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Monday 8 January 2018

एयरहोस्टेस की चुदाई देसी xxx कहानी


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एक दिन मे अपने कोंचिग जा रहा था..और मे गाने सुन रहा था अपने मोबाइल पर की अचानक एक लड़की से मेरी टक्कर हो गई तो उसकी बुक्स सारी गिर गई… तो मेने उसको देखा तो देखता ही रह गया… वो बहुत ब्यूटीफुल दिख रही थी. तो मेने उसकी बुक्स उठाने मे हेल्प की और उससे सॉरी बोला तो उसने भी मुझे सॉरी कहा…और वो मुस्कुराई और चली गई।फिर अगले दिन वही लड़की फिर मुझे आती दिखी तो मेने भी उसे स्माइल की और उसने भी स्माईल की..और चली गई. इस तरह कई दिनो तक यही चलता रहा..तो मेने एक दिन हिम्मत करके उससे बात की…तो मेने पूछा की आप रोज स्माइल क्यों करती हो..तो वो कुछ नही बोली…तो मेने उससे उस दिन टक्कर पर फिर से सॉरी बोला… तो यारो यकीन नही मानोगे की उसकी आवाज इतनी प्यारी थी की मे सुनता ही रह गया. उसने कहा की इट्स ओके… फिर मे हिम्मत करके उससे बात करनी स्टार्ट की।

मेने पूछा की तुम यहा क्या करती हो तो उसने कहा की वो एक एयरहोस्टेस है और यहा साउथ दिल्ली के एक एयरहोस्टेस कम्पनी से कोर्स कर रही है तो फिर मेने अपनी पहचान दी कि मे भी संस्कृत कोर्स कर रहा हूँ… फिर हम चलते चलते बात करने लगे. मेने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम दिव्या बताया. इस तरह हम काफ़ी दिन तक मिलते रहे और हम दोनो ने अपना मोबाइल नम्बर एक दूसरे को दे दिया…और काफ़ी देर तक बाते करते रहते और काफ़ी जगह घूमने जाते।एक दिन उसने मुझे कॉल कर और कहा की..आज मेरी क्लास जल्दी खत्म हो गई है तो तुम आ जाओ घूमने चलते है…तो मेने अपनी बाइक ली और चला गया…तो उसकी कम्पनी के बाहर उसका वेट कर रहा था की मेने देखा की वो एयरहोस्टेस की ड्रेस मे बाहर.. मे देखता ही रह गया. उसने एयरहोस्टेस की हाफ स्कर्ट पहन रखी थी और उसकी गोरी गोरी टांगे दिख रही थी. मे तो उन्हे देखता ही रह गया. वो बहुत ब्यूटीफुल लग रही थी…तो मेरी बाइक पर बेठ गई और मेने पूछा कहा चलना है तो वो बोली कही मॉल मे चलते है.. तो मे उसे अंसल प्लाज़ा मे ले गया. हमे वहा पहुचने मे कीब 25 मिनिट लगे. वो बाइक पर मुझे कस के पकड़ के बेठी थी. मुझे मझा आ रहा था….मे बार बार ब्रेक मार रहा था. हम पहुँच गये वहा पर…और हम घूमने लगे…तो मेने देखा की वहा पर काफ़ी कपल्स घूम रहे थे…और वो हमे बार बार देख रहे थे क्युकी वो देखेगे ही वो लग ही रही थी सेक्सी….मे भी इस बात को नोट कर रहा था…शायद उसे भी यह बात पता होगी…और फिर लास्ट मे हम अंसल के गार्डन मे गये।

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वहा काफ़ी कपल बेठे थे और एक दूसरे के किस कर रहे थे और हम उन सब को देख कर आगे चले गये तो उसने आगे जा कर कहा की यह सब क्या कर रहे है तो मेने कहा की एक दूसरे को प्यार कर रहे है..तो मेने सही टाइम का फ़ायदा उठा कर उससे प्रफोज कर दिया मेने कहा की दिव्या i love u मे तुम से यह बात काफ़ी दिन से कहना चाहता था लेकिन कह नही पाया…तो वो कुछ देर चुप रही और बोली अब हमे चलना चाहिए… तो हम बाइक पर बेठे और अपने अपने घर आ गये।मुझे तो काफ़ी डर लग रहा था की उसने बुरा तो नही मान लिया मेने उसे कॉल भी नही करा की वो और बुरा ना मान जाए. फिर नाइट मे 1:30 बजे उसका कॉल आया. मे तो देखता ही रह गया मेने कॉल अटेंड की और हेलो बोला तो उसने कुछ नही बोला फिर मेने उसे सॉरी कहा और साफ़ कह दिया की जो मेरे दिल मे बात है मेने वो कह दी थी… मेने फिर उससे पूछा की u love me..???? तो कुछ देर बाद वो बोली की तुम्हे क्या लगता है की एक लड़की इतनी रात को 1:30 पर कॉल क्यू करेगी.. तो मे समझ गया. बात क्या है तो उसने मुझे i love u कह दिया…और मे इतना खुश हुवा की क्या बताऊ यारो की जैसे मुझे कोई परी मिल गई हो अरे वो भी तो परी है एयरहोस्टेस की…आख़िर मे हम दोनो ने कीब 2 घंटे तक बाते की और फिर सो गये।
और अगले दिन मिलने का प्रोग्राम बनाया. अगले दिन हम मिले. तो उसकी आँखे कुछ झुकी हुई थी तो मेने कहा की इसमे शरमाने की क्या बात है.. तो वो कुछ नही बोली बाइक पर बेठी हम वहा से अंसल प्लाज़ा की और निकल गये. वहा पहुचते ही मेने बाइक पार्क की और उसका हाथ अपने हाथ मे लेकर चलने लगा. उसे भी काफ़ी अच्छा लग रहा था.

