मेरा नाम अनूप है.. मैं 27 साल का हूँ.. मेरी लम्बाई 5 फुट 6 इंच है और जरा सांवला हूँ।
मैं काफी समय से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता आया हूँ और अब अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखने की हिम्मत कर रहा हूँ।
मेरा घर दिल्ली रोहिणी में है। मेरे घर में मैं मेरे माता-पिता के साथ रहता हूँ।
मेरा घर 3 मंजिल का है.. मेरा कमरा सबसे ऊपर की मंजिल पर पढ़ने के हिसाब से है.. क्योंकि मैं बैंक एग्जाम की तैयारी कर रहा हूँ।
घर में सबसे नीचे मम्मी-पापा रहते हैं और पहली-दूसरी मंजिल पर किरायेदार हैं जो कि दोनों नवविवाहित जोड़े हैं।
दूसरी मंजिल पर जो किरायेदार थे वो भैया दिल्ली पुलिस में थे और उनकी पत्नी जो कि 23 साल की थीं.. उनका नाम पल्लवी भाभी था।
वो भी बैंक जॉब की तैयारी कर रही थीं तो हम दोनों अक्सर साथ बैठकर पढ़ते भी थे। पहली मंजिल वाली भाभी का नाम पायल था.. उनके बारे में अगली बार बताऊँगा।
तो पल्लवी भाभी के बारे में बता दूँ.. वो 5.5 फुट की लम्बाई वाली लम्बे बालों वाली बहुत ही सुन्दर और कामुक माल थीं… नेट वाली साड़ी और गहरे गले का ब्लाउज पहनती थीं.. वो और हमेशा गहरा मेकअप करती थीं।
उनकी काली आँखें काजल, मश्कारे से और कातिल लगती थीं और गाल लाल और हमेशा साड़ी के मैच की लिपस्टिक.. अधिकतर महरून और लाल ही लगाती थीं.. जो उनके कंटीले हुस्न को और अधिक कंटीला बना देता था।
मैं ऊपर छत पर कई बार उनकी सूखती हुई ब्रा-पैन्टी में सूँघता था और शायद कई बार उन्होंने मुझे छुपकर देख भी लिया था।
वैसे बता दूँ कि उनके पति पुलिस में थे तो अक्सर रात की ड्यूटी हुआ करती थी।
मैं छत पर होता था.. तो भाभी अक्सर मेरे कमरे में पढ़ने आ जाती थीं।
यह 25 दिसम्बर 2012 की बात है.. मैं अपने कमरे में बैठा था.. भाभी भी आ गईं।
उन्होंने गुलाबी नाइटी पहनी हुई थी.. डार्क मेकअप किया हुआ था.. बाल खुले हुए थे..
वो आकर मेरे पास बैठ गईं और मुझसे बातें करने लगीं।
भाभी- क्यों अनूप.. तुम आज अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस मनाने नहीं गए?
मैं- भाभी क्या क्रिसमस मनाऊँ.. अगले माह बैंक का एग्जाम है और अभी पढ़ाई और भी करनी है।
भाभी- हाँ ये तो है.. वैसे मैं शादी से पहले अपनी सहेलियों के साथ हर फेस्टिवल मनाती थी.. हम खूब मस्ती करते थे।
मैंने छेड़ते हुए कहा- हाँ.. भाभी आप तो अब भी भैया के साथ मस्ती करती हो..
भाभी- अच्छा जी.. तो आप भी कर लो मेरे साथ.. मस्ती…
मैं- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ भाभी..
भाभी- अच्छा सुनो.. तुम्हारे भैया मेरे लिए वोदका लेकर आए थे.. वो रखी है.. बोलो पियोगे?
मैं- हाँ भाभी आप पिलाओगी.. तो पी लूँगा..
भाभी- ठीक है चलो मेरे कमरे में चलते हैं।
मैं- ओके चलो..
हम भाभी के कमरे में गए।
मैं बिस्तर पर बैठ गया.. भाभी दो गिलास और ‘मैजिक मोमेंट’ वोदका की बोतल ले आईं और साथ में कुछ काजू.. बादाम, कोक और नमकीन भी ले आईं।
उन्होंने दो हैवी पैग बनाए.. हम दोनों ने चियर्स बोला और पैग पिया और एक-दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे।
भाभी ने पूछा- क्यों.. कुछ हुआ?
मैंने कहा- नहीं तो..
