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Saturday 20 January 2018

मामी की गांड छूने के बाद - Mami Ki Gaand ko chunne ke baad

मामी की गांड छूने के बाद - Mami Ki Gaand ko chunne ke baad


हैल्लो दोस्तों, में भी आप अभी की तरह बहुत सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े ले रहा हूँ जिसके बाद मेरा मन खुश हो जाता है। दोस्तों ऐसे ही कहानियों को पढ़ते हुए एक बार मेरे मन में अपनी भी इस घटना को लिखकर आपकी सेवा में पहुँचाने का विचार बन गया और मैंने इसको लिखना शुरू किया। दोस्तों यह कोई कहानी नहीं बल्कि मेरी एक सच्ची घटना है और जैसा जैसा मेरे साथ हुआ मैंने वैसा वैसा ही लिखकर आप सभी के सामने बड़ी मेहनत करके लाकर रख दिया है।
दोस्तों मेरा नाम जय है और में नई दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल है, में ज़्यादा गठीले बदन का नौजवान नहीं हूँ, लेकिन मेरे लंड में बहुत दम है क्योंकि मुझे अपनी पहली चुदाई के समय ही यह बात सामने वाले से पता चला और उसने मुझे बताया कि इस तरह की मज़ेदार चुदाई मेरी इसके पहले कभी किसी ने नहीं की है आज में पहली बार तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से पूरी तरह संतुष्ट हो 
चुकी हूँ। दोस्तों यह घटना इसी साल होली के दिन की है, जब में होली के दिनों में अपनी नानी के घर था और वैसे में अपनी नानी के साथ ही रहता हूँ। दोस्तों में आप सभी को बता दूँ कि मैंने अपनी जिस मामी को चोदा, वो मेरी अपनी मामी नहीं है वो मेरे दूर के रिश्ते में मामी लगती है।
दोस्तों मेरी वो मामी एक प्राइवेट नौकरी करने वाली एक शादीशुदा औरत है, उनके बूब्स का आकार करीब 34-28-36 होगा और वो पतली दुबली थोड़े छोटे कद की सुंदर गोरी आकर्षक महिला है। दोस्तों यह मेरी मामी भी मेरी नानी के पड़ोस वाले फ्लेट में ही रहती है और उनके पति एक बहुत बड़े व्यापारी है और वो हमेशा अपने काम की वजह से बाहर ही रहते थे और इस वजह से वो अपनी पत्नी की चुदाई ठीक तरह से नहीं कर रहे थे। अब उनके एक बेटा है, जिसकी उम्र करीब 6 साल की होगी, मेरी नानी के घर में सिर्फ़ मेरी वो बूढ़ी नानी ही अकेली रहती है इसलिए में अभी कुछ समय से उनके पास ही रहता हूँ। दोस्तों होली वाले दिन मेरी ज़्यादा और किसी से जान पहचान नहीं होने की वजह से में उस दिन भी अपने घर में ही था कि इस बीच सुबह के करीब 9 बजे मेरी वो मामी अपने दोनों हाथों में रंग लेकर मेरे पास आ गई। फिर उन्होंने जबरदस्ती मेरे पूरे चेहरे पर वो रंग लगा दिया और वो कुछ देर बाद वापस चली भी गई। फिर उसी समय मेरी भी होली खेलने की इच्छा हो गई और अब में भी मामी का पीछा करते हुए उनके फ्लेट में जा पहुंचा।
अब मैंने देखा कि मेरी वो मामी उस समय किचन में थी और उनको वहां पर देखकर मैंने मन ही मन में सोचा कि मुझे इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता, क्योंकि उस समय उनके घर में और कोई भी नहीं था। उस समय उनका बेटा भी होली खेलने अपने दोस्तों के साथ बाहर गया हुआ था। फिर मैंने चुपके से मामी को पीछे से पकड़ा और में उनके चेहरे पर रंग लगाने लगा और उस खींचा-तानी में मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा लंड उनकी जाँघो के बीच जा लगा, लेकिन मुझे उस समय एक अजीब सा एहसास होने लगा था। फिर में उनके होंठो पर भी रंग लगाने लगा और उनके होंठो को दबाने भी लगा था, जिसकी वजह से अब मामी को भी मेरे साथ होली का असली मज़ा आने लगा था। अब वो थोड़ा सा पीछे सरक गयी, जिसकी वजह से मेरा खड़ा लंड अब उनकी जाँघो के बीच चुभने लगा था और वो अब सीधा हो गयी और मेरे होंठो को सहलाने लगी। अब मुझे भी उनके साथ यह सब करना अच्छा लगने लगा था और उन्हे अपने पति से दूर हुए करीब दस दिन हो गये थे, जिसकी वजह से वो भी मेरे यह सब करने की वजह से गरम होकर सेक्स की भूखी हो गयी। फिर मैंने उन्हे सीधा करके अपने करीब किया और फिर बिना देर किए उनकी मेक्सी के ऊपर से अपने एक हाथ को अंदर डाल दिया।
