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Tuesday 7 November 2017

देसी गर्लफ्रेंड के साथ हॉट सेक्स -Hindi Sex Stories

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हैलो हॉट बाय्स और गरम सेक्सी गर्ल्स.. मेरा नाम विक्की है और मुझे हिंदी में हॉट सेक्स कहानियां और चुटकुले पढ़ना पसंद हैं. मैं लखनऊ में रहकर पढ़ाई करता हूँ.

बात उस समय की है जब मैं 18 साल का था और अपने घर में रहता था.
मेरे घर के पास में ही एक देसी सी लड़की रहती थी, जिसका नाम ममता था. ममता का फिगर स्लिम है और वो बहुत गोरी लड़की है. मैं और ममता एक-दूसरे को पसंद करते थे और मैं कभी-कभी उसको अपने घर बुलाकर उससे बातें करता था. हम दोनों एक ही उम्र के थे और कभी-कभी हम किस भी कर लिया करते थे. लेकिन परिस्थितियों के चलते हमारा चुदाई का कार्यक्रम कभी नहीं बन पाया.

अब मैं जब पढ़ाई करने लखनऊ आ गया तो मैं यहाँ अलग रूम लेकर रहता था. वो भी लखनऊ के एक कॉल सेंटर में जॉब करने लगी.
मैंने ममता से उसका नंबर ले लिया और फिर हम दोनों के बीच मैसेज और मोबाइल पे बातों का दौर स्टार्ट हुआ.

एक दिन बात करते-करते मैंने उसको थोड़ा सा सेक्सी मैसेज सेंड कर दिया. पहले तो वो थोड़ा नाराज़ हुई लेकिन बाद में वो भी सेक्सी मैसेज में चैट करने लगी.

एक दिन मैं उससे मोबाइल पर बात कर रहा था तभी मैंने उससे कहा- मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ.
वो बोली- मिल कर क्या करना है? मैं तुमसे डेली बात तो करती हूँ ना!

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फिर एक दिन मैंने उससे हॉट चैट करना स्टार्ट किया और बाद में चुदाई की बातें की. अब वो हॉट हो गई.. और उसने मुझे चुत में आग लगने की बात कही.
फिर मैंने उसको फिंगरिंग करना बताया. उस दिन वो लाइफ में पहली बार अपनी चुत में उंगली करके झड़ी. उसने मुझे बताया कि उसकी चुत से खूब सारा सफेद पानी निकला.
कुछ दिन बाद उसने मुझसे चुदवाने का मन बनाया. चूंकि हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे इसलिए उसको कोई दिक्कत नहीं थी. मैंने उसको अपने रूम पर बुलाकर चोदना चाहा, वो राज़ी हो गई.

अगले दिन वो कॉल सेंटर ना जाकर मेरे रूम पर आ गई. मैंने उसका वेलकम किया और उसे बांहों में भरते हुए उसके गालों पे एक किस कर ली. वो मेरे रूम पर चूड़ीदार सलवार और कुर्ता पहनकर आई थी, जिसमें उसके चूचे और मस्त गांड उभर आई थी. वो बहुत मस्त लग रही थी.
वो बहुत हॉट और एग्ज़ाइटेड थी फिर भी नखरे दिखाते हुए बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं तुमसे प्यार करता हूँ.. आई लव यू!
तो उसने भी हामी भरते हुए मुझे उत्तर दिया.

फिर क्या था.. मैंने तुरंत ही उसे अपनी बांहों में भर लिया और पागलों की तरह किस करने लगा. मेरा लंड पूरा खड़ा था. जब मैं किस करने लगा तो पहले तो उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया लेकिन थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
उसे किस करते-करते कब मेरे हाथ उसके मम्मों पे पहुँच गए, मुझे पता ही नहीं चला. थोड़ी देर बाद वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो गई थी, तब मैंने उसका कुर्ता उतार दिया और उसको किस करने लगा. साथ में मैं उसको कमर के ऊपर सहला रहा था, उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं. वो मेरा नाम लेते हुए चुदास से सिसक रही थी और मुझसे पूरा चिपक गई थी.

अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को चूसने लगा. उसके चूचे एकदम तने हुए थे और मैं उन्हें चूस रहा था.
ममता ने मेरा लोवर उतार दिया और मेरा लंड सहलाने लगी. मुझे उसका लंड छूना बहुत अच्छा लगा. फिर वो ‘आअहह ऊऊहह..’ की आवाज़ करने लगी.
हम दोनों वासना की आग में जलने लगे. फिर किस करते-करते मैंने अपना एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चुत पर रख दिया.

क्या बताऊं दोस्तो कि उसकी चुत कितनी ज़्यादा गर्म थी. कुछ देर तक मैं ऐसे ही चुत सहलाता रहा. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया.
अब मैंने उसकी सलवार निकाल दी और खुद भी पूरा नंगा हो गया. मैं उसकी गीली पेंटी के ऊपर से ही चुत को सहलाने लगा. चुदास का माहौल बन गया था. मैं उसको कान पर, गले पर, होंठों पर.. लगातार चुम्बनों की बौछार किए जा रहा था. फिर मैं उसको उल्टा करके उसकी बैक पर किस करने लगा और उसे चाटने लगा. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मुझसे रहा नहीं गया, तब मैंने उसकी लाल धारीदार पेंटी को उतार दिया. उसकी छोटी सी चुत को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया. मैं 69 पोज़िशन में होकर उसकी चुत चूसने लगा और साथ-साथ उसकी गोरी जांघें और कमर के आस-पास भी बहुत चूसने-चाटने लगा.


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मैं चूसते हुए उसकी बहुत टाइट चुत में उंगली भी कर रहा था, जो उसको बहुत पसंद आया. अब वो और तेज़ी से मोन करने लगी. कुछ ही पलों में तो वो जैसे झड़ने ही वाली हो उठी थी. दो मिनट बाद वो झड़ गई. मैं उसकी चुत का सारा पानी पी गया, जो मुझे बहुत अच्छा लगा.
वो भी उत्तेजना में मेरा लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद में भी झड़ने लगा. उसने भी मेरा पूरा पानी पी लिया. अब वो भी हांफ रही थी और मुझसे चिपकी हुई थी.

मैंने उसकी आँखों में चुदाई की भूख देखी और मैं 69 से उठ कर उसके पास लेटकर उसको प्यार करने लगा. हम दोनों फिर एक बार गर्म हो गए और उसने मुझे जल्दी से चोद देने को कहा.
उसके दोनों पैर मैंने फैला दिए, उसकी चिकनी गुलाबी हॉट चुत मेरे लंड के सामने थी और मेरा लंड अन्दर जाने को तैयार था. मैं उसकी चिकनी चुत पर लंड सहलाने लगा और वो तड़पने लगी.

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मैंने उसकी गीली चूत पर लंड रखकर दबाया तो वो उछल पड़ी और थोड़ा डर भी गई. उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने भी चुदाई कुछ देर के लिए रोक दी.
फिर मैंने उसको एक छोटी सी हॉट सेक्स मूवी दिखाई, जिसमें नई चुत की सील टूटने के बाद चुत को मिलने वाले मजे का नजारा था.