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फिर हमने वहा बर्गर खाया और कोक पी.. फिर बातें करने लगे… उसने कहा की चलो गार्डन मे चलते है तो मेने कहा ठीक है… हम गार्डन मे गये. वहा फिर से वही सीन था की कपल्स एक दूसरे को किस कर रहे थे तो हम एक अच्छी सी जगह जाकर बेठ गये और बातें करने लगे. बाते करते उसने पूछा की तुमने उस दिन क्या कहा था तो मेने पूछा की क्या.. उसने कहा फिर मेने कहा की सही तो है.. तो उसने कहा की तुम कुछ नही करोगे मेंने यह बात सुनते ही रह गया. मे जोश मे आ गया मेने उसे खड़ा करा और किस करने लगा और उसने भी मुझे कस के पकड़ लिया और अब मेने फ़िल्मी स्टाइल मे उसके चेहरे को अपने हाथ से जोर से पकड़ लिया और किस करने लगा और वो भी मुझे किस करने लगी. 10 मिनिट तक किस करते रहे. फिर में थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ धीरे धीरे नीचे उसके बोब्स पर ले गया और बिल्कुल आराम से दबाने लगा और वो कुछ नही बोली और आ..अहा.. निकाल रही थी और गर्म भी हो गई थी. इतने मे वहा एक लेडिस गार्ड जो गार्डन मे आ गई और हम अलग हो गये. और फिर हम वहा से चले गये. आखिर कई दिन तक यही चलता रहा हम कभी अंसल गार्डन मे या बुद्धा गार्डन जाकर किस करते और काफ़ी टाइम तक मोबाइल पर बातें करते. इस तरह से काफ़ी दिन गुजर गये. मुझे मोका मिल नही रहा था।आख़िर मे मुझे एक मोका मिल गया उसका रात को फोन आया और बोली राहुल कल मेरे मम्मी पापा जयपुर जा रहे है और 2दिन बाद आएगे… मे तो खुश हो गया मुझे तो इसी टाइम का इंतज़ार था. फिर अगले दिन उसने फोन किया और कहा की राहुल तुम 11 बजे मेरे घर आ जाना क्योंकि मेरे मम्मी पापा 9 बजे निकल जायेंगे. तो मेने कहा ठीक है… फिर मे तेयार हो कर ठीक 11बजे उसके घर पहुँच गया।

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दरवाजा खोलते ही जब मेने उसको देखा तो यारो देखता ही रह गया. उसने पिंक कलर का टॉप और स्कर्ट पहन रखी थी. जिसमे वो बिल्कुल सेक्सी ओर हॉट लग रही थी।फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और मे अंदर जाकर सोफे पर जाकर बेठ गया और वो मेरे लिए वॉटर लेकर आई और झुक कर मुझे जैसे ही वॉटर देनी लगी तो उसके बोब्स वो बहुत मोटे दिख रहे थे. मे उनको देख कर पागल वो गया. किसी तरह मेने कंट्रोल किया और मेने वॉटर पिया और हम दोनो बाते करने लगे….. बाते करते करते वो मुझे अपने रूम मे ले गई. जैसे ही रूम मे पहुचे की उसने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया और मेने भी उसे… इस तरह कीब 20 मिनिट तक हम किस करते रहे और 20 मिनिट बाद वो बोली की सिर्फ़ किस ही करते रहोगे या कुछ और भी करोगे.. ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। यह सुनते ही मे गर्म हो गया और किस करते हुए उसके बोब्स दबाने लगा. बोब्स दबाते हुआ मेरा हाथ अब धीरे धीरे नीचे जाने लगा।मेने अपना हाथ एयरहोस्टेस की स्कर्ट मे डालते हुए उसकी चूत पर पहुच गया..वो पूरी तरह मदहोश हो गई थी और उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी. अब मे अपनी उंगली उसकी चूत मे धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और एक हाथ से उसके बोब्स और किस करे जा रहा था और वो पागल हुई जा रही थी. अब उसके कपडे धीरे धीरे सारे उतार दिए और वो बिल्कुल नंगी हो गई थी. क्या बताऊ यार नंगी मे वो बिल्कुल सेक्सी और हॉट लग रही थी और उसका गोरा बदन तो मानो एक दम मिल्क जैसा हो… अब मुझे कंट्रोल नही हो रहा था… मेने उसे उठाया और बेड पर ले गया. बेड ले जाते ही मेने अपना लंड उसे दिखाया तो वो डर गई और कहने लगी की इतना बड़ा और मोटा कैसे झेलेगी.. और कहने लगी की उसकी चूत तो इतना मोटा लंड नही सह पाएगी और फट जाएगी.. तो मेने कहा डरो मत पहली बार मे थोडा दर्द होगा बाद मे नही होगा… लेकिन वो मना कर रही थी मेने कुछ नही देखा और अपना लंड उसके मुह मे डाल दिया और कहने लगा की चुसो और वह मना कर रही थी लेकिन किसी तरह उसे मनाया और वो मान गई. चूसने लगी।

