी और अब वो मुझे गंदी गंदी गालियाँ देने लगी थी ऊफ्फ्फ्फ़ बहनचोद साले कुत्ते तू अब मुझे ज्यादा मत तड़पा, प्लीज मेरे अच्छे भाई अब तू डाल भी दे अपना लंड मेरी इस प्यासी चूत में आह्ह्ह्ह अब तू मुझे मत तड़पा। फिर में अपनी दूसरी उंगली को भी चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा था, ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था। अब वो और भी ज़ोर से चिल्लाने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे बहुत जोश आ रहा था और फिर मैंने उनकी चूत से अपनी उंगली को बाहर निकला और अपने मुहं में लेकर उसको चूसकर साफ किया। अब मैंने दीदी के होंठो पर एक चुम्मा किया और उसी समय दीदी ने मुझसे कहा कि वैभव प्लीज अब तू मेरी चूत को ठंडी कर दे, नहीं तो में मर ही जाउंगी। फिर मैंने जाकर तेल लिया और अपने लंड पर और उनकी चूत पर थोड़ा सा तेल लगाकर एकदम चिकना कर दिया। अब में उनके ऊपर चढ़ गया और में उनकी चूत के मुहं के पास अपने लंड को रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा था, जिसकी वजह से उनकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी।

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अब में अपने लंड का टोपा दीदी की गरम चूत में डालने के लिए तैयार करने लगा था और दीदी ने मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर चूत के छेद के पास रख दिया और मैंने उनका वो इशारा समझकर तुरंत ही धीरे से धक्का लगा दिया। अब वो इतने महीनों के बाद अपनी कसी चूत में मेरे मोटे सख्त लंड को महसूस करके दर्द की वजह से आह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह करके मुझे गाली देने लगी। वो कहने लगी साले कुत्ते कमीने धीरे से कर बहनचोद मुझे दर्द होता है, इतने दिनों बाद मेरी चूत को किसी का लंड नसीब हुआ है, लेकिन मैंने और भी ज़ोर से अपना अगला झटका लगा दिया। अब मेरे उस तेज धक्के की वजह से मेरा आधा लंड मेरी दीदी की गीली चूत के अंदर चला गया, जिसकी वजह से वो सकपका गई और काँपने भी लगी थी, लेकिन में अब धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था और वो आहे भर रही थी, क्योंकि बड़ा तेज दर्द हुआ था। फिर कुछ देर बाद मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया और में ऐसे ही अपने लंड को रखकर उनके ऊपर लेटकर उनके होंठो को चूसकर मैंने उनकी चीखने की आवाज को बंद किया, लेकिन उस दर्द की वजह से उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे थे।

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फिर में धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था और वो आहह्ह्ह ऊह्ह्ह की आवाज़ कर रही थी और कुछ देर बाद जब उनका दर्द कम हुआ, तब वो भी मज़ा लेकर मेरे हर एक धक्के के साथ उछल उछलकर अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी थी। अब मैंने भी उनका वो जोश देखकर अपने धक्को की रफ्तार को बढ़ा दिया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेते हुए चिल्लाने लगी आहहहह ऊह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से धक्के मारो ऊह्ह्ह वाह मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है कहने लगी थी और थोड़ी ही देर के बाद वो झड़ गयी। अब मैंने भी अपनी रफ्तार को पहले से भी ज्यादा बढ़ा दिया और बस थोड़ी ही देर धक्के देने के बाद में भी उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया और अब हम दोनों वैसे ही एक दूसरे से लिपटकर पड़े रहे और फिर एक दूसरे को चूमने चाटने लगे थे। फिर कुछ देर बाद दीदी ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और वो उठकर खड़ी होकर वापस पलंग पर बैठ गयी और अब वो नीचे झुककर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसको चूसते हुए चाटकर साफ करने लगी थी। दोस्तों में पूरी तरह से थक चुका था और मेरा लंड अपनी जीभ से अच्छी तरह साफ करने के बाद दीदी ने अपनी चूत को मेरे मुहं के पास लाकर रख दिया और वो मुझसे उनकी चूत को चाटकर साफ करने के लिए कहने लगी।

फिर मैंने भी बिना देर किए दीदी की चूत का रस अपनी जीभ से चाटकर चूसकर साफ कर दिया और एकदम चमका दिया और अब हम दोनों थककर वहीं पर वैसे ही नंगे लेट गये। दोस्तों यह थी मेरी अपनी दीदी के साथ उनकी पहली बार चुदाई की सच्ची कहानी मुझे उम्मीद है कि सभी को यह जरुर पसंद आई होगी ।।
धन्यवाद …
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Monday 12 February 2018

Monday 22 January 2018

सेक्सी भाभी की प्यासी बहन

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी का मित्र आकाश आज आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़ने वालो को अपने जीवन के एक और सेक्स अनुभव को लेकर आपके सामने आया हूँ। दोस्तों में 21 साल का गठीले सुंदर गोरे बदन का लड़का हूँ और में सेक्स करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ और मुझे कहीं भी सेक्स करने का मौका मिले में उस मौके को कभी भी खाली नहीं जाने देता। दोस्तों यह उन दिनों की बात है, जब मेरे बड़े भैया जो मेरे ताऊ जी के लड़के है उनकी शादी हुई और जब पहली बार मेरी भाभी हमारे घर आई तब में तो उनकी सुंदरता को देखकर पागल ही हो गया। दोस्तों मेरी भाभी इतनी सुंदर थी कि मेरा मन अब करने लगा कि आज अपने भैया की जगह में खुद ही उनके साथ सुहागरात मना लूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं था। सच में दोस्तों मेरी भाभी बहुत ही सेक्सी है और उसके बूब्स को अगर कोई एक बार देख ले तो वो पूरी दुनिया को भूलकर बस बूब्स को ही देखता रह जाएगा। दोस्तों मेरी भाभी के वो गोलमटोल आगे की तरफ बड़े हुए नोकदार बूब्स है, जिसको देखकर तो किसी नामर्द का भी लंड तुरंत बिजली के झटके के साथ खड़ा हो जाए और भाभी के वो सेक्सी बूब्स उनकी गोरी पतली सी कमर और 5.3 इंच की उनकी लम्बाई मेरी भाभी को और भी सेक्सी बम बना देती और वो दिखने में पूरी सेक्स की देवी की लगती है।
दोस्तों मेरी भाभी जब से हमारे घर आई थी तब से मेरे लंड का बड़ा बुरा हाल हो गया था और वो कभी भी सोया नहीं था और सारा दिन मेरा सात इंच का लंड हमेशा खड़ा रहने लगा था। अब मेरा सेक्स करने का बहुत मन करता था, में भाभी के सेक्सी गांड और बूब्स को देख देखकर मन ही मन मचलने लगा था। अब मेरा तो मन करता कि में अपनी भाभी को अभी पकड़कर उनकी चुदाई कर दूँ, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था। फिर मैंने अपनी भाभी के पास जाने की बहुत कोशिश की, लेकिन मुझे कोई भी ऐसा मौका नहीं मिला, जिसका में फायदा उठाकर यह काम पूरा करूं। फिर ऐसे ही दिन निकलने लगे थे, मेरे ताऊ जी का घर हमारे घर के बिल्कुल पास ही था और अपने उस सेक्स के सपने को अपने मन में दबाए हुए ही में अपने दिन बिता रहा था। एक दिन मेरे मन की बात भगवान ने सुन ली और में उस दिन अपने कॉलेज से जब वापस अपने घर लौटा तो मैंने देखा कि मेरे भैया के घर एक बहुत ही ज़्यादा सुंदर भाभी से भी सेक्सी कुंवारी लड़की को मैंने देखा। फिर उसको देखकर ही मेरा तो लंड और भी ज्यादा उतावला हो गया। फिर में जल्दी से अपने काम खत्म करके में पहुंच गया अपनी ताई जी के घर। मैंने देखा कि उस समय मेरी भाभी भैया और वो लड़की भी बैठी हुई थी।
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फिर कुछ देर के बाद मुझे पता चला कि वो सुंदर लड़की मेरी भाभी की बहन है। दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ? दोस्तों वो लड़की बहुत बहुत मेरी भाभी से भी कहीं ज़्यादा हॉट सेक्सी लड़की थी, उसके होंठ एकदम गुलाबी सुंदर गोरा गोल चेहरा और उसके बूब्स बड़े ही टाइट भाभी की तरह गोलमटोल थे और उस लड़की ने जो सूट पहन रखा था। उसके बड़े गले से उसके दोनों गोरे बूब्स के बीच वाली लाइन बाहर से भी साफ दिखाई दे रही थी। दोस्तों यह सब देखकर मेरी तो नज़रें ही बस उस जगह पर अटक गई उसने बिना बाहं वाला सूट पहना था, जिससे उसकी सेक्सी बाहें साफ नजर आ रही थी। दोस्तों यह सब देखकर मेरी हालत बहुत खराब थी और अपने आपको संभालते हुए में अब भाभी और भैया से बात करने लगा। फिर भाभी ने उस लड़की के साथ मेरा परिचय करवाया, तब मुझे पता चला कि उस लड़की का नाम सोनिया था। दोस्तों में बहुत देर तक वहीं पर बैठा उन सभी से बातें करता रहा और मैंने जानबूझ कर उस दिन अपनी ट्यूशन को भी छोड़ दिया था। अब सोनिया मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और फिर मुझे पता चला कि वो अपने कॉलेज के पेपर देकर आई थी। उसकी अब एक महीने की छुट्टियाँ थी इसलिए वो यहाँ पर अपनी बड़ी बहन के पास 15-20 दिनों के लिए रहने आई थी।
फिर मेरी मम्मी ने मुझे आवाज़ लगा दी और में सोनिया को मेरे घर आने के लिए कहकर अपने घर चला गया। दोस्तों उस रात को तो में सो ही नहीं पाया, क्योंकि आज में अपनी भाभी के बूब्स और सोनिया के बूब्स दोनों को बड़ी अच्छी तरह से देख चुका था और उन दोनों के ही बूब्स बड़े सेक्सी थे। फिर उस रात को मैंने सोनिया के नाम की चार बार मुठ मारी, लेकिन फिर भी मेरा पेट नहीं भरा था। अगले दिन में जानबूझ कर अपने कॉलेज नहीं गया, मैंने अपने बीमार होने का मम्मी को झूठा बहाना लगा दिया और फिर सुबह होते ही में पहुंच गया ताई जी के घर। उस समय 8:30 का टाइम था। अब मैंने देखा कि मेरे ताऊ जी बाहर बैठे अखबार पढ़ रहे थे और मेरे भैया अभी सोए हुए थे और भाभी पूजा कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र अब सोनिया को हर जगह ढूंड रही थी। फिर में अपनी ताई जी के पास ही बैठा बातें कर रहा था और थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि सोनिया ऊपर वाले कमरे से नीचे आ रही थी। दोस्तों अभी वो सोकर ही आई थी इसलिए उसने नाइट सूट पहन रखा था, एक पतली सी टीशर्ट और मैंने देखा कि उसने टीशर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी और उसकी उस पतली सी टीशर्ट होने की वजह से उसके दोनों बूब्स के निप्पल मुझे बाहर से ही साफ दिखाई दे रहे थे।
अब तो वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी, मेरा मन कर रहा था कि उसी समय में उसकी टीशर्ट में अपना मुहं डालकर उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से बहुत जमकर उनका रस चूस लूँ। में उनका सारा दूध पी जाऊं। अब मेरा लंड भी वो द्रश्य देखकर हरकत में आ गया था और वो लोहे की तरह अकड़कर खड़ा हो गया था और बहुत गरम भी हो गया था। फिर मैंने अपने लंड पर हाथ रखा हुआ था कहीं सभी को पता ना चल जाए और अब ना तो में खड़ा होने की हालत में था और ना ही बैठ सकता था। दोस्तों मैंने उस समय ट्राउज़र और एक लंबी टी-शर्ट पहनी थी और फिर मैंने तुरंत ही अपनी टी-शर्ट को बाहर निकाल लिया, जो पहले अंदर थी। दोस्तों वो सब मैंने इसलिए किया क्योंकि वो मेरा खड़ा लंड उसके नीचे आ गया और किसी को अब मेरा खड़ा लंड नजर नहीं आया। दोस्तों सोनिया ने जैसे ही मुझे देखा उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई। अब वो मुझसे बोली गुड मॉर्निंग आकाश, मैंने भी उसको जवाब दे दिया, उसके बाद वो मुहं हाथ धोने और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद वो वापस आ गई।