अब मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से ही छाती पर बहुत रंग लगा दिया और में उनके गोलमटोल बूब्स को सहलाने के साथ साथ ज़ोर ज़ोर से दबाने भी लगा था, लेकिन इसी बीच ही उनका बेटा आ गया। अब में मामी से अलग हो गया, लेकिन मेरे साथ इतना सब करके अब उनकी वो बैचेनी बहुत बढ़ गयी थी, लेकिन उस एक मजबूरी की वजह से उन्हे अपने मन को काबू में करना पड़ा। फिर मामी ने मुझे रात में दोबारा मिलने के लिए कहा और उन्होंने मुझसे कहा कि में आज देर रात को तुम्हारा इंतजार करके अपने घर का दरवाजा खुला ही रखूँगी, तुम करीब बारह बजे तक आ जाना और तब तक घर के सारे लोग सो जाएँगे। अब में उनसे दूर होकर यह सभी बातें सुनकर खुश होता हुआ अपने घर चला आया, लेकिन मुझे अब रात होने का इंतजार था। फिर शाम को जब में उसके घर गया, तब मैंने सही मौका देखकर उनकी गांड में चिकोटी काटी और उनकी गांड में साड़ी के ऊपर से ही अपनी एक उंगली को भी डाल दिया, लेकिन मुझे उनकी तरफ से बिल्कुल भी विरोध नजर नहीं आया। फिर कुछ देर उनके साथ हंसी मजाक करके में अपने घर वापस आ गया। में उनके साथ घर में बच्चो के होने की वजह से ज्यादा कुछ नहीं कर सका।
फिर रात के ठीक बारह बजे में उनके घर पहुँच गया। मैंने देखा कि उनके घर का दरवाजा पहले से ही मेरे लिए खुला हुआ था और वो बस मेरा ही इंतजार कर रही थी। दोस्तों अंदर जाकर मैंने देखा कि वो उस समय साड़ी में थी और दिखने में बिल्कुल एक नयी दुल्हन की तरह तैयार थी, उनके लाल गुलाबी होंठ मुझे बड़े बेचैन कर रहे थे। फिर वो मुझे अपने साथ बेडरूम में लेकर गयी, वहां पर मामी ने लाल रंग का एक छोटा कम रौशनी का बल्ब जला रखा था। अब मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था और जैसे ही मामी ने दरवाजे को अंदर से बंद किया, वैसे ही मैंने उन्हे अपनी गोद में उठा लिया। अब में उनके रसभरे होंठो को चूसने लगा और उनकी लिपस्टिक का वो स्वाद मुझे अच्छे लगने लगा था और वो भी पूरी तरह से मेरा साथ देते हुए मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालने लगी थी और मेरी जीभ को चूसने लगी थी। अब तक में यह सब करते हुए बेड के नज़दीक आ चुका था और मैंने उनके होंठो को चूसते हुए उन्हे बेड पर लेटा दिया और फिर उनकी साड़ी के पल्लू को उस उभरी हुई छाती से हटा दिया और अब में जोश में आकर उनके बूब्स को दबाने लगा था।
दोस्तों मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और मामी ने उसी समय जोश में आकर खुद ही अपने हाथों से अपने ब्लाउज के एक एक हुक को खोल दिया। अब मैंने देखा कि मामी ने अपने ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। फिर ब्लाउज के खुलते ही उनके वो बड़े आकार के बूब्स मेरी आँखों के सामने आकर मुझे मदहोश करने लगे थे। अब मैंने पागलों की तरह उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा दबाकर सेब की तरह एकदम लाल कर दिए और फिर सही मौका देखकर मैंने अब उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उनको मैंने अपने सामने बिल्कुल नंगा कर दिया। अब उन्होंने मेरे निक्कर में अपने एक हाथ को डाल दिया और मुझे बिस्तर पर लेटने का इशारा किया। फिर में भी वैसा ही करने लगा और अब मामी ने बिना देर किए मेरे भी सारे कपड़े तुरंत ही उतार दिए और फिर वो मेरे लंड को अपने दोनों बूब्स के बीच में रखकर रगड़ने लगी थी और में उनके होंठो को दबा रहा था, साथ ही अपने एक हाथ से उनके बूब्स को सहला रहा था। फिर वो कुछ देर बाद नीचे जाकर अब मेरे लंड को चूमने लगी थी मेरे लंड के आसपास के हिस्से को चूमकर सहलाकर मामी ने मेरे लंड को अब अपने मुहं में भरकर लोलीपोप की तरह चूसना शुरू किया। वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को पूरा अंदर बाहर बीच बीच में टोपे पर अपनी जीभ को भी घुमाकर चूस रही थी।