तो उन्होंने एक-एक पैग और बनाया और वो भी हमने पी लिया।
भाभी ने पूछा- सिगरेट पियोगे?
मैंने कहा- मेरे पास तो नहीं है।
तो भाभी ने बिस्तर के दराज से लेडीज सिगरेट निकाली और जला कर लम्बा कश लगाया.. और फिर मुझे दे दी.. मैंने भी एक लम्बा कश लगाया।
अब मुझे चढ़ने लगी थी.. मुझे भाभी कुछ ज्यादा ही सुन्दर लगने लगीं।
भाभी ने मुझसे पूछा- मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ?
तो मैंने कहा- आप मुझे बहुत सुन्दर और सेक्सी लगती हो..
भाभी ने पूछा- छुप कर मेरी ब्रा-पैन्टी का क्या करते हो?
मुझे झटका लगा- भाभी, आपको कैसे पता?
तो उन्होंने कहा- मुझे सब पता है.. सब मर्द एक जैसे ही तो होते हैं।
मैंने कहा- भाभी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.. इसलिए पर किसी को बताना मत प्लीज..
तो भाभी ने झुकते हुए अपनी घाटियों के दर्शन कराए और इतराते हुए कहा- नहीं बताऊँगी.. पर तुम एक काम करोगे मेरा?
उनके मम्मे देख कर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.. मैंने कहा- हाँ भाभी करूँगा..
तब भाभी ने अपनी मैक्सी उतार दी मेरे होश उड़ गए… उन्होंने गुलाबी ब्रा पहनी हुई थी और उसका शरीर दूध से ज्यादा गोरा चमक रहा था।
भाभी ने कहा- जो मेरी ब्रा के साथ छुपकर करते हो.. मेरे सामने खुलकर अभी करो..
मेरे हाथ और पूरा शरीर कांप रहा था.. मैंने कांपते हाथों से उनकी ब्रा पर हाथ फेरना शुरू किया.. तो उन्होंने मुझे खींचकर अपने से
चिपका लिया और मेरे कान में कहा- जानू डरो मत.. आज मैं तुम्हें मर्द बना दूँगी..
और मेरे और उनके होंठ एक-दूसरे के करीब आ गए और आपस में एक-दूसरे में मिल गए।
वो मेरे होंठों को चूस रही थी.. मेरे हाथ भी खुद उनकी चूचियो
मैं काफी समय से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता आया हूँ और अब अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखने की हिम्मत कर रहा हूँ।
मेरा घर दिल्ली रोहिणी में है। मेरे घर में मैं मेरे माता-पिता के साथ रहता हूँ।
मेरा घर 3 मंजिल का है.. मेरा कमरा सबसे ऊपर की मंजिल पर पढ़ने के हिसाब से है.. क्योंकि मैं बैंक एग्जाम की तैयारी कर रहा हूँ।
घर में सबसे नीचे मम्मी-पापा रहते हैं और पहली-दूसरी मंजिल पर किरायेदार हैं जो कि दोनों नवविवाहित जोड़े हैं।
दूसरी मंजिल पर जो किरायेदार थे वो भैया दिल्ली पुलिस में थे और उनकी पत्नी जो कि 23 साल की थीं.. उनका नाम पल्लवी भाभी था।
वो भी बैंक जॉब की तैयारी कर रही थीं तो हम दोनों अक्सर साथ बैठकर पढ़ते भी थे। पहली मंजिल वाली भाभी का नाम पायल था.. उनके बारे में अगली बार बताऊँगा।
तो पल्लवी भाभी के बारे में बता दूँ.. वो 5.5 फुट की लम्बाई वाली लम्बे बालों वाली बहुत ही सुन्दर और कामुक माल थीं… नेट वाली साड़ी और गहरे गले का ब्लाउज पहनती थीं.. वो और हमेशा गहरा मेकअप करती थीं।
उनकी काली आँखें काजल, मश्कारे से और कातिल लगती थीं और गाल लाल और हमेशा साड़ी के मैच की लिपस्टिक.. अधिकतर महरून और लाल ही लगाती थीं.. जो उनके कंटीले हुस्न को और अधिक कंटीला बना देता था।
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मैं ऊपर छत पर कई बार उनकी सूखती हुई ब्रा-पैन्टी में सूँघता था और शायद कई बार उन्होंने मुझे छुपकर देख भी लिया था।
वैसे बता दूँ कि उनके पति पुलिस में थे तो अक्सर रात की ड्यूटी हुआ करती थी।
मैं छत पर होता था.. तो भाभी अक्सर मेरे कमरे में पढ़ने आ जाती थीं।
यह 25 दिसम्बर 2012 की बात है.. मैं अपने कमरे में बैठा था.. भाभी भी आ गईं।
उन्होंने गुलाबी नाइटी पहनी हुई थी.. डार्क मेकअप किया हुआ था.. बाल खुले हुए थे..
