दोस्तो, मैं हिमाचल का एक नौजवान मुंडा हूँ, मुझे सेक्स बहुत पसंद है, जब भी मुझे सेक्स का मौका मिलता है तो उसको कभी भी नहीं छोड़ता.
खैर छोड़ो, मैं अपनी रियल सेक्स स्टोरी बताता हूँ!
मैं उस समय 23 का था जब यह घटना घटी. और वो भी 23 की थी.
ओह… अपनी इंट्रो करवा दूँ पहले… मेरा नाम दक्ष ठाकुर है, मैं हिमाचल मंडी जिले का हूँ और उसका नाम कौर है, पूरा नाम नहीं लिख रहा हूँ.
बात 2011 की है, मैं चंडीगढ़ में एक कंपनी में जॉब करता था, वो भी उसी कंपनी में जॉब करती थी.
बहुत से लोग, हाँलाकि मेरे दोस्त भी उसके पीछे पड़े थे, पर वो मेरे से पट गई और हमारी दोस्ती हो गई.
उसके बाद हम दोनों वीक्ली ऑफ में गार्डन में घूमने निकल जाते थे, कभी सुखना लेक पर तो कभी रोज़ गार्डन, कभी रॉक गार्डन… हम दोनों के बीच चूमा चाटी तो हो जाती थी पर सेक्स के लिए जगह ढूँढ रहे थे, पर मिल नहीं रही थी और रूम में हम कर नहीं सकते थे क्योंकि चंडीगढ़ में या तो लड़के ही रूम में रह सकते हैं या लड़कियाँ! तो यह पंगा था.
पर एक दिन घूमते घूमते हम रोज़ गार्डन के साथ वाले गार्डन में चले गये तो वहाँ का सीन कुछ अलग ही था, चारों तरफ कपल ही कपल थे और कोई क़िसिंग में लगा था, कोई पेड़ के पीछे चुदाई कर रहा था, कोई कुछ!
बहुत ही मस्त सीन देखने को मिल रहे थे.
फिर कौर ने मुझे इशारा किया. एक पेड़ की तरफ पेड़ थोड़ा खाली था और दूसरी तरफ दीवार थी, हमने सोचा कि हम थोड़ी देर तक उस पेड़ के पीछे बैठ के थोड़ी किस्सिंग कर लेते हैं क्योंकि माहौल गर्म था!
पेड़ के पीछे कुछ देर बैठने और बतियाने के बाद हमारी किस्सिंग स्टार्ट हो गई. उसने मेरे नीचे वाले होंठ को चूसना स्टार्ट किया और मैंने उसके ऊपर वाले को!
किस्सिंग करते मेरा एक उसकी चुची पर गया और मैंने उसकी एक चुची को ज़ोर से दबाया तो वो चीख पड़ी- आह धीरे!
फिर मैंने भी धीरे धीरे दबाना शुरू किया फिर धीरे से मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी फुद्दी की तरफ बढ़ाना स्टार्ट किया और पाजामे के अंदर फुद्दी के ऊपर पहुँच गया. उसकी फुद्दी पर बाल बहुत थे, सारे बाल उसकी फुद्दी के पानी से गीले हो गये थे.
मैं उसकी फुद्दी को चाटना चाहता था पर वहाँ स्पेस कम था तो उसने मना कर दिया.
फिर मैंने उसको बोला- मेरा लंड चूस पहले!
तो उसने मना किया, पर मेरा ज़ोर डालने पर उसने बोला- ठीक है.
मैंने लंड को बाहर निकाला, मेरा लंड 6″ का और मोटा है, मेरा लंड पूरे जोश में था, बाहर निकाल कर उसको आज़ादी मिल गई और उसने धीरे से मेरे लंड के सुपारे की स्किन को पीछे किया, उसमें थोड़ा सा तरल लगा था, उसने लंड को अपने रुमाल से साफ किया, थोड़ा मुँह आगे किया, लंड के सुपारे को मुँह में लिया और धीरे धीरे चूसना स्टार्ट किया.