दोस्तों यह सब करीब दस मिनट तक करने के बाद में झड़ गया और मैंने उनके मुहं में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया। अब मामी ने मेरे लंड के टोपे को आईसक्रीम की तरह मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया और फिर अपनी चूत को मेरे मुहं के सामने रख दिया। अब मेरी बारी थी अपना कुछ कमाल दिखाने की। फिर मैंने भी उनकी गीली जोश से भरी चूत के होंठो पर अपना मुहं लगाया और में अपनी जीभ से ही कुछ देर चूत को चूसने के बाद चुदाई करने लगा था। फिर कुछ देर बाद मामी ने भी अपना पानी मेरे मुहं में निकाल दिया और अब में उनके बूब्स से खेलने लगा था और वो मुझे अपनी बड़ी ही मादक नज़रों से देख रही थी। फिर मामी ने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथ से पकड़ा और इशारा करके मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डालने के लिए कहा। फिर में तुरंत खुश होकर वो काम करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन जब में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालने लगा तब मुझे देखकर महसूस हुआ कि मेरा लंड का टोपा उनकी चूत के छेद की अपेक्षा बहुत मोटा था और इसलिए लंड को अंदर डालने से उनको दर्द बड़ा तेज हो रहा था।
अब में उनके दर्द का ध्यान रखते हुए धीरे धीरे उनकी चूत में अपने लंड को डालने लगा था, लेकिन अब भी वो दर्द से करहाने लगी। फिर करीब आठ दस झटके देने के बाद मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जा चुका था और उसके बाद मैंने उन्हे करीब बीस मिनट तक कभी तेज तो कभी हल्के धक्के देकर चोदा। दोस्तों कुछ देर बाद मामी ने भी अपना दर्द कम होते ही अपने कूल्हों को मेरे हर एक धक्के के साथ उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दिया। फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने झड़ते हुए उनकी चूत को पूरा अपने वीर्य से भर दिया और में कुछ देर उनकी गीली चिकनी चूत के अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा। अब मैंने उनकी गांड में अपनी एक उंगली को डाल दिया और में अपने दूसरे हाथ से उनकी चूत में खुजली करने लगा। अब वो मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे पागल कुतिया की तरह नोचने लगी थी और खुद अपनी चूत में मेरे लंड को डालकर ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगी थी। अब पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ गूंजने लगी थी और अब वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी, वाह मेरी जान आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मज़ा मिला है