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अब मैंने देखा कि वो बहुत गीली हो चुकी थी, क्योंकि वो पानी से अपने मुहं हाथ धोकर आई थी इसलिए पानी अब उसकी टी-शर्ट के ऊपर बूब्स वाली जगह पर भी पड़ गया था, इसलिए अब मुझे उसके बूब्स का वो हिस्सा साफ नज़र आ रहा था। दोस्तों मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई और में कुछ देर उसके बूब्स को देखता ही रहा और उसके बाद मैंने ऊपर देखा, तब वो मेरी तरफ ही देख रही थी। अब वो मुझसे बोली क्यों क्या हुआ आकाश? मैंने बोला कि कुछ नहीं। फिर वो मेरे पास आ गई और उसी समय मेरे ताऊ जी नहाने के लिए चले गये और वो मेरे पास आकर बैठ गई, बहुत देर तक हम दोनों इधर उधर की बातें हंसी मजाक करते रहे और बातों ही बातों में कॉलेज की बातें चल पड़ी।
दोस्तों वो बहुत ही चालाक समझदार थी, इसलिए उसने तुरंत ही मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछ लिया। फिर मैंने उसको साफ मना कर दिया किया कि मेरी अभी तक कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और जब मैंने उसको उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तब उसने भी मुझसे मना कर दिया और वो मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि अभी मुझे कोई मिला ही नहीं, में वैसे ढूंढ रही हूँ और बहुत देर इस तरह की बात हमारे बीच चली। फिर उसके बाद में अपने घर चला गया और उसने मुझसे वादा किया कि वो मेरे घर ज़रूर आएगी।
दोस्तों मेरी मम्मी को आज सत्संग सुनने के लिए कहीं जाना था, इसलिए मम्मी ने मुझे ग्यारह बजे ही खाना खिला दिया और वो चली गई और मेरे पापा भी अपने ऑफिस जा चुके थे। दोस्तों में अक्सर जब भी मेरे घर में कोई नहीं होता तो में कोई भी सेक्सी फिल्म लगाकर मुठ मारता था। फिर मैंने वैसे ही किया। मैंने एक सीडी लगाई और में फिल्म देखने लगा था। फिर अभी कुछ देर ही हुई थी कि बाहर से किसी ने दरवाजे की घंटी को बजा दिया और मैंने जल्दी में सीडी बंद नहीं किया, मैंने बस टीवी को रिमोट से ही बंद कर दिया और फिर में उस कमरे से बाहर आ गया। अब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो देखता ही रह गया, क्योंकि उस समय मेरे सामने सोनिया खड़ी हुई थी, उस समय तो में शॉर्ट्स और बनियान में ही था और हमेशा जिम जानने की वजह से मेरे शरीर की बनावट बहुत ही अच्छी थी। अब वो भी मेरे गोरे गठीले बदन को चकित होकर देखती ही रह गई और फिर में उसको अपने साथ अंदर ले आया, सबसे पहले मैंने उसको अपना सारा घर दिखाया और फिर हम कमरे में जाकर बैठ गये। फिर उसने मेरे गठीले बदन की तारीफ करना शुरू किया और मैंने उसको धन्यवाद कहा और उसके बाद में उसके लिए जूस बनाने के लिए रसोई में चला गया। दोस्त

फिर उसने मेरे जाने के बाद टीवी को चालू किया और वो सीडी अपने आप ही चल पड़ी और वो तो बस उसको देखती ही रह गई। दोस्तों में तो उस समय रसोई में ही था, वो चोरी चोरी उस फिल्म को देख रही थी और मेरे आने की आहट पर उसने तुरंत ही टीवी को वापस बंद कर दिया। दोस्तों मुझे उसने बिल्कुल भी एहसास ही नहीं होने दिया कि उसने कुछ देखा भी है और फिर हम दोनों बैठकर बहुत देर तक बातें ही करते रहे। अब मुझे लगा कि वो शायद बोर हो रही है इसलिए मैंने टीवी को चलाने का विचार बनाए, मैंने सबसे पहले सीडी को बंद किया और केबल को चलाने लगा। दोस्तों उसको भी मेरी तरह इंग्लीश फिल्म बहुत पसंद थी। मैंने देखा कि एक चेनल पर एक इंग्लीश फिल्म आ रही थी, हम दोनों उसको देखने लगे और थोड़ी ही देर के बाद उसमे एक सेक्सी द्रश्य आ गया। अब मुझे उसके साथ बैठकर वो द्रश्य देखते हुए थोड़ी सी शरम सी आ रही थी और वो भी देखकर मन ही मन में हंस रही थी। अब मैंने उसकी तरफ और उसने मेरी तरफ देखा हम दोनों की आंखे दो और दो चार हो गई। अब वो ज़ोर से हंस पड़ी और में भी उसको देखकर मुस्कुरा गया।
दोस्तों हम दोनों उस समय सोफे पर बैठे थे, वो ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ी और उसी समय वो मुझसे कहने लगी तुम बहुत गंदे हो आकाश और वो दोबारा से हंस पड़ी, लेकिन मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा था। दोस्तों वो 20-21 साल की थी, इसलिए उसमे जवानी की मस्ती भरी पड़ी थी और वो ज़ोर से बार बार कहने लगी तुम बहुत गंदे हो गंदे हो और हंस रही थी। फिर मैंने उसको पूछा कि वो कैसे? तब वो कहने लगी कि में नहीं बता सकती। अब मैंने उसको कहा बताओ ना, लेकिन वो जैसे मुझसे चिढ़ाते हुए भाग पड़ी और हम दोनों तो जैसे खेलने लगे थे, वो भाग रही थी में उसको पूछ रहा था बता दो बता दो और वो आगे भाग रही थी और कह रही थी नहीं बताउंगी। फिर मैंने जब कुछ देर बाद पीछे दौड़ते हुए उसको पकड़ लिया और मैंने उसका अभी तो बस एक हाथ ही पकड़ा था और में उसको बोला बताओ वो क्या बात है। फिर वो अब भी हंस पड़ी और बोलने लगी में नहीं बताउंगी में वो बात सभी को बताउंगी। फिर मेरे ज़ोर डालने पर उसने मुझसे बोल दिया कि तुम चोरी चोरी सीडी पर सेक्सी फिल्म देखते हो।
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तो एक बार तोते उड़ गये और जब मैंने उसको पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? थोड़ी देर के बाद उसने मुझे बता दिया कि मैंने तेरे जाने के बाद टीवी को चालू कर लिया था। अब मेरे तो यह बात सुनकर माथे पर पसीना आ गया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि तुम इतना डर क्यों गये? में किसी को नहीं बताने वाली तुम्हे इतना डरने की जरूरत नहीं है। अब हम दोनों सोफे पर बैठ गये, लेकिन अब हम दोनों एकदम पास चिपककर बैठे हुए थे और वो थोड़ी देर के बाद दोबारा से हंसने लगी और आख़िर में उसने मुझसे कहा कि चलो आज हम दोनों ही एक साथ बैठकर वो फिल्म देखते है मुझे भी वो देखनी है, क्योंकि मेरी सभी सहेलियों ने वो फिल्मे बहुत देखी है, लेकिन में अब तक देख नहीं सकी, प्लीज एक बार मुझे भी तुम दिखा दो। दोस्तों मैंने पहले तो उसको मना किया, लेकिन फिर उसके बार बार ज़ोर डालने पर मैंने सीडी को चालू कर दिया और जब उस फिल्म में सेक्सी सेक्सी द्रश्य आने लगे तब उसको भी सेक्स चढ़ने लगा और मुझे भी जोश आने लगा था। फिर में मौका देखकर थोड़ा सा उसके साथ चिपककर बैठ गया और उसके बाद धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख दिया, लेकिन उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया।

