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Saturday 10 February 2018

ऑफिसर की बीवी को चोदा | Officer ki Biwi ko Chod Diya - Hindi Sex Stories


ऑफिसर की बीवी को चोदा | Officer ki Biwi ko Chod Diya - Hindi Sex Stories


प्रेषक : शेकी …
हैल्लो दोस्तों, में आप सभी हिंदी सेक्स स्ट्रोरियस डॉट कॉम  पर सेक्सी कहानियों के मज़े लेने वालों का सच्चा साथी हूँ और में भी आप सभी की तरह बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियों को पढ़कर इनके मज़े लेता आ रहा हूँ। दोस्तों में दिखने में अच्छा लगता हूँ और मेरी उम्र 38 साल है और में इंदौर का रहने वाला हूँ और अपनी आज की कहानी से पहले भी में अपने दूसरे सेक्स अनुभव को लिखकर आपकी सेवा में भेज चुका हूँ और आज अपने बड़े ही मस्त अनुभव को आप सभी के लिए लेकर आया हूँ। दोस्तों में मेरी आज की कहानी में बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने एक चुदाई के लिए प्यासी औरत की चुदाई करके उसको पूरी तरह से संतुष्ट किया।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। अब में आप सभी को बोर ना करते हुए पूरी घटना विस्तार से बताता हूँ। दोस्तों एक बार मुझे एक पानीपत से मैल आया, वो एक रानी नाम की शादीशुदा औरत का था और वो मुझसे दोस्ती करनी चाहती थी। मैंने भी उसकी मैल से दोस्ती बढ़ाना शुरू कर दिया। फिर धीरे धीरे वो मुझे अपने जीवन के बारे में खुलकर बताने लगी थी। अब मुझे पता चला कि उसका पति अच्छे गठीले बदन का है और उनके पास पैसे की भी कोई कमी नहीं है, लेकिन उसके पास बिल्कुल भी समय नहीं है क्योंकि वो एक बहुत बड़ा ऑफिसर है और हर कभी रात में भी उसको अचानक से अपनी ड्यूटी पर जाना पड़ता है और साथ ही साथ उसको अपने कामों की वजह से विदेश यात्राए भी करनी पड़ती है।

दोस्तों कुल मिलाकर रानी की चूत की प्यास अपने पति के साथ कभी नहीं बुझती थी और इस वजह से वो बहुत भूखी थी और फिर बातों ही बातों में मैंने उसको बताया कि में दिल्ली अपने काम की वजह से आता रहता हूँ। अब वो यह बात सुनकर मुझसे मिलने को बहुत बेकरार होने लगी थी और वो अब चाहती थी कि में उसकी चुदाई करके उसकी चूत को शांत करूं और उसकी चुदाई की प्यास को बुझा दूँ। फिर तीन दिन के बाद ही मेरा दिल्ली जाने का प्रोग्राम बन गया और फिर मैंने उसको मैल करके बता दिया कि में दिल्ली जा रहा हूँ। अब वो यह बात जानकर मुझसे मिलने की ज़िद करने लगी और फिर मैंने उसको बता दिया कि में जेट की फ्लाइट से आऊंगा और उसने मुझसे मिलने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट को चुना। अब उसने मुझे मैल पर अपना एक फोटो भेज दिया था इस वजह से मुझे उसका चेहरा नजर आकर में उसको ठीक तरह से पहचान गया था। फिर में जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचा वहाँ मैंने देखा कि रानी मेरा बेसबरी से इंतज़ार कर रही थी। मैंने उसको मिलते ही हैल्लो कहा और फिर अपना पूरा प्रोग्राम उसको बताया कि शारजाह से तीन बजे मेरा एक ग्राहक आएगा और में उससे अपना ऑर्डर लेकर आज शाम की फ्लाइट से वापस इंदौर चला जाऊँगा।


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फिर मेरी यह पूरी बात को सुनकर रानी मुझसे कहने लगी कि में भी आपके साथ होटल में चलना चाहती हूँ और आज शाम तक में आपके साथ वहीं पर रहूंगी। अब मैंने उसको अपने साथ में लेकर एक होटल में पहुंच गया और यहाँ में हर बार रुकता हूँ। फिर उस होटल के कमरे में जाते ही रानी ने तुरंत ही दरवाजा बंद किया और वो एक भूखी शेरनी की तरह मुझसे लिपट गयी और वो मुझे जहाँ तहाँ किस करने लगी थी। अब में भी उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसको प्यार करने लगा था और मैंने उसको बहुत बार चूमा और हर एक अंग को चूमकर प्यार करने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद वो जोश में आकर धीरे धीरे अपनी साड़ी को उतारने लगी थी और जैसे ही उसने अपनी साड़ी का पल्लू छाती से हटाया उसी समय में उसके बड़े आकार के उभरे हुए गोलमटोल बूब्स को देखकर पागल हो गया। अब मेरा लंड एकदम बेकाबू होने लगा था और फिर पेटीकोट से साड़ी के हटते ही मेरा लंड जोश में आकर हिलोरे मारने लगा था और अब मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था। अब में उठकर उसके बदन से ज़ोर से लिपट गया, तभी उसने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और वो अपना ब्लाउज खोलने लगी। दोस्तों मेरे सामने बिना देर किए अपने ब्लाउज को उतारकर उसके अब अपनी भूरे रंग की ब्रा को भी खोलकर अपने बूब्स को आज़ाद कर दिया था।

अब में उसके 38 इंच के गोरे बड़े ही आकर्षक बूब्स को देखकर अपना आपा खो बैठा, एकदम गोरे बूब्स पर हल्के भूरे रंग की उठी हुई बड़ी सी निप्पल थी और में उसके बूब्स को तुरंत अपने मुहं में भरकर ऐसे चूसने लगा जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी माँ के बूब्स से अपनी भूख मिटाने के लिए निप्पल को अपने मुहं में भरकर उसका दूध पीने लगता है। दोस्तों में करीब आधे घंटे तक उसके दोनों बूब्स का बारी बारी से रसपान करता रहा और मैंने दोनों बूब्स को जोश में आकर दबा दबाकर चूसते हुए बिल्कुल लाल कर दिए थे। अब वो इतना सब होने की वजह से बहुत बेकाबू होने लगी थी और फिर उसने मुझे मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा। फिर जैसे ही मैंने अपनी पेंट को उतारा तो उसने झट से आगे आकर मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मुझे अपने हाथों को सहारा देकर सोफे पर बैठा दिया। फिर मुझे बैठाने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़कर एक दो बार ऊपर नीचे करने के बाद नीचे झुककर तुरंत ही पूरे लंड को अपने मुहं में डाल लिया और चूसना शुरू किया। दोस्तों में बड़ा चकित हो चुका था क्योंकि मैंने अपने अब तक के सेक्स जीवन में पहली बार अपना लंड किसी औरत को अपने मुहं में लेते हुए देखा और उसका पहला अनुभव किया था वो पूरी दुनिया के सभी मज़े मस्ती से बिल्कुल अलग हटकर था।


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दोस्तों अभी तक मैंने बहुत सारी सेक्सी फिल्म में अँग्रेज़ औरतों को यह सब करते हुए देखा था और आज मैंने वो काम अपने साथ करते हुए पाया। अब मेरे लंड को उसके मुहं में डालते ही में एक अलग ही दुनिया में जा पहुंचा था और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसको लोलीपोप की तरह बड़े मस्त मज़े से चूसने लगी थी। दोस्तों जितना मज़ा उसको आ रहा था उससे भी ज्यादा में मन ही मन अपने लंड की मसाज उसके मुहं गरम जीभ से करवाकर बड़ा खुश था और थोड़ी ही देर के बाद अब मेरा वीर्य निकलने वाला। अब वो उस बात को तुरंत समझ चुकी थी कि अब मेरा वीर्य बाहर आने वाला है, लेकिन वो तो अब लंड को अपने मुहं में और भी ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगी थी। फिर कुछ देर बाद जैसे ही मेरा वीर्य निकलने लगा तो उसने लंड को मुहं से बाहर निकालकर वीर्य को अपने बूब्स पर अपने हाथों में लेकर मसलना शुरू कर दिया। अब मैंने देखा कि मेरे वीर्य से उसके दोनों बूब्स चिपचिपे हो चुके थे और वो उस अवस्था में बड़ी ही कामुक किसी चुदाई के लिए प्यासी रंडी की तरह नजर आ रही थी। फिर थोड़ी देर सुसताने के बाद वो दोबारा मेरे पास आ गई और मुझसे बड़े सेक्सी अंदाज़ में अपनी चूत को चाटने के लिए कहने लगी।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

अब में उसकी बात को सुनकर उसकी चूत के पास चला गया और फिर हिम्मत करके अपनी जीभ से में उसकी गीली गरम चूत की पंखुड़ियों को चाटने चूसने की कोशिश करने लगा था, जिसकी वजह से धीरे धीरे मुझे भी मधहोशी छाने लगी थी। अब में जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा था। फिर मैंने उसको सामने लगे कांच में देखा, वो उस समय बिना पानी के मछली की तरह तड़प रही थी, और लगातार अपने कूल्हों को जोश में आकर ऊपर उठाकर मेरी जीभ को अपनी चूत में पूरा अंदर लेने की कोशिश करने लगी थी। अब मुझे लगने लगा कि अब मेरी अग्नि परीक्षा शुरू होने वाली है और यह बात सोचकर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इसकी चूत का पानी अपनी जीभ से चाटकर चूसकर निकालकर में इसको आधा ठंडा कर दूँ जिसकी वजह से मुझे इसको चुदाई के समय संतुष्ट करने में ज्यादा परेशानी ना हो और मैंने यह बात सोचकर चूत को चूसना अपनी जीभ से उसकी चुदाई करना शुरू किया। फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा था और साथ ही अपनी जीभ को चूत के अंदर बाहर करके चुदाई भी करने लगा था जिसकी वजह से मुझे भी मज़ा आने लगा था। फिर कुछ देर बाद वो समय आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था वो झड़ गई। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है। आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