मैंने हल्का सा झटका मारा और लंड आधा उसके मुख में घुस गया. वो थोड़ा उछली और लंड को बाहर निकाल दिया और बोली- मैं फर्स्ट टाइम लंड चूस रही हूँ, मुझे अपने हिसाब से चूसने दो.
मैंने कहा- ठीक है.
तो वो बोली- नहीं… यहाँ कोई देख लेगा.
तो मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा, सब अपने मज़े लेने में बिज़ी हैं.
और मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया, उसने रेड कलर की कच्छी पहनी हुई थी, क्या मस्त लग रही थी.\
मैंने कच्छी को भी नीचे किया और आधी जाँघों तक खोल दिया, पूरी नंगी भी नहीं कर सकता था क्योंकि वो गार्डन था और डर भी लग रहा था कि कोई आ ना जाए!
मैंने उसको अपने लंड पे बैठने को कहा तो वो धीरे से मेरे लंड के ऊपर आ गई और मैंने उसकी फुद्दी के बाल हटाए और लंड के लिए जगह बनाई. लंड पूरा फूल के खड़ा था. मैंने लंड का सुपारा उसकी फुद्दी पे टच किया, उसे थोड़ी सिहरन सी हुई.
मैंने उसको कमर से पकड़ के हल्का सा धक्का दिया और लंड आधा अंदर चला गया और वो चीखी- धीरे! मैंने पहले कभी किया नहीं है.
और उस झटके से उसकी फुद्दी से खून की बूंदें टपक पड़ी और वो दर्द से चिल्लाने लगी.
उसकी चीख सुन कर कुछ लोग हमारी तरफ आने लगे.
हम दोनों डर गए और मैंने फटाफट अपना लंड उसकी फुद्दी से बाहर निकाला और हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किये और नजरें नीचे किये वहां से निकल लिए.
मेरी रियल सेक्स स्टोरी कैसी लगी?
खैर छोड़ो, मैं अपनी रियल सेक्स स्टोरी बताता हूँ!
मैं उस समय 23 का था जब यह घटना घटी. और वो भी 23 की थी.
ओह… अपनी इंट्रो करवा दूँ पहले… मेरा नाम दक्ष ठाकुर है, मैं हिमाचल मंडी जिले का हूँ और उसका नाम कौर है, पूरा नाम नहीं लिख रहा हूँ.
बात 2011 की है, मैं चंडीगढ़ में एक कंपनी में जॉब करता था, वो भी उसी कंपनी में जॉब करती थी.
बहुत से लोग, हाँलाकि मेरे दोस्त भी उसके पीछे पड़े थे, पर वो मेरे से पट गई और हमारी दोस्ती हो गई.
उसके बाद हम दोनों वीक्ली ऑफ में गार्डन में घूमने निकल जाते थे, कभी सुखना लेक पर तो कभी रोज़ गार्डन, कभी रॉक गार्डन… हम दोनों के बीच चूमा चाटी तो हो जाती थी पर सेक्स के लिए जगह ढूँढ रहे थे, पर मिल नहीं रही थी और रूम में हम कर नहीं सकते थे क्योंकि चंडीगढ़ में या तो लड़के ही रूम में रह सकते हैं या लड़कियाँ! तो यह पंगा था.
पर एक दिन घूमते घूमते हम रोज़ गार्डन के साथ वाले गार्डन में चले गये तो वहाँ का सीन कुछ अलग ही था, चारों तरफ कपल ही कपल थे और कोई क़िसिंग में लगा था, कोई पेड़ के पीछे चुदाई कर रहा था, कोई कुछ!
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ये सब देख कर मेरा तो मूड ही खराब हो गया और वो भी मेरी तरफ देखने लगी.बहुत ही मस्त सीन देखने को मिल रहे थे.