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दोस्तों आप को यकीन नही होगा की वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी की मानो जैसे लोलीपॉप हो और उसे भी मजा आ रहा था. अब मे झड़ गया और सारा माल उसके मुहँ पर डाल दिया और वो उसे चाटने लगी और कहा की अब मेरा लंड उसकी चूत मे जाएगा…. अब मेने अपना मोटा लंड उसकी चूत मे डाला तो वो चिल्लाई तो मेने उसके होंठ पर अपना होंठ रख दिया और एक जोर का झटका मारा और उसके आँखों मे से पानी आने लगा और वो कहने लगी की छोड़ दो मुझे तो…ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मे कहने लगा की अभी कुछ देर दर्द होगा बाद मे नही… इस तरह मे और जोर से झटके मारने लगा. अब उसकी चूत मे से ब्लड आ रहा था. लेकिन उसे भी मजा आ रहा था. करीब 1 घंटे तक मेने उसे लगातार चोदा और बाद मे उसकी गांड भी बहुत मारी और हमे काफ़ी मजा आ रहा था।इस तरह मेने उसको 2 दिन तक नॉन स्टॉप चोदा और उसकी चूत और गांड फाड़ डाली. उसे भी मुझसे चुदवाने का शौक हो गया और इस तरह मे उसे जब भी मोका मिलता उससे खूब चोदता

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Friday 29 December 2017

बिना कंडोम बाँझ चाची की चुदाई का मजा xxx कहानी


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चाची और चाचा के बच्चे नहीं है और वो इसको लेकर हमेशा ही चिंतित रहते थे. चाची की मेरिज की ४ साल बीत चुके थे, पर अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं था. मेरी चाची का नाम अलका है और वो बहुत ही हॉट फिगर वाली औरत है. वो भी एक पारंपरिक रिवाज वाले परिवार से है और बहुत ही ट्रेडिशनल लुक वाली है. चाची हमेशा से ही पारंपरिक श्रृंगार, जिसमे लाल बिंदी, लिपस्टिक, शाइनिंग फेस और रंगीन साड़ी पहने हुए रहती थी. वो पैरो में पायल पहनती थी और उनकी पायल की छन – छन से मेरा दिल धड़कने लगता था. वो घर पर भी श्रृंगार में रहती थी. उनकी अदाए और चाल मदमस्त कर देने वाली थी. उनका फिगर भी बहुत हॉट था और मेंगो जैसे बूब्स को देख कर कोई भी अपना लंड पकड़ ले. मैं १२थ के बाद, इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया है.
अब मैं आपको अपनी रियल बात बता रहा हु. दोस्तों, बात उन दिनों की है, जब मैं १२थ में था और विंटर हॉलीडेज चल रहे थे. एकदिन मैं अपने स्टडी रूम में पढ़ रहा था. मेरा स्टडी रूम किचन के बाजु में है. उस दिन घर में चाची और उनकी फ्रेंड सोनाली थी. सोनाली बहुत ही सेक्सी एंड हॉट बम थी. वो अक्सर चाची से मिलने हमारे घर आया करती थी. वो दोनों किचन में बैठे हुए थे. चाची का मूड ऑफ देख कर उसने पूछा, कि अलका रानी तुम इस तरह उदास क्यों हो? इस पर अलका चाची ने कहा – कैसे उदास ना रहू, हमारी शादी को ३ साल हो गये. हमारे एक भी बच्चा नहीं है. हमे लोग क्या – क्या नहीं कहते. मैं ये बात चुपचाप सुन रहा था. सोनाली ने कहा – मेरी बस्ती में एक बाबा है, तो उसकी पूजा से सब प्रॉब्लम ठीक कर देता है. मैं तुझे उसके पास ले चलती हु. चाची ने कहा – ठीक है. कल शाम को ही चलते है. मैं भी घुमने के लिए बाहर निकल गया.फिर वापस आकर मैं फ्रेश हो गया और चाची बहुत अच्छी सी स्माइल लिए मेरे कमरे में आई और हम खाना खा कर सो गये और अगले दिन मैं फ्रेश हुआ और चाची को मैंने उठ कर गुड मोर्निंग बोला. ऊन्होने मुझे बहुत अच्छी स्माइल दी और बाथरूम में घुस गयी. वो तैयार हो कर मेरे पास आई और बोली – मैं अपनी फ्रेंड सोनाली के यहाँ जहाँ रही हु और शाम को मैं लेट हो जाउंगी. मैं भी तैयार होकर कोचिंग क्लास निकल गया. चाचा भी उसी दिन बाहर से आये थे. ५ बजे मैं क्लास से वापस आया और देखा, कि चाची एक वंडर स्माइल लेकर चाचा के कमरे में शरबत लेकर जा रही है. मैं भी चुपचाप से उनके पीछे चला गया. वो चाचा के पास एक मीठी सी मुस्कान के साथ किस कर आलिंगन कर एक्साइट हो गयी और चाचा से कहा – मैं आज एक बाबा से मिल कर आई हु मुझे देख कर चाची चुप हो गयी और दुसरे टॉपिक पर बात करने लगी. फिर चाचा मेरी पढाई के बारे में पूछने लगे और मैं समझ गया, कि चाची चाचा को कोई राज की बात बताने वाली थी.