दोस्तों उसके झड़ने के बाद वो कुछ हद तक मुझे शांत नजर आ रही थी, थोड़ी देर के बाद दोपहर का खाना खाकर हम दोंनो हमारे असली अगले खेल की तैयारी में लग गए। अब मैंने आगे बढ़कर अपने लंड को उसकी चूत पर मसलना शुरू किया, जिसकी वजह से वो कुछ देर में ही गरम होकर सिसकियाँ लेने लगी थी। अब वो मुझसे कहने लगी कि मेरे राजा आज तुम मेरी बेरहम चूत की ऐसे जमकर चुदाई करना कि यह तुम्हारी दिवानी बन जाए और आज तुम इसकी मस्त चुदाई करके इसकी आग को बुझा दो, इसकी वजह से में बहुत परेशान रहती हूँ। दोस्तों में उसके मुहं से यह सभी बातें सुनकर बहुत जोश में आ गया और उस अग्नि परीक्षा में कामयाब होने की बात मन ही मन सोचने लगा था और फिर मैंने अपने लंड को आदेश दिया कि आज तुझे इस परीक्षा में पास होना है। दोस्तों मेरा लंड अपने मालिक का आदेश सुनकर एक आज्ञाकारी लंड बनकर तुरंत ही बहुत जोश में आ गया और वो अब अपनी मालकिन को ढूंढने लगा था और जैसे ही उसको अपना हमसफर मिला वो उस रास्ते पर उसके साथ ख़ुशी ख़ुशी चल पड़ा। फिर उसने अंदर जाते ही चूत के अंदर धूमधाम करना शुरू कर दिया और अपनी रानी की चूत को ऐसे चोदने लगा कि जैसे आज वो बावला भूत हो गया हो।आप इस कहानी को एक हिंदी सेक्स स्टोरीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।


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अब मेरे लंड के तेज झटके खाते हुए वो मज़े मस्ती की वजह से सिसकियाँ भरने लगी और साथ ही कहने लगी ऊफ्फ्फ हाँ मेरे राजा जाने दो पूरा अंदर ऊह्ह्ह वाह मज़ा आ गया। फिर मेरा लंड वो बातें सुनकर पहले से भी ज्यादा और भी जोश में आने लगा था और अब वो अपनी औकात दिखाने लगा। दोस्तों में अपने लंड के उस विकराल रूप को देखकर बहुत आश्चर्य चकित होकर मन ही मन में सोचने लगा कि आज मेरे इस लंड को क्या हो गया है? अब रानी मेरे लंड के झटके खाते हुए अपने को जन्नत में महसूस कर रही थी और वो सिसकियाँ लेते हुए कहती जा रही थी, ऊफ्फ्फ हाँ मेरे राजा आज तुम अपनी इस रानी पर बिल्कुल भी तरस मत खाओ आह्ह्ह हाँ आज तुम इसको जमकर तेज गति के धक्के से चोदकर मुझे स्वर्ग में ले जाओ। में बस तुम्हारी रानी हूँ और अब तुम अपने इस लंड को आदेश देकर बोलो कि यह ऐसे ही मज़े देकर मेरी चुदाई करता रहे और वो बहुत ही सेक्सी आवाज़ें अपने मुहं से निकाल रही थी और मुझसे कह रही थी कि मेरे राजा आज तुम अपनी इस रानी को अपने लंड का दीवाना बना दो ऊफ्फ्फ्फ़ हाँ अब उसका पानी निकलने ही वाला और फिर उसने मुझे नीचे पलटकर लेटने को कहा।

फिर उसी फंसी जकड़ी हुई हालत में हम दोनों एक दूसरे से लिपटे धीरे धीरे पलट गये और अब वो मेरे ऊपर आकर मुझे चुदाई में मज़े देने लगी थी। दोस्तों वो जोश में आकर बड़ी ही ज़ोर ज़ोर से नीचे ऊपर होकर मेरे लंड से अपनी चूत को खुद ही चुदाई करने लगी थी और लगातार ऊपर नीचे होने की वजह से उसके बूब्स ऐसे हिल रहे थे, जैसे किसी घोड़े पर बैठने के बाद हिलते है। दोस्तों वो द्रश्य देखकर मुझे पहले से ज्यादा जोश आ गया और अब वो पहले से भी ज़्यादा भूखी शेरनी की तरह अपने शिकार पर वार कर रही थी। अब मुझे भी उसका वो जोश देखकर नीचे से उसकी चूत की चुदाई करते हुए उस समय एकदम ऐसा महसूस हो रह था कि आज कोई पहली बार मेरे लंड को अपनी चूत से चोदना सिखा रहा है। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ने लगी और उस समय उसका वो चेहरा देखने लायक था, क्योंकि अब चूत का पानी निकलने की वजह से उसका जोश ठंडा होता चला गया और वो एकदम निढाल होने लगी थी, लेकिन मेरे लंड में अभी भी वीर्य नहीं निकलने की वजह से अभी जोश निकलना बाकी था। फिर मेरे कहने पर वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होकर मेरे लंड का वीर्य निकालने की कोशिश करने लगी थी और अब मेरी झड़ने की बारी थी, वो मेरे चेहरे को देखकर मुझे अब निढाल होते हुए देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी।

अब हम दोनों ठंडे होने लगे थे, क्योंकि हमारी थोड़ी सी प्यास बुझ चुकी थी, लेकिन थोड़ी सी गर्मी अभी भी हमारे जिस्म के अंदर बची हुई थी और इस वजह से हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर शैतानी हंसी हंस रहे थे। दोस्तों यह था मेरा वो सच्चा सेक्स अनुभव मुझे उम्मीद है कि सभी पढ़ने वालों को इसको पढ़कर बहुत मज़ा आया होगा ।।
धन्यवाद …

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Sunday 28 January 2018

ऑफिस वाली दोस्त की चुदाई || Office waali dost ki Chudayi || GaramaGaram Kahaniya


ऑफिस वाली दोस्त की चुदाई

प्रेषक : राज …
हैल्लो दोस्तों, शायद आप सभी कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ने वालों को मेरी यह कहानी अच्छी लगे, क्योंकि यह मेरी एक सच्ची घटना है और कोई झूठा किस्सा नहीं है और आज में आप सभी को बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने साथ काम करने वाली एक शादीशुदा औरत की चुदाई करके उसकी और मेरी जरूरत को पूरा किया? दोस्तों वैसे तो मुझे सेक्स करने का बहुत शौक है, लेकिन किसी अनुभवी चूत की चुदाई करने का मज़ा सबसे अलग हटकर होता था और मेरे साथ जो कुछ हुआ वो में विस्तार से सुनाने यहाँ आया हूँ। अब आप सभी का ज़्यादा समय खराब ना करते हुए में सीधे कहानी पर आता हूँ। दोस्तों में एक प्राइवेट म्यूचुयल फंड कंपनी में काम करता हूँ, वहाँ में पिछले कुछ सालों से अच्छे काम करने की वजह से एक अच्छे पद पर हूँ इसलिए मुझे हर दिन ऑफिस में ही रहना पड़ता है। दोस्तों वहीं पर मेरे साथ एक लड़की भी काम करती है और उसका नाम अंजली है, वो भी मेरे साथ ही मेरा पूरा काम करके मेरा बराबरी से साथ देती है। दोस्तों वैसे में आप सभी को बता दूँ कि वो एक शादीशुदा औरत है और इस वजह से उसके कुछ घर के कामो की परेशानी की वजह से वो हर दिन शाम को जल्दी अपने घर चली जाती है।
दोस्तों वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी होने के साथ साथ बहुत खुले विचारों की बड़ी आकर्षक लगती है, लेकिन मैंने पहले कभी भी उसको अपनी गंदी नजर से नहीं देखा था। दोस्तों हम दोनों पिछले कुछ सालों से साथ ही काम कर रहे है, वो बहुत ही सीधी, लेकिन खुले विचारों की और अच्छे साफ दिल की लड़की है, उसका पति भी अच्छा है और उसका वो शादीशुदा जीवन भी अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर भी अंजली और में अब एक बहुत ही अच्छे दोस्त बन चुके थे। अब हम दोनों एक दूसरे के जीवन के बारे में अपना सब कुछ वो सभी बातें खुलकर किया करते थे। दोस्तों वैसे मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है और उसके बारे में भी अंजली को सब कुछ पता था, हम दोनों बिल्कुल करीबी गहरे दोस्त अब बन चुके थे। अपने ऑफिस में हम दोनों काम करते समय कई बार एक दूसरे को छू भी लेते थे, लेकिन हम दोनों में से कोई भी इन बातों की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता था और में भी उसको अपनी उस नज़र से नहीं देखता था। फिर एक बार हैदराबाद से मेरे पास मेरे बॉस का फोन आया और वो मुझसे कहने लगे कि हमे एक जरूरी मीटिंग के लिए बड़ोदा जाना है। फिर हम दोनों उसी रात को एक बस से हमारी मीटिंग के लिए बड़ोदा के लिए निकल गये और रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए हम दोनों बस में बैठे हुए बातें कर रहे थे।
फिर कुछ देर बाद अचानक से उसका एक हाथ मेरे हाथ पर पड़ गया और तब पहली बार शायद हम दोनों को एक दूसरे के जिस्म को स्पर्श करके वो एहसास हुआ और हम दोनों उसी समय बातें करते करते रुक गये। फिर कुछ देर लगातार एक दूसरे की आँखों में आंखे डालकर देखने के बाद मुस्कुराकर दोबारा फिर से बातें करने के कुछ देर बाद हम सो गए। फिर दूसरे दिन सुबह बड़ोदा पहुंचकर हम दोनों ने उस मीटिंग में शामिल होकर अपना काम अच्छे से किया और उसकी वजह से हमे अच्छे काम करने के लिए एक अवॉर्ड भी मिला और उसको पाकर उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। मैंने उसको कहा कि यह सब तुम्हारे साथ और मेहनत का नतीजा है। फिर रात को हम दोनों जब मीटिंग को खत्म करके एक होटल में आ गए। फिर कुछ देर बाद में अंजली को खाना खाने के लिए बुलाने उसके कमरे में चला गया और मैंने उसके कमरे के दरवाजे नहीं खटखटाया, में ऐसे ही अंदर चला गया। अब मैंने देखा कि उस समय अंजली एक नाइट ड्रेस में थी, लेकिन उसने अभी अपने कपड़ो के आगे के बटन बंद भी नहीं किए थे, क्योंकि वो मेरे आने से पहले अपने कपड़े बदल रही थी और इसलिए मुझे अब उसकी सफेद रंग की ब्रा साफ साफ दिख रही थी। दोस्तों उस समय पहली बार में उसके गोरे गदराए बदन को पूरी तरह से निहार रहा था। उसके बूब्स का आकार 34-26-34 था और वो दिखने में बहुत ही आकर्षक नजर आ रहे थे।
फिर उसने तुरंत ही अपने बटन को लगा लिए, लेकिन फिर भी मेरी नजर उसके बूब्स पर ही टिकी थी क्योंकि वो कपड़े उसकी छाती में बड़े ही कसे हुए थे, इसलिए बूब्स की गोलाई उसमे से एकदम साफ नजर आ रही थी। फिर मैंने कुछ देर बाद बूब्स से अपनी नजर को हटाकर उसको कहा कि चलो खाना खाने चलते है, मुझे बड़ी तेज भूख लगी है, लेकिन उसने बाहर जाने से साफ मना कर दिया और उसने मुझसे कहा कि आप यहीं पर हमारे लिए खाना मंगवा लो, मेरी बाहर जाने की इच्छा बिल्कुल भी नहीं है में बहुत थक चुकी हूँ और खाना खाकर मुझे अब आराम करना है। फिर मैंने उसके कहने पर कुछ देर बाद हम दोनों के लिए खाना उस कमरे में ही मंगवा लिया और अब हम दोनों बेड पर बैठे हुए इधर उधर की बातें कर रहे थे, लेकिन में बस लगातार उसके बदन को ही निहार रहा था। दोस्तों उस समय शायद मेरी आँखों में उसके लिए प्यार आ चुका था इसलिए वो भी देखकर समझ गई और थोड़ा सा अब शरमा भी रही थी और तभी हमारे लिए खाना आ गया। फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और एक बार फिर से हम बातें करने बैठ गये और तभी बातों बातों में मैंने हिम्मत करके उसको पूछ लिया कि तुम एक सप्ताह में कितनी बार सेक्स करती हो? और वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित रह गई कि यह में उससे क्या पूछ रहा हूँ। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।