फिर वो सिसकियाँ लेते हुए मेरे लंड पर ऊपर नीचे होकर मुझसे कहने लगी ऊफ्फ्फ्फ़ वाह तूने तो मेरा मन आज खुश करके मेरा दिल जीत लिया वाह रे मज़ा आ गया तूने तेरे इस दमदार लंड को अब तक कहाँ छुपा रखा था? तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला। दोस्तों वो ऐसे ही बड़बड़ाती रही और जब तक हम दोनों का जोश ठंडा नहीं पड़ा वो तब तक मेरे लंड की सवारी करती ही रही। दोस्तों फिर उस रात में हम दोनों ने चार बार चुदाई के मस्त मज़े लिए और सुबह होने से पहले में कपड़े पहनकर अपने कमरे में वापस चला गया और सो गया। दोस्तों उस पहली रात भर चुदाई के मज़े लेने के बाद अब जब भी हम दोनों को कोई भी अच्छा मौका मिलता है तो हम एक दूसरे के साथ खुश होकर यह काम ज़रूर करते है, कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उनके नीचे लेटकर बड़ा खुश होकर उनकी प्यासी चूत को चोदकर उसको पूरी तरह से संतुष्ट करता हूँ। दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची घटना मुझे उम्मीद है सभी पढ़ने वालो को यह जरुर पसंद आएगी और अब में चलता हूँ ।।

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Thursday 16 November 2017

सेक्स की प्यासी मामी की चूत चुदाई - Gandi Khaniya | Hindi sex Story

मेरा नाम पंकज है, बिहार का रहने वाला हूँ। मैं अपनी मामी की चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी आपके लिए लिख रहा हूँ।
बात उस समय की है.. जब मैं स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। मैं अपने मामा के घर जब कभी घूमने जाया करता था। जहाँ मेरे मामा-मामी नाना तथा नानी रहते हैं।
मेरे मामा आर्मी में होने के कारण बहुत कम घर पर रहते हैं। मेरी मामी बहुत ही हँसमुख स्वभाव की हैं, मेरी और उनकी अच्छी जमती थी।
मेरी मामी का नाम सपना है।
एक बार मुझे अपने मामा के यहाँ पर जाना पड़ गया था। क्योंकि उधर सभी लोग घूमने जा रहे थे.. लेकिन मामी नहीं जा रही थीं, तो घर में उनके साथ रहने के लिए मैं चला गया।
सब लोग चले गए.. घर में केवल मैं और मामी रह गए।
दिन भर मैं उनके साथ रहा और इधर-उधर की बात करता रहा।
धीरे-धीरे शाम हो गई.. मामी ने खाना बनाया।
फिर मैं और मामी खाना खाकर टीवी देखने लगे।
दस बजे तक हम लोग टीवी देखते रहे फिर सोने लगे।
मैं और मामी एक ही बिस्तर पर लेटे थे।
कुछ देर बाद हम लोग सो गए।
रात को मुझे पेशाब लगी.. तो मैं उठकर पेशाब करने चला गया। जब मैं वापस आया तो देखा कि मामी की साड़ी उनके घुटनों तक है।
मामी की सेक्सी टाँगें देख मेरा लंड खड़ा होने लगा.. क्योंकि मामी की गोरी पिंडलियाँ देखकर मेरी साँस अटक गई थी।
मेरी मामी के जिस्म का साइज 30-28-34 है।
अब मेरी आँखों से नींद उड़ चुकी थी।
मैं धीरे से उनके बगल में आकर लेट गया।
मेरी मामी बहुत गहरी नींद में सोती हैं। यह बात मुझे पहले से पता थी.. इसी बात का फायदा उठाकर मैंने धीरे-धीरे मामी की साड़ी और पेटीकोट एक साथ उठाना शुरू किया।
मामी की चूत
साड़ी को थोड़ा उठाने पर मुझे मामी की काली पैंटी नज़र आने लगी।
मैंने मामी की साड़ी को उठाकर उनकी कमर के ऊपर कर दिया।
अब जो नज़ारा मेरे सामने था.. उससे मेरे साँसों की गति तेज़ होने लगी।
मैंने मामी के चेहरे की तरफ देखा.. वो अभी भी गहरी नींद में सो रही थीं।
मामी की गोरी-गोरी जांघें.. और उनके बीच मामी की चूत के ऊपर काली पैंटी देखकर तो मैं पागल हो गया।
मैंने मामी की चूत को पैंटी के ऊपर से सूंघा.. चूत की मादक खुशबू से मेरा लंड काबू से बाहर हुआ जा रहा था।
मैंने धीरे से मामी की पैंटी को एक साइड में खिसकाया.. जिससे मुझे मामी की एकदम चिकनी चूत दिखाई दी।
मैं अब काबू से बाहर हो गया और मैंने अपनी जीभ मामी की चूत में लगा दी।
जैसे ही मैंने जीभ को चूत में लगाया.. मामी थोड़ा सा हिलीं.. तो मैं डर गया और फिर अपनी जगह पर आ गया।
लेकिन थोड़ी देर में फिर मैं उठा और मामी की चूत पर हाथ फेरने लगा। कुछ देर बाद अचानक मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- क्या कर रहे हो?
मैं तो डर के मारे घबरा गया और मामी को ‘सॉरी’ बोलने लगा।
पर मामी बोलीं- कभी किया है?
तो मेरे मन से डर दूर हो गया और बोला- नहीं!