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फिर मैं खेलने का बहाना लेकर नीचे जाने लगा और चाची ने झट से डोर बंद कर लिया और चाचा से कुछ कहने लगी. मैं डोर के पास जाकर कान लगाकर सुनने लगा. चाची कह रही थी, एक पूजा करने पर; हम जल्द ही संतान पैदा कर सकते है. चाचा ने पूछा, वो कैसे? चाची ने कहा – उन्होंने कहा है, कि आने वाली अमावस्या की रात को, तुझे लिंग योनी पूजा करनी होगी और मैं डिटेल में सब बताउंगी. मैंने नीचे खाना बनाने जा रही हु. मैं डोर से हटकर नीचे की तरफ चले गया. मैं लिंग योनी पूजा के बारे में सुनकर बहुत एक्साइट हो गया. २ दिनों बाद, अमावस्या आने वाली थी और कल मम्मी – पापा भी बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे. मेरी कोचिंग क्लास के कारण, मैं नहीं जा पा रहा था. दुसरे ही दिन, शाम को उन्हें हम (चाचा, चाची और मैं) उनको स्टेशन पर छोड़कर आ गये. अब घर में, मैं चाचा और चाची ही थे. ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। घर आकर थक चुके थे, इसलिए खाना खा कर सो गये. फिर अगले ही दिन अमावस्या का दिन था.मैं सुबह ही फ्रेश होकर दोस्त के घर चले गया और दोपहर को आकर हमने एक साथ खाना खाया और फिर मैं अपनी कोचिंग क्लास के लिए निकल गया. जब मैं शाम को वापस आया, तो चाचा मार्किट गये थे और देखा, कि चाची अपने कमरे में श्रृंगार कर रही थी. अपने हाथो में मेहंदी लगा रखी थी. पेरो में सुंदर सा अलता है, मैंने पूछा, कि ये श्रृंगार आज किस लिए? तो वो बोली – ऐसे ही. मुझे तो श्रृंगार में रहना अच्छा लगता है और कह कर टाल दिया. फिर मैंने दिखा, कि चाचा मार्किट से आकर फ्रेश होने चले गये. बाहर कमरे में थाली में कुछ पूजन सामग्री लाये थे. उसमे रसमलाई का एक बड़ा डिब्बा था. मैंने उन्हें देख कर बाहर खेलने चले गया. फिर आकर देखा, कि चाची सोलह श्रृंगार पूरी दुल्हन की तरह सजी थी. जो देवी से कम नहीं लग रही थी. चाची ने कहा – तुम खाना खा लेना. हम काली मंदिर जा रहे है, देवी के दर्शन के लिए. मैंने समझ गया, कि चाची आज कुछ विशेष करने वाली है.

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मैं खाना खाकर जल्दी से ८ बजे ही सो गया और वो लोग थोड़ी देर बाद ही आ गये. मैंने डोर खोला और मैंने जब उन्हें दुल्हन रूप में देखा, तो मेरा फन से खड़ा हो गया. वो बहुत ही हॉट सेक्सी बम दिख रही थी. उन्होंने पूछा – ऐश्वर्या, तुमने खाना खा लिया. मैंने कहा – हाँ. चाची मुझे नीद लग रही है. मैं सोने जा रहा हु. वो एक अमस्वाया की रात थी. मुझे हलकी सी नीद भी लगी थी. चाचा – चाची ने प्यार से मिल कर खाना खाया और टेरेस पर टहलने चल दिए. बाद में, जब मेरी नीद कुछ १२ – १२:३० बीच खुली और मैं टॉयलेट करने जा रहा था. मेरी नज़र चाचा के कमरे पर पड़ी. उनके कमरे की लाइट जल रही थी. डोर और विंडो सब कुछ बंद किये हुआ था. ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वहां कुछ धुआ हो रहा था. मैंने चुपचाप वहां जाकर खड़ा हुआ. अन्दर से सुंगधित खुशबु आ रही थी. मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मुझे याद आया, कि चाची के कमरे में जो वेंटिलेटर है. वो टेरेस पर है और वहां से पूरा रूम दिखाई देता है. मैं वहां पहुच गया. मैंने वहां का जो नज़ारा देखा, तो मैं अमजेड रह गया.मैंने देखा, कि चाची पुरे श्रृंगार रूप में पूरी निवस्त्र बालो में कजरा, मांग में सिंदूर, हाथो में मेहंदी लग थी. पेरो में अलता लगा हुआ था और उनके बूब्स और अस में भी मेहंदी लगी थी. उनकी कमर पर वेस्ट चेन बंदी हुई थी. इस रूप में देख कर मैं तो एकदम से वंडर हो गया. पहले कभी ऐसे किसी को श्रृगार रूप में न्यूड नहीं देखा था. चाचा भी पुरे नंगे खड़े थे और टेबल में पूजा की थाली रखी थी. जिसमे पूजा का सामान रखा हुआ था. उस समय करीब १ बजा हुआ था. चाची ने पहले चाचा को तिलक लगाया. फिर उनके हांथो में एक मोली बाँधी और अक्षत – चावल से पूजा. चाचा का लंड खड़ा ही था. चाची ने लंड को दूध – दही आदि से पूजा और फिर एक साफ़ कपड़े से पोछने लगी. इसके बाद लंड पर कुमकुम लगाया.