अब वो समझ गई और मुझसे चुदवाने के लिए अपनी टांगें फैला दीं. मैंने फिर धीरे से उसकी चुत में लंड डाला, उसको बहुत दर्द हुआ और मैं उसके दर्द को कम करने के लिए उसको किस करने लगा और चुचियों को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो रिलेक्स हुई और अपनी गांड हिलाने लगी. मैं भी तैयार था, मैं झटके मारने लगा और साथ में वो भी उछलने लगी. उसकी गीली चुत छपचप की आवाज़ कर रही थी जो कि मेरा जोश बढ़ा रही थी. फिर मैं उसको बहुत तेज़ रफ्तार से चोदने लगा और वो भी चुदवाने लगी.

हम दोनों बहुत गरम थे. धीरे-धीरे उसका बदन अकड़ने लगा.. उसने अपने नाख़ून मुझमें गड़ा दिए और वो झड़ गई.
अब मेरा लंड उसकी चुत में बहुत आसानी से जा रहा था. थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया और अपना माल उसकी चुत में डाल दिया. पूरी चुदाई के बाद मैं उसको अपने पास लिटाकर प्यार करने लगा और वो आई लव यू बोलकर मेरी बांहों में आ गई.

हम थोड़ी देर यू ही रिलेक्स हुए और थोड़ी देर बाद हम फिर से हॉट हो गए हालांकि उसने कहा कि रहने दो, उसकी चुत में दर्द हो रहा है, मैंने फिर भी उसको मना लिया.
अब मैं ममता की चुत चूसने लगा. मुझे उसकी चिकनी चुत अब और भी टेस्टी लग रही थी. वो भी मज़े से मेरा लंड चूस रही थी. फिर मैंने उसको अपने लंड पर बिठाया और धीरे-धीरे चोदने लगा. हम दोनों को इस बार ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं ममता को अपने ऊपर बिठाकर चोद रहा था और वो बहुत मज़े से मेरे लंड पर उछल रही थी. उसकी चुत से अजीब सी ‘पुच्छ पुच्छ..’ की आवाजें आ रही थीं और वो बीच-बीच में मुझे किस भी कर रही थी.

ममता का गोरा बदन चमक रहा था और उसका मुँह लाल हो गया था, वो ‘आआह.. अहह अहह मेरे विक्की.. अब मैं रोज़ तुमसे चुदवाऊंगी.. अह.. मेरी चुत फाड़ दो.. आई लव यू.. आह..’ कहे जा रही थी.

उसकी कामुक सीत्कारें मेरा जोश बढ़ा रही थीं. फिर जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैं रुक गया और पोज़िशन बदल ली. अब वो घोड़ी बन गई और मैं उसको पीछे से चोदने लगा. वो लंड डलते ही एक बार और झड़ गई.

उसने हाँफते हुए मुझसे कहा कि वो थक गई है और कई बार झड़ चुकी है. तब मैंने उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदा, जिससे वो एक बार और झड़ गई. उसे बहुत थकान हो गई थी और वो दर्द से कराहने लगी.
तब मैंने अपने लंड को उसकी चुत से निकाल लिया. वो तुरंत उठकर मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

अब हम दोनों थक चुके थे. मैंने उसको चार घंटे तक चोदा था. फिर हम साथ में नहाये, जहाँ मैंने उसकी चुत साफ़ की और उसने मेरा लंड चूसा और धोया. मैंने उसकी चुत में उंगली की. इधर वो इतनी एग्ज़ाइटेड हो गई कि वो झड़ने के साथ मूतने भी लगी.
हम दोनों ने नहा कर कपड़े पहने. उसने मुझे एक लम्बा किस किया. फिर हमने बिस्तर ठीक करके नाश्ता किया और उसने अनवॉंटेड की दवा ले ली. मैं और ममता अपनी पहली चुदाई के बाद बहुत खुश थे.


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ममता और मैंने एक-दूसरे को चुदाई के बहुत मौके दिए और आगे की कहानी में मैंने कैसे ममता को रात में रूम पर बुलाकर चोदा और कैसे उसकी मालिश करके तेल लगाकर उसकी गांड मारी.. जो मुझे बहुत पसंद आई.
वो किस्सा आगे की चुदाई की हॉट सेक्स कहानी में लिखूंगा.

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भाभी के साथ वो रंगीली रात -Hindi Sex Stories

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है। में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है। दोस्तों में पिछले कुछ सालों से ahindisexstories डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ता आ रहा हूँ। मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों को पढ़ा जो मुझे अच्छी लगी, लेकिन आज में पहली बार अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना मेरा सेक्स अनुभव आज आप लोगों के लिए लेकर आया हूँ जिसको लिखकर आप तक पहुँचाने में मैंने बहुत मेहनत की है तो आज आप उसको सुनिए और मुझे इसके बारे में बताना ना भूले। दोस्तों आप सभी को आज अपनी कहानी सुनाने से पहले में अपने परिवार का परिचय आप लोगों से करवा देता हूँ। मेरे परिवार में पापा मम्मी और हम दो भाई रहते है, मेरे पापा मम्मी और मेरा भाई गाँव में रहते है और में अकेला दिल्ली में अपना बिजनेस करता हूँ। में दिल्ली में जहाँ पर रहता हूँ वहां पर नीचे वाली मंजिल पर मेरे दूर के रिश्तेदारी में मेरे एक भैया और भाभी रहते है। उन दोनों की शादी को पूरा एक साल हो चुका है, लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नहीं है। मेरे भैया एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर नौकरी करते है।

मेरी भाभी का नाम मेघा है और वो बहुत ही सुंदर है। उनको देखकर हर बार मेरा लंड खड़ा हो जाता है, क्योंकि वो बहुत ही सेक्सी है और वो क्या मस्त लावजवाब दिखती है? और उनके बूब्स बड़े आकार के है जिसका आकार 34-28-34 है वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती है। इसलिए मेरी बस एक ही इच्छा थी कि में कैसे भी उनकी पूरी रात जमकर बहुत मस्त चुदाई करूं और उनके साथ बड़े मज़े करूं, लेकिन मेरे हाथ ऐसा कोई भी मौका नहीं लग रहा था। दोस्तों मेरे भैया की भाभी से बहुत अच्छी जमती थी, इसलिए वो दोनों बहुत खुश रहते थे और में कभी कभी भाभी से मज़ाक भी कर लिया करता था तो भाभी भी हंसकर मुझसे मज़ाक कर लिया करती थी, इसलिए भाभी की चुदाई करने का ख्याल मेरे दिल में हमेशा आया करता था। अब तो मेरी हमेशा बस यही कोशिश रहती थी कि में कैसे अपने इस सपने को पूरा करूं में यही बातें सोचता रहता था।
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फिर शायद भगवान को भी कुछ दिनों बाद मुझ पर तरस आ ही गया। उस समय भैया को अपनी कंपनी के किसी जरूरी काम से दस दिनों के लिए इंदौर जाना पड़ा और भाभी वो बात सुनकर बहुत ही उदास थी, क्योंकि भैया ने पिछले एक साल के इस समय में भाभी को कभी भी अकेला नहीं छोड़ा था और फिर भैया ने भाभी को कहा कि अगर तुम्हे किसी भी चीज की कोई ज़रूरत हो तो तुम रोहित को बुला लेना और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा ख़याल रखना और हम दोनों से यह बात कहकर वो दूसरे दिन सुबह की पहली फ्लाइट से ही इंदौर के लिए चले गये। फिर में मन ही मन बहुत ही खुश था कि चलो शायद मुझे कोई अच्छा मौका मिल जाए में सुबह दस बजे भाभी के पास चला गया और मैंने उनसे कहा कि भाभी आपको कोई काम हो तो मुझे बता दो में वापस आते समय कर दूंगा। तो भाभी ने हल्के से मुस्कुराकर कहा कि कोई काम नहीं है, लेकिन अगर जब मुझे तुमसे कोई काम होगा तब में तुम्हे वो जरुर बता दूंगी।

फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है भाभी और में अपने काम पर चला गया, लेकिन वहां पर किसी भी काम में मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था। मुझे तो हर तरफ सिर्फ़ मेघा भाभी ही नज़र आ रही थी। में शाम को जल्दी घर आ गया और भाभी के पास चला गया। फिर भाभी ने मुझसे पूछा कि तुम आज इतनी जल्दी कैसे आ गए? मैंने उनसे कहा कि भाभी आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए में जल्दी घर चला आया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने उनसे कहा कि मेरे सर में दर्द है तो भाभी ने कहा कि में दबा देती हूँ। अब मैंने कहा कि नहीं भाभी अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन भाभी नहीं मानी और वो मेरा सर दबाने लगी। दोस्तों उनके नरम मुलायम हाथ मेरे माथे पर छूते ही मेरे पूरे जिस्म में एक अजीब सी सनसनी होने लगी और में मदहोश होता जा रहा था। मैंने किसी तरह अपने पर कंट्रोल किया और अपने घर आ गया। फिर रात को भाभी मेरे पास आ गई और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हे खाना मेरे साथ ही खाना है। दोस्तों अंधे को क्या चाहिए दो आखें जो मुझे भगवान खुद दे रहे थे, इसलिए मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है भाभी, आप चलो में अभी आता हूँ और फिर में मुहं हाथ धोकर भाभी के यहाँ पर चला गया और तब मैंने देखा कि भाभी उस समय किचन में थी और वो खाना परोसने की तैयारी कर रही थी।

फिर मैंने कहा कि में आ गया हूँ तो उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझे बैठने का इशारा करके वो मेरे लिए भी खाना लगाने लगी और फिर हम दोनों ने एक साथ में खाना खाया। फिर उसके बाद हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे थे। तभी भाभी ने अचानक मुझसे पूछा कि रोहित क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में उनकी इस बात को सुनकर थोड़ा सा चकित जरुर हुआ, लेकिन मैंने उस पर इतना ध्यान नहीं दिया और मैंने उनसे कहा कि नहीं भाभी मुझे अपने काम से ही समय नहीं मिलता तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड कहाँ से होगी? तो भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसने लगी और वो मुझे एक मादक मुस्कान देकर उठकर दोबारा किचन में चली गई। अब में अपने लंड से बड़ा परेशान था, क्योंकि वो अब पूरा तनकर खड़ा हो चुका था और उसने सांप की तरह फुकार मारना भी शुरू कर दिया था। अब मैंने किचन में जाकर भाभी को बोला कि भाभी में अब सोने जा रहा हूँ आपको मुझसे कोई काम हो तो आप मुझे बता दो। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे कोई भी काम नहीं है, तुम जाकर सो जाओ और फिर में अपने घर पर जाकर भाभी के नाम से मुठ मारकर सो गया।
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फिर दूसरे दिन सुबह मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आपको कुछ काम हो तो बता दो, में जा रहा हूँ, भाभी ने कहा अभी तो मुझे कुछ नहीं है, लेकिन आज शाम को तुम जल्दी आ सकते हो तो आ जाना, क्योंकि मुझे बाजार जाना है। अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है, में आ जाऊंगा और फिर में अपने काम पर चला गया। दो दिनों से मेरा किसी भी काम में मन ही नहीं लग रहा था। मुझे बार बार भाभी का ही ख्याल आ रहा था, क्योंकि भाभी थी ही ऐसी चीज़ जो किसी को भी पागल कर सकती है। फिर में शाम को जल्दी अपने घर आ गया और फ्रेश होकर में भाभी के पास जा पहुंचा। भाभी ने मुझसे पूछा कि तुम कब आए? तो मैंने कहा कि में अभी ही आया हूँ क्यों आपको बाजार जाना है ना? तो भाभी ने कहा कि हाँ बस आप 15 मिनट बैठो में अभी तैयार होकर आती हूँ। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर भाभी तैयार होने दूसरे कमरे में चली गये।

 में भी उठकर भाभी के कमरे के अंदर झांकने की कोशिश करने लगा। दरवाजे के छेद से मैंने भाभी को उनकी साड़ी उतारते हुए देखा और उसके बाद भाभी ने अपना ब्लाउज उतार दिया। दोस्तों वो क्या मस्त द्रश्य था, में आप लोगो को किसी भी शब्दों में बता नहीं सकता कि भाभी के बड़े बड़े बूब्स उनकी ब्रा में केद होकर ऐसे लग रहे थे कि अभी वो उनकी उस ब्रा को फाड़कर बाहर आ जायेंगे। उनको भाभी ने जबरदस्ती उसमे ठूंस रखा था, जिसको देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था। अब मेरा मन तो कर रहा था कि में अभी जाकर भाभी को अपनी बाहों में ले लूँ और उनको चूम लूँ। उनके बूब्स के साथ खेलूं, लेकिन में मजबूर था। फिर भाभी ने नीले रंग का ब्लाउज पहना और उसी रंग की साड़ी पहनी वो क्या मस्त कयामत लग रही थी और अब मैंने देखा कि भाभी बाहर आ रही है तो में हड़बड़ा गया और जल्दीबाजी में दरवाजे से लगा वो स्टूल नीचे गिर गया उसकी बहुत तेज आवाज हुई थी। अब में डर गया कि आज मेरी यह चोरी पकड़ी गई और अगर भाभी ने मेरी इस हरकत को भैया को बता दिया तो मेरा क्या हाल होगा? भाभी वो आवाज़ सुनकर जल्दी से बाहर आई और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ यह कैसी आवाज थी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, में डर गया मैंने सोचा कि शायद आज मेरी चोरी पकड़ी गई मुझे बहुत डर लग रहा था, लेकिन भाभी ने मुझसे कुछ नहीं कहा और वो मेरी तरफ मुस्कुराने लगी। फिर उसके बाद में और भाभी कार से बाज़ार आ गए और भाभी ने कुछ जरूरी सामान खरीद लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि चलो अब हम आगे चलते है, मुझे और भी सामान लेना है, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और मैंने अपनी कार को स्टार्ट कर दिया। हम आगे बढ़े थोड़ी आगे आने के बाद भाभी ने कहा कि कार को साइड में कर लो, मुझे यहीं से सामान लेना है।