मामी ने हरी झण्डी दिखा दी।
मैंने मामी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूमना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद मामी गर्म हो गईं और उन्होंने सिसकारियां भरना शुरू कर दिया।
इतनी देर में मैंने मामी का ब्लाउज और साड़ी को खोल दिया।
मामी ने ब्रा नहीं पहनी थी, अब वो मेरे सामने पेटीकोट और उसके नीचे काली पैंटी में थीं।मैंने धीरे से पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया और उसको निकाल दिया। मामी ने भी इसी बीच मेरी बनियान और लोअर निकाल दिया। मैं अब सिर्फ चड्डी में था और मामी पैंटी में थीं।
मैंने मामी के मस्त दूध मसलने शुरू किए तो उनके मुँह से ‘सी.. सिस्स..’ की आवाजें निकलने लगीं।
वो मेरा लंड चड्डी के अन्दर हाथ डाल कर सहला रही थीं।
मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और मामी को बिस्तर पर लिटा दिया।
मैंने अपना लंड मामी से चूसने को कहा.. तो मना करने लगीं, मैं अपना लंड जबरदस्ती उनके मुँह में घुसेड़ने लगा तो थोड़ी देर बाद उन्होंने उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को उनके मुँह से बाहर निकाल लिया और उनके पैरों की तरफ आ गया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मामी अभी भी पैंटी में थीं.. मैंने उनकी पैंटी को पकड़ा और पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींच कर निकाल दिया.. जिससे उनकी पैंटी फट गई।
यह देखकर मामी बोलीं- आराम से मेरे चोदू राजा.. अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ।
मैंने कहा- साली रंडी.. मादरचोद अपनी चूत दिखाती फिरती है सबको.. आज इस चूत को इतना चोदूँगा कि कल सुबह तू मूत भी नहीं पाएगी।
मैं अपना मुँह चूत में लगाकर चूत को चाटने लगा मामी के मुँह से ‘आ.. आआह..’ की आवाजें आने लगीं।
मामी की चूत के दाने को मैं दांतों से काट लेता तो वो और जोर से चीख उठतीं।
उनकी चूत बहुत रस छोड़ रही थी।
गालियाँ और चूत चुदाई
फिर अचानक वो जोर-जोर से कमर हिलाने लगीं और चिल्लाने लगीं- अब डाल दो मेरे अन्दर.. नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी।
फिर अचानक उनकी चूत से पानी बहने लगा तो मैं समझ गया कि मामी झड़ गईं, मैंने पूरा पानी चाट लिया।
मैं उठा और मामी को किस करने लगा.. अब मामी भी मेरा साथ दे रही थीं।
कुछ देर बाद वो फिर गर्म हो गईं.. और बोली- मादरचोद.. अब तो मेरी चूत में अपना डंडा डाल दे.. नहीं तो अभी तेरा रेप कर दूंगी।
मैं बोला- साली छिनाल रंडी.. अभी तेरी इस चूद को चोद-चोद कर अगर फाड़ न डाला तो मेरा भी नाम बदल देना।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वो ‘आहें’ भरे जा रही थीं और गालियाँ बक रही थीं।
मेरी मामी चुदाई में गालियाँ बहुत देती हैं।
फिर अचानक मैंने एक तेज़ झटका लगाया.. मेरा मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया।
वो चीख उठीं और बोलीं- भोसड़ी के.. मादरचोद.. रंडी नहीं हूँ मैं तेरी.. आराम से कर।
मैं बोला- साली.. तू पूरी रंडी है पराए मर्द से चुदती है।
फिर मैंने एक और धक्का लगाया.. मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। वो एक बार फिर जोर से चीखीं और बोलीं- मार डाला मादरचोद ने।
अब मेरा लम्बा और मोटा लण्ड उनकी कसी हुई चूत में पूरा उतर चुका था। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.. वो मेरे हर धक्के पर ‘आहें’ भरतीं और गाली देतीं ‘आ..ह… आ..उह.. मर गई मादरचोद..’
मैं धक्के लगता लगाता रहा.. वो चिल्लाती रहीं और गालियाँ बकती रहीं।
काफी देर तक मैं उनको चोदता रहा जिसमें वो दो बार झड़ चुकी थीं।
इसके बाद मैं बोला- मेरा निकलने वाला है।
तो वो बोलीं- अन्दर ही डाल दे.. रंडीबाज बाहर मत निकालना।मैं 5-6 तेज़ झटकों के साथ उनकी चूत में ही ढेर हो गया। मेरे साथ वो एक बार और झड़ गईं।
फिर मैं बोल उठा- आह्ह.. मज़ा आया?
मामी बोलीं- बहुत अच्छी चुदाई हुई मेरी चूत की!