दोस्तों सच कहूँ तो उस समय मुझे भी पता नहीं था कि में यह सब क्या बोल रहा हूँ क्योंकि मेरे दिल और दिमाग़ में बस सेक्स का भूत चड़ गया था। अब उसने मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया, लेकिन उसने मेरी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया। फिर में उसके पहले से ज्यादा पास आ गया और में अपने एक हाथ से उसके बालो कंधो को छूने लगा, वो बहुत ही मुलायम थे और अपने हाथ को उसके बालों के अंदर घुमाने लगा और अपनी उँगलियों से सहलाने लगा और उसकी गर्दन को भी सहलाने लगा था। दोस्तों वो बहुत ही मजेदार मस्त स्पर्श था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर बता नहीं सकता और उसी समय मैंने हिम्मत करके उसको कह दिया अंजली में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। दोस्तों वो मेरे इस बिल्कुल बदले हुए व्यहवार से बहुत घबरा गई थी, इसलिए उसने मुझसे कहा यह सब ग़लत है राज, हमारे बीच यह सब नहीं हो सकता और तुम्हे यह सब सोचने से पहले यह बात भी समझ लेना था कि में एक शादीशुदा औरत हूँ। फिर मैंने उसको कहा कि हाँ में बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ। मुझे सब कुछ पहले से पता है, लेकिन यह भी सच है कि हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते है, लेकिन यह बात हम दोनों एक दूसरे से कब तक छुपाते रहेंगे? में अच्छी तरह से जानता, समझता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है?
फिर मैंने तुरंत ही उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसकी आँखों में अपनी आंखे डालकर कहा अंजली में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। अब उसने भी मुझे अपना जवाब देकर कहा हाँ राज में भी तुम्हे प्यार करती हूँ। मुझे भी तुम बहुत अच्छे लगते हो और बहुत धीरे से उसने मुझे चूम लिया। फिर उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को करीब 15 मिनट तक वैसे ही चूमते प्यार करते रहे और वो उसी समय मेरे बदन से बड़ी ज़ोर से लिपट गई। अब मुझे दोस्तों सच में ऐसा लग रहा था कि हम बरसों से एक दूसरे को चाहते हो और इसी दिन का इंतज़ार अब तक बड़ी बेसब्री से कर रहे थे। फिर मैंने हल्के से उसका ऊपर का टॉप ऊपर दिया, जिसकी वजह से अब मेरे सामने आकर उसके बड़े आकार के बूब्स ब्रा के अंदर से बाहर आने के लिए छटपटा रहे थे और उसके बाद में उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने उसकी सफेद रंग की ब्रा को भी हटा दिया और अपनी चकित नजरों से घूरकर उसके वो बहुत मुलायम गोलमटोल बूब्स को देखने लगा था। फिर कुछ देर बाद में भी बिना देर किए अपने कपड़े खोलकर नंगा हो गया और अब में उसके बूब्स को चूमते हुए उसके पेट को भी चूमने प्यार करने लगा था।
फिर उसके बाद मैंने उसके मुलायम पेट नाभि को भी चूमना प्यार करना शुरू किया। मैंने उसके पूरे गोरे जिस्म को प्यार किया। दोस्तों मेरे यह सब करने की वजह से वो बहुत गरम हो चुकी थी और उसके मुहं से अब हल्की हल्की सिसकियों की आवाजे आने लगी थी और में भी बहुत खुश होकर जोश में आ गया। फिर में धीरे धीरे नीचे चला गया और मैंने उसकी गरम गदराई हुई जांघो को चूमना शुरू किया और वो अब गरम होकर बहुत तड़प रही थी। अब मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया। मैंने देखा कि अब मेरे सामने उसकी एकदम चिकनी बिना बालों की चूत थी जो अब गीली होकर चुदाई के लिए एकदम तैयार बहुत कामुक नजर आ रही थी। फिर में उसकी गीली चिपचिपी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर बस हिलते हुए अंदर बाहर करने लगा था, साथ ही साथ में उसके निप्पल को भी निचोड़ रहा था और वो मज़े मस्ती और उस तड़प की वजह से बेहाल हो रही थी। अब उसने मेरे हाथ को उसी समय पकड़कर मुझसे कहा कि प्लीज राज अब मुझे सहन नहीं होता, ऊफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब तुम जल्दी से मेरी इस प्यास को बुझा दो आह्ह्ह्ह क्यों तुम मुझे इतना तरसा रहे हो? ऊउह्ह्ह करो ना जल्दी से डाल दो।
दोस्तों में भी अब तक उसके रसीले बदन का रस वो मज़ा लेकर पूरी तरह से गरम हो चुका था और फिर मैंने भी बिना देर किए उसके दोनों पैरों के बीच में आकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर पहुंचा दिया। दोस्तों मेरे उस धक्के से उसको हल्का सा दर्द हुआ उसके मुहं से आऊऊऊउ ऊईईइ माँ मर गई आवाज बाहर आई और वो बिन पानी की मछली की तरह उस दर्द से तड़प गई थी। फिर में कुछ देर रुककर उसके बूब्स को सहलाते हुए उसके शांत होने का इंतजार करता रहा और जब वो मुझे शांत नजर आई, तब में धीरे धीरे आगे पीछे करके अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा था और साथ ही साथ में अपने एक हाथ को उसकी जांघो चूत के ऊपर भी फेरता रहा और एक हाथ से में उसके बूब्स को भी दबाता रहा। दोस्तों मुझे उसका वो जोश देखकर बड़ा अचम्भा लगा जब कुछ देर बाद उसने मेरे साथ ही अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर धक्के देने शुरू किए। दोस्तों उस दिन मुझे पता चला कि किसी अनुभवी औरत के साथ उसकी चुदाई करने के असली फायदे क्या होते है? ना तो वो कोई नखरा नाटक करती है और वो चुदाई में भी आपका पूरा पूरा साथ देकर चुदाई के मज़े को दुगना कर देती है और हम दोनों के साथ भी ठीक वैसा ही हुआ था।
फिर करीब 20 या 25 मिनट लगातार धक्के देने के बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और फिर बस पांच मिनट में ही मैंने अपना पूरा वीर्य उन हल्के तेज धक्को के साथ उसकी गरम चूत की गहराईयों में निकाल दिया और फिर हम एक दूसरे से चिपककर वैसे ही कुछ देर लेटे रहे। दोस्तों उस रात को मैंने उसको दोबार कुछ घंटो के बाद भी चोदा और इस बार भी मैंने उसकी चुदाई का पूरा मस्त मज़ा लिया और इस बार मैंने उसको अपने सामने घोड़ी बनाकर उसके ऊपर चढ़कर वो काम पूरा किया, मैंने इस बार करीब बीस मिनट उसकी चूत में अपने लंड को लगातार अंदर बाहर किया। दोस्तों अपने सामने घोड़ी बनाकर लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देने से मुझे महसूस हुआ कि मेरा लंड उसकी बच्चेदानी को छू गया था, वो सबसे अलग हटकर मज़ा था। फिर उसने इस बार भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया जिसकी वजह से हम दोनों बहुत खुश थे। दोस्तों हमारी उस पहली चुदाई, हमारे मिलन के बाद भी कई बार मैंने अपने ऑफिस में जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलते ही चुदाई के मज़े लिए और हमने जमकर हमेशा सेक्स के नशे में डूबकर अपनी प्यास को बुझाया। दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची चुदाई की घटना मुझे उम्मीद है कि सभी पढ़ने वालों को जरुर मज़ा आएगा ।।
धन्यवाद …
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Sunday 17 December 2017

Pehle Bhabi ko phsaya aur fir gand aur choot maari aur pel diya || Randibaaz Aashiq

Meri Bhabhi KI Chatpati choot 
Ye story hai meri aur meri cousin bhabhi ki. Meri bhabhi ka nam suman (name changed) wo thodi rani mukarji jasi lagati hai . Mera hamesha se us par chrush tha or mai hamesha unhe chudne ke sapne dekhta tha.Waise main bahot hi shy person hun, kisi naye person se jaldi mix nahi ho pata, lekin time jate-jate meri aur unki dosti achi ho gai. Aur maine kai baar unke undergarments ko sunga hai aur muth mari hai.

Mai apne bare mai to bata deta hoon mera naam jaybir chodhry hai mai Haryan se hoon or mere lund ka size 11″ hai lekin thoda patla hai . meri height 6 foot 1″ hai or thoda sa mota hoon Apko mera pehla sex experience batata hu jab mai 18 saal ka tha.mai padahi me bahot accha tha 10 tak lekin jab mai 11 th me aya tab muje sex ki bahot icha hoti thi.uss time se maine blue film dekhna start kia aur muth marna bhi.