फिर मैंने अपनी कार को उनके कहने पर तुरंत रोककर एक तरफ लगा दिया। अब भाभी ने मुझसे कहा कि चलो और में भाभी के साथ चल पड़ा भाभी एक लेडिस दुकान में गई और में उसके बाहर ही रुककर खड़ा हो गया। तब भाभी ने मुझसे कहा कि तुम भी अंदर चलो और में भी भाभी के साथ उस दुकान में चला गया। तब मैंने देखा कि वहां पर से भाभी ने एक सेक्सी मेक्सी ली और कुछ हॉट अंडरगार्मेंट्स जिन्हे देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था और भाभी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और अब मेरी हालत तो बहुत खराब हो रही थी। फिर हम दोनों वापस घर आ गए तभी भैया का फोन आ गया तब भाभी ने उनसे फोन पर कहा कि मुझे कल रात को घर पर अकेले में बहुत डर लग रहा था बताओ अब में क्या करूं? भैया ने कहा कि तुम चाहो तो रोहित को हमारे घर पर ही सुला लेना और बहुत देर तक बातें होने के बाद भाभी ने फोन बंद किया। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हे आज से यहीं पर मेरे साथ सोना है, क्योंकि मुझे रात को अकेले सोने में बहुत डर लगता है। दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुस्कुराने लगी, लेकिन में अभी तक उनकी मुस्कुराहट का वो राज नहीं समझ सका था, जिसको में बाद में धीरे धीरे बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था। दोस्तों ये कहानी आप GandiKhaniya डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
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अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है भाभी और रात को हम दोनों ने खाना खाया और उसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे। फिर करीब 11 बजे तक हमने साथ में बैठकर टीवी देखी और उसके बाद मैंने उनसे कहा कि अब में सोने जा रहा हूँ तो भाभी ने टीवी को बंद कर दिया और में हॉल में ही सोफे पर सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन दोस्तों सच कहूँ तो मुझे भाभी का वो मुस्कुराने का अंदाज़ सोच सोचकर नींद ही नहीं आ रही थी और रात के एक बजे के आसपास भाभी हॉल में आई तो में भाभी को देखता ही रह गया, क्योंकि भाभी ने उस समय वो नई वाली मेक्सी पहन रखी थी जो बहुत ही सेक्सी थी, उसमें से भाभी के बूब्स मुझे साफ साफ नज़र आ रहे थे। अब भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे डर लग रहा है, तुम मेरे कमरे में मेरे पास सो जाओ। फिर उनके मुहं से वो बात सुनकर मेरे मन में एक आनंद की लहर दौड़ने लगी और मैंने मन ही मन सोचा कि शायद भगवान को मुझ पर अब बहुत तरस आ गया है, इसलिए वो धीरे धीरे मेरे एक एक काम वो खुद आगे बढ़कर करवा रहा है और अब में बहुत खुश होकर भाभी के साथ उनके कमरे में चला गया। फिर में और भाभी दोनों ही उनके बेड पर लेट गए और बातें करने लगे फिर हम सो गये और करीब तीन बजे मैंने महसूस किया कि कोई हाथ है जो मेरे लंड को छू रहा है। में तुरंत समझ गया और में सोने का नाटक करने लगा। मेरा लंड तनकर कुतुब मीनार की तरह हो गया था और में मन ही मन इतना खुश हो गया था कि जैसे कि मुझे आज कुबेर का खजाना मिल गया था। में देखना चाहता था कि भाभी अब इसके आगे क्या करती है इसलिए में चुप रहा।

फिर मैंने महसूस किया कि भाभी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही है और दूसरे हाथ से अपनी चूत को सहला रही है। में तो पागल हो गया था और मेरा मन तो कर रहा था कि भाभी को पकड़कर तुरंत ही उनकी चुदाई कर दूँ। मैंने सोचा कि भाभी ही आगे बढ़ रही है तो में भी चुप ही रहूँ। फिर भाभी ने अब मेरे लंड से खेलना शुरू कर दिया और अब अपने एक हाथ से उन्होंने अपनी ही चूत को भी सहलाना शुरू कर दिया और उसके भाभी धीरे से मेरे पैरों की तरफ बढ़ी और फिर वो मेरा लंड को अपने मुहं में लेकर उसको सक करने लगी, जिसकी वजह से अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और इसलिए मैंने जागने का नाटक किया। फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी यह आप क्या कर रही है? यह सब अच्छी बात नहीं है, लेकिन तभी भाभी ने मुझसे बिना कुछ बोले मुझे अपनी छाती से लगा लिया और कहा कि रोहित में तुम से कई बार अपने सपनों में चुदाई करवा चुकी हूँ, लेकिन तुम मुझे आज सच में अच्छी तरह से रगड़कर चोद दो और मुझे अपना बना लो। में कब से इस दिन का इंतजार कर रही थी। अब मैंने उनसे कहा कि भाभी यह सब बहुत ग़लत होगा और इसके बारे में अगर भैया को पता चल गया तो क्या होगा? हमारे सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी, तब हम क्या करेंगे? तो भाभी ने कहा कि वो सब नहीं होगा तुम्हे इतना आगे सोचने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हे हमारे इस काम के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा, तुम तो बस में तुमसे जैसा कहूँ वैसा करते चले जाओ। दोस्तों आज तो मेरे मन की हर एक मुराद पूरी हो गई थी, क्योंकि वो खुद आगे होकर मुझसे अपनी चुदाई के लिए कह रही थी, जिस काम को में भी बहुत समय से करना चाहता था और इसलिए में अब कहाँ पीछे रहने वाला था? मैंने तुरंत भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और मैंने भाभी के होंठो से अपने होंठ लगा दिए और में उन्हे चूसने लगा। उनके पूरे जिस्म पर हाथ घुमाने लगा।
फिर थोड़ी ही देर के बाद मुझे महसूस होने लगा कि भाभी अब गरम होने लगी थी और उन्होंने मेरे लोवर को भी उतार दिया था। उसके बाद बनियान को भी उतार फेंका, जिसकी वजह से अब में भाभी के सामने बिल्कुल नंगा था। मैंने उनको कहा कि भाभी तुम मेरे कपड़े उतार रही हो और तुम खुद तो अब तक कपड़े पहने हो। तब भाभी ने मुझसे कहा कि तुम्हे किसने रोका है तुम खुद ही उतार दो? उनका यह जवाब सुनकर मैंने जल्दी से आगे बढ़कर सबसे पहले भाभी की मेक्सी को उसके बाद ब्रा को और फिर पेंटी को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब भाभी और में एकदम नंगे थे और में उनका वो गोरा सेक्सी जिस्म देखकर बिल्कुल पागल हो गया था और अब में किसी भूखे शेर की तरह भाभी के बूब्स को चूसने लगा और अपने एक हाथ से भाभी के निप्पल से खेल भी रहा था और उनका रस निचोड़ रहा था, जिसकी वजह से भाभी बहुत गरम हो रही थी और भाभी भी अपने एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी। फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी की गरम चिकनी चूत पर रख दिया और में चूत को सहलाने लगा। फिर मैंने महसूस किया कि भाभी की चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और उनके मुहं से उफूफ़्फफ्फ़ आह्ह्हह्ह की आवाज़े आ रही थी, जिसको सुनकर में और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था।
अब भाभी की साँसे गरम हो रही थी वो बिल्कुल मदहोश होने लगी थी।