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फिर एक और मोली उनके लंड पर बाँधी और अक्षत चावल डाले. फिर थाल में दिया जलाकर उसकी आरती उतारी और उसके सामने कुछ मिठाई रखी. ये सब देख कर मैं बहुत एक्साइट हो गया और ऐसी लिंग पूजा मै पहली बार देख रहा था. कुछ देर बाद, चाचा ने थाल पकड़ा और चाची के बूब्स और योनी से को स्नान करवाया और उनके गुप्तांगो को पूजन किया. फिर चाचा ने उनकी चूत की आरती की उतारी. उसके बाद चाची ने चाचा के पेरो को छु कर आशीर्वाद लिया और चाचा ने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें अपने आलिंगन में लेकर चूमना शुरू कर दिया. पूरा कमरा सुगंध से महक रहा था. एक सेक्स पूजा देख कर. चाची ने रसमलाई के डिब्बे में से, एक लेकर चाचा के मुह में डाल दिया.दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे. फिर चाची को बिस्तर पर लेटा दिया और अपना लंड चाची की योनी पर डाल दिया और दोनों सम्भोग का आनंद ले रहे थे. दोनों बहुत ही एक्साइट होकर चोद रहे थे. उन्होंने ६९ की पोजीशन भी लिया था. जब वो दोनों ६९ की पोजीशन में थे, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था और पेंट के अन्दर ही फनफना रहा था. चाचा ने चाची की चूत को रसमलाई के रस में लपेट कर मीठा कर लिया था और उसको चटकारे लेकर चाट रहे थे. चाची भी रस में लिपटे हुए चाचा के लंड को मस्ती में और जोर – जोर से चूस रही थी. चाचा अपनी गांड को मस्ती हिलाते हुए, चाची के मुह को चोद रहे थे. फिर पता नहीं क्या हुआ, चाचा ने उठकर रूम की लाइट बंद दी और उसके बाद मैं कुछ नहीं देख पा रहा था. मैं रूम में नीचे आकर सो गया और मेरे सोने के १ घंटे बाद ही मेरा नाईट फाल हो गया. मुझे नीद ही नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में वहीँ सेक्स पूजा का दृश्य चल रहा था.

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फिर सुबह उठ कर, मैंने देखा कि चाची फ्रेश होकर देवी पूजन की तैयारी कर रही थी और चाचा काम से निकल गये थे. मैंने चाची को पूछा, कल रात मुझे नीद नहीं आई और मैं छत पर घूम रहा था. चाची सन्न हो गयी और उनको अहसास हो गया, कि मैंने उनके गुप्तांगो की पूजा देख ली है. मैं मुस्कुरा रहा था और वो भी मुस्कुरायी और कहने लगी, तुमने क्या देखा? मैं मुस्कुरा रहा था और वो समझ गयी थी और मेरे फ़ोर्स करने पर, उसने कहा – ये गुप्त पूजा एक बाबा ने बताई थी. इसे लिंग योनी पूजा कहते है. जिससे संतान प्राप्ति जल्दी होती है. धीरे – धीरे, ये चुदाई कहानियाँ,रियल हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। हम अच्छे दोस्त बन गये और सेक्स की बातें करने लगे. उन्होंने बताया, कि ये पूजा करवाचौथ की रात को भी किया जाता है. और मैं भी करुँगी. उनकी उस पूजा को एक साल हो गया था, तो भी कुछ नहीं हो रहा था और वो दोनों इस बात से परेशान थे.फिर मैंने एक दिन चाची को बोला. अब एक पूजा मुझे करने दो और आप बहुत जल्दी प्रेग्नेंट हो जाओगी. वो बोली – मैं कुछ समझी नहीं. मैंने कहा – जब चाचा नहीं होंगे, तब समझाऊंगा. फिर एकदिन जब चाचा काम से बाहर गये हुए थे. उस रात मैं चाची के कमरे में गया और सुबह तक चाची को मस्त चोदा. चाची की काम वासना की तृप्ति पहली बार हुई थी. मैंने उनके मुह, उनकी चूत और उनके गांड के छेद की अच्छी ठुकाई की. फिर मैंने चाची को चाचा के वापस आने तक रोज़ चोदा और एक ही हफ्ते बाद, चाची ने घर में सबको खुशखबरी सुना दी. चाचा भी खुश थे, कि उन दोनों की पूजा सफल हो गयी. लेकिन ये तो सिर्फ मुझे और चाची को मालूम था, कि किसकी पूजा सफल हुई है

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Thursday 28 December 2017

Wednesday 27 December 2017

Kuwari chut ki pehli chudai se lund laal ho gya

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Yeh Chudai Kahani, Pooja ki gulabi chut chudai ki story hai,wo us waqt 12th ki student thi, kya kamal figure tha uska. tight boobs or tight hips. usay dekh kr too mara hosh udar jatay thay. khubsurat bhi boohat thi. unka hamara ghar boohat ana jana tha. aik din wo kisi kaam ssay hamara ghar aiye to maina dartay dartay usay dosti ka kaha, wo koi jawab diye baghair chali gai. main thodra ghabra gaya k pata nahi kya hoo ga. thodri dair guzarna k bade woo dobara aiee or mujhsa dosti krnay par maan gai. main boohat khush hooa. or uski ijazat say uska haat pakadr kr usay kis kr liya. phir din guzartay gaye aik din jb woo kisi kaam say hamaray ghar aiye too maiana usay pakadr kr kiss kr liya.