Mera dhyan padhai ki jagah baki chizo mai jyada tha islye mai 12 mai fali hogya tha or phir mai apne papa ke sath bus ka kam karne laga tha hamari 4 badi bus or 2choti bus hai.mai apni bhabhi ke ghar kafi ata jata tha kyoki meri maa ki death ho chuki thi or hamara khana bhabhi ke ghar se ata tha phele hum hotel se khana le kar ate the magar jab se bhai ki sadi ho gayi tab se bhabhi hamare liye khana banati hai

Yeh khani b jarur padho: bhabi ki madad se behan ko chodha

Mai hamesha se bhabhi se kahi achi thraha se bate karta hoon isliye bhabhi mujhe kafi sarif samjh ti hai lekin mai hoon to pura haram kor bhabhi ko hemesha galt najar se dekh ta hoon.meri bhabhi ki sadi ko ab 8 saal ho chuke hai or unke 2 bache bhi hai.Ab mai apni kahani shuru karta hu bina time waste kie ek din Bhabhi kapde sukha rahi thi ghar pe koi nhi tha Bhabhi ne mujhe unki help karne k lie bulaya mai unki help kar raha tha kapde dene

Me itne me mere hath unki bra or panty aa gai maine bhabhi se anjan bante hue pucha “ye kiska hai bhabhi” to bhabhi kehti “chall badmash idhar de ye meri kachi hai” mujhe sab pata tha magar mai Unse maze le raha tha fir maine bra dikhate hue pucha ye kya hai to unhone kaha “ye meri banayan hai pehnega kya?” unka ye answer sun kar mujhe hansi aa gai fir uske thodi der baad bhabhi mutne gai

Bhabhi k bathroom k darwaza niche se thoda upar hai to mujhe jab unke mutne ki awaz suni maine jhuk kar dekha unhone yellow color ki panty pehni hui thi or unki chut pe thode thode Baal the mera land to khada hi hogya bamboo ki tarah. kuch hi aisa hi chala bhabhi roz kapde sukhane k bahane mujhse sexy baate karti thi ek din to jab unhone mera kacha(underwear) dekha to boli k “jab mai ise dho rahi thi isme se badbu aa rahi thi tu abhi bhi kya susu kar dta hai raat ko”


Maine bhi unse pange lete hue kaha “aap ise kyu sung rahi thi? vo has k chup ho gai Fir ek din bhai bahar chale gae yani punnjab kuch dino k lie ab bhabhi ghar me akele thi to bhabhi ne mujhe raat ko apne ghar sulaliya. agle din jab mai utha tab bhabhi mut rahi thi or unka door lock nhi tha jo mujhe pta tha magar main bhola or bathroom me ghus gya mujhe dekhte hi bhabhi

Khadi ho gai shock se or unka sara mut unki nighty pe gir gya o mujhe kene lagi “tu yaha kya kar raha hai dikhta nhi Main mut rahi hu” to maine kaha darwza band rakhna chahie tha na mujhe kya koi sapne aaya hai . phir bhabhi chali gayi or dosto yaha se humare relation me change aaya . bhai do tin din or nahi ane wala tha ab mere maan mai bhabhi ko chodne ke bare mai aayi .or mai ab uunke ghar pe hi rheta kyoki papa ne kaha tha jab tak tera bhai na aye tab tak tu bhabhi ke sath rahe ga

Ab to meri nikal padi thi lekin mujhe kya pata tha ki bhabhi ke maan bhi yehi sab chal raha hai.lunch k baad bhabhi ko pata nhi kya ho gya tha mere pass aa kar let gai or kehne lagi chal truth and dare.Khelte hai maine kaha thik hai pehle to hum normally khelte rahe tabhi bhabhi ne kaha jaybir maza nhi aa raha kuch naya karte hai itna kehte hi unhone pen ko spin kardia pen mere pass aa kar ruk gya maine dare manglia unki aankho me shaitan tha or
Unhone mujhe kaha chal apna kacha utar k nanga baith k khel or agar nhi karega to mai tere chutado(hips) pe 10thapad marungi . mai soch mai pad gya phir mujhe lag ki bhabhi mera lund dekhna chati hai or mai Game me nanga baitha or mera lund khada tha dosto mera luck ab acha chalne laga or pen bhabhi ke pass jakar ruk gya bhabhi ne dare manga . to mine soch ne laga ki bhabhi se kya kar wa sakta hoon thabhi mane bhabhi ki taraf dekha

Yeah Kahani b Jarur padho: Station Ke Bahar Mili Anjan Bhabhi ki choot chudayi uske ghar mai
To wo mere lund ki taraf dekh rahi thi mane soch ki kyo na bhabhi se apna lund suck karene ko kahu or mane bhabhi se kha ki mera lund suck karo to jese wo iis ke liye ek dum tayar thi or mere khete ke sath hi mere lund ko suck karne lagi .phir jab tak mera pani nahi nikla wo mere lund ko suck karti rahior mera sara pani pe gayi .
Phir mane kaha ab kya ab or khelna hai tp bhabhi boli ki ab bache school se ane wale hai raat ko khele ge.Raat ke 10 baj chuke the tabhi bhabhi ne kaha tu kaha soyega maine kaha jaha sota hu wahi par so jaunga.wo boli nahi aaj tere bhai bhi nahi hai mujhe dar lagega.ek kaam kar mare sath soja aaj.fir hum sone chala gaye.bhabhi ke dono bache so rahe the to bhabhi ne kaha ki hum ek hi rajai kAnder so jate hai or bache alag bed pe so rahe the or hum alag thodi der baad mari bhabhi karwat lekar so gayi aur unki gand mere lund k pas toch kia.Muje bhi acha lag raha tha mera lund bada hota gaya aur unki gand me chubane laga.bhabhi ko bhi maza aa raha tha wo aur piche ayi aur haskar boli tu toh bada ho gaya hai.muje yah shabd sunkar hairani hoyi.unhone mera lund mere pajame k upar se pakad liya aur sehlane lagi aur dhire se ander hath dal diya aur boli niche k baal nahi kate kya kabhi .


Maine kaha 2 mahino se shaving nahi ki.woh mare lund ko ab ander se sehlari thi aur mai unke boobs ko zor se daba raha tha.meri bhabhi ne ab mera pajama pura utar diya tha.ab mai unke samne pura nanga tha.woh boli tera to bhot bada hai.itni umar me itna bada kaise kia. bhabhi boli tuje maine muth marte hue dekha tabhi socha tera lund 1 baar to lena hai.thabi to maine tere sath game khele ne ke bare me socha tha.phir manie bhabhi ka figure pucha to wo boli 38 34 40.
Unki komal ungliya mera lund k upar ghim rahi thi fir unhone mera lund muh me le liya aur chusne lagi.sirf 10 min hue thi k maine apna pani unke muh me chhod dia.woh mera sara pani ander pi gayi.maine kaha sorry wo boli koi baat nahi pehli baar aisa he hota hai pani nikalne k baad bhi mera lund khada tha yeh dekhkar bhabhi khush hui
Aur boli tu aisa kya khata hai.tere bhai to kuch nahi karta lund bhi unka kamzor hai.maine kaha kaise hai.woh boli 4.5 inch ka hai aur patla hai.teri tarah 10,11 inch wala lund he meri pyas bujha saktha hai.mai unke upar aagya aur bhot badi lip kiss ki.unke honth bhi soft mote the.fir unke boobs ko Choos raha tha.muje aisa lag raha tha k koi tarbooj mere hath me ho itne bade the.unko 5 min tak hatho se masal raha tha.

Bhabhi ne muje chut chat ne ko bola aur boli use pura muh me le lene.unki chut pe bhot bade baal the.maine pucha aap ne shaving nahi ki wo boli kya kiske liye karu .tere bhai ki night duty hoti hai aur din ko woh sote hai.sex hamare bech 2 mahino me 1 baar hota hoga. mane unki chut ko shave karne ke bare mai puch to wo boli ki tu mari shave bana de mai teri shave banadeti hoon .
Maae kaha thik hai phir hum dono ne ek dusre ki shave bana de or un ki chut jab saaf ho gayi to ek dum sundar lag rahi thi phir mai unki chut chatna shuru kia woh zor se aahh aaah.ki siskiya le rahi the.unki chut se pani nikal raha tha.5 min tak chatne k bad bhi boli aur chat ise.tab muje laga masi me bhot sex hai.woh boli ander dal apna lund aur raha nahi jara.maine bhabhi ki ankho ko dekha wo ek dum nasheeli ho gayi thi.
Maine jaise thoda ander dala woh aaaaah Ki zoro se sanse le rahi thi.is time unki ankhe bandh thi jase hi mane apna pura lund andar dala bhabhi tadap ne lagi or boli ki bhar nika nahi to mai mar jaugi bhabhi chiki nahi kyo ki bache uth jate phir mai ruck gaya or lip pe kiss karne lag 5 min baad jab bhabhi ka dard kum howa to mane dake dene suru kar diye.
Aur zor se dhakka dene laga.meri bhabhi meri kamar aur baalo pe hath guma rahi thi.15 min tak maine bhabhi ki chut mari aur is doraan bhabhi ek bar pani nikal chuka tha or phir mere sath apna pani bhi nikal diya aur 2 min tak aise he unke upar leta hua thaa.thodi der bad bhabhi boli 69 karte hai .
Maine kaha kya hota hai.,bhabhi boli tu let ja mai tere upar ati hu.meri gand tere muh k upar hogi aur mera muh tere lund ki aur.hum 69 ki positon me agaye unki moti gand mere muh k upar thi.mai unki chut ko chat raha tha aur woh mare lund ko chhoss rahi thi.maine 1 ungli unki gand me dali.muje bahot maza aya gand ka hole ek dum rubber ki tarah lag raha tha.bahot soft tha.

Tabhi maine socha kyuna bhabhi ki gand mari jaye.maine bhabhi ko gand marne k liye bola tab unhone kaha piche bahot dard hota hai.maine pucha bhai ne kabhi pichi kia hai kya/woh boli 1 baar try kia tha par ander nahi jara tha aur dard ho rahA tha.maine kaha dheere dheere dalunga.
Woh man gayi fir maine unhe ghodi banaya aur dalna chaha par ander ja nahi raha tha.tabhi bhabhi boli vaseline ya tel lagakar dal tabhi jayega.tabhi mai dusre room se bajaj almond oil layA aur thoda unki gand pe lagaya aut thoda apna lund pe.fir jaise maine thoda dhhaka dia mera adha lund unki gand ko fadhte hua ander gaya.
Bhabhi zor se chillai aaahh..ahha.boli bahar nikal.maine kaha please 2 minute bas.muje itna acha lag raha tha k bahar nikalne ki icha nahi ho rahi the.maine kaha thada si der dard hoga baad me apko bhi maza ayega.aur unki gand marne laga bhabhi ki gand mane 1 min hi mari thi ki mara pini nikal gaya. our mai bhabhi k upar se hat gaya .
Bhabhi boli tera lund bahot tagda hai.hum bathroom me safai karne gaye aur fir bed pe agaye.ab bhabhi ne nujhe ghoda banne ko kaha.fir me ghoda bana aur bhabhi mere gand ko chat rahi thi.mujhe bhi bhot maza ane laga.5 min tak bhabhi ne meri gand ko chata aur fir ulta leta diya.ab bhabhi meri gand k upar unke boobs ragad rahi thi.maine socha sex me aisa sab bhi hota hai.phir mai bhabhi ki lipstic uthkar
Laya aur phir maine bhabhi ki chut mai lund dala bhabhi phir se boli aaahhhhhh maie kuch nahi kiya aur bhabhi ke lips per lipstic laga kar unhe chusne laga thodi der baad bhabhi ne neeche se apni gaand hilyai to mai uper se dhakke marne laga bhabhi aaahhhh dheere aaa judli juldi aurrrrrr aaa maja aa raha haiii aaaammyaaaaur wo neeche se apni gaand utha rahi thi to maiRuk gaya bhabhi boli kya hua to maine kaha aap kar rahi na to bhabhi ne kaha juldi juldi karo mai phir suru ho gaya bhabhi aahhhhha aur wo shant ho gayi per mera abhi nikla nahi tha to bhabhi boli mai ho gayi hato lag rahi hai lekin me dhakke de raha to aur kaha aap to ho gayi mai nahi aur ye kahate huye bhabhi phir se gaaand utane lagi ulti siddi aabajo ke saath aur hum doni saath mai jad gaye maine bhabhi ko raat mai teen baar choda or chudai kate huye subh
Ke 4 baj gaye phir min aur bhabhi thodi der aise hi ek duse ke saath pade rahe aur phir maine bhabhi ko kareeb pehli baar 10 minute aur dusri baar15-20 minute choda bhabhi ne kaha subh ho gayi tum soo jaao nahi to subha tumhare papa puche gay ki raat may soye nahi to kya kho gay maine kaha bhabhi kesa laga to bhabhi ne kaha aaj muje alag hi maja aaya to maine kaha ise baar apko mera lun chusna padega bhabhi ne kaha thik hai abhi soo jaao mai bhabhi ko lips kis dekar soo gagya app ko meri kahani kessi lagi batana jarur
feedback k liye..... gandikhaniya@gmail.com
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Monday 11 December 2017