वो आकर मेरे पास बैठ गईं और मुझसे बातें करने लगीं।
भाभी- क्यों अनूप.. तुम आज अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस मनाने नहीं गए?
मैं- भाभी क्या क्रिसमस मनाऊँ.. अगले माह बैंक का एग्जाम है और अभी पढ़ाई और भी करनी है।
भाभी- हाँ ये तो है.. वैसे मैं शादी से पहले अपनी सहेलियों के साथ हर फेस्टिवल मनाती थी.. हम खूब मस्ती करते थे।
मैंने छेड़ते हुए कहा- हाँ.. भाभी आप तो अब भी भैया के साथ मस्ती करती हो..
भाभी- अच्छा जी.. तो आप भी कर लो मेरे साथ.. मस्ती…
मैं- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ भाभी..
भाभी- अच्छा सुनो.. तुम्हारे भैया मेरे लिए वोदका लेकर आए थे.. वो रखी है.. बोलो पियोगे?
मैं- हाँ भाभी आप पिलाओगी.. तो पी लूँगा..
भाभी- ठीक है चलो मेरे कमरे में चलते हैं।
मैं- ओके चलो..
हम भाभी के कमरे में गए।
मैं बिस्तर पर बैठ गया.. भाभी दो गिलास और ‘मैजिक मोमेंट’ वोदका की बोतल ले आईं और साथ में कुछ काजू.. बादाम, कोक और नमकीन भी ले आईं।
उन्होंने दो हैवी पैग बनाए.. हम दोनों ने चियर्स बोला और पैग पिया और एक-दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे।
भाभी ने पूछा- क्यों.. कुछ हुआ?
मैंने कहा- नहीं तो..
तो उन्होंने एक-एक पैग और बनाया और वो भी हमने पी लिया।
भाभी ने पूछा- सिगरेट पियोगे?
मैंने कहा- मेरे पास तो नहीं है।
तो भाभी ने बिस्तर के दराज से लेडीज सिगरेट निकाली और जला कर लम्बा कश लगाया.. और फिर मुझे दे दी.. मैंने भी एक लम्बा कश लगाया।
अब मुझे चढ़ने लगी थी.. मुझे भाभी कुछ ज्यादा ही सुन्दर लगने लगीं।
भाभी ने मुझसे पूछा- मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ?
तो मैंने कहा- आप मुझे बहुत सुन्दर और सेक्सी लगती हो..
भाभी ने पूछा- छुप कर मेरी ब्रा-पैन्टी का क्या करते हो?
मुझे झटका लगा- भाभी, आपको कैसे पता?
तो उन्होंने कहा- मुझे सब पता है.. सब मर्द एक जैसे ही तो होते हैं।
मैंने कहा- भाभी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.. इसलिए पर किसी को बताना मत प्लीज..
तो भाभी ने झुकते हुए अपनी घाटियों के दर्शन कराए और इतराते हुए कहा- नहीं बताऊँगी.. पर तुम एक काम करोगे मेरा?
उनके मम्मे देख कर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.. मैंने कहा- हाँ भाभी करूँगा..
तब भाभी ने अपनी मैक्सी उतार दी मेरे होश उड़ गए… उन्होंने गुलाबी ब्रा पहनी हुई थी और उसका शरीर दूध से ज्यादा गोरा चमक रहा था।
भाभी ने कहा- जो मेरी ब्रा के साथ छुपकर करते हो.. मेरे सामने खुलकर अभी करो..
मेरे हाथ और पूरा शरीर कांप रहा था.. मैंने कांपते हाथों से उनकी ब्रा पर हाथ फेरना शुरू किया.. तो उन्होंने मुझे खींचकर अपने से
चिपका लिया और मेरे कान में कहा- जानू डरो मत.. आज मैं तुम्हें मर्द बना दूँगी..
और मेरे और उनके होंठ एक-दूसरे के करीब आ गए और आपस में एक-दूसरे में मिल गए।
वो मेरे होंठों को चूस रही थी.. मेरे हाथ भी खुद उनकी चूचियो
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