उसके बाद मैं उठा और अलमारी से शराब की बोतल निकाल लाया और दो गिलास में डालकर एक गिलास खुद पिया और दूसरा मामी को जबरदस्ती पिलाया। फिर मैं कुछ शराब उनकी चूत में डालकर चाटने लगा.. जिससे वो बिल्कुल पागल सी हो गईं और मेरे सर को अपनी चूत पर कसकर दबाने लगीं।
मैंने फिर एक बार कसकर उनको चोदा। नशे में झड़ने के बाद मैंने उनकी चूत में ही लंड डाल कर सो गया। अगले 6 दिन मैंने रोज नए-नए तरीके से चुदाई की। कभी खड़े होकर.. कभी गोद में बैठाकर.. कभी अपने ऊपर लेकर।
मामी और हमको बहुत मज़ा आया। एक दिन मैंने उनकी गांड भी मारी।
तो साथियो कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. अपनी राय जरूर मेल करें।
pankajkumar12520@gmail.com
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Thursday 9 November 2017

Beeghi Mami ko Patake Choda

सबसे पहले में अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 19 साल का 6 फीट लंबा, 9 इंच के लंड वाला हैंडसम लड़का हूँ. मुझे शुरू से ही सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है. मैं ब्लू फिल्म्स देखता रहता था. मैं अक्सर मुठ भी मारा करता था.
अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ. मेरी मामी की उम्र 34 साल है और वो गोरी-चिट्टी मस्त फिगर वाली औरत हैं. उनका फिगर 36-29-36 का है.. वो दिखने में बहुत सेक्सी हैं.
यह बात 3 साल पुरानी है, जब मैं पढ़ता था. मैं शुरू से ही अपने मामा के घर रहता हूँ. मेरा मामा का डेरी फार्म है और वो अक्सर बाहर रहते हैं. मेरे घर पर मेरे अलावा मेरी मामी, छोटे मामा उनकी वाइफ और दोनों मामा के 5 बच्चे हैं और नाना-नानी भी हैं.
सब लोग अपने-अपने काम पर चले जाते थे और नानी पड़ोस में चली जाती थीं. छोटी मामी खेत में चली जाती थीं. घर पर ज्यादातर बड़ी मामी ही रहती थीं.
उस दिन सेकेंड सॅटर्डे था, सारे बच्चे स्कूल गए हुए थे क्योंकि उनकी छुट्टी नहीं थी. मेरी नानी अपने घर गई हुई थीं. उस दिन घर पर सिर्फ़ मैं और मेरी मामी थे. मेरी मामी और मैं आपस में मजाक कर लेते थे, पर मैंने आज तक उनको कभी गलत नजरों से नहीं देखा था.
उस दिन सुबह 10 बजे बारिश होने लगी. मामी छत से कपड़े उतार कर लाईं पर वो बारिश में पूरी तरह से भीग गईं.
मामी ने पीले रंग का सूट डाल रखा था. जब मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया. उनका सूट पूरी तरह उनके शरीर से चिपका हुआ था और उसमें से उनकी ब्रा और पेंटी साफ़-साफ़ दिख रही थी. मैं गर्म होने लगा, मेरा लंड उनको देख कर खड़ा होने लगा. उनके मम्मों को देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.
मैं मामी को चोदने के बारे में सोचने लगा, पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कैसी शुरुआत करूँ. मामी मेरे पास मजे से बैठी थीं, मैं लेटा हुआ था, मेरा मन कर रहा था कि उनके चूचों को चूस जाऊं और उनकी चुत में अपना मोटा लंबा लंड डाल कर जमकर उनकी चुदाई करूँ.
ये सोचते-सोचते 11 बज गए. मामी ने कपड़े बदल लिए और वे किचन में चाय बनाने लगीं.
मैं भी किचन में चला गया और मामी से बोला- मामी आप बहुत खूबसूरत हो.

मामी हंस पड़ीं.
मैं बोला- मामी, मैं आपके गले लगाना चाहता हूँ.
जैसा कि मैंने बताया कि मैं मामी के साथ मजाक कर लिया करता था.
तो मामी ने कहा- तो लग जा.
मैं उनके गले लग गया, उनके चूचे मुझे टच हुए तो मेरा लंड फनफना कर उनकी चुत पर लगा.. क्योंकि वो खड़ा था.
मैंने कमर पर हाथ के साथ मामी को अपनी तरफ़ भींच लिया.
मामी बोलीं- यह क्या कर रहा है?