Bhabhi Ki Khatti Mithi Choot - Hindi Sex Story

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विनोद है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ।
बात उस समय की है जब मैं कॉलेज के पहले साल में था।
मेरे भैया की शादी मेरे कॉलेज में आने के कुछ ही दिनों बाद तय हो गई और कुछ ही दिनों बाद शादी भी हो गई।
मैं कॉलेज परीक्षा के कारण शादी में नहीं जा सका।
शादी के अगले दिन भैया का फ़ोन आया और उन्होंने मेरी भाभी से बात कराई।
फिर एक दिन उन्होंने भाभी की एक फोटो मुझे ईमेल की।
फोटो में भाभी क्या माल लग रही थी।
मैंने पहली बार में ही फोटो देख कर रूम में मूठ मार ली।
फिर धीरे धीरे भाभी से फ़ोन पर बात होने लगी।
मैंने इशारों ही इशारों में भाभी को बताया कि मैं जवान हो चुका हूँ और मुझे लड़की की जरूरत है।
भाभी बार बार कहती- लड़की के साथ क्या करोगे?
इसी तरह जब एक दिन उन्होंने कहा तो मैंने बोल दिया- जो आप भैया के साथ करती हो…
तो उन्होंने कहा- तुम बिगड़ गए हो।
ऐसे ही भाभी के संग गर्म और खट्टी मीठी बातें करते करते मेरी परीक्षा ख़त्म हुई और मैं घर आ गया।
जब मैंने भाभी को पहली बार देखा तो वो लाल रंग की साड़ी पहने हुए थी, गहरे गले के ब्लाउज में उनके नितम्ब मानो बाहर आने को
बेताब हो रहे थे।
मेरा लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया और मैंने किसी तरह उसे संभाला और बाथरूम जाकर मूठ मारी।
अब मैं हर समय इस ताक में रहता कि कब भाभी के संग कुछ करने का मौका मिले।
भाभी भी मुझे सबकी नजरों से बच कर कभी आँख मारती तो कभी मेरे खड़े लंड की ओर इशारा करती।
इसी तरह छः दिन बीत गये।
एक दिन अचानक भैया को किसी काम से बाहर जाना पड़ा।
मैंने सोचा कि मौका अच्छा है अब जल्द ही कुछ करना पड़ेगा।
गर्मियों के दिन थे तो रात को सब नहा कर सोते थे।
उस दिन जब रात को भाभी के नहाने का समय हुआ तो मैं जान बूझ के बाथरूम में चला गया और नंगा होकर नहाने लगा।
मैंने जानकर दरवाज़ा बंद नहीं किया था।
थोड़ी देर बाद भाभी आई और बाथरूम में घुसी।
जब मैंने उनको देखा तो लंड छुपाने का नाटक करते हुए सॉरी बोलने लगा।
मगर उन्होंने कहा- मैं भी तो देखूँ, तुम्हारा कैसा है और जो तुम्हारे भैया मेरे साथ करते हैं वो तुम कर पाओगे या नहीं?
तो मैंने हाथ हटाए और मेरा सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लंड सामने आ गया।
भाभी मेरे नजदीक आई और लंड सहलाते हुए बोली- वाह देवर जी, यह तो तैयार है।
तो मैंने मौका ना खोते हुए बोला- तो करने दो न मुझे भी?
इस पर वो बोली- अभी मम्मी पापा जगे हुए हैं थोड़ी देर बाद वो सो जायेंगे तब तक मैं नहा कर आती हूँ।
फिर भी मैंने जिद की- कम से कम इसे सुला तो दो!
तो उन्होंने मेरे लंड को मुख में लेकर चूसना शुरु किया और पांच मिनट में मैं उनके मुँह में ही झड़ गया।
फिर मैं अपने कमरे में आकर सो गया।
थोड़ी देर बाद मुझे शरीर पर कुछ रेंगता हुआ लगा।
मैं पलटा तो देखा कि भाभी काले रंग की साड़ी पहने मुझे सहला रही हैं।
मैं तुरंत उनको किस करने लगा तो उन्होंने कहा- देवर जी इतनी क्या जल्दी है, अभी चार दिन हमारे हैं। आपके भैया चार दिन बाद
आयेंगे!
कहते हुए वो मेरी हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गई।
अन्दर जाने के साथ मैं उन्हें किस करने लगा।
अब वो भी मुझे एक हवसी की तरह चूमे जा रही थी।
दस मिनट तक चूमने के बाद मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किये।
वो भी मुझे नंगा कर रही थी।
अब वो सिर्फ काले रंग की ब्रा और पैंटी में थी।
उफ़ क्या लग रही थी वो…


मेरा लंड तो अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को आतुर हो रहा था।
फिर मैंने भाभी की ब्रा हटा कर उनके चूचे दबाने शुरु कर दिये, वो भी धीरे धीरे मेरा लंड सहलाने लगी।
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे हो चुके थे और मैं अपनी भाभी की चिकनी चूत चाटने लगा।
पता नहीं कैसा खट्टा मीठा नमकीन सा स्वाद था भाभी की गर्म और गीली चूत का !
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर 69 में आकर हम दोनों ने आठ मिनट तक एक दूसरे को चूम-चाट कर मज़ा दिया।
अब वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और बोलने लगी- जल्दी से चोद दो मुझे…
तो मैंने अपना लंड चूत से रगड़ते हुए एक ही झटके में आधा अन्दर डाल दिया।
वो बोली- आराम से डालो… दर्द होता है।
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने दूसरा झटका लगाया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया।
अब मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा।
करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मैं उनकी बुर में ही झड़ गया।
इस तरह मैंने अगले चार दिन तक दिन रात 9 बार अपनी भाभी को चोदा।
फिर भैया भी आ गए और मेरी छुट्टियाँ भी ख़त्म हो गई।
अब मैंने कैसे भाभी की बहन को चोदा, वो अगली कहानी में…