फिर तभी भाभी ने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया, वाह क्या मस्त तरीके से वो मेरा लंड चूस रही थी, जिसकी वजह से भी मदहोश हो चुका था। मैंने भाभी से कहा कि भाभी मुझे भी अब आपकी चूत का रस पीना है। फिर भाभी ने कहा कि हाँ ठीक है चूस लो, वैसे भी यह आज से तुम्हारी ही है और फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये। में भाभी की चूत को चाट रहा था और वो मेरा लंड, जिसकी वजह से भाभी बड़ी ही मदहोश हो चुकी थी। वो बहुत जोश में थी। में अब भाभी की चूत में अपनी जीभ को डालकर अंदर बाहर कर रहा था, जिसकी वजह से भैया ऊफफफफफ्फ़ में मर गई और ज़ोर से रोहित मेरी जान आहहहहहहह में मर गई रे आईईईईईईईइ कह रही थी। इन कामों के बीच मैंने महसूस किया कि भाभी दो बार झड़ चुकी थी और में था कि अब तक झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। तुम यह लंड प्लीज जल्दी से मेरी चूत में डाल दो, नहीं तो में पागल हो जाउंगी और भाभी ने कहा कि प्लीज तुम तेल की बोतल ले आना, तुम्हारा लंड उनसे ज्यादा बड़ा है, में इसका दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकती और इसको पहले तेल लगाकर चिकना कर लो। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों भाभी भैया के लंड का क्या आकार है? तो भाभी ने कहा कि उनका तो बस चार इंच का है और उनका तुम्हारे लंड से पतला भी है।
अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश खुश हो गया और मैंने उनसे कहा कि तेल की ज़रूरत नहीं है, में बहुत धीरे से ही करूंगा और भाभी ने कहा कि ठीक है जैसा तुम ठीक समझो, कर लो, लेकिन प्लीज अब जल्दी करो में भाभी के ऊपर आ गया और भाभी के बूब्स को मसलने लगा और पीने लगा। भाभी भी पागल हुई जा रही थी और आवाज़ निकाल रही थी अहहहहह मेरी जान जल्दी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा। में भी तैयार होकर भाभी की जाँघो के बीच आ गया और भाभी की चूत बिल्कुल साफ थी। फिर मैंने भाभी की गांड के नीचे तकिया लगा, दिया जिससे कि भाभी की चूत ऊपर आ गई और मेरे लंड को चुदाई का न्योता देने लगी, मैंने जैसे ही लंड को भाभी की चूत के मुहं पर सटाया तो भाभी बोल पड़ी कि जल्दी रोहित जल्दी करो।
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अब मैंने पहले लंड से भाभी की चूत को रगड़ा और फिर एक ही झटके में मैंने अपना पूरा लंड भाभी की चूत में डाल दिया। भाभी चिल्ला पड़ी आह्ह्ह्हहहह ऊईईइईईई माँ मर गई, यह तुमने क्या किया, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, बाहर निकालो प्लीज। फिर मैंने कहा कि भाभी बस दो मिनट में सब कुछ ठीक हो जाएगा आप थोड़ी शांति रखो और में भाभी को धीरे धीरे धक्के लगाने लगा, जिसकी वजह से अब भाभी को भी अब मज़ा आने लगा था और वो अपने मुहं से अहहहह उफुफ्फुफफुफ़्फुऊऊ की आवाज़े निकाल रही थी। में भाभी को लगातार धक्के लगाता जा रहा था, लेकिन कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा कि में अब झड़ने वाली हूँ। मैंने कहा अभी मेरा इरादा नहीं है, में भाभी को 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा और इस बीच भाभी दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी माल बाहर आने वाला था, इसलिए मैंने भाभी से कहा कि भाभी में भी अब झड़ने वाला हूँ। फिर भाभी ने कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही झड़ जाओ और में झड़ गया। मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराईयों में डाल दिया। में अब थक चुका था, इसलिए में उसी तरह भाभी के ऊपर लेटा रहा और करीब दस मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे, भाभी मुझसे बिल्कुल चिपकी हुई थी और में भाभी के निप्पल से खेल रहा था। फिर जब हम उठे तो टाइम देखा 4:45 हो चुके थे। हम दोनों एक साथ ही साथ उठकर बाथरूम गये और भाभी मेरे सामने ही पेशाब करने लगी तब मैंने देखा कि उनकी चूत से पहले ढेर सारा वीर्य निकला उसके बाद मूत बाहर आ गया और भाभी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित तुम मेरी चूत को चाटो और में भाभी के कहने पर उनकी गीली चूत को चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी। फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और हमने फिर से सेक्स के मज़े लिए, लेकिन इस बार में भाभी को पूरे 35 मिनट तक चोदता रहा और भाभी तीन बार झड़ चुकी थी। अब में भी झड़ने ही वाला था और फिर मेरा भी वीर्य कुछ धक्कों के बाद निकल गया। दोस्तों मेरे भैया दस दिनों के लिए बाहर गये थे, इसलिए पूरे सात दिनों तक मैंने और भाभी बहुत जमकर चुदाई का मज़ा लेते रहे और फिर भैया भी आ गये जिसके बाद हमारी चुदाई का वो सिलसिला अब बंद हो गया और उसके बाद मुझे और भाभी को कोई भी ऐसा मौका नहीं मिला जिसका हम फायदा उठाकर चुदाई का मज़ा ले सके ।।
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अमृतसर में सेक्स का असली मज़ा - By MASTRAM

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हैल्लो दोस्तों,

में गौरव एक बार फिर से आप सभी ahindisexstories.com के चाहने वालों के लिए अपनी एक नई कहानी को लेकर आया हूँ। यह कहानी भी मेरी पिछली कहानियों की तरह बिल्कुल सच्ची है। दोस्तों मैंने अब तक बहुत सारी लड़कियों की चूत मारी है और में बहुत किस्मत वाला हूँ कि मुझे इतनी सारी चूत को चोदने का मौका मिला, क्योंकि यह ऐसा मौका हर किस को नहीं मिलता। दोस्तों मैंने इतनी सारी लड़कियों को चोदा है कि में उन सभी की कहानी को एक साथ नहीं लिख सकता, लेकिन उनकी कहानियाँ में जरुर लिख देता हूँ जिनकी चूत मारने और चुदाई करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आता है और उनकी कहानियाँ में लिखकर आप सभी को यहाँ पर सुनाता हूँ। दोस्तों मुझे उम्मीद है कि मेरी पिछली कहानियों की तरह यह मेरी आज की कहानी भी सभी पढ़ने वालों को जरुर अच्छी लगेगी। दोस्तों में कंप्यूटर हार्डवेर का काम भी पूरी तरह से जानता हूँ और बहुत सी लड़कियों को में उनके घर पर जाकर उनका कंप्यूटर ठीक करने के बहाने से उनकी चुदाई कर चुका हूँ। अगर किसी अमृतसर की लड़की को मुझे अपने सेक्स से जुड़ी किसी भी समस्या को बताना हो तो वो मुझसे बात कर सकती है और अब दोस्तों आज की कहानी को पढ़कर उसके मज़े लीजिए।