फिर कौर ने मुझे इशारा किया. एक पेड़ की तरफ पेड़ थोड़ा खाली था और दूसरी तरफ दीवार थी, हमने सोचा कि हम थोड़ी देर तक उस पेड़ के पीछे बैठ के थोड़ी किस्सिंग कर लेते हैं क्योंकि माहौल गर्म था!
पेड़ के पीछे कुछ देर बैठने और बतियाने के बाद हमारी किस्सिंग स्टार्ट हो गई. उसने मेरे नीचे वाले होंठ को चूसना स्टार्ट किया और मैंने उसके ऊपर वाले को!
किस्सिंग करते मेरा एक उसकी चुची पर गया और मैंने उसकी एक चुची को ज़ोर से दबाया तो वो चीख पड़ी- आह धीरे!
फिर मैंने भी धीरे धीरे दबाना शुरू किया फिर धीरे से मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी फुद्दी की तरफ बढ़ाना स्टार्ट किया और पाजामे के अंदर फुद्दी के ऊपर पहुँच गया. उसकी फुद्दी पर बाल बहुत थे, सारे बाल उसकी फुद्दी के पानी से गीले हो गये थे.
मैं उसकी फुद्दी को चाटना चाहता था पर वहाँ स्पेस कम था तो उसने मना कर दिया.
फिर मैंने उसको बोला- मेरा लंड चूस पहले!
तो उसने मना किया, पर मेरा ज़ोर डालने पर उसने बोला- ठीक है.
मैंने लंड को बाहर निकाला, मेरा लंड 6″ का और मोटा है, मेरा लंड पूरे जोश में था, बाहर निकाल कर उसको आज़ादी मिल गई और उसने धीरे से मेरे लंड के सुपारे की स्किन को पीछे किया, उसमें थोड़ा सा तरल लगा था, उसने लंड को अपने रुमाल से साफ किया, थोड़ा मुँह आगे किया, लंड के सुपारे को मुँह में लिया और धीरे धीरे चूसना स्टार्ट किया.
मैंने हल्का सा झटका मारा और लंड आधा उसके मुख में घुस गया. वो थोड़ा उछली और लंड को बाहर निकाल दिया और बोली- मैं फर्स्ट टाइम लंड चूस रही हूँ, मुझे अपने हिसाब से चूसने दो.
मैंने कहा- ठीक है.
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उसके बाद मैंने उसको बोला- चल अब सेक्स करते हैं.तो वो बोली- नहीं… यहाँ कोई देख लेगा.
तो मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा, सब अपने मज़े लेने में बिज़ी हैं.
और मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया, उसने रेड कलर की कच्छी पहनी हुई थी, क्या मस्त लग रही थी.\
मैंने कच्छी को भी नीचे किया और आधी जाँघों तक खोल दिया, पूरी नंगी भी नहीं कर सकता था क्योंकि वो गार्डन था और डर भी लग रहा था कि कोई आ ना जाए!
मैंने उसको अपने लंड पे बैठने को कहा तो वो धीरे से मेरे लंड के ऊपर आ गई और मैंने उसकी फुद्दी के बाल हटाए और लंड के लिए जगह बनाई. लंड पूरा फूल के खड़ा था. मैंने लंड का सुपारा उसकी फुद्दी पे टच किया, उसे थोड़ी सिहरन सी हुई.
मैंने उसको कमर से पकड़ के हल्का सा धक्का दिया और लंड आधा अंदर चला गया और वो चीखी- धीरे! मैंने पहले कभी किया नहीं है.
और उस झटके से उसकी फुद्दी से खून की बूंदें टपक पड़ी और वो दर्द से चिल्लाने लगी.
उसकी चीख सुन कर कुछ लोग हमारी तरफ आने लगे.
हम दोनों डर गए और मैंने फटाफट अपना लंड उसकी फुद्दी से बाहर निकाला और हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किये और नजरें नीचे किये वहां से निकल लिए.
मेरी रियल सेक्स स्टोरी कैसी लगी?
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