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फिर उसके बाद मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, उसने मेरी तरफ देखा और फिर दोबारा फिल्म देखने लगी। अब में उसके बूब्स को सहलाने लगा था और उसकी तरफ से विरोध ना देखकर मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके दूसरे बूब्स पर रख दिया और में मसलने लगा, में लगातार अब उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा था, जिसकी वजह से वो भी मस्त सी हो रही थी। अब मैंने मौका देखकर धीरे से उसके गालो पर चूम लिया और फिर अपने होंठो को मैंने उसके गरम गुलाबी रसभरे होंठो पर रख दिए। दोस्तों इतना सब होने की वजह से वो भी बहुत गरम हो चुकी थी और उसने भी मेरा पूरा साथ देना शुरू किया और हम दोनों होंठो को चूमने लगे। उसने मुझे और मैंने उसको बहुत जमकर चूसा और मेरे होंठ पर उसने काट भी दिया था। अब में नीचे से उसके बूस को मालिश कर रहा था, उसके बाद मैंने धीरे से अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और फिर मैंने उसका टाइट सूट ऊपर से उतार दिया। अब मैंने देखा कि उसके गोरे गोरे सेक्सी बूब्स गुलाबी रंग की ब्रा के अंदर से ऐसे लग रहे थे कि जैसे कि वो मुझसे कह रहे हो जल्दी आ जा आकाश हमें आज़ाद कर दे और हमे बहुत जमकर चूस। अब मैंने वैसा ही किया। मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स पर में टूट पड़ा और मज़े से उसके बूब्स को चूस रहा था और वो गरम हो रही थी।
फिर मैंने अपने हाथ से उसकी पटियाला सलवार को खोल दिया। मैंने देखा कि उसने गुलाबी रंग की पेटी पहनी थी। मुझे पेंटी बहुत पसंद है वो सब देखकर मेरा लंड नाचने लगा था। अब मैंने उसकी पेंटी को फाड़ दिया और अपना हाथ सीधा मैंने उसकी चूत पर कर दिया और फिर सोनिया ने अपनी चूत के बालों के बाल साफ कर रखे थे। उसकी लाल रंग की चूत पर मैंने अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और सोनिया ने आहहहह ऊहह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाली। फिर में अपनी ऊँगली को कभी अंदर और बाहर निकलने लगा, वो सेक्स की वजह से पागल हो रही थी। लगातार उसके मुहं से सेक्सी सेक्सी आहे भर रही थी उम्म्म्मम आहह्ह्ह। फिर मैंने जब उसके निप्पल और बूब्स को बहुत जमकर चूस लिए उसके बाद मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और उसने भी मेरे लंड को चूसना शुरू किया। चूसते चूसते वो मेरी तरफ देख रही थी और उसकी आँखों की चमक बहुत बढ़ चुकी थी, उसकी आँखों से मुझे पता चल रहा था कि वो बहुत खुश थी, क्योंकि उसको मेरे सात इंच के लंड का स्वाद मिल रहा था। अब मुझे उसकी हरकतों से पता लग गया था कि उसने पहले भी अपनी चूत को किसी से चुदवा रखी थी, इसलिए वो तो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह मेरे लंड को हाथ में पकड़कर चूसने लगा रही थी और वो उम्म्म्मम ऊऊऊऊओ करके हंस रही थी।
अब वो तो अपने आप ही मेरे लंड को अपने मुहं के अंदर पूरा उतार देना चाहती थी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मुझे इतना मस्त मज़ा आ रहा था कि आनंद मज़े की वजह से मेरी आखें बंद हो रही थी। अब मेरे भी मुहं से आअहह निकल रही थी। मैंने अपने लंड को उसके मुहं से निकाल लिया और उसके बाद में सोफे के नीचे फर्श पर अपने घुटनों के बल बैठकर उसकी चूत को चूसना शुरू किया। अब में अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर डालकर बहुत मस्त चूस रहा था। उसने अपने हाथ मेरे कंधो रखे हुए थे उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब उसका चूत रस मेरे मुहं में आ रहा था। उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, लेकिन दोस्तों मैंने इतनी लाल चूत पहली बार देखी थी। उसके बूब्स के निप्पल भी लाल रंग के थे और दूध की बोतल की तरह उसके निप्पल बाहर निकले हुए थे। फिर उसकी चूत के दाने को भी मैंने बहुत चूसा और उसका दाना गरम हो गया था। अब मैंने उसको सोफे पर बैठाकर उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लोहे की तरह तने हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा था। अब मैंने अपना लंड उसकी रेशम जैसी मुलायम चूत में डालना शुरू किया, जिसकी वजह से एक बार उसने ज़ोर से चीख मारी और अपने हाथ से उसने अपने पास पड़ा अपना रुमाल अपने मुहं पर रख लिया।
फिर मैंने जब दो तीन धक्के मारे तो वो भी तब तक सेट हो गई। में जब थोड़ा ज़ोर से धक्के मारता तो वो दर्द को महसूस करती। फिर मैंने थोड़ी देर धीरे किया और उसके बाद जब उसको मज़ा आने लगा तो तब में भी थोड़ा और तेज होने लगा था, वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी और मेरी नज़रो से नज़र मिलाकर हंस पड़ी और वो बोल रही थी में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। आकाश धीरे मत करो, प्लीज लगातार ही करते रहो। अब मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मेरे धक्के लगातार बिना रुके ज़ोर ज़ोर से जारी थे। अब में सोफे पर बैठ गया और वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई। वो अपने आपको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदवा रही थी और उस समय उसके कूल्हों की हरकत देखने वाली थी। उसके गोरे गोरे चूतड़ बहुत पागल कर देने वाले थे। दोस्तों उसके कूल्हे बहुत समय लगाकर भगवान ने तैयार किए होंगे, ऐसा लग रहा था। अब वो बड़ी ज़ोर से कभी ऊपर और कभी नीचे होकर धक्के मार रही थी। फिर जब वो थक गई तो तब मैंने उसको सोफे पर ही कुतिया बना लिया अब में पीछे से लग गया और धक्के मारने लगा था। फिर जब धक्के पड़ते तो उसके कूल्हों से ठप ठप ठप की आवाज़ निकल रही थी और पहले तो कुछ देर उसके कूल्हों पर अपने हाथ को रखकर पीछे से धक्के देकर मैंने उसको बहुत जमकर चोदा।
फिर कुछ देर बाद में पीछे से हाथ डालकर सोनिया के बूब्स को मसलने लगा था और कभी उसकी पीठ पर उसकी गर्दन पर भी चूमने लगा और एक बार तो मैंने उसके बाल ही पकड़ लिए थे, जिसकी वजह से मुझे वो बहुत मज़े देकर अपनी चूत दे रही थी। मुझे उसका जोश देखकर ऐसा लग रहा कि जैसे वो बहुत दिनों से चुदाई भूखी हो। दोस्तों उसके जिस्म का हर एक अंग ऊँची कंपनी का लग रहा था और अब मेरा लंड झड़ने वाला था। अब मैंने उसको कहा कि मेरा वीर्य निकलने वाला है मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालने को कहा। फिर उसी समय वो मुझसे कहने लगी कि नहीं तुम इसको बाहर मत निकालना, तुम ऐसे ही धक्के देकर करते रहो। फिर मैंने उसको बोला कि मेरा लंड अब किसी भी समय झड़ जाएगा, लेकिन वो नहीं मानी और आख़िर में मैंने उसकी चूत में ही अपने आखरी ज़ोर ज़ोर से पांच धक्के ऐसे मारे कि उसकी चूत के अंदर ही मैंने अपना सारा वीर्य निकाल दिया। दोस्तों वो तो अब भी मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकलवाना नहीं चाहती थी, लेकिन दोस्तों आप सभी को तो पता है कि काम पूरा हो जाने के बाद एक बार लंड को चूत से बाहर निकालना हमारी मजबूरी है।
फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और अपना गीला लंड मैंने उसके मुहं से अपने को उसकी जीभ से साफ करवाया, वो लंड से हटती तो मेरे जिस्म से खेलने लगी और मुझे लगातार चूम रही थी और में भी बहुत देर उसको प्यार करता रहा। अब मैंने सोनिया के ना चाहते हुए भी सोनिया को कपड़े डलवाए और उसको घर पर भेज दिया, लेकिन जाते हुए भी वो बोल गई तुम बहुत सेक्सी हो। एक तुम ही हो जिसको में अब तक ढूंड रही थी, मुझे तुम्हारे साथ यह सब करके बड़ा मज़ा आया और में तुम्हारे साथ दोबारा भी यह खेल जरुर खेलना चाहती हूँ ।।
धन्यवाद …