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दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है जब हम अमृतसर में जिस मकान में रहते थे, उसके पास वाला मकान बहुत अरसे से खाली पड़ा हुआ था और हर वो हमेशा बंद ही रहता था। एक दिन मैंने देखा कि उस मकान का ताला खुला हुआ है और उसमे एक नये कराएदार आ गये थे, लेकिन वो एक दिन उस मकान की साफ सफाई करके करीब दूसरे या तीसरे दिन उसमे रहने आए। हमारे नये पड़ोस वाले घर से एक बूढ़ी औरत पहली बार उस दिन हमारे घर आई और वो मेरी मम्मी के साथ बहुत देर तक बैठी रही उनसे बातें करती रही तो मेरी मम्मी ने मुझे बताया कि यह हमारे नये पड़ोसी है और उनकी चार बेटियाँ है और उनका लड़कियों के पापा पहले जलंधर की किसी प्राइवेट फर्म में काम करते थे और अब उसका तबादला अमृतसर में हो गया है, इसलिए वो यहाँ पर रहने आए है और वो सभी लोग बहुत शरीफ लोग है और वो बहुत पढ़े लिखे भी है और उन्होंने मेरी मम्मी को अपने घर पर आने के लिए कहा करीब चार पांच दिन के बाद मेरी मम्मी ने मुझसे कहा कि चलो हम अपने नये पड़ोसियों के घर चलते है। तो में भी उनके साथ हो लिया और मेरी मम्मी ने दरवाजे पर लगी घंटी को बजा दिया, तब मैंने देखा कि एक बहुत ही सुंदर लड़की ने आकर दरवाज़ा खोल दिया, जिसकी उम्र करीब 18- 20 साल होगी। फिर हम दोनों घर के अंदर चले गये और उन लड़कियों की माँ ने हम दोनों की बहुत अच्छी तरह से पूरी खातिरदारी की और हम दोनों उनके बैठक वाले कमरे में कुर्सी पर बैथे हुए थे। फिर एक लड़की कुछ देर बाद हमारे लिए कोल्डड्रिंक्स लेकर आई और अब में उसको देखता ही रहा क्योंकि वो इतनी सुंदर थी कि में किसी भी शब्दों में लिखकर बता नहीं सकता, उसका सांवला रंग, सुंदर बड़ी आकार की आखें, पतला सा जिस्म और लंबे बाल जिनको देखकर में बड़ा चकित था।

फिर उसके बाद एक और लड़की आ गई, लेकिन वो तो उस पहले वाली लड़की से भी ज्यादा सुंदर थी। में तो उसकी सुंदरता को देखकर एकदम चकित होकर चकरा गया। मेरा पूरा ध्यान उनकी बातों से हटता जा रहा था और में किसी बहाने से छुपकर उन दोनों को देखने लगा था। दोस्तों में सिर्फ़ उनकी सुंदरता के बारे में बस इतना सा कहता हूँ कि अगर उनको देखने पर दस हज़ार का टिकट भी होता तो में सबसे पहला खरीददार होता। दोस्तों पता नहीं उन चारों बहनों को भगवान ने किस तरह अपना बहुत सारा समय निकालकर बहुत अच्छी तरह तराशकर बनाया था, लेकिन वो अपने चेहरे से बहुत शरीफ और शरम वाली लड़कियाँ लगती थी। में मन ही मन में सोचता था कि काश इससे मेरी शादी हो जाए और जब दूसरी वाली सामने आती तो में सोचता कि काश इससे मेरी शादी हो जाए। फिर पहली बार एक लड़की ने मुझे भैया कहकर पुकारा, तब मेरी मम्मी ने उनसे कहा कि यह गौरव है और यह बहुत शर्मीला लड़का है, मेरे बारे में बहुत कुछ कहा और कुछ देर बाद हम दोनों वापस अपने घर आ तो गये, लेकिन अब भी मुझे रह रहकर वो हसीन लम्हे याद आ रहे थे और मेरा मन बार बार चाह रहा था कि में अभी इसी समय उनके घर चला जाऊं और उनकी माँ से कहूँ कि आप मुझे अपने घर रख ले में आपके सभी काम कर दूंगा।

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फिर एक दिन में अपने घर पर बिल्कुल अकेला था और कुछ देर बाद हमारे पड़ोसी की एक लड़की ने दरवाजे पर एक दस्तक दी, मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो में बहुत हैरान रह गया और कुछ देर बाद मैंने उससे पूछा कि क्या बात है? तब वो मुझसे कहने लगी कि मेरी मम्मी कह रही है कि कल आप हमारे घर आ जाना, अब मैंने उससे पूछा कि आपका नाम क्या है? तो वो कहने लगी कि आरती। अब मैंने उससे कहा कि तुम्हारा बहुत अच्छा नाम है। उसके बाद मैंने उससे कहा कि तुम अंदर क्यों नहीं आती? तब उसने मुझसे पूछा क्या आपकी मम्मी घर में है? मैंने कहा कि नहीं, तब उसने मुझसे कहा तो फिर में अंदर नहीं आऊँगी और जब आपकी मम्मी घर पर होगी तब में आ जाऊँगी, वो मुझसे इतना कहकर मेरी तरफ मुस्कुराते हुए वापस अपने घर चली गई, लेकिन यह एक छोटी सी मुलाकात मुझे वो नशा दे गई जो शराब की दस बोतलों में भी नहीं होता, उससे मिलने देखने बातें करने के लिए मेरा मन हमेशा बड़ा ही बैचेन रहने लगा था। एक दिन में दोपहर के समय अपने कॉलेज के पास किसी काम से गुज़र रहा था तो मैंने वहाँ पर आरती को एक जगह पर खड़े हुए देखा। उसके बाद में खुश होता हुआ तुरंत ही उसके पास जा पहुंचा और फिर मैंने उससे कहा कि आरती तुम कहाँ क्यों खड़ी हो? तब वो भी मुझे देखकर बड़ी ही चकित हो गई और फिर उसने मुझसे कहा कि में यहाँ कॉलेज में पढ़ती हूँ। अब मैंने उससे कहा कि चलो में तुम्हे तुम्हारे घर पर छोड़ दूँ, तब वो मुझसे कहने लगी कि नहीं में खुद ही चली जाऊंगी। अब मैंने उससे कहा कि जब में भी वहाँ तक जा ही रहा हूँ तो तुम्हे मेरे साथ जाने में क्या समस्या है? और थोड़ी सी बहस करने पर वो मन गई और उसके बाद वो मेरे साथ मेरी मोटरसाईकिल पर बैठ गई और उसके बाद वो मुझसे कहने लगी कि मुझे बहुत शरम आ रही है, आप मुझे घर से थोड़ा दूर ही उतार देना, अगर किसी ने देख लिया तो मेरे लिए अच्छा नहीं होगा।

फिर मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, में तुम्हे तुम जहाँ कहोगी वहीं उतार दूंगा और कुछ देर बाद हमारा घर आने वाला था इसलिए मैंने उसको घर से थोड़ा सा पहले ही उतार दिया और उस बीच हम दोनों ने कोई भी बात नहीं की और गाड़ी को रोकने के बाद मैंने उससे कहा कि अब ठीक है ना? दोस्तों उसका मुझसे धन्यवाद करने का अंदाज़ उसकी अनोखी अदा से नज़र आ रहा था कि उसके चेहरे पर थोड़ी झिझक, थोड़ी मुस्कुराहट, थोड़ी सी शरम और पता नहीं क्या कुछ उसकी वही वो अदा थी जो मुझे उसका दीवाना बना गई। उसकी जैसी अदा मैंने आज तक किसी हिरोइन या दूसरी किसी लड़की में नहीं देखी थी। अब तो मैंने मन ही मन में खुश होकर पक्का इरादा कर लिया कि में आरती को अपना बनाकर ही रहूंगा और किस्मत की बात है कि में कुछ दिनों के बाद एक बार फिर से अपने कॉलेज के पास से गुज़र रहा था कि मेरी नज़र एक जगह पर आकर रुक गई और तब मैंने देखा कि आरती उस समय बस स्टॉप पर खड़ी हुई थी, इसलिए में उसको देखकर बहुत खुश हुआ और अब में एक बार फिर से उसकी तरफ लपका और बिना किसी झिझक के मैंने उसके पास जाकर उससे कहा कि हैल्लो आरती यहाँ क्यों खड़ी हो? तो वो कहने लगी कि आज हमारे कॉलेज की तरफ से पार्टी थी, में वहीं से आ रही हूँ और अब घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही हूँ।