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Saturday 25 November 2017

client ki chudai - Hindi Sex Story | gandi khaniya

हैलो दोस्तो.. आपका मित्र अभिराज.. फिर हाजिर हूँ आपके सामने एक नए मसाले को लेकर.. पहले तो आप सभी का शुक्रगुज़ार हूँ कि आप सभी ने बहुत सारे ईमेल भेजे और लगभग हर एक का मैंने उत्तर भी दिया।
अगर किसी का ईमेल मिस किया हो तो माफी माँगना चाहूँगा। मैं और अधिक कोशिश करूँगा कि सारे के सारे ईमेल का रिप्लाई करूँ।
तो अब मैं कहानी पर आता हूँ।
हुआ यूँ कि मेरे कहानी पढ़ने के बाद एक लड़की का मुझे ईमेल आया और उसने मुझे चैट पर एड किया.. उसका नाम था रोज़ी। वो दिल्ली के रहने वाली थी, उसका नाम मैंने बदल दिया है.. मेरे और रोज़ी की लगभग एक हफ्ते तक रोज बातें होती रहीं। धीरे-धीरे वो सेक्स चैट करने लगी।
मैंने उससे पूछा- कभी तुमने सेक्स किया है?
उसने कहा- हाँ किया है.. मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड था.. जिसके साथ लगभग मैंने 10-15 बार सेक्स किया.. पर तीन महीने पहले उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है और लगभग तीन महीनों से सेक्स नहीं हुआ है।
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ऐसे ही सेक्स चैट करते-करते उसने बताया कि उसे सेक्स करना बहुत पसंद है.. लेकिन वो सावधान रहना चाहती है।
मैंने उससे कहा- तुम अपना फोटो भेजो और कोई एक्सपीरियेन्स शेयर करना चाहती हो.. तो बताओ।
लगभग एक हफ्ते बाद उसका ईमेल आया और उसने कहा- वो डेट के लिए तैयार है..
पर अब समस्या जगह की थी कुछ भी तय नहीं हो पा रहा था.. जैसे कि वो दिल्ली की थी और अपनी फैमिली के साथ वहाँ रहती थी। अतः होटल ही एक जगह बचती थी.. जहाँ मैं और वो.. दोनों ही नहीं जाना चाहते थे। होटल में सेक्यूरिटी कम होती है.. इसलिए हम दोनों सही मौके और जगह की तलाश में थे।
शुक्रवार को उसका फोन आया और कहा- कल शाम 5 बजे बाद मेरे घर पर कोई नहीं है.. क्या हम दोनों मिल सकते हैं?
मैंने उससे कहा- ठीक है.. मैं दिल्ली तो आ जाऊँगा.. पर तुम्हें मुझे वहाँ से पिक करना पड़ेगा।
उसने ओके कह दिया।
मैं दूसरे दिन ऑफिस से लगभग 12 बजे निकल गया। ऑफिस से एक बस में बैठा और सीधे दिल्ली पहुँचा। लगभग 5 घंटे में में चंडीगढ़ से दिल्ली पहुँच गया.. जहाँ रोज़ी पहले से ही मेरा इन्तजार कर रही थी। जैसे ही मैं बस स्टैंड पहुँचा.. मैंने उसे कॉल किया.. और वो मुझे आसानी से मिल गई।
एक बार तो मैं उसे देखते ही रह गया.. क्या खूब ढाल रखा था उसने अपने आपको.. कुदरत ने भी उसे बड़े फ़ुर्सत में बनाया होगा। तीखे नैन.. गुलाबी होंठ.. मुस्कुराता चेहरा.. पतली बल खाती हुई कमर.. और उठे हुए पिछवाड़े का तो कहना ही क्या..
बड़ी ही दिलफरेब आइटम थी।
जैसे उसने हाथ आगे बढ़ाया तो एहसास हुआ कि आज तो किसी स्वर्ग की अप्सरा से मिलने का अवसर मिला है।
थोड़ी देर यूँ ही बातों के बाद हम दोनों उसके घर पहुँचे और उसने मुझे फ्रेश होने को कहा। जैसे ही फ्रेश मैं होकर आया.. तो उसने मुझसे पूछा- ठंडा लोगे या गर्म?
मैंने कहा- मैडम ठंडे की इच्छा तो बहुत हो रही है.. और आप जैसे गरमागरम सुन्दर लड़की साथ हो.. तो बस ठंडा करने का ही दिल करता है।
वो मुस्कुरा उठी और कोल्ड ड्रिंक दो गिलास में डालने लगी।
मैंने उससे पूछा- कभी बियर पी है तुमने?
उसने मुस्कुरा कर कहा- उसका भी इंतज़ाम है.. कहो तो बियर ले आऊँ।
मैंने कहा- हाँ यार, बियर से ही शुरूआत करते हैं। फिर हम दोनों ने एक-एक गिलास बियर पी और फिर मैंने उसके कमर में हाथ डाला.. उसने मेरे कंधों पर हाथ रख लिया।
क्या पर्फेक्ट हाइट थी.. उसकी हाईट लगभग 5.8 इंच थी।
मैंने धीरे से उसके होंठों को चूसना शुरू किया। वॉव.. क्या मज़ा रहा था.. उसके नर्म होंठों को चूस कर.. एक गरमागरम शुरुआत थी.. और सबसे मजेदार बात.. वो पूरा सहयोग दे रही थी, लगता था कि काफ़ी दिनों से बहुत ही तड़प रही थी।
किस करते-करते मेरे हाथ उसकी कमर पर जाने लगे.. फिर उसकी ब्रा को खोलने लगा। तभी मुझे एहसास हुआ कि उसके ऊपर टी-शर्ट भी पहन रखी है। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी.. तो उसके मम्मों को देख कर मेरा 7″ का लंड फुंफकार मारने लगा।
मैंने भी देर ना करते हुए उसकी ब्रा को निकाल फेंका और सीधा उसके मम्मों पर अटैक किया और उसके एक चूचे को मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो भी एकदम से ज़ोर-ज़ोर से सीत्कारें लेने लगी और उसके हाथ ढीले पड़ गए। मैंने उसे वहीं सोफे पर लिटाया और उसके घुटने मोड़ कर उसके मम्मों को चूसने लगा।
फिर धीरे-धीरे उसके हाथ भी मेरे लंड पर पहुँच गए और वो ज़ोर-ज़ोर से लौड़े को दबाने लगी।
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मैंने भी झट से अपने लोवर को उतार फेंका.. मेरा लंड तो मेरी जॉकी में ही नहीं समा पा रहा था और लगभग आधा बाहर निकल आया था। मौके का फायदा उठा कर रोज़ी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और धीरे-धीरे अपनी जीभ लण्ड पर घुमाने लगी।
मैं भी बिल्कुल पागल सा होने लगा। आग दोनों तरफ लगी हुई थी और लगता था कि वो काफ़ी दिनों के चुदासी है।
मैंने भी उसके लोवर और पैन्टी को उतार फेंका.. सच में बहुत ही मस्त माल थी रोज़ी.. और उसके चूतड़ तो लाजबाव थे। मन कर रहा था कि पहले गाण्ड मारी जाए.. पर नज़ाकत को देखते हुए मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

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कुछ ही पलों में मैं उसके नमकीन से पानी को पीने लगा, वो बहुत ही गरम हो चुकी थी और ज़ोर-ज़ोर से ‘आहें..’ भर रही थी।
मैंने उसकी टाँगों को अपने कंधों पर टिका कर देर ना करते हुए उसकी चूत के मुहाने पर अपने लंड को लगाने लगा.. और धीरे-धीरे चूत की फांक पर सुपारे को रगड़ने लगा। इससे उसकी चुदास और बढ़ गई और वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी- प्लीज़ जल्दी करो.. प्लीज़ जल्दी.. अब वेट नहीं होता.. अगले राउंड में पूरा टाइम ले लेना.. पर अभी तो डाल दो..
मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए एक धीरे से झटके से अपने लण्ड को उसकी चूत में सरका दिया। वो इतनी टाइट भी नहीं थी इसलिए आधा लण्ड आराम से चूत में चला गया। अब मैं लौड़े को आगे-पीछे करने लगा.. तो वो बोली- तुम्हारा बहुत लंबा है.. मेरे एक्स-ब्वॉयफ्रेंड का इतना लंबा नहीं था.. प्लीज़ इससे ज़्यादा अन्दर ना डालो।
फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया, धीरे-धीरे उसे और मुझे दोनों को मज़ा आने लगा, धक्कों के साथ-साथ मैं अपने लंड को अन्दर तक डालने लग़ा और ज़ोर के झटकों के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया।
उसकी ज़ोर से चीख निकली… पर वो अड्जस्ट हो गई।
लगभग तीन मिनट के बाद ही वो झड़ गई और मैं लगा रहा। लगभग 10-12 मिनट तक धक्के लगाने के बाद वो दोबारा अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाली थी।
वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी- फक मी हार्ड… प्लीज़.. मैंने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी। ज़ोर-ज़ोर से धक्कों के बाद एक गरम लावा सा फूट पड़ा और वो फिर से झड़ गई।
मैंने स्पीड को लगातार तेज बनाए रखा और अब मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था।
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अन्दर ही छोड़ दो.. नो प्राब्लम।
बस लगभग 7-8 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया।
उसके चेहरे पर एक मस्त सी मुस्कान थी और संतुष्टि के भाव थे।
थोड़े देर बाद हमने एक-दूसरे को किस किया और बाथरूम में जाकर एक-दूसरे के अंगों को धोया। फिर हमने साथ बैठ कर खाना खाया.. बियर पी और पूरी रात चुदाई की..
और हाँ मैंने इसी रात उसकी गाण्ड भी मारी, वो पहले से ही गाण्ड मरवाने की शौकीन थी।
मैंने उसकी गाण्ड कैसे मारी.. और पूरी रात हमारी चुदाई कैसे चली.. जल्द ही अगले भाग में आप सभी को लिखूँगा।
दोस्तो, मैं यह कहानी जब आगे लिखूंगा.. जब आप लोगों के ईमेल मुझे मिलेंगे। अपने ईमेल भेज कर मेरा उत्साह बढ़ाइएगा.. आप सभी के ईमेल का मुझे इंतज़ार रहेगा।
आपका दोस्त अभिराज
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Tuesday 7 November 2017

दर्द-ए-रंडी - Ek Randi ki Prem Katha -Hindi Sex Stories

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दोस्तो, आज मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी.

कुछ दिन हुये, हम सब दोस्त बैठे पेग शेग लगा रहे थे कि तभी एक दोस्त ने कहा- यार आज मौसम बड़ा अच्छा, दारू पीने का भी बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसे में अगर साथ में एक रंडी चोदने को मिल जाए, तो मज़ा और भी दुगना चौगुना हो जाए.

उसकी बात सुन कर सबके कच्छे टाईट हो गए. हम सब 4 दोस्त थे, मगर 4 में तीन ऐसे थे जो नौकरी पेशा थे, शाम को घंटा दो घंटा तो चल जाता मगर अगर सारी रात बाहर बितानी हो तो फिर घर में भी कुछ ऐसा सॉलिड बहाना होना चाहिए कि हम भी रात घर से बाहर गुज़ार लें और बीवी को शक भी न हो.

तो सबने मिल कर सलाह बनाई कि अगले शुक्रवार यह बहाना बना कर घर से निकलेंगे कि चंडीगढ़ हैड ऑफिस में कोई ज़रूरी काम है, और अपने बॉस को चंडीगढ़ के फाइव स्टार होटल में पार्टी देनी है, इसलिए देर बहुत हो जाएगी, अगर लेट हो भी गए तो अपने दोस्त का घर है वहाँ पे, वहीं पे सो जाएंगे ताकि रात को ड्राइव करने से भी बचा जा सके.

पूरा प्रोग्राम बना कर चारों यार शुक्रवार को दोपहर को ही अपने अपने ऑफिस में आधे दिन की छुट्टी टिका कर निकाल पड़े. एक जगह इकट्ठे हो कर गाड़ी में बैठे और दौड़ा दी गाड़ी चंडीगढ़ को.
दो घंटे के सफर के बाद हम सब चंडीगढ़ नहीं, बल्कि पंचकुला गए, वहाँ पे हमारा एक और दोस्त था, जिसे हमने सारी ज़िम्मेवारी सौंपी थी. वो हमें एक बढ़िया होटल में लेकर गया. दारू हमारे पास थी, वेटर को आते ही 500 रुपए की टिप दी, ताकि वो सिर्फ हमारे हर हुकुम का फौरन पालन करे.
दो रूम बुक थे, हम एक रूम में पहुंचे, पहले बीयर की बोतलें खुली, चिकन, चबेना, रायता, सलाद सब आ गया. मिनटों में ही पूरी महफिल सज गई.

फिर रोहन ने अपना फोन निकाला और किसी से बात की, उसको अपना होटल का नाम और रूम नंबर बताया, फिर हमसे बोला- 15 मिनट में आ रही है.

अभी शाम के 5 बजे थे, तो हम सबने सलाह की कि अभी नहीं करेंगे, पहले सिर्फ एंजॉय करेंगे, ठोकाठाकी रात को डिनर के बाद ही करेंगे.
ए सी को फुल कूलिंग पे चला दिया, टीवी पर गाने लगा लिए. खाने पीने का इंतजाम हमने नीचे फर्श पर ही किया था, ताकि हर कोई खुल्ला होकर आराम से बैठ सके.

अभी हमने एक एक गिलास बीयर पिया ही था कि दरवाजे पे दस्तक हुई. सतीश ने दरवाजा खोला तो बाहर एक 24-25 साल की सुंदर सी लड़की खड़ी थी. उसने पूछा- मिस्टर रोहन?
विजय झट सो बोला- हाँ हाँ, रोहन आइये.
वो अंदर आ गई.
उसे देखते ही सभी यार दोस्त उठ कर खड़े हो गए.