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Friday 19 January 2018

दीदी के जिस्म की प्यास - Didi Ke jism ki pyaas

दोस्तों आज, में आज आप सभी के लिए एक ऐसी कहानी को लिखने जा रहा हूँ जिसको पढ़ने के बाद आप सभी को पता चलेगा कि किस तरह से एक जवान कुंवारी लड़की अपनी चूत की आग से इतना मजबूर हो जाती है कि वो अपने शरीर की भूख को शांत करने के लिए किसी भी दूसरे मर्द के साथ सोकर उसके साथ अपनी चुदाई करने के लिए तैयार हो जाती है। दोस्तों इससे पहले कि में अपनी इस कहानी को सुनाना शुरू करूं में सबसे पहले आप सभी का परिचय अपने परिवार के लोगो से करा देता हूँ। मेरे परिवार में हम चार लोग है, मेरे पापा मम्मी में और मेरी दीदी। मेरे पापा बाहर दूसरे देश में रहते है क्योंकि उनकी वहां पर नौकरी है इसलिए उनको हम सभी से दूर रहना पढ़ता है और वो एक साल में एक या दो बार ही हम लोगों से मिलने हमारे घर आते है। मेरी दीदी मुंबई में रहती है और में भी उनके साथ ही मुंबई में रहता हूँ और अपनी पढ़ाई को पूरा कर रहा हूँ जब कभी मेरी छुट्टियाँ होती है तब हम दोनों भाई बहन अपने घर चले आते है। अब में आप सभी पढ़ने वालों को उस दिन की घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसको देखकर मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और मेरे पैरों के नीचे से जमीन सरक गई।
दोस्तों में आज जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी दीदी की और मेरे एक दूर के अंकल के साथ किए गये सेक्स की है। दोस्तों उस चुदाई को मैंने खुद अपनी आँखों से अपने सामने होता हुआ देखा था और उसके बाद मुझे पता चला कि में अपनी जिस बड़ी बहन को इतना सीधा समझता था वो बहुत बड़ी रंडी निकली। उसके उस काम को देखकर कुछ देर तक मेरी सांसे ऊपर नीचे होने लगी थी। दोस्तों यह कहानी आज से चार साल पहले की है। दोस्तों उन दिनों में अपनी दीदी के साथ एक छोटे से शहर में चार कमरों का एक मकान लेकर उसमे रहता था, वैसे तो मेरे वो अंकल हमारे यहाँ तभी आते थे जब मेरे पापा हमारे घर आते थे, लेकिन उस दिन शाम को मेरे वो अंकल हमारे यहाँ शाम को आए। फिर मुझे उनको देखकर कुछ अजीब सा लगा, लेकिन उनके यहाँ आने का मतलब मुझे उस रात को पूरी तरह से पता चला। दोस्तों रात को खाना खाने के बाद जब में अपने कमरे में चला गया और फिर में अपने कमरे का दरवाजा बंद करके पढ़ने के लिए बैठा हुआ था और में अपनी पढ़ाई में बहुत व्यस्त था।
फिर करीब आधे घंटे के बाद मैंने अपने सामने वाले कमरे से जिसमे मेरे वो अंकल थे, किसी के बाहर निकलने की आवाज़ सुनी और मैंने उस एक परछाई को मेरी दीदी के कमरे की तरफ जाते हुए देखा। तभी में तुरंत समझ गया कि अब जो कुछ भी होने जा रहा था वो सब कुछ अलग था और फिर में भी बिना देर किए तुरंत अपनी टेबल पर खड़ा हो गया और अपने कमरे के रोशनदान में लगे हुए कांच की खिड़की से जब मैंने मेरी दीदी के कमरे के अंदर झांककर देखा तब मैंने पाया कि जैसे ही मेरे वो अंकल मेरी दीदी के कमरे के अंदर गये, उसी समय उनको देखकर दीदी अपने बेड से उठकर सर पर अपने पल्लू को रखते हुए उनकी तरफ अपनी पीठ को करते हुए खड़ी हो गयी। अब अंकल दीदी के बिल्कुल पास आ गये और वो दीदी से एकदम सटकर खड़े हो गये और फिर दीदी एक कदम आगे बढ़ गयी और तभी अंकल ने दीदी की कमर के ऊपर अपने एक हाथ को रखते हुए, उन्होंने दीदी को अपनी तरफ खींच लिया। अब अंकल ने दीदी के सर से उस आँचल को हटाकर, उनको ज़मीन पर गिरा दिया और अब वो दीदी के एक बूब्स को अपने एक हाथ से बहुत धीरे धीरे आराम से दबाने लगे थे और करीब पांच छ: बार दबाने के बाद अंकल ने अब दीदी के ब्लाउज के हुक को खोलना शुरू कर दिया।
फिर कुछ देर में दीदी के ब्लाउज के सारे बटन को खोलने के बाद अंकल ने ब्लाउज को उतारकर ज़मीन पर नीचे पटक दिया और इसके बाद अंकल ने दीदी की साड़ी को भी धीरे धीरे उतार दिया। अब दीदी के दोनों हाथों को अंकल ने अपने दोनों हाथों से कसकर दबा रखा था और इसके बाद अंकल ने दीदी के पेटीकोट के नाड़े को एक ही झटके में खोल दिया। फिर ऐसा होते ही दीदी का वो पेटीकोट सरककर ज़मीन पर जा पड़ा, जिसकी वजह से अब दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी थी, क्योंकि उन्होंने अपने कपड़ो के अंदर ब्रा पेटी नहीं पहनी थी और इसके बाद मैंने देखा कि अंकल ने दीदी के कंधे के पास से बाल को हटाते हुए अपने होंठो को दीदी के दोनों कंधो और गर्दन के बीच धीरे धीरे रगड़ना शुरू किया। फिर उसके बाद वो दीदी के बूब्स को भी धीरे धीरे दबाने के साथ ही दूसरे हाथ से दीदी की चूत को सहलाने लगे और जैसे ही अंकल ने दीदी की चूत को अपने एक हाथ से सहलाना शुरू किया। दोस्तों उसके बाद दीदी तो अपने आपको रोक नहीं सकी और वो तुरंत घूमकर अंकल से लिपट गयी। अब अंकल ने दीदी को अपनी बाहों में उठा लिया और अपनी गोद में उठाकर साथ ले जाकर दीदी को बेड पर लेटा दिया और इसके बाद अंकल ने रूम के दरवाजे को धीरे से बंद कर दिया।
फिर दरवाजा बंद करने के बाद जब अंकल दीदी के पास आए तो साथ में उन्होंने तेल का एक डब्बा भी ले लिया और उसको लेकर टेबल पर रख दिया। अब अंकल ने दीदी की जाँघ को थोड़ा सा फैला दिया क्योंकि उस समय तक दीदी की दोनों जांघे बिल्कुल सटी हुई थी और अब दीदी की चूत पूरी तरह से साफ साफ नजर आ रही थी। फिर अंकल ने उस डब्बे से सरसो के तेल को निकाला और दीदी की नंगी कामुक चूत पर लगाते हुए जब वो दीदी की चूत को अपने एक हाथ से सहलाने लगे थे, उसी समय दीदी ने जोश में आकर अंकल के लंड को उनकी लूँगी से बाहर निकाल दिया, जिसको देखने के बाद मुझे पता चला कि वो करीब आठ इंच लंबा था और एकदम तनकर खड़ा हुआ था। अब उसको अपने हाथ में लेकर दीदी ने भी सहलाना शुरू कर दिया था। फिर मैंने देखा कि मेरी वो चुदक्कड़ कामुक दीदी और चुदाई के लिए पागल अंकल करीब दो मिनट तक ऐसे ही अपने अपने काम को बड़े खुश होकर अंजाम देते रहे। फिर इसके बाद अंकल अब दीदी की जाँघ पर बैठ गये और अंकल ने दीदी की चूत पर अपने लंड को जैसे ही सटाया उसी समय तुरंत दीदी ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को पूरा फैला दिया।