woo kuch na boli maina or kiss krna shuru kr dien . maina kissing k doran uski bound par hath lagaya too woo itni naram thi k mujhe aisa laga k main koi naram rooi ko daba raha hoo. woo bhi mari kissing or apni bound koo dabanay ka maza lay rahi thi. thodri dair hi guzri thi k uski ammi nay usko awaz dai di or woo chali gai. is trhan kuch din guzartay chalay gaiye or hamari kissing barhti chali gai. aik din mara ghar walay kisi kaam say bair gaye hoye thay or main akela tha ghar main. ek din me collage jaldi wapis aa gea or by chance naima bhi us din collage say jaldi ghar wapis a gai. jis ka mujhe andaza na tha. woo kuch dair bade hamaray ghar koi cheez lainay aie too mujhe akela dekh kr wo mujay kiss krnay lagi. maina bhi kissing shuru kr di phir thodri dair bade kehna lagi k main thori dair main ati hoon. main uska intazar krnay laga. thodri dair bade woo aiee too maina us pakadr kr apni bahoon main lay liya, Virgin phudi chudai realhindisexstories.com pe padh rahe hai.or kissing krna shuru kr di, is kay bade maina uski shirt utar di us ne white balaoz pehan rakha tha. maina us kay mana krna k bawajood uska balaoz utar diya. main too pagal hoo gaya uskay white gool gool khubsurat mamoon koo dekh kr , main diwanoo ki tarhan unko choosnay laga or woo bhi garam hoti gai or aah aah ki awaz nekalny lagi. mera lun bhi khoob hard ho gaya or trouser me say wazeh toor pr nazar any lag gaya. phir maina uski shalwar main hath daala woo alastic pehanti thi.mara hath asani k sath andar chala gaya. main uski khoobsurat gand par hath phairnay lag padra. maina uski shalwar utar di or ab woo mara samnay bilkul naangi khadri thi. kaya khubsurat gora chita jism tha uska or kya figure thay. us ne aaj he undershave ki thi es waja sy us ki phudhi inthai khoobsurat lag rahi thi. me to us ki phudi dekh kr machal he gaya or main too jaisay pagal hoonay hi laga tha. maina usko diwanoo ki trahan kissing krna shuru kr di woo bhi hot ho gai or us ki phudi say pani nikalna shuru ho gaya. phir wo mary kapdray utarnay lagi . usnay mujhe naanga kr diya. maina uskoo apni mota Lun pakadrnay koo kaha too woo sharmai or phir thori dair bade usnay mara Lun pakadr liya. uskay naram garam hath lagtay he mara Lun mazeed tight hoo gaya, woo mara 6 inch ka mota Lun dekh kr kehnay lagi itna mota LUN tum ne kaisay kiya. maina kaha khud hi hoo gaya, phir maian uskay mamoon koo zor zor sya choosna shuru kr diya woo hot hoti chali gai. phir maian uski choot koo apni ungalion say sehlanay laga,