24 साल की मंजीत नाम की वो लड़की, अभी उसकी शादी नहीं हुई थी, किसी प्राइवेट फर्म में जॉब करती थी. रंग बहुत गोरा, बदन पतला मगर फिर भी भरपूर गदराया हुआ, सपाट पेट, पेट के ऊपर दो उन्नत, गोल मम्मे, पेट के नीचे कटावदार कमर, मजबूत दिखने वाली जांघें. कद कोई 5 फीट 6 इंच. लंबी सी चोटी जो उसके चूतड़ों तक झूल रही थी. गालों पर गुलाबी रंगत. सफ़ेद कुर्ता और हरे रंग की लेगिंग, हरे रंग की ही चुनरिया.

रूम के अंदर आ कर वो हमारे सामने आई, तो हम सब ने हाथ मिला कर उसका अभिवादन और स्वागत किया. उसने अपनी सेंडिल उतारी और हम सब के साथ ही बैठ गई.
उसके एक तरफ मैं, दूसरी तरफ विजय, और रोहन और सतीश सामने बैठे थे.

“तो आप लोगों ने पहले ही पार्टी शुरू कर दी.” अपनी मीठी आवाज़ में वो बोली.
हम सब “हे हे हे” करके हंस दिये.

सतीश बोला- दरअसल आपके आने से पहले हम थोड़ा माहौल बना रहे थे और एक एक बीयर से थोड़ी हिम्मत जुटा रहे थे.
वो बोली- अरे आपको हिम्मत की ज़रूरत, आप चार हो, हिम्मत तो मुझे चाहिए, मैं तो अकेली हूँ.

रोहन ने सबके गिलासों को फिर से भर दिया, इस बार एक और गिलास मंजीत का भी था.

हम सबने अपने अपने गिलास आगे बढ़ा कर एक साथ टकराए और ज़ोर से ‘चियर्ज़’ कहा. हमारे साथ मंजीत ने दो तीन बड़े बड़े घूंट भर कर गिलास आधा खाली कर दिया.
रोहन ने कहा- आप बीयर की शौकीन लगती हैं.
मंजीत बोली- बीयर क्यों, कुछ भी लाओ, मैं सब खा पी लेती हूँ. नखरा किसी चीज़ में नहीं करती.

मैंने पूछा- सिगरेट?
वो बोली- हाँ हाँ, क्यों नहीं.
तो सब ने सिगरेट भी सुलगा लीं.
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बीयर की जगह अब व्हिस्की ने ले ली. कभी चिकन, कभी टिक्का, कभी पनीर, कभी कुछ तो कभी कुछ आता जा रहा था. ज्यों ज्यों नशा तारी हो रहा था, सब मंजीत से और ज़्यादा खुल रहे थे. पहले तो उस से आप करके बात हो रही थी, फिर तुम और फिर सीधा तू हो गए. मगर वो बहुत सहज थी.

हंसी मज़ाक के माहौल में रोहन बोला- मंजीत, अगर मैं कहूँ तो तुम सिर्फ ब्रा पेंटी पहन कर हमारे साथ ड्रिंक करो, तो करोगी?
वो बोली- अजी हुज़ूर, आपने तो मुझे खरीद लिया है, ब्रा पेंटी क्या, मैं तो बिना कुछ पहने भी आपके साथ ड्रिंक कर सकती हूँ.
हम चारों की तो जैसे बांछें खिल गई.

सतीश बोला- तो फिर उतारो, ये टॉप और लेगिंग.
मंजीत बोली- मगर आप लोग भी तो उतारो.

अगले दो मिनट के अंदर हम सभी यार सिर्फ चड्डी में और हमारे बीच बैठी मंजीत सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. सफ़ेद ब्रा और गुलाबी पेंटी. बगलें, बाजू, टाँगें सब अच्छे से वैक्स की हुई. छोटी सी चड्डी उसने पहनी थी, जिसे देख कर लग रहा था कि इसकी चूत भी बिल्कुल चिकनी होगी.

मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेर कर कहा- बहुत चिकनी हो जानेमन.
वो बोली- आपकी जानेमन चिकनी नहीं होगी तो क्या होगी.
‘हाय…’ कह कर सभी यार लोग खुश हो गए.

सतीश ने आगे हाथ बढ़ा कर मंजीत का मम्मा दबाना चाहा मगर उसका हाथ नहीं पहुँच रहा था, तो मंजीत आगे को बढ़ गई, उसने दोनों हाथ आगे टिकाये, जिससे वो घोड़ी वाले पोज में आ गई, तो रोहन और सतीश ने उसके मम्मे दबा कर देखे तो विजय ने उसकी पीठ को सहलाया.
मैंने पीछे से देखा, गुलाबी चड्डी में गोल, मांसल चूतड़. मैंने उसकी गांड को सहलाया. जैसे उसके बदन में बिजली हो कोई, उसके अधनंगे बदन को छूते ही हम सब यारों के लंड टनाटन्न हो गए. सबकी चड्डियाँ ऊपर को उठ गई.
वो बोली- अरे आप सब तो बहुत गरम हो, सब के हीटर चालू हो गए. मैंने उसकी चड्डी एक तरफ हटा कर उसकी गांड के छेद को अपनी उंगली से छू कर कहा- तुम में करंट ही इतना है जानेमन, सब के हीटर तो चालू होने ही थे.

मैंने अपनी उंगली उसकी गांड में डालनी चाही तो उसने रोक दिया- सॉरी सर, मैं पीछे कुछ नहीं करती, जो भी करती हूँ, सामने से करती हूँ.
मैंने उसकी चड्डी ठीक कर दी और वो फिर से बैठ गई.

अब सब के मन में ये सवाल था कि पहले कौन करे. मैंने कहा- मैं तो सबसे लास्ट पारी खेलूँगा, जिसने पहले खेलना हो खेल लो.

मंजीत वहीं कार्पेट पे ही लेट गई. उस अधनंगी लड़की को अपने सामने लेटा देख कर सब ये भूल गए कि ठोका-ठाकी डिनर के बाद करने का प्रोग्राम था.
रोहन ने उसे उठाया और वैसे ही अधनंगी हालत में दूसरे रूम में ले गया. हमारी तो जैसे महफिल से रौनक ही चली गई हो, मगर फिर भी हमने सब आपस में उसके हुस्न की और इधर उधर की बातें करते हुये, अपने पेग का प्रोग्राम जारी रखा.

कोई पौने घंटे बाद रोहन आया, तो फिर विजय चला गया, विजय के बाद सतीश. इसी दौरान 9 बज गए, तो हमने खाना ऑर्डर किया.

हम सब ने तो चड्डियाँ पहन रखी थी, मगर मंजीत बिल्कुल ही नंगी थी. इसलिए उसे सिर्फ कुर्ता पहना दिया गया. अब सिर्फ उसे चोदने वाला मैं ही बचा था. खाने की इतनी भूख तो थी नहीं मगर फिर भी सबने थोड़ा बहुत खा लिया. खाना खा कर सब यहाँ वहाँ बैठ गए, हर कोई मंजीत के बदन और उसके गुप्तांगों को छू कर सहला कर अपनी अपनी ठर्क मिटा रहे थे.
मगर मैंने उसे नहीं छूआ. मुझे ये था कि अगर अभी ज़्यादा छू कर देख लिया, तो कमरे में जाकर सेक्स करने का मज़ा खत्म हो जाएगा.

खाना खाने के बाद भी हम बैठे बातें करते रहे. करीब 10 बजे मैंने कहा- मंजीत, क्या हम चलें?
वो उठ कर खड़ी हो गई- चलो जी, आपको भी जन्नत की सैर करवा लाऊं.


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मेरे यारों ने बड़ी खुशी से मुझे विदा किया. दूसरे रूम में जाकर मंजीत बेड पे लेट गई. जांघों तक उसका कुर्ता था, मगर नीचे नंगी गोरी, चिकनी टाँगें चमक रही थी. कुर्ते में से उसके गोल गोल मम्मे भी अपना पूरा आकार दिखा रहे थे.
वो आँखें बंद किए लेटी थी. मैंने उसके पास लेट कर उसके चेहरे पे गिरी उसकी जुल्फें हटा कर पूछा- थक गई क्या?
वो बोली- हाँ थोड़ी सी, तीन तीन मर्द, एक के बाद एक मेरे ऊपर चढ़े हैं. सब कोई कुछ न कुछ खा कर आते हैं. बदन को ऐसे नोचते हैं, जैसे गिद्ध हो. सारा बदन तोड़ कर रख देते हैं.

मैंने कहा- अगर तुम आराम करना चाहो, तो सो जाओ, हम सुबह कर लेंगे.
उसने करवट ली और मेरे सीने पे अपना सर रख दिया, जैसे वो मेरी पत्नी हो, या दिलरुबा हो.
‘नहीं…’ वो बोली- आपका मूड तो अभी है, तो अभी करेंगे.
मैंने पूछा- और तुम्हें जो तकलीफ होगी?
वो बोली- 10 साल हो गए इसी तकलीफ को सहते, अब कोई भी दर्द… दर्द नहीं लगता.

मैंने कहा- मंजीत तुम्हें एक बात बताऊँ, मैं सारी दुनिया से चोरी, सबसे छुपा कर सेक्सी कहानियाँ लिखता हूँ. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी कहानी भी लिख सकता हूँ.
वो बोली- अरे नहीं नहीं, मुझे कोई कहानी नहीं लिखवानी है. कल को और कोई पंगा पड़ गया तो.
मैंने कहा- मैं तुम्हारा नाम, स्थान सब बदल दूँगा. और कहानी छापने से पहले तुमको पढ़वा दूँगा, अगर कोई चीज़ तुम्हें गलत लगे तो बता देना, मैं उसे मिटा दूँगा.

उसने पूछा- तो कहानी छपेगी कहाँ पर?
मैंने कहा- कहानी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ डॉट कॉम पर छपेगी, तुम वहाँ से पढ़ लेना.
वो थोड़ा सोच कर बोली- कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मैंने कहा- अगर मैं तुम्हारा नाम मंजीत भी लिख दूँ, तो हिंदुस्तान में कितनी मंजीत हैं, किसी को क्या पता, चंडीगढ़ की जगह, दिल्ली, मुंबई कुछ भी लिख दूँ, किसी को क्या पता!
वो बोली- आप ऐसा करो, पहले आप आज हम सब ने जो किया है, उसकी कहानी लिख कर छपवाओ, जब वो कहानी मैं अन्तर्वासना पर पढ़ लूँगी, तो फिर आपको अपनी कहानी बताऊँगी. पूरी डीटेल में, मैं कौन हूँ, मेरा असली नाम क्या है, मैं क्या करती हूँ, कहाँ रहती हूँ. इस धंधे में मैं कैसे आई, कौन मुझे लेकर आया. अब तक कितने लोगों से मैं सेक्स कर चुकी हूँ, कैसे कैसे लोग मुझे मिले, सब बताऊँगी.