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अब अंकल ने दीदी की प्यासी चुदाई के लिए तड़पती हुई चूत में अपने लंड को डालने के लिए अपनी कमर को धीरे धीरे से धक्का देकर सरकाना शुरू किया। अब दीदी ने अपनी सांसो को तेज खींचनी शुरू कर दिया और मैंने देखा कि अंकल दीदी की चूत में अपने लंड का टोपा डाल दिया। अब अंकल दीदी के ऊपर लेट गये और उन्होंने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और फिर दीदी के मुहं से आअहहहह ऊऊओह्ह्ह आह्ह्हहह उूम्मम्म की आवाज़ निकलने लगी। फिर कभी कभी अंकल ज़ोर ज़ोर के झटके लगाते जिसकी वजह से दीदी पूरी तरह से हिल जाती और दीदी ने अब अपने हाथों को अंकल की पीठ पर रख लिया था और वो अंकल की पीठ को सहला रही थी। अब अंकल दीदी के गालो को चूमने लगे और अपने दोनों हाथों से दीदी के दोनों बूब्स को दबाने लगे थे, जिसकी वजह से दीदी भी मस्ती में आकर आअहह ऊऊओहहह ऊफ्फ्फ बड़ी अजीब ही आवाज़ निकाल रही थी। फिर कुछ देर में बाद अंकल ने अपने आधे लंड को दीदी की चूत में डाल दिया था। अब अंकल ने दीदी के दोनों पैरों को घुमाकर मोड़ लिया और दीदी की दोनों जाँघो को पूरा फैलाते हुए उन्होंने अपने आपको दीदी के दोनों पैरो के बीच में फंसाकर सेट किया और दीदी ने ऐसा करने में उनकी पूरी पूरी मदद की।
अब अंकल ने अपने लंड को एक बार फिर से झटका देना शुरू किया तो दीदी ने अपनी गर्दन को ऊपर उठा उठाकर आहे भरना शुरू कर दिया था। अब अंकल ने दीदी से पूछा क्या तुम्हे ज्यादा तेज दर्द हो रहा है? तभी दीदी से एक अजीब सी आवाज़ में करहाते हुए जबाब दिया उफ्फ्फ नहीं ऊऊईईईईई आहह ओह्ह्ह। अब अंकल ने अपनी कमर को आगे पीछे करके अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया जिसकी वजह से और कुछ ही देर में अंकल का पूरा लंड अब मेरी दीदी की चूत के अंदर जा चुका था। अब दीदी ने भी अंकल का पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया और वो भी उसके साथ हल्के हल्के धक्के देने लगी थी। मुझे लगातार उनके ऊपर नीचे उठते हुए कूल्हों को देखकर साफ पता चल रहा था कि वो उस समय बहुत जोश में थी और उनको अंकल का लंड अपनी चूत के अंदर बाहर करने में बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर कुछ देर के बाद अंकल ने दीदी के नरम गुलाबी होंठो को अपने होंठो में दबा लिया और वो अब अपने लंड को दीदी की चूत में पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगे थे।
दोस्तों अब उन दोनों की तरफ से बराबर लगते हुए धक्को को देखकर मुझे साफ पता चलने लगा था कि वो दोनों अपने उस खेल में अब उसकी चरम सीमा पर पहुंच चुके थे और मैंने यह ऐसा ही धक्के देने का चुदाई का सिलसिला पूरे आधे घंटे तक लगातार देखा, एक रुक जाता तो उसके बाद दूसरा धक्के देने लगता और कभी कभी तो वो दोनों ही बराबरी से धक्के दे रहे थे। फिर तब जाकर दोनों वो दोनों बारी बारी से झड़ जाने के बाद शांत हो गए। फिर अंकल झड़ जाने के बाद भी कुछ देर तक ऐसे ही दीदी के ऊपर लेटे रहे और इसके बाद उठकर जब अंकल ने दीदी कि चूत से अपने लंड को बाहर निकाला, तब जाकर दीदी ने अपनी दोनों आँखों को खोला और उन्होंने शरम से मुस्कुराते हुए अपने चेहरे को अपने दोनों हाथों से ढक लिया। अब अंकल ने भी हंसते हुए उनको कहा कि अब इस तरह से चेहरा क्या ढकना है? देखने दो मुझे यह सुंदर मुखड़ा जिसके लिए में पागल हो चुका हूँ ऐसा सुंदर गोरा बदन गोल चेहरा और इतना कामुक बदन मैंने पहले कभी नहीं देखा इसके लिए में कुछ भी करने को तैयार हूँ और फिर अंकल ने दीदी के दोनों हाथों को उनके चेहरे से हटाते हुए उनसे पूछा क्या तुम्हे मेरे साथ यह खेल खेलने में मज़ा नहीं आया?
अब तुरंत ही दीदी ने अपना सर हिलाते हुए जबाब दिया कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया। अब अंकल ने उनके गोल बड़े आकार के बूब्स को अपने दोनों हाथों को गोल गोल घुमाकर सहलाना और कुछ देर बाद उसकी निप्पल को पकड़कर दबाने के बाद अपने मुहं में एक बूब्स को भरकर चूसना शुरू किया। फिर दीदी ने भी जोश में आकर उनके सर को अपनी छाती से दबा लिया, कुछ देर यह सब करने के बाद वो दीदी के ऊपर से हट गये। अब अंकल ने अपनी लूँगी को वापस पहन लिया और बेड से नीचे उतरते हुए कमरे का दरवाजा खोलकर वो वापस अपने कमरे में चले गये। फिर अपने कमरे में जाकर उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। अब मैंने देखा कि दीदी कुछ देर तक ऐसे ही लेटी रही और उसके बाद फिर उठकर अपने सारे कपड़े पहन लिए और दोबारा बेड पर जाकर वो सो गयी। दोस्तों में पूरी रात को यह बात जानने के लिए जागता रहा कि क्या अंकल दोबारा से आकर मेरी दीदी के रूम में जाते है या नहीं, हो सकता है कि वो दोनों दोबारा वैसी ही चुदाई के मज़े लेने लगे और इसलिए में थोड़ी थोड़ी देर में उठकर बार बार खिड़की से अपनी दीदी के कमरे में झांककर देखता रहा। दोस्तों जैसा मैंने सोचा था ऐसा, लेकिन अंकल ने नहीं किया।
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर जब मैंने तुरंत ही अपने कमरे के दरवाजा खोला और में अपने कमरे से बाहर आया, तभी मैंने देखा कि अंकल अब वापस अपने घर जाने के लिए तैयार हो चुके थे। फिर दीदी भी अपने कमरे से बाहर निकलकर मेरे ही सामने रसोई में गयी और वो चाय बनाकर ले आई अंकल ने चाय को उनके हाथ से लेकर पीना शुरू किया और फिर मेरे वो अंकल दीदी को बाय कहकर हमारे घर से चले गये। दोस्तों मेरी दीदी यह बात मन ही मन सोचकर बहुत खुश थी कि मैंने पिछली रात को हुई उनके साथ उस चुदाई की घटना उस खेल को नहीं देखा। दोस्तों सच कहूँ तो में भी यही चाहता था कि उनको यह सब पता ना चले हो सकता है कि दोबारा कभी मुझे उनकी वैसी ही चुदाई को देखने का मौका मिले। दोस्तों वैसे यह पहला मौका था जब मैंने अपनी दीदी को किसी बढ़े आदमी से उनकी इस तरह पागलों जैसी पूरी जोश भरी चुदाई को देखा था और वैसे यह सब मुझे बहुत ही अच्छा लगा था, इसलिए मैंने इसको बड़ी मेहनत से लिखकर आप सभी  के चाहने वालों की सेवा में हाजिर किया है, शायद यह आपको भी अच्छी लगे। अब में जाने की अनुमति चाहता हूँ, लेकिन दोबारा अगर मेरे साथ कुछ हुआ या मैंने कुछ ऐसा देखा जिसको में आपकी सेवा में दोबारा हाजिर कर दूँ तो यह मेरी अच्छी किस्मत होगी ।।
धन्यवाद …
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Monday 15 January 2018