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अब मैंने फिर से उससे कहा कि चलो में तुम्हे घर छोड़ दूँ उसने एक बार फिर से वही सब दोहराया और कहा कि में बस में बैठकर चली जाऊंगी। तो मैंने उससे कहा कि में तुम्हे तुम्हारे घर से दूरी पर छोड़ दूंगा तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बड़ी अजीब सी अदा से मुस्कुराई कि मेरा दिल पागल हो गया। उसके बाद वो मोटरसाइकल पर बैठ गई, लेकिन इस बार में सीधा घर नहीं गया मैंने कुछ देर बाद अपनी मोटरसाइकल को किसी और दिशा में मोड़ दिया, वो बैठी रही और उस समय मैंने उससे कई सवाल किए और वो मेरे हर एक सवाल का सही सही जवाब देती रही। फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि आरती अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो मुझे इस समय बहुत तेज भूख लग रही है, इसलिए अगर तुम मुझे अपनी तरफ से इजाज़त दो तो में थोड़ा सा कुछ खा लूँ? उसने थोड़ी देर रुककर जवाब दिया कि हाँ ठीक है, लेकिन मुझे देर हो जाएगी। फिर मैंने उससे कहा कि बस पांच दस मिनट का समय लगेगा और फिर हम दोनों अच्छे से रेस्टोरेंट में चले गये। उसके बाद मैंने उससे कहा कि तुम यहाँ पर बैठ जाओ में हमारे लिए दो सॅंडविच लेकर अभी आता हूँ। अब वो मुझसे कहने लगी कि नहीं, में नहीं खाऊँगी, लेकिन फिर मैंने उससे आग्रह किया तो वो मान गई और फिर हम दोनों एक ही टेबल पर एक दूसरे के आमने सामने बैठ गये और आरती थी कि बैठे हुए शरमाये जा रही थी इसलिए मैंने उससे कहा कि तुम चिंता मत करो, लेकिन हमारी सोसाइटी में कुँवारी लड़की का ऐसा करना एक स्वभाविक बात है। फिर भी मैंने उससे उसका ध्यान हटाने के लिए उससे कुछ सवाल किए जैसे आप कितने बहन, भाई है? आप लोग कहाँ से आए है और भी बहुत सारी बातें उससे पूछी। फिर वो अपनी झुकी झुकी नज़रों से कहने लगी कि हम तो बहुत गरीब लोग है और फिर मैंने उससे कहा कि काश मेरी किसी अच्छी लड़की से शादी हो जाए और मैंने कहा कि में अपनी पत्नी को बहुत प्यार करूँगा और में उसको दुनियां के हर एक सुख दूंगा चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना क्यों ना पड़े। दोस्तों ये कहानी आप ahindisexstories.com पर पड़ रहे है।

अब वो मुझसे कहने लगी कि गौरव आप एक बहुत अच्छे इंसान है और में ऊपर वाले से दुआ करूंगी कि आपको एक अच्छी लड़की ही मिलेगी। फिर मैंने उससे कहा कि अच्छे इंसानों की इस दुनिया में अक्सर बुरे ही लोग मिलते है और में इस बात से हमेशा बहुत डरता हूँ। तो उसने मुझसे कहा कि आप इतना ना डरा करो आपके साथ ऐसा कुछ बुरा नहीं होगा। अब मैंने उससे कहा कि में तलाश में हूँ कि मुझे एक बहुत अच्छा जीवन साथी मिल जाए जिसके साथ में अपना पूरा जीवन बिता दूँ और हम दोनों हमेशा हंसी ख़ुशी रहे। दोस्तों वो हम दोनों की इतनी अच्छी मुलाक़ात थी कि में बता नहीं सकता उसके बाद हम दोनों वापस अपने अपने घर पहुंच गए। फिर दूसरे दिन आरती हमारे घर आई और वो मुझे देखकर एक बार फिर से एक सुंदर अदा दिखाकर चली गई, एक दिन में घर में बिल्कुल अकेला बैठा हुआ था कि कुछ देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई और मैंने जब उठकर दरवाज़ा खोला तो देखा कि उस समय मेरे सामने आरती खड़ी हुई थी और अब वो खुद ही अंदर चली गई, लेकिन उसको यह पता नहीं था कि उस समय मेरी मम्मी घर में है या नहीं और जब वो हमारे बैठक वाले कमरे में पहुंची। फिर उसने मुझसे पूछा कि आंटी कहाँ हैं? मैंने कहा कि वो अभी दस मिनट में आ रही है, वो किसी काम से पास वाले बाज़ार में गई है। वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अब बैठ गई और मुझसे नहीं रहा जा रहा था। जब एक बहुत ही सुंदर लड़की जो अपनी सुदंर अदा और जवानी का जलवा दिखाए तो भला कौन ज्यादा देर रह सकता है? अब में अचानक से उसके क़रीब आकर बैठ गया और उसी समय मैंने उससे कह दिया कि आरती में तुमसे शादी करना चाहता हूँ।

फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज आप मुझसे ऐसी बातें ना करे वरना में उठकर अभी इस समय चली जाती हूँ, मैंने उससे कहा कि आरती ऐसा मौका हमे कभी नहीं मिलेगा। में तुमसे वादा करता हूँ कि में तुम्हारा बनूँगा में तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। फिर उसने मुझसे कहा कि आज कल कौन किसी का बनता है? मैंने कहा कि आरती तुम अगर चाहो तो मुझे आज़मा कर देख लो और इतना कहते हुए मैंने तुरंत ही उसके सुंदर बूब्स को अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर में उसका हसीन चेहरा चूमने लगा। वो अपने आप को मुझसे छुड़वाने की कोशिश करती रही, लेकिन में अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया और में उसके कातिल जिस्म पर बहुत अच्छे तरीक़े से अपने हाथ को फेरता ही जा रहा था।