मैं बिना सोचे-समझे… बिना कोई परवाह किए बोला- मामी एक बात बोलूँ.. बुरा मत मान जाना!
मामी बोलीं- नहीं मानूंगी.. बोल क्या बात है?
मैं बोला- मामी, आज आपको बारिश में भीगा देख कर मुझे कुछ महसूस हुआ.
मामी ने पूछा- क्या महसूस हुआ?
मैं बोला- मैं नहीं बताता..
मामी बोलीं- बता ना..
मैं बोला- पहले मेरी कसम खाओ किसी से नहीं कहोगी.
मामी मान गईं.
मैं बोला- मामी जब आप भीगी हुई थीं.. तो आपकी ब्रा और पेंटी दिख रही थी.
मामी बोलीं- हट बदमाश..
फिर मामी अपने बेडरूम में आ गईं. मैं भी उनके साथ आकर बेड पर बैठ गया.
मामी ने कहा- और भी कोई बात है या यही बात थी?
मैं बोला- बात तो बहुत लंबी है.

मामी बोलीं- फिर पूरी बात साफ़-साफ़ बता ना, अब तो मैंने तेरी कसम भी खा ली है.
मैं बोला- मामी, आज आपके भीगे शरीर को देख कर आपके बड़े-बड़े चूचों को देख कर और आपकी सेक्सी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मामी नॉटी अंदाज़ में बोलीं- अच्छा जी.. आज मुझे देख कर मेरे भांजे राजा का खड़ा हो गया.
मामी के इन शब्दों ने मेरे तन-मन में आग भड़का दी.
फिर मामी बोलीं- और क्या हुआ?
मैं बोला- बस तभी से आपकी चुदाई करने का मन कर रहा है.
मामी ने मुझे प्यार से गाल पर हाथ लगा कर बोला- कुछ तो शर्म कर.. मैं तेरी मामी हूँ.
मैं बोला- जो मेरे मन में था.. मैंने बता दिया.
मुझे यकीन था कि मामी किसी को नहीं बताएंगी क्योंकि उन्होंने मेरी कसम खाई है.. इसलिए मैं थोड़ा ज्यादा खुल गया.
मैं बोला- एक दिन के लिए आप मेरी मामी मत बनो प्लीज़.. मुझे आपकी चुदाई करनी है.
मैंने उस टाइम निक्कर और टी-शर्ट डाल रखी थी.. नीचे कोई अंडरगार्मेंट नहीं था. इतना कहते ही मैं मामी के ऊपर टूट पड़ा और उनके हाथों को अपने हाथों से पकड़ कर उके गुलाब जैसे होंठों को किस करने लगा.
मुझे लगा शायद मामी भी गर्म हैं.. क्योंकि 5 मिनट हम किस करते रहे. मामी ने मुझे गेट बंद करके आने को बोला, मैं जल्दी से गेट बंद कर आया.
अब मैं मामी से लिपट गया और उनको किस करने लगा. फिर मैं मामी का शर्ट ऊपर करने लगा.
मामी बोलीं- मेरे राजा, मैं निकाल देती हूँ.
मामी ने शर्ट निकाला.. वाह क्या नजारा था. मामी की बड़ी-बड़ी चूचियां ब्रा से आधी बाहर दिख रही थीं. मैं उनको ब्रा के बाहर से ही दबाने लगा. फिर मैंने मामी की सलवार भी निकाल दी. मामी मेरे सामने ब्लू-कलर की ब्रा और पेंटी में थीं. वो बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थीं. मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए.
मामी ने मुझे बताया कि मामा ने 4 महीने से उनकी चुदाई नहीं की है. ये सुन कर मेरा जोश और भी बढ़ गया फिर मैं उनकी ब्रा खोल कर उनकी चूचियों पर टूट पड़ा. उनकी चूची को अपने मुँह में भर लिया.. उनको खूब दबाया और मसला.
मामी के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकल रही थीं- आह्ह.. उह अहा.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… एहह.. ऊओईई…
मेरा जोश बढ़ता जा रहा था. फिर मैंने मामी की पेंटी निकाली और उनकी चुत को देख कर बेकाबू सा हो गया. मामी की चुत पर एक भी बाल नहीं था. बिल्कुल चिकनी और गोरी चुत थी.
मैंने मामी की चूत में अपनी उंगली डाल दी. मामी के मुँह से फिर से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं- अहा.. आअहह.. उम्म्मह..
उनकी चुत से पानी आने लगा. फिर मामी का ध्यान मेरे लंड की तरफ़ गया वो बोलीं- इतना बड़ा है तेरा.. हे राम..!