सेक्सी भाभी की प्यासी बहन | Sexy Bhabhi ki Pyasi behen

p>हैल्लो दोस्तों, में आप सभी का मित्र आकाश आज आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़ने वालो को अपने जीवन के एक और सेक्स अनुभव को लेकर आपके सामने आया हूँ। दोस्तों में 21 साल का गठीले सुंदर गोरे बदन का लड़का हूँ और में सेक्स करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ और मुझे कहीं भी सेक्स करने का मौका मिले में उस मौके को कभी भी खाली नहीं जाने देता। दोस्तों यह उन दिनों की बात है, जब मेरे बड़े भैया जो मेरे ताऊ जी के लड़के है उनकी शादी हुई और जब पहली बार मेरी भाभी हमारे घर आई तब में तो उनकी सुंदरता को देखकर पागल ही हो गया। दोस्तों मेरी भाभी इतनी सुंदर थी कि मेरा मन अब करने लगा कि आज अपने भैया की जगह में खुद ही उनके साथ सुहागरात मना लूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं था। सच में दोस्तों मेरी भाभी बहुत ही सेक्सी है और उसके बूब्स को अगर कोई एक बार देख ले तो वो पूरी दुनिया को भूलकर बस बूब्स को ही देखता रह जाएगा। दोस्तों मेरी भाभी के वो गोलमटोल आगे की तरफ बड़े हुए नोकदार बूब्स है, जिसको देखकर तो किसी नामर्द का भी लंड तुरंत बिजली के झटके के साथ खड़ा हो जाए और भाभी के वो सेक्सी बूब्स उनकी गोरी पतली सी कमर और 5.3 इंच की उनकी लम्बाई मेरी भाभी को और भी सेक्सी बम बना देती और वो दिखने में पूरी सेक्स की देवी की लगती है।
दोस्तों मेरी भाभी जब से हमारे घर आई थी तब से मेरे लंड का बड़ा बुरा हाल हो गया था और वो कभी भी सोया नहीं था और सारा दिन मेरा सात इंच का लंड हमेशा खड़ा रहने लगा था। अब मेरा सेक्स करने का बहुत मन करता था, में भाभी के सेक्सी गांड और बूब्स को देख देखकर मन ही मन मचलने लगा था। अब मेरा तो मन करता कि में अपनी भाभी को अभी पकड़कर उनकी चुदाई कर दूँ, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था। फिर मैंने अपनी भाभी के पास जाने की बहुत कोशिश की, लेकिन मुझे कोई भी ऐसा मौका नहीं मिला, जिसका में फायदा उठाकर यह काम पूरा करूं। फिर ऐसे ही दिन निकलने लगे थे, मेरे ताऊ जी का घर हमारे घर के बिल्कुल पास ही था और अपने उस सेक्स के सपने को अपने मन में दबाए हुए ही में अपने दिन बिता रहा था। एक दिन मेरे मन की बात भगवान ने सुन ली और में उस दिन अपने कॉलेज से जब वापस अपने घर लौटा तो मैंने देखा कि मेरे भैया के घर एक बहुत ही ज़्यादा सुंदर भाभी से भी सेक्सी कुंवारी लड़की को मैंने देखा। फिर उसको देखकर ही मेरा तो लंड और भी ज्यादा उतावला हो गया। फिर में जल्दी से अपने काम खत्म करके में पहुंच गया अपनी ताई जी के घर। मैंने देखा कि उस समय मेरी भाभी भैया और वो लड़की भी बैठी हुई थी।
फिर कुछ देर के बाद मुझे पता चला कि वो सुंदर लड़की मेरी भाभी की बहन है। दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ? दोस्तों वो लड़की बहुत बहुत मेरी भाभी से भी कहीं ज़्यादा हॉट सेक्सी लड़की थी, उसके होंठ एकदम गुलाबी सुंदर गोरा गोल चेहरा और उसके बूब्स बड़े ही टाइट भाभी की तरह गोलमटोल थे और उस लड़की ने जो सूट पहन रखा था। उसके बड़े गले से उसके दोनों गोरे बूब्स के बीच वाली लाइन बाहर से भी साफ दिखाई दे रही थी। दोस्तों यह सब देखकर मेरी तो नज़रें ही बस उस जगह पर अटक गई उसने बिना बाहं वाला सूट पहना था, जिससे उसकी सेक्सी बाहें साफ नजर आ रही थी। दोस्तों यह सब देखकर मेरी हालत बहुत खराब थी और अपने आपको संभालते हुए में अब भाभी और भैया से बात करने लगा। फिर भाभी ने उस लड़की के साथ मेरा परिचय करवाया, तब मुझे पता चला कि उस लड़की का नाम सोनिया था। दोस्तों में बहुत देर तक वहीं पर बैठा उन सभी से बातें करता रहा और मैंने जानबूझ कर उस दिन अपनी ट्यूशन को भी छोड़ दिया था। अब सोनिया मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और फिर मुझे पता चला कि वो अपने कॉलेज के पेपर देकर आई थी। उसकी अब एक महीने की छुट्टियाँ थी इसलिए वो यहाँ पर अपनी बड़ी बहन के पास 15-20 दिनों के लिए रहने आई थी।
फिर मेरी मम्मी ने मुझे आवाज़ लगा दी और में सोनिया को मेरे घर आने के लिए कहकर अपने घर चला गया। दोस्तों उस रात को तो में सो ही नहीं पाया, क्योंकि आज में अपनी भाभी के बूब्स और सोनिया के बूब्स दोनों को बड़ी अच्छी तरह से देख चुका था और उन दोनों के ही बूब्स बड़े सेक्सी थे। फिर उस रात को मैंने सोनिया के नाम की चार बार मुठ मारी, लेकिन फिर भी मेरा पेट नहीं भरा था। अगले दिन में जानबूझ कर अपने कॉलेज नहीं गया, मैंने अपने बीमार होने का मम्मी को झूठा बहाना लगा दिया और फिर सुबह होते ही में पहुंच गया ताई जी के घर। उस समय 8:30 का टाइम था। अब मैंने देखा कि मेरे ताऊ जी बाहर बैठे अखबार पढ़ रहे थे और मेरे भैया अभी सोए हुए थे और भाभी पूजा कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र अब सोनिया को हर जगह ढूंड रही थी। फिर में अपनी ताई जी के पास ही बैठा बातें कर रहा था और थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि सोनिया ऊपर वाले कमरे से नीचे आ रही थी। दोस्तों अभी वो सोकर ही आई थी इसलिए उसने नाइट सूट पहन रखा था, एक पतली सी टीशर्ट और मैंने देखा कि उसने टीशर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी और उसकी उस पतली सी टीशर्ट होने की वजह से उसके दोनों बूब्स के निप्पल मुझे बाहर से ही साफ दिखाई दे रहे थे।
अब तो वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी, मेरा मन कर रहा था कि उसी समय में उसकी टीशर्ट में अपना मुहं डालकर उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से बहुत जमकर उनका रस चूस लूँ। में उनका सारा दूध पी जाऊं। अब मेरा लंड भी वो द्रश्य देखकर हरकत में आ गया था और वो लोहे की तरह अकड़कर खड़ा हो गया था और बहुत गरम भी हो गया था। फिर मैंने अपने लंड पर हाथ रखा हुआ था कहीं सभी को पता ना चल जाए और अब ना तो में खड़ा होने की हालत में था और ना ही बैठ सकता था। दोस्तों मैंने उस समय ट्राउज़र और एक लंबी टी-शर्ट पहनी थी और फिर मैंने तुरंत ही अपनी टी-शर्ट को बाहर निकाल लिया, जो पहले अंदर थी। दोस्तों वो सब मैंने इसलिए किया क्योंकि वो मेरा खड़ा लंड उसके नीचे आ गया और किसी को अब मेरा खड़ा लंड नजर नहीं आया। दोस्तों सोनिया ने जैसे ही मुझे देखा उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई। अब वो मुझसे बोली गुड मॉर्निंग आकाश, मैंने भी उसको जवाब दे दिया, उसके बाद वो मुहं हाथ धोने और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद वो वापस आ गई।
अब मैंने देखा कि वो बहुत गीली हो चुकी थी, क्योंकि वो पानी से अपने मुहं हाथ धोकर आई थी इसलिए पानी अब उसकी टी-शर्ट के ऊपर बूब्स वाली जगह पर भी पड़ गया था, इसलिए अब मुझे उसके बूब्स का वो हिस्सा साफ नज़र आ रहा था। दोस्तों मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई और में कुछ देर उसके बूब्स को देखता ही रहा और उसके बाद मैंने ऊपर देखा, तब वो मेरी तरफ ही देख रही थी। अब वो मुझसे बोली क्यों क्या हुआ आकाश? मैंने बोला कि कुछ नहीं। फिर वो मेरे पास आ गई और उसी समय मेरे ताऊ जी नहाने के लिए चले गये और वो मेरे पास आकर बैठ गई, बहुत देर तक हम दोनों इधर उधर की बातें हंसी मजाक करते रहे और बातों ही बातों में कॉलेज की बातें चल पड़ी।
दोस्तों वो बहुत ही चालाक समझदार थी, इसलिए उसने तुरंत ही मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछ लिया। फिर मैंने उसको साफ मना कर दिया किया कि मेरी अभी तक कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और जब मैंने उसको उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तब उसने भी मुझसे मना कर दिया और वो मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि अभी मुझे कोई मिला ही नहीं, में वैसे ढूंढ रही हूँ और बहुत देर इस तरह की बात हमारे बीच चली। फिर उसके बाद में अपने घर चला गया और उसने मुझसे वादा किया कि वो मेरे घर ज़रूर आएगी।
दोस्तों मेरी मम्मी को आज सत्संग सुनने के लिए कहीं जाना था, इसलिए मम्मी ने मुझे ग्यारह बजे ही खाना खिला दिया और वो चली गई और मेरे पापा भी अपने ऑफिस जा चुके थे। दोस्तों में अक्सर जब भी मेरे घर में कोई नहीं होता तो में कोई भी सेक्सी फिल्म लगाकर मुठ मारता था। फिर मैंने वैसे ही किया। मैंने एक सीडी लगाई और में फिल्म देखने लगा था। फिर अभी कुछ देर ही हुई थी कि बाहर से किसी ने दरवाजे की घंटी को बजा दिया और मैंने जल्दी में सीडी बंद नहीं किया, मैंने बस टीवी को रिमोट से ही बंद कर दिया और फिर में उस कमरे से बाहर आ गया। अब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो देखता ही रह गया, क्योंकि उस समय मेरे सामने सोनिया खड़ी हुई थी, उस समय तो में शॉर्ट्स और बनियान में ही था और हमेशा जिम जानने की वजह से मेरे शरीर की बनावट बहुत ही अच्छी थी। अब वो भी मेरे गोरे गठीले बदन को चकित होकर देखती ही रह गई और फिर में उसको अपने साथ अंदर ले आया, सबसे पहले मैंने उसको अपना सारा घर दिखाया और फिर हम कमरे में जाकर बैठ गये। फिर उसने मेरे गठीले बदन की तारीफ करना शुरू किया और मैंने उसको धन्यवाद कहा और उसके बाद में उसके लिए जूस बनाने के लिए रसोई में चला गया।
फिर उसने मेरे जाने के बाद टीवी को चालू किया और वो सीडी अपने आप ही चल पड़ी और वो तो बस उसको देखती ही रह गई। दोस्तों में तो उस समय रसोई में ही था, वो चोरी चोरी उस फिल्म को देख रही थी और मेरे आने की आहट पर उसने तुरंत ही टीवी को वापस बंद कर दिया। दोस्तों मुझे उसने बिल्कुल भी एहसास ही नहीं होने दिया कि उसने कुछ देखा भी है और फिर हम दोनों बैठकर बहुत देर तक बातें ही करते रहे। अब मुझे लगा कि वो शायद बोर हो रही है इसलिए मैंने टीवी को चलाने का विचार बनाए, मैंने सबसे पहले सीडी को बंद किया और केबल को चलाने लगा। दोस्तों उसको भी मेरी तरह इंग्लीश फिल्म बहुत पसंद थी। मैंने देखा कि एक चेनल पर एक इंग्लीश फिल्म आ रही थी, हम दोनों उसको देखने लगे और थोड़ी ही देर के बाद उसमे एक सेक्सी द्रश्य आ गया। अब मुझे उसके साथ बैठकर वो द्रश्य देखते हुए थोड़ी सी शरम सी आ रही थी और वो भी देखकर मन ही मन में हंस रही थी। अब मैंने उसकी तरफ और उसने मेरी तरफ देखा हम दोनों की आंखे दो और दो चार हो गई। अब वो ज़ोर से हंस पड़ी और में भी उसको देखकर मुस्कुरा गया।
