Sunday 12 November 2017

Dost Ki Girlfriend Ne Mera Lund Pakad Liya fir Chut Chudai - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मैं समीर हूँ.. यह नाम बदला हुआ है। मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा। ये कहानी बिलकुल रियल है.. बस नाम और जगह बदली गई है।
ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी। चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो।
मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया। उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था। ये बात मैंने उसको बोला भी था.. मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं। इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया।
सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया.. उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है।
मैं और जूली फिल्म देखने गए। मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए। फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..’
वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा। मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है।
क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी.. मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था। वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था।
मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी। उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे। उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था।
आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी। मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था। वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था। मैं चाहता था कि पहल वो करे।
फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था। जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा। मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया।
इस बात का उसको भी एहसास हो गया। फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?
जूली- क्या करूँ समीर.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. मुझे नीचे कुछ हो रहा है।
मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार.. मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?
जूली- मैं कुछ नहीं जानती.. अभी मेरे साथ कुछ करो!
मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी.. फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह..!
मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ। दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था।
फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी। कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा।
अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था। लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा। फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा।
वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी। उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया। मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी। ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती।
मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया। कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है।
अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी.. मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था मगर वो लंड छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी।हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मैं समीर हूँ.. यह नाम बदला हुआ है। मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा। ये कहानी बिलकुल रियल है.. बस नाम और जगह बदली गई है।
ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी। चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो।
मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया। उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था। ये बात मैंने उसको बोला भी था.. मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं। इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया।
सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया.. उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है।
मैं और जूली फिल्म देखने गए। मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए। फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..’
वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा। मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है।
क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी.. मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था। वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था।
मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी। उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे। उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था।
आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी। मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था। वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था। मैं चाहता था कि पहल वो करे।
फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था। जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा। मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया।
इस बात का उसको भी एहसास हो गया। फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?
जूली- क्या करूँ समीर.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. मुझे नीचे कुछ हो रहा है।
मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार.. मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?
जूली- मैं कुछ नहीं जानती.. अभी मेरे साथ कुछ करो!
मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी.. फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह..!
मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ। दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था।
<फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी। कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा।
अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था। लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा। फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा।
वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी। उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया। मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी। ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती।
मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया। कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है।
अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी.. मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था मगर वो लंड छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी।हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मैं समीर हूँ.. यह नाम बदला हुआ है। मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा। ये कहानी बिलकुल रियल है.. बस नाम और जगह बदली गई है।
ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी। चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो।
मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया। उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था। ये बात मैंने उसको बोला भी था.. मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं। इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया।
सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया.. उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है।
मैं और जूली फिल्म देखने गए। मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए। फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..’
वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा। मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है।
क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी.. मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था। वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था।
मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी। उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे। उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था।
आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी। मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था। वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था। मैं चाहता था कि पहल वो करे।

फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था। जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा। मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया।
इस बात का उसको भी एहसास हो गया। फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?
जूली- क्या करूँ समीर.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. मुझे नीचे कुछ हो रहा है।
मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार.. मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?
जूली- मैं कुछ नहीं जानती.. अभी मेरे साथ कुछ करो!
मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी.. फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह..!
मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ। दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था।
फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी। कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा।
अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था। लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा। फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा।
वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी। उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया। मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी। ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती।
मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया। कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है।
अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी.. मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था मगर वो लंड छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी।
हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मैं समीर हूँ.. यह नाम बदला हुआ है। मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा। ये कहानी बिलकुल रियल है.. बस नाम और जगह बदली गई है।

ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी। चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो।
मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया। उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था। ये बात मैंने उसको बोला भी था.. मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं। इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया।
सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया.. उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है।
मैं और जूली फिल्म देखने गए। मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए। फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..’
वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा। मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है।
क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी.. मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था। वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था।
मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी। उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे। उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था।
आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी। मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था। वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था। मैं चाहता था कि पहल वो करे।
फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था। जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा। मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया।
इस बात का उसको भी एहसास हो गया। फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?
जूली- क्या करूँ समीर.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. मुझे नीचे कुछ हो रहा है।
मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार.. मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?
जूली- मैं कुछ नहीं जानती.. अभी मेरे साथ कुछ करो!
मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी.. फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह..!
मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ। दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था।
फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी। कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा।
अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था। लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा। फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा।
वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी। उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया। मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी। ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती।
मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया। कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है।
अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी.. मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
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