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Friday 15 December 2017

Kamsin Umar me Choot Chudai - Hindi Sex Story

हैलो दोस्तो, मेरा नाम आरव है.. मैं आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 23 साल है.. कद 5 फीट 9 इंच.. रंग गोरा.. दिखने में स्मार्ट और आकर्षक हूँ। जिम जाने की वजह से मेरा जिस्म भी एकदम गठीला है। मेरे डोले 16 इंच.. मर्दाना छाती 42 इंच और लौंडियों के मतलब का लंड.. पूरा 6 इंच लम्बा और मस्त मोटा है।
अब आप मेरी शख्शियत का अंदाजा खुद ही लगा सकते हैं।
मैं अन्तर्वासना का 2007 से नियमित पाठक हूँ या ये कह सकते हैं कि मुझे अन्तर्वासना की लत लगी हुई है। मैंने अन्तर्वासना की 2007 से लेकर आज मेरी कहानी प्रकाशित होने तक एक भी कहानी नहीं छोड़ी है।
पहले तो मैं ऐसी साईट को जनलोकप्रिय बनाने के लिए इसके पाठकों का कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूँ।
अब आप लोगों को ज्यादा न पकाते हुए मैं मुख्य कहानी पर आता हूँ। यह मेरे पहली चुदाई और अन्तर्वासना पर पहली कहानी है।
जब मेरी उम्र 19 साल थी.. मेरी गर्लफ्रेंड जिसका नाम देविका (नाम बदला हुआ है जिससे कि उसकी बदनामी न हो) जिसकी उम्र 18 साल थी।
उसकी फिगर क्या बताऊँ.. यारों उसका गोरा रंग और 32-26-34 का जिस्म.. जब वो चलती है तो हय.. दिल पर छुरियाँ चल जाती हैं और लौड़े पर तो मानो क़यामत आ जाती है। उसके उठे हुए मम्मे मानो ताजे पके आम.. लहराते बाल.. कटीली निगाहें.. मस्त उभरे हुए चूतड़ों से तो कलेजा हलक में आने को हो जाता है।
बाकी फालतू बातें तो आप और कहानियों में पढ़ ही लेते हैं। वो एक जूनियर स्कूल में पढ़ाती थी। उस स्कूल के 26 जनवरी के प्रोग्राम में मेरी और उसकी मुलाकात हुई थी। उस स्कूल में मेरी एक फ्रेंड जिसका नाम अंशिका है.. वो भी पढ़ाती थी।
उसकी वजह से ही हम दोनों की मुलाकात हुई।
जब भी में अपनी फ्रेंड अंशिका के घर जाता तो वो भी मुझे वहीं मिलती थी।
मेरी फ्रेंड के घर पर ही.. धीरे-धीरे हम दोनों की बातों का सिलसिला शुरू हो गया।
फिर हम दोनों ने अपने-अपने मोबाइल नंबर भी एक-दूसरे से ले लिए थे।
पहले तो हम दोनों की नार्मल बातें होती थीं.. पर धीरे-धीरे ये नार्मल बातें सेक्स की तरफ बढ़ने लगीं।
देर रात तक हम दोनों मैसेज से अश्लील बातें.. ‘जैसे तुम्हारे दूध पीने का मन हो रहा है.. चूत में लंड डालना है..’
हम दोनों ही एक-दूसरे में समाने को बेताब हो रहे थे और मेरे और उसके दिन अपना हाथ जगन्नाथ करते-करते कट रहे थे।
चुदाई की बातें करते-करते हम दोनों कब झड़ जाते.. पता ही नहीं चलता था।
करीब चार महीनों तक ऐसे ही चलता रहा।
हम दोनों को मिलने की कहीं कोई जगह नहीं मिल रही थी.. या ये कह सकते हैं कि छोटी उम्र होने के कारण हम दोनों की कहीं बाहर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
पर कहते है न कि जहाँ चाहत है.. वहाँ कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है।
एक दिन मेरे घर कोई नहीं था.. मैंने उसे अपने घर बुलाने का प्रोग्राम बनाया और उसे घर में किसी के न होने के बारे में बताया।
वो मेरे घर आने के लिए तैयार हो गई। जितनी जल्दी मुझे उसे चोदने की थी.. उतनी ही जल्दी उसे भी चुदवाने की भी थी।
हम दोनों ही एक दूसरे में समाने को बेताब थे, मेरे घरवालों के जाने बाद मैंने उसे बुलाया।
वो गुलाबी रंग का सूट पहन कर आई थी। क्या माल लग रही थी वो…
पहले मैंने उसे अपना पूरा घर दिखाया.. फिर हम दोनों ने कोल्ड ड्रिंक पी। उसके बाद मैं उसे अपने कमरे में ले आया।
वहाँ हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे से चिपके रहे.. उससे चिपके हुए ही मैंने उसे चुम्बन करना शुरू कर दिया। मैं उसे उसके होंठों पर चुम्बन कर रहा था। वो भी चुम्बन करने में मेरा पूरा-पूरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उसकी गर्दन पर चुम्बन करना शुरू किया.. वो बहुत गर्म हो रही थी।
उसको चूमने के साथ-साथ मैं उसके दूध भी दबा रहा था। अब मैंने उसकी चुनरी हटाई.. फिर उसकी कुर्ती उतार कर वहीं फर्श पर ही डाल दी।
सफ़ेद ब्रा में कैद उसके चूचे क्या मस्त उठे और तने हुए लग रहे थे। उसके चूचों के गोरे रंग के सामने ब्रा का सफ़ेद रंग भी फीका लग रहा था।
मैं पागलों की तरह उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने और चूसने-चाटने लगा। फिर मैंने उसकी ब्रा को भी अलग कर दिया।
अब मेरे लिए संयम करना बहुत मुश्किल हो रहा था।
ये सब करते करते मेरा लंड उत्तेजना की वजह से फटा जा रहा था। मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. फिर उसके भी सारे कपड़े निकाल दिए।
अब हम दोनों ही नंगे थे.. वो बहुत शर्मा रही थी। उसने एक हाथ से अपने चूचे और एक हाथ से अपनी चूत छुपा रखी थी।
मैं उसे प्यार से अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर ले आया।
अब मैं उसे पागलों की तरह चूम रहा था। फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसे दबाने के लिए कहा।
वो भी पागलों की तरह मेरे लंड को दबाने और खींचने लगी और मैं उसके चूचे दबा और चूस रहा था।
उसके बाद वो बहुत ही उत्तेजक आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे लण्ड चूसने के लिए कहा.. पर उसने मना कर दिया।