दोस्तों हम दोनों उस समय सोफे पर बैठे थे, वो ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ी और उसी समय वो मुझसे कहने लगी तुम बहुत गंदे हो आकाश और वो दोबारा से हंस पड़ी, लेकिन मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा था। दोस्तों वो 20-21 साल की थी, इसलिए उसमे जवानी की मस्ती भरी पड़ी थी और वो ज़ोर से बार बार कहने लगी तुम बहुत गंदे हो गंदे हो और हंस रही थी। फिर मैंने उसको पूछा कि वो कैसे? तब वो कहने लगी कि में नहीं बता सकती। अब मैंने उसको कहा बताओ ना, लेकिन वो जैसे मुझसे चिढ़ाते हुए भाग पड़ी और हम दोनों तो जैसे खेलने लगे थे, वो भाग रही थी में उसको पूछ रहा था बता दो बता दो और वो आगे भाग रही थी और कह रही थी नहीं बताउंगी। फिर मैंने जब कुछ देर बाद पीछे दौड़ते हुए उसको पकड़ लिया और मैंने उसका अभी तो बस एक हाथ ही पकड़ा था और में उसको बोला बताओ वो क्या बात है। फिर वो अब भी हंस पड़ी और बोलने लगी में नहीं बताउंगी में वो बात सभी को बताउंगी। फिर मेरे ज़ोर डालने पर उसने मुझसे बोल दिया कि तुम चोरी चोरी सीडी पर सेक्सी फिल्म देखते हो।
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तो एक बार तोते उड़ गये और जब मैंने उसको पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? थोड़ी देर के बाद उसने मुझे बता दिया कि मैंने तेरे जाने के बाद टीवी को चालू कर लिया था। अब मेरे तो यह बात सुनकर माथे पर पसीना आ गया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि तुम इतना डर क्यों गये? में किसी को नहीं बताने वाली तुम्हे इतना डरने की जरूरत नहीं है। अब हम दोनों सोफे पर बैठ गये, लेकिन अब हम दोनों एकदम पास चिपककर बैठे हुए थे और वो थोड़ी देर के बाद दोबारा से हंसने लगी और आख़िर में उसने मुझसे कहा कि चलो आज हम दोनों ही एक साथ बैठकर वो फिल्म देखते है मुझे भी वो देखनी है, क्योंकि मेरी सभी सहेलियों ने वो फिल्मे बहुत देखी है, लेकिन में अब तक देख नहीं सकी, प्लीज एक बार मुझे भी तुम दिखा दो। दोस्तों मैंने पहले तो उसको मना किया, लेकिन फिर उसके बार बार ज़ोर डालने पर मैंने सीडी को चालू कर दिया और जब उस फिल्म में सेक्सी सेक्सी द्रश्य आने लगे तब उसको भी सेक्स चढ़ने लगा और मुझे भी जोश आने लगा था। फिर में मौका देखकर थोड़ा सा उसके साथ चिपककर बैठ गया और उसके बाद धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख दिया, लेकिन उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया।
फिर उसके बाद मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, उसने मेरी तरफ देखा और फिर दोबारा फिल्म देखने लगी। अब में उसके बूब्स को सहलाने लगा था और उसकी तरफ से विरोध ना देखकर मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके दूसरे बूब्स पर रख दिया और में मसलने लगा, में लगातार अब उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा था, जिसकी वजह से वो भी मस्त सी हो रही थी। अब मैंने मौका देखकर धीरे से उसके गालो पर चूम लिया और फिर अपने होंठो को मैंने उसके गरम गुलाबी रसभरे होंठो पर रख दिए। दोस्तों इतना सब होने की वजह से वो भी बहुत गरम हो चुकी थी और उसने भी मेरा पूरा साथ देना शुरू किया और हम दोनों होंठो को चूमने लगे। उसने मुझे और मैंने उसको बहुत जमकर चूसा और मेरे होंठ पर उसने काट भी दिया था। अब में नीचे से उसके बूस को मालिश कर रहा था, उसके बाद मैंने धीरे से अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और फिर मैंने उसका टाइट सूट ऊपर से उतार दिया। अब मैंने देखा कि उसके गोरे गोरे सेक्सी बूब्स गुलाबी रंग की ब्रा के अंदर से ऐसे लग रहे थे कि जैसे कि वो मुझसे कह रहे हो जल्दी आ जा आकाश हमें आज़ाद कर दे और हमे बहुत जमकर चूस। अब मैंने वैसा ही किया। मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स पर में टूट पड़ा और मज़े से उसके बूब्स को चूस रहा था और वो गरम हो रही थी।
फिर मैंने अपने हाथ से उसकी पटियाला सलवार को खोल दिया। मैंने देखा कि उसने गुलाबी रंग की पेटी पहनी थी। मुझे पेंटी बहुत पसंद है वो सब देखकर मेरा लंड नाचने लगा था। अब मैंने उसकी पेंटी को फाड़ दिया और अपना हाथ सीधा मैंने उसकी चूत पर कर दिया और फिर सोनिया ने अपनी चूत के बालों के बाल साफ कर रखे थे। उसकी लाल रंग की चूत पर मैंने अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और सोनिया ने आहहहह ऊहह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाली। फिर में अपनी ऊँगली को कभी अंदर और बाहर निकलने लगा, वो सेक्स की वजह से पागल हो रही थी। लगातार उसके मुहं से सेक्सी सेक्सी आहे भर रही थी उम्म्म्मम आहह्ह्ह। फिर मैंने जब उसके निप्पल और बूब्स को बहुत जमकर चूस लिए उसके बाद मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और उसने भी मेरे लंड को चूसना शुरू किया। चूसते चूसते वो मेरी तरफ देख रही थी और उसकी आँखों की चमक बहुत बढ़ चुकी थी, उसकी आँखों से मुझे पता चल रहा था कि वो बहुत खुश थी, क्योंकि उसको मेरे सात इंच के लंड का स्वाद मिल रहा था। अब मुझे उसकी हरकतों से पता लग गया था कि उसने पहले भी अपनी चूत को किसी से चुदवा रखी थी, इसलिए वो तो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह मेरे लंड को हाथ में पकड़कर चूसने लगा रही थी और वो उम्म्म्मम ऊऊऊऊओ करके हंस रही थी।
अब वो तो अपने आप ही मेरे लंड को अपने मुहं के अंदर पूरा उतार देना चाहती थी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मुझे इतना मस्त मज़ा आ रहा था कि आनंद मज़े की वजह से मेरी आखें बंद हो रही थी। अब मेरे भी मुहं से आअहह निकल रही थी। मैंने अपने लंड को उसके मुहं से निकाल लिया और उसके बाद में सोफे के नीचे फर्श पर अपने घुटनों के बल बैठकर उसकी चूत को चूसना शुरू किया। अब में अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर डालकर बहुत मस्त चूस रहा था। उसने अपने हाथ मेरे कंधो रखे हुए थे उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब उसका चूत रस मेरे मुहं में आ रहा था। उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, लेकिन दोस्तों मैंने इतनी लाल चूत पहली बार देखी थी। उसके बूब्स के निप्पल भी लाल रंग के थे और दूध की बोतल की तरह उसके निप्पल बाहर निकले हुए थे। फिर उसकी चूत के दाने को भी मैंने बहुत चूसा और उसका दाना गरम हो गया था। अब मैंने उसको सोफे पर बैठाकर उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लोहे की तरह तने हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा था। अब मैंने अपना लंड उसकी रेशम जैसी मुलायम चूत में डालना शुरू किया, जिसकी वजह से एक बार उसने ज़ोर से चीख मारी और अपने हाथ से उसने अपने पास पड़ा अपना रुमाल अपने मुहं पर रख लिया।
फिर मैंने जब दो तीन धक्के मारे तो वो भी तब तक सेट हो गई। में जब थोड़ा ज़ोर से धक्के मारता तो वो दर्द को महसूस करती। फिर मैंने थोड़ी देर धीरे किया और उसके बाद जब उसको मज़ा आने लगा तो तब में भी थोड़ा और तेज होने लगा था, वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी और मेरी नज़रो से नज़र मिलाकर हंस पड़ी और वो बोल रही थी में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। आकाश धीरे मत करो, प्लीज लगातार ही करते रहो। अब मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मेरे धक्के लगातार बिना रुके ज़ोर ज़ोर से जारी थे। अब में सोफे पर बैठ गया और वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई। वो अपने आपको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदवा रही थी और उस समय उसके कूल्हों की हरकत देखने वाली थी। उसके गोरे गोरे चूतड़ बहुत पागल कर देने वाले थे। दोस्तों उसके कूल्हे बहुत समय लगाकर भगवान ने तैयार किए होंगे, ऐसा लग रहा था। अब वो बड़ी ज़ोर से कभी ऊपर और कभी नीचे होकर धक्के मार रही थी। फिर जब वो थक गई तो तब मैंने उसको सोफे पर ही कुतिया बना लिया अब में पीछे से लग गया और धक्के मारने लगा था। फिर जब धक्के पड़ते तो उसके कूल्हों से ठप ठप ठप की आवाज़ निकल रही थी और पहले तो कुछ देर उसके कूल्हों पर अपने हाथ को रखकर पीछे से धक्के देकर मैंने उसको बहुत जमकर चोदा।
फिर कुछ देर बाद में पीछे से हाथ डालकर सोनिया के बूब्स को मसलने लगा था और कभी उसकी पीठ पर उसकी गर्दन पर भी चूमने लगा और एक बार तो मैंने उसके बाल ही पकड़ लिए थे, जिसकी वजह से मुझे वो बहुत मज़े देकर अपनी चूत दे रही थी। मुझे उसका जोश देखकर ऐसा लग रहा कि जैसे वो बहुत दिनों से चुदाई भूखी हो। दोस्तों उसके जिस्म का हर एक अंग ऊँची कंपनी का लग रहा था और अब मेरा लंड झड़ने वाला था। अब मैंने उसको कहा कि मेरा वीर्य निकलने वाला है मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालने को कहा। फिर उसी समय वो मुझसे कहने लगी कि नहीं तुम इसको बाहर मत निकालना, तुम ऐसे ही धक्के देकर करते रहो। फिर मैंने उसको बोला कि मेरा लंड अब किसी भी समय झड़ जाएगा, लेकिन वो नहीं मानी और आख़िर में मैंने उसकी चूत में ही अपने आखरी ज़ोर ज़ोर से पांच धक्के ऐसे मारे कि उसकी चूत के अंदर ही मैंने अपना सारा वीर्य निकाल दिया। दोस्तों वो तो अब भी मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकलवाना नहीं चाहती थी, लेकिन दोस्तों आप सभी को तो पता है कि काम पूरा हो जाने के बाद एक बार लंड को चूत से बाहर निकालना हमारी मजबूरी है।
फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और अपना गीला लंड मैंने उसके मुहं से अपने को उसकी जीभ से साफ करवाया, वो लंड से हटती तो मेरे जिस्म से खेलने लगी और मुझे लगातार चूम रही थी और में भी बहुत देर उसको प्यार करता रहा। अब मैंने सोनिया के ना चाहते हुए भी सोनिया को कपड़े डलवाए और उसको घर पर भेज दिया, लेकिन जाते हुए भी वो बोल गई तुम बहुत सेक्सी हो। एक तुम ही हो जिसको में अब तक ढूंड रही थी, मुझे तुम्हारे साथ यह सब करके बड़ा मज़ा आया और में तुम्हारे साथ दोबारा भी यह खेल जरुर खेलना चाहती हूँ ।।
धन्यवाद …