मैं बोला- मामी, सबका इतना ही तो होता है.
मामी बोलीं- नहीं इतना नहीं होता. तेरे मामा के तो इसमें 2 बन जाएंगे.
फिर मामी मेरे लंड को सहलाने लगीं. मुझे अजीब सी गुदगुदी महसूस हो रही थी.
मैं मामी से बोला- मामी अपनी टांगें चौड़ी करो, मैं आपकी चुत चाटूंगा.

मामी ने पहले तो चुत चटवाने से मना कर दिया. फिर मेरे बार-बार कहने पर मान गईं. मैंने जैसे ही अपनी जीभ उनकी चुत पर लगाई, उनकी मादक सिसकारियाँ फिर शुरू हो गई- एहह.. उम्म्म्म.. मज्जा आअहह..
क्या मस्त स्वाद था मामी की चुत का.. आह.
मामी 5 मिनट बाद झड़ गईं. मैं उनका सारा रस पी गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने मामी को गर्म किया और उनसे अपना लंड चूसने को बोला. मामी मना करने लगीं लेकिन मान गईं. वो मेरी लंड लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. कुछ मिनट में मैं भी झड़ गया और मामी मेरा सारा माल पी गईं.
मामी मेरे ऊपर लेट कर मेरे सीने को चूमने लगीं. थोड़ी देर बाद मैं भी मामी को चूसने लगा, उनके चूचों दबाने लगा.
फिर मामी ने कहा- कुत्ते अब मुझे चोद दे, बुझा दे मेरी चुत की प्यास और मत तड़पा कमीने भेनचोद..
मामी के मुँह से गालियां सुन कर मुझे और भी ज्यादा सेक्स चढ़ गया. मैं बोला- साली रंडी अपनी टांगें चौड़ी कर..
मामी ने चुत खोल दी.

मैंने अपना लंड मामी की चुत पर लगा दिया, फिर एक झटका मारा और लंड का टोपा मामी की बुर में घुस गया. मामी मादक सिसकारियाँ लेने लगीं. मैं भी स्वर्ग जैसा मज़ा महसूस करने लगा.
फिर मैंने एक और झटका मारा और मेरा आधा लंड मामी की चुत में समा गया. फिर 2-3 धक्के और मारे और पूरा लंड मामी की चिकनी चुत में घुसा दिया. मामी मादक सिसकारियाँ ले रही थीं. मामी की चुत टाइट थी क्योंकि वो 4 महीने से नहीं चुदी थीं.
फिर मामी ने कहा- भोसड़ी के आज मिला मुझे तेरा लंड.. पिछले 4 महीने से मुझे तेरे लंड का इंतज़ार था.
मैं बोला- वो कैसे?
मामी बोलीं- जब से तेरे मामा ने मुझे चोदना छोड़ा है. तब से मैं तेरे ही लंड के सपने देखती हूँ.. तुझे मुठ मारते भी देखती हूँ और नहाते हुए भी देखती हूँ.
मैं बोला- सेक्सी डार्लिंग फिर पहले क्यों नहीं बताया.
मामी बोलीं- मैं डरती थी.
फिर मैं मामी को ज़ोर से चोदने लगा और काफी देर तक दमदार चुदाई करने के बाद में मामी की चुत में झड़ गया. हम एक-दूसरे से लिपट कर निढाल हो गए.
मामी बोलीं- ये मत सोचना कि तूने पहली बार मेरी चुत को देखा चाटा और चोदा है.. ये सब तो तू बहुत पहले कर चुका है.
मैं बोला- मामी मजाक मत करो.
मामी बोलीं- तेरी कसम.
मैं बोला- बताओ ना प्लीज़?
मामी बोलीं- जब तू छोटा था और उस वक्त जब तेरे मामा रात को बाहर होते थे. तो तू मेरे पास मेरे कमरे में सोता था. मैं तेरे और अपने कपड़े निकाल देती थी और तुझसे खूब अपनी चुत चटवाती और तेरा लंड चूसती थी. तेरा लंड तब भी 5 इंच का था. तू मेरे चूचे बड़े मज़े लेकर चूसता था और मेरी चुत मारता था.
ये सुनकर मैं हैरान था क्योंकि मुझे कुछ याद नहीं था.
मैं आज भी अपनी मामी को चोदता हूँ और हमेशा चोदता रहूँगा. वो भी मुझसे चुद कर बहुत खुश हैं.
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