ये सब मैंने ब्लू-फिल्म में देखा था और मैं उसके साथ भी वही सब करना चाहता था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो ‘आह.. आह.. आह..’ की आवाजें निकाल रही थी।
फिर वो मुझसे लंड अन्दर डालने के लिए कहने लगी.. पर साथ में वो थोड़ा डर भी रही थी।
मैंने उसे समझाया.. पर मैं भी ज्यादा कुछ नहीं जानता था.. सिर्फ ब्लू-फिल्म देखने के कारण और दोस्तों से मुझे इन सबके बारे में कुछ-कुछ पता था।
गर्म तो वो भी बहुत हो चुकी थी.. फिर उसने कहा- तुम करो.. जो होगा मैं देख लूंगी।
मैंने पहले उसकी चूत में थूक लगाकर एक ऊँगली डाली.. उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.. वो दर्द और मस्ती की मिश्रित आहों से कराहने लगी।
मैं साथ में उसके चूचे भी दबा रहा था।
वो ‘आह.. आह.. आह.. ऊह.. आह..’ जैसी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी। इसके साथ ही वो लंड डालने के लिए भी कहने लगी।
फिर मैंने भी देर न करते हुए अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया.. जो मैंने उसे चोदने के लिए पहले से ही लाकर रखा हुआ था.. पर अचानक ही उसने मुझे अपने नीचे कर लिया और मेरे बदन पर पागलों की तरह चुम्बन करने लगी और कहीं-कहीं तो वो मुझे काटने भी लगी थी।
वो बहुत ही ज्यादा चुदासी और उत्तेजित हो रही थी। फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा।
उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.. मतलब कि वो अनचुदी हुई थी।
मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को पकड़ कर थोड़ा दबाया तो लंड ‘पक्क..’ की आवाज के साथ सुपारा थोड़ा अन्दर घुस गया।
‘आह.. मर गई.. प्लीज मुझे छोड़ो.. बहुत दर्द हो रहा है..’
यह कहते हुए वो दर्द से छटपटाने लगी। मैंने उसे कस कर जकड़ लिया और साथ में उसके होंठों को चुम्बन भी करने लगा। मैं उसके चूचों को भी दबाने लगा.. जब वो थोड़ी देर में कुछ सामान्य हुई.. तो मैंने नीचे से अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू किया।
फिर जब उसे थोड़ा मजा आने लगा.. तो मैंने एक हल्का सा धक्का और मारा इस बार मेरा 3 इंच से ज्यादा लंड अन्दर घुस गया।
वो दर्द से बुरी तरह छटपटाने लगी.. पर मेरे होंठों से उसके होंठ बंद होने की वजह से उसकी आवाज नहीं निकल पाई।
साथ ही मैंने उसे पूरी तरह से अपने नीचे जकड़ा हुआ था.. जिससे वो हिल भी नहीं पा रही थी।
उसकी चूत से खून निकलने लगा था.. उसकी झिल्ली फट चुकी थी। मैं उसे इसी तरह चुम्बन करता रहा और उसके चूचे भी दबाता रहा।
फिर मैं उसके निप्पलों को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगा।
अब उसका दर्द काफी कम हो चुका था। फिर थोड़ी देर बाद उसे अच्छा लगने लगा.. तो उसने मुझे उसने और आगे चुदाई करने का इशारा किया।
मैंने उसे थोड़ा ढीला छोड़ा और अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा। फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को पूरा अन्दर तक घुस दिया।
अब मेरा 6 इंच का लवड़ा पूरा का पूरा उसकी चूत के अन्दर था।
अब वो ‘आह.. आह.. उह.. आह.. आह मर गई.. आह..’ की आवाजें निकालने लगी।
मैं अपने पूरे वेग से उसे चोदने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था.. कुछ ही देर में वो भी अपनी चूत उठा-उठा कर चुदाई करने में मेरा साथ देने लगी थी।
थोड़ी में ही हम दोनों साथ-साथ झड़े.. फिर मैं उसके ऊपर ही चिपक कर लेटा रहा और हम दोनों की साँसें हमारे काबू में नहीं थीं.. हम बुरी तरह हाँफ रहे थे।
थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा.. पर उससे उठा नहीं जा रहा था। मैंने उसे उठाया और अपने साथ ही बाथरूम लेकर गया।
वहाँ उसने अपनी चूत और मैंने अपना लंड साफ़ किया.. पर अब भी उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। मैं उसे बिस्तर तक ले कर आया.. वहाँ उसने चादर पर खून देखा.. तो वो थोड़ा घबरा गई। फिर मैंने उसे समझाया.. और उसने वो चादर साफ़ की।
उसके बाद हमने खाना खाया। फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने दुबारा चुदाई शुरू की.. इस बार मेरा लंड आधा घंटे तक नहीं झड़ा.. पर वो तीन बार झड़ गई थी।
फिर उसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए.. अपने कपड़े पहने और उसने कमरा और बिस्तर ठीक किया और मुझे चुम्बन करके बोली- आज मुझे बहुत मजा आया और आगे जब भी मौका मिलेगा हम चुदाई जरूर करेंगे।
फिर वो अपने घर चली गई। उसके जब भी हमें मौका मिलता.. हम चुदाई का ये खेल जरूर खेलते हैं.. कभी मेरे घर.. कभी उसके घर.. कभी मेरे दोस्तों के घर या कभी उसकी सहेलियों के घर.. और फिर एक बार तो मैंने उसकी गाण्ड भी मारी।
कैसे हुआ ये सब.. यह मैं अगली कहानी में आपकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद लिखूँगा।
वैसे अब उसकी शादी हो चुकी है। उसके बाद तो मैंने कई लड़कियों.. भाभियों आंटियों की चुदाई भी की.. कई तो पैसे लेकर भी चुदाई की।
यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है.. अगर लिखने में कोई गलती हुई.. तो प्लीज उन्हें आप अपनी समझ के अनुसार सही कर लीजिएगा और मुझे अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव जरर दीजिएगा जिससे कि मैं आगे भी आपको अपनी और चुदाई के किस्से बता सकूँ।
aaravf.friend@gmail.com



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Wednesday 13 December 2017