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Friday 12 January 2018

मेरी बीवी और बहन चुद गई मेरे सामने


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मेरी बीवी गीता और बहन पायल तीनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर मेरी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में मेरी बहन के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी
फिर जब हम बाहर निकले तो मेरी बहन ने कहा कि भाभी आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा। फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर में चुपचाप सुनता खड़ा था और मन ही मन कामुक हो रहा था। फिर इस तरह की बातें करते हुए हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी और बहन की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चड़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वो बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरे घर की दोनों औरतो पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी।

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फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. में बीच में और बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी और बहन बराबर उस आदमी के लंड की और देख रही थी। फिर वो आदमी भी मेरे घर की इज़्ज़त.. मेरी बहन और बीवी को बार बार घूर घूर कर देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा। उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर गीता की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था।ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर में बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। मेरी बहन भी यह सब देख रही थी। फिर उससे रहा नहीं गया। तभी उसने मुझसे कहा कि भैया आप मेरी सीट पर आ जाओ और मुझे बीच में बैठ जाने दो। फिर हम दोनों ने अपनी अपनी सीट बदल दी। फिर मेरी बहन ने अब खड़े होकर.. उस आदमी की तरफ गांड करके वो खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ समान उतारने करने की आक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और मेरी बहन उस अंजाने आदमी की गोद में गिर पड़ी। तभी उस आदमी का लंड पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से वो लंड मेरी बहन की बड़ी गांड से टकराया और मेरी बहन आअहह करके उसके ऊपर पड़ी। फिर उसने भी मेरी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर मेरी बहन सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी।

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फिर उस आदमी ने मौका देखकर दूसरा पैर भी मेरी बहन की चूत में घुसा दिया। फिर साले का एक पैर मेरी बीवी की चूत में और दूसरा पैर मेरी बहन की चूत में था। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने गीता की और देखा तो उसने मुझे कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकते हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल तेरी भाभी को सीट पर सोना है.. चल हम सामने वाले भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये। फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। तभी उसने पीठ हमारी और की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या में सामने आपकी बीवी की सीट पर बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो सामने गया और मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओड़ लिया। ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अंजना आदमी था। फिर इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर अंदर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर करके अपना लंड पीछे से ही गीता की चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। फिर कुछ एक घंटे तक चोदने के बाद वो बैठ गया। फिर मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। फिर जब वो चुद चुकी तो उसने मुझे उठाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर मेरी सीट पर आ गया और फिर में मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी।

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फिर में उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी यह सब देख रहा था। फिर उसने अब ज़ोर से कंबल खींच दिया। तभी में उसे चूत में वीर्य चाटता हुआ दिखाई पड़ा। तभी उसने खुलेआम मेरी बहन की टी-शर्ट उतार दी। तभी पायल के बूब्स हवा में लहराने लगे। फिर उसने पायल के मुहं में अपना लंड घुसा दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा। फिर मेरी बहन के मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। फिर वो मेरी बहन के बालों को पकड़कर अपना लंड घुसा रहा था। फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी। फिर इधर मैंने भी गीता का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे।दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बहन और बीवी दोनों अपने बूब्स खुले रखकर एक पराए आदमी के साथ है वो भी मेरे सामने। ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मेरी बहन का मुहं चोदने के बाद उसने पायल को कुतिया बनाया और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर पीछे से वो ज़ोर से मेरी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर में और गीता भी घोड़ी बनकर प्यारी बहन की चुदती हुई चूत के पास अपना मुहं ले गये और वहाँ पर किस करने लगे। फिर बीच बीच में वो आदमी अपना लंड मेरी बहन की गांड से निकलता तो मेरी बीवी और में उसके लंड को चूसने लगते.. कभी उसका लंड मेरे मुहं में तो कभी मेरी बीवी के मुहं में रहता था। फिर बाकी के टाईम में हम पति पत्नी किस करते थे। फिर करीब बीस मिनट बहन की गांड मारने के बाद वो बहन की गांड में ही झड़ गया।

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तभी उसने लंड को गांड से बाहर निकाला तो गीता ने उसे मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया और मेरे सामने मेरी बहन बहुत मस्त चुदी और वो भी एक पराए मर्द के लंड से और गांड से वीर्य टपकाती हुई खड़ी थी। फिर में उसकी गांड के पास अपना मुहं ले गया तभी पायल ने कहा कि देखो भैया आपकी इकलोती बहन की क्या हालत कर दी है इस पराए आदमी ने.. देखो भैया आपकी बहन की गांड देखो कैसी फाड़ दी है.. कैसी चोद चोदकर रंडी जैसी गांड बना दी है देखो भैया। तभी मैंने कहा कि बहना तू डर मत में तेरी चुदी हुई गांड को अभी चाट देता हूँ और मैंने मेरी प्यारी बहन की वीर्य से भारी हुई गांड चाटना चालू कर दिया। फिर गांड चाटकर हम तीनों ने कपड़े पहन लिए। फिर सुबह होते ही हम अपने स्टेशन पर उतर कर चले गये ।।
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