मैंने कहा- ठीक है, तो पहले आज का काम शुरू करें.
मैंने उसकी ठोड़ी पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर उठाया, और उसके नीचे वाले होंठ को अपने होंठों में लेकर चूसा, तो उसने अपनी गोरी चिकनी जांघ उठा कर मेरी जांघ पर रखी और अपने घुटने से मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैंने भी करवट ली और अपनी जांघ उसकी दोनों जांघों के बीच में फंसा दी, और उसकी चूत पर अपनी जांघ रगड़ी. फूल जैसे मुलायम चूत… होंठ चूसते चूसते मैंने अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डाल दी, जिसे उसने चूस लिया, बल्कि अपने मुँह के अंदर ही खींच लिया और ज़ोर से अपनी सांस छोड़ी, आग जैसे गरम सांस मेरे चेहरे पे लगी तो मेरे अंदर भी उसने कामवासना भड़का दी.

मैंने भी उसका मम्मा पकड़ा और ज़ोर से दबा दिया. उसके मुँह से हल्की सी दर्द भरी सिसकारी निकली, जो शायद उसके मम्मे दबाने के दर्द से निकली थी, मगर वो सिसकारी मेरे मुँह में ही दफन हो कर रह गई.
उसके दर्द की परवाह किए बगैर मैंने उसके दोनों मम्मे पूरे ज़ोर से दबाये और अपनी बालों वाली खुरदरी जांघ से उसकी चूत को रगड़ना जारी रखा. मेरे और उसके जिस्म की डील डौल में बहत फर्क था, मेरे सामने तो वो आधी ही थी, मगर फिर भी मेरे जिस्म के वज़न को बर्दाश्त कर रही थी.
मैंने अपना हाथ उसके कुर्ते में डाल कर उसकी नंगी पीठ के मांस को भी अपनी मुट्ठी में भर भर के नोचा, उसका कुर्ता ऊपर उठा कर उसके मम्मे बाहर निकाले और उसके निप्पल को अपने मुँह में
लेकर न सिर्फ चूसा, बल्कि दाँतों से काट भी खाया.


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उसने भी अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल कर मेरा लंड पकड़ा हुआ था और ज़ोर ज़ोर से सहला रही थी.

मैंने उसका कुर्ता उतार दिया. रोशनी में उसके दोनों मम्मे लाल हो रखे थे, कुछ मेरे निचोड़ने से और कुछ मुझसे पहले जो तीन धुरंधर आए थे, उनके दबाने से. लाल मम्मे देख कर मुझे कुछ तरस आया, तो मैंने सिर्फ उन्हें प्यार से सहलाया और बड़े आराम आराम से पिया.
फिर मैं उसके मम्मों से नीचे उसके पेट को चूमा, चाटा. कमर के इर्द गिर्द और उसकी जांघों पर अपनी जीभ फिराई.

मैंने पूछा- मंजीत, मैं तुम्हारी ये गुलाबी चूत चाटना चाहता हूँ.
वो बोली- चाट लो, अभी आपके आने से पहले ही धो कर आई हूँ. बिल्कुल फ्रेश है.

मैंने उसकी चूत के दोनों होंठ अपने होंठों में भर लिए. उसने मारे सर को पकड़ लिया और अपनी कमर थोड़ी सी ऊपर को उठाई, शायद उसको मज़ा आया. मैंने सिर्फ उसकी चूत ही नहीं, उसकी गोरी चिकनी जांघें, घुटने, पिंडलियाँ, पाँव, सब को चूमा चाटा.
मेरा तना हुआ कड़क लंड हवा में लहरा रहा था. मैं आगे बढ़ा और उसके सीने पर जा बैठा.

उसको कहने की ज़रूरत नहीं पड़ी, मेरे बैठते ही उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और मेरे लंड के टोपे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मैंने अपनी कमर चलाई और ज़्यादा से ज़्यादा अपना लंड उसके मुँह में घुसाता गया, वो भी लेती गई.

मगर मुँह छोटा होता है, मेरा पूरा लंड उसके मुँह में अंदर नहीं जा पा रहा था, शायद उसको सांस लेने भी तकलीफ हो रही थी. मैंने कहा- बस और मत चूसो, कोंडोम चढ़ाओ इस पर.
उसने अपने सिरहाने के नीचे से पहले से ही रखे कोंडोम के पैकेट में से एक कोंडोम निकाला और मेरे लंड पर चढ़ा दिया.
मैंने उसके पाँव पकड़े और खींच कर बेड के बीचों बीच लेटा दिया, दोनों टाँगे उसके टखनो से पकड़ कर खोली और अपना लंड बिना छूये ही उसकी चूत पर सेट किया, और एक झटके से उसकी चूत में घुसा दिया.

‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ एक जोरदार आवाज़ उसके मुँह से निकली और चेहरे पर बेहद दर्द के भाव आए.
शायद मेरा लंड उसकी चूत में अंदर जा कर ज़ोर से लगा. मैंने पूछा- दर्द हुआ?
वो बोली- नहीं, कुछ नहीं, वैसे ही, आप करो.
मैंने कहा- यार ऐसे मत करो, अगर दर्द होता है, तो बताओ, ताकि मैं प्यार से करूँ, मैं तुमको दर्द नहीं मज़ा देना चाहता हूँ.
वो बोली- अरे नहीं सर, मैं यहाँ मज़ा लेने नहीं, आपको मज़ा देने आई हूँ, आप का जैसे दिल करे, आप करो.

मुझे उसकी दरियादिली बहुत अच्छी लगी. मैंने अपनी कमर हिला हिला कर उसको चोदना शुरू किया.
मैंने पूछा- मंजीत, पहली बार कब तुमने सेक्स किया था.
वो बोली- जब मैं कॉलेज में थी, तो अपनी बॉय फ्रेंड के साथ किया था.

मैंने कहा- मगर तुमने अभी थोड़ी देर पहले कहा कि तुम 10 साल से ये काम कर रही हो.
वो बोली- अपनी मर्ज़ी से तो मैंने अपनी बॉय फ्रेंड से ही किया था. 10 साल पहले तो कोई मजबूरी थी मेरी, आपको फिर कभी बताऊँगी, उस वजह से मजबूरी में किया था, उसको मैं नहीं गिनती.
इस दौरान मैंने उससे और भी बातें की, और थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मुझे थोड़ी सांस चढ़ी तो मैंने उसको ऊपर आने को कहा.
मैं नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई. मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में ले लिया और ऊपर नीचे हो कर मुझे करने लगी.

उसकी रफ्तार बहुत धीमी थी, मगर हर बार ऐसा लगता था, जैसे वो मेरे लंड को अंदर तो एकदम आराम से लेती है, मगर बाहर निकालते वक़्त जैसे अपनी चूत को टाइट कर लेती है.
उसका तो पता नहीं, मगर इस से मुझे बहुत आनन्द मिल रहा था.


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कुछ देर ऐसे चुदाई करके मैंने फिर उसको घोड़ी बनने को कहा. जब वो घोड़ी बनी तो मैंने उसके पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाला और बजाए उसके कंधे पकड़ने के मैंने उसकी बालों की चोटी अपने हाथ में पकड़ ली, और उसके बाल खींच कर मैंने उसकी चुदाई की.
बेशक उसको दर्द हो रहा था, मगर वो फिर भी नहीं बोली.

मैंने कहा- आज आया घोड़सवारी का मज़ा. नीचे घोड़ी और हाथ में लगाम.
वो सिर्फ हंसी, मगर उसकी हंसी भी नकली सी लगी.

घोड़ी बना कर मैंने उसे खूब चोदा. काफी देर की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मुझे अब अपना माल गिरा देना चाहिए. मैंने कहा- मंजीत मैंने तेरे मुँह में अपना पानी छुड़वाना चाहता हूँ.
वो बोली- ठीक है, मगर मैं पीती नहीं.
मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला, तो वो मेरी तरफ घूमी, उसकी आँखों में हल्का पानी सा नज़र आया मुझे.

उसने मेरे लंड से कोंडोम उतार दिया, तो मैं भी बेड के साथ पीठ टिका कर बैठ गया. उसने फिर से मेरा लंड अपनी मुँह में ले लिया और लगी चूसने.
मैंने उसका सर पकड़ा और उसके सर को आगे पीछे करके उसका मुँह चोदने लगा. मैं तो चाहता था कि मेरा पूरा लंड उसके मुँह में घुस जाए. उसके चेहरे पर दर्द के साफ भाव थे, मगर मुझे सिर्फ अपना पानी निकालने तक मतलब था.

मेरा लंड शायद उसके गले में जा कर लग रहा था. मैं तब तक नहीं हटा, जब तक मेरा माल नहीं गिरा, और जब गिरा तो मैंने उसका सर अपने पूरे ज़ोर से खींच कर अपने पेट से लगा लिया.
मेरा सारा लंड उसके मुँह में घुस गया था, और मेरा माल उसके मुँह के अंदर झड़ रहा था. जब तक पूरा माल नहीं झाड़ा मैंने उसका चेहरा नहीं छोड़ा, और जब उसका चेहरा छोड़ा तो मैंने देखा, उसका मुँह लाल हो रखा था, आँखों से आँसू टपक रहे थे. सांस रुक गई थी.

उसके मुँह से मेरा लंड निकलते ही वो अपना हाथ मुँह पर रख कर बाथरूम की तरफ भागी, और मैं बेड पर चित्त लेट गया.


थोड़ी देर बाद वो फ्रेश हो कर आई, मैं वैसे ही लेटा था. वो मेरे ऊपर ही लेट गई, और बोली- और भी कोई आएगा क्या?.
मैंने कहा- तुम में अब भी इतनी हिम्मत है कि और मर्दों को झेल लोगी.
वो बोली- मैंने एक साथ 10-10 मर्द झेले हैं, 2-4 से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.

मैं सोचने लगा, यार बेचारी कितना दर्द सहती है, अपना जिस्म बेचती है, तब कहीं जा कर बेचारी को कुछ पैसे मिलते हैं.
सच है, कोई इनका दर्द नहीं समझता.

मैंने अपनी चड्डी पहनी और वापिस अपने दोस्तों वाले रूम में आ गया.

मुझे देखते ही सतीश बोला- आ गया तू, बड़ा टाइम लगा कर आया, चल अब मैं जाता हूँ, फिर से!
और वो दौड़ता हुआ दूसरे रूम में चला गया.

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Sunday 12 May 2013