दोस्तों वो लड़की जो कुछ देर पहले तक अपने आपको मुझसे छुड़वाने की कोशिश कर रही थी। अब वो धीरे धीरे ढीली पड़ गई और मैंने उससे कहा कि आरती में जो कह रहा हूँ वो करूंगा और में ही तुम्हे अपनाऊंगा इतना कहते हुए मैंने अपना हाथ उसके सूट के गले से अंदर डालकर उसके बूब्स तक ले गया तो मैंने देखा कि वो बहुत घबरा रही थी, लेकिन वो कुछ भी कर नहीं सकती थी। मैंने उसके पैरों पर हाथ फेरा और कुछ देर बाद सही मौका देखकर उसकी सलवार में अपने एक हाथ को डालकर में अब उसकी चूत तक अपने हाथ को ले गया, कुछ देर उसकी चिकनी चूत को सहलाकर महसूस करने के बाद मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया। अब वो मुझे अपनी बड़ी ही अजीब नज़रों से देख रही थी और वो अब तक बहुत नरम गरम हो चुकी थी मैंने अपनी उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाना शुरू कर दिया। दोस्तों मैंने अब महसूस किया कि शायद वो उसकी ज़िंदगी में पहली बार इस मज़े की बुलंदियों को छू रही थी, इसलिए वो इतना मधहोश हो चुकी थी और उस बात का मैंने पूरा पूरा फायदा उठाकर उसके नरम होंठो पर चूमना भी शुरू किया और अब महसूस किया कि वो बहुत कमज़ोर पड़ गई है और उसकी सारी ताक़त खत्म होकर रह गई वो जोश में आकर अपने होश खो बैठी थी। उसको याद भी ना रहा कि उस समय वो कहाँ है? में लगातार उसकी चूत में अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और फिर मैंने उससे कहा कि आरती में अब इसके आगे तुम्हारे साथ कोई भी गलत काम नहीं करूँगा, वो इसलिए क्योंकि में तुम्हे अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ। तुम अब बैशक अपने घर चली जाओ में तुम्हे नहीं रोकने वाला। फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर उठकर अपने कपड़े ठीक करके अपने सर पर दुपट्टा लेकर चली गई, लेकिन मैंने उसको जाने से नहीं रोका। एक दिन फिर दोबारा जब में अपने घर में अकेला था तो उसने आकर दरवाज़ा खटखटाया मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया जिसके बाद वो सीधी अंदर चली आई। उसके बाद वो मुझसे बोली कि मुझे पता था कि आज इस समय आपकी मम्मी घर में नहीं है और तुम घर में बिल्कुल अकेले हो। फिर में उसके मुहं से वो बात सुनकर एकदम चकित हो गया। तभी उसने मुझसे कहा कि में तुमसे यह बात पूछने आज यहाँ पर आई हूँ कि क्या तुम सही में मुझसे शादी करोगे और तुम मुझसे प्यार भी करोगे? मैंने उससे कहा कि अगर में तुमसे शादी ना करना चाहता तो उस दिन में तुम्हारे साथ कुछ और भी कर सकता था। में तुम्हे अपना कर रहूंगा और उसके बाद वो मेरे पास आकर खड़ी हो गई। वो एकदम चुप होकर अपनी नजरे नीचे झुकाए खड़ी रही।

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में अब समझ चुका था कि उसको आज उस दिन वाले मज़े को पूरा करना है, क्योंकि उसने वो मज़ा तो अभी सिर्फ़ थोड़ा सा चखा ही है और अब वो उसका पूरा मज़ा लेना चाह रही है, लेकिन अपने मुहं से वो उस बात को बोलना नहीं चाहती है। अब मुझे ऐसा लगा जैसे कि उसने अपने पूरे जिस्म को मेरे हवाले कर दिया था, इसलिए में उसको अपने साथ ऊपर वाले कमरे में लेकर चला गया और वो मेरे एक इशारे पर मेरे साथ साथ चलती चली गई। मैंने सोचा कि कह अगर मम्मी भी आ गई तो उनके पास घर की दूसरी चाबी है और वो अंदर आकर समझ जाएगी कि में कहीं बाहर गया हूँ। अब मैंने आरती के सुंदर चेहरे को अपने हाथों से पकड़ा और उसके बाद उसको चूमना शुरू किया और फिर धीरे धीरे में अपने हाथों से उसके शरीर को सहलाने लगा। वो रुई की तरह नाजुक मुलायम थी और आज वो मेरे हवाले होने आई थी और वो मुझसे अपनी ज़िंदगी का पहला मज़ा लेने आई थी, इसलिए वो चुपचाप मेरे साथ उसका मज़ा लेने लगी जो भी में उसके साथ कर रहा और भला में उसको कैसे मायूस कर सकता था। अब उस पर भी उस मज़े का प्रहार हो चुका था।

फिर मैंने पहले उसके कपड़े उतारे और उसके बाद अपने होंठो को उसके कुंवारे जिस्म पर फेरने लगा, जिसकी वजह से वो बड़ी मस्त हो रही थी जैसे वो जन्म जन्म की प्यास हो क्योंकि वो आज मेरे साथ अपनी प्यास बुझाने ही आई थी। फिर जैसे ही कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ को रखा तो वो एकदम से तड़प गई और उस मीठे मज़े को वो पूरी तरह से महसूस कर रही थी। उसको दुनिया का होश नहीं था और अब उसको इतना मज़ा आ रहा था कि उसके मुहं से अब आह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकल रही थी, उसको कुछ भी पता नहीं था और वो बहुत मस्त अंदाज़ में मज़े ले रही थी, क्योंकि वो आज पहली बार किसी को अपना सब कुछ देने आई थी। फिर जब कुछ देर मैंने उसकी रोने वाली हालत देखी तो मैंने तुरंत ही बिना देर किए अपना गरम गरम लंड उसकी चूत में अब डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरा लंड उसकी चूत के अंदर नहीं जा रहा था क्योंकि वो उसकी पहली चुदाई थी और उसकी चूत कुंवारी होने की वजह से बहुत टाइट थी, लेकिन दोस्तों मुझे अब इतना मस्त मज़ा आ रहा था कि में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता। अब मैंने उसके होंठो पर किस करते हुए धीरे धीरे अपना पूरा लंड उसकी छोटी सी चूत में पूरा अंदर डाल दिया। वो अब उस दर्द की वजह से तड़प रही थी और में उस हुस्न की शहज़ादी के मज़े ले रहा था। वो अब मुझसे अपनी कुँवारी चूत को तेज धक्को से चुदवा रही थी। में उसके दर्द को देखे बिना ही लगातार तेज तेज धक्के देखकर चुदाई करता रहा और उसी समय मैंने देखा कि अब उसकी चूत से खून भी बह रहा था, लेकिन मैंने उसकी कोई भी परवाह नहीं की इस तरह जैसे एक कसाई किसी बकरे को काटते समय उसके दर्द की बिल्कुल भी परवाह नहीं करता वैसे ही में उसके साथ वो काम कर रहा था।

दोस्तों कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब उससे बोला भी नहीं जा रहा था। उसको बस सेक्स की ही ज़ुबान आ रही थी वो आह्ह्ह्ह ऊफफ्फ्फ्फ़ गौरव मुझे आज तुम मार डालो में मर ही जाऊंगी आह्ह्हह्ह ऊईईईइ गौरव जानू अब बस करो उह्ह्ह्ह बस करो में अब मर ही जाऊंगी। फिर मैंने अपना लंड जो कि उसकी चूत के पानी से बहुत गीला हो चुका था चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और धक्के मारने लगा। उसको खांसी आ रही थी, क्योंकि मेरा मज़बूत लंड उसके हलक तक जा रहा था। में सोच भी नहीं सकता था कि में बेखुदी में ऐसा भी कर सकता हूँ। फिर में कुछ देर बाद उसके मुहं में ही झड़ गया और मेरा वीर्य उसके मुहं से गिरने लगा। वो अब पूरी तरह से निढाल हो चुकी थी वो आज मेरे साथ अपनी जवानी का पूरा मज़ा ले चुकी थी। उसने फिर मेरे लंड को अपने मुहं में डाल लिया और अब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटने लगी। वो अंदर ही अंदर से बहुत खुश थी क्योंकि आज उसकी प्यास पूरी तरह से बुझ चुकी थी और उसका मज़ा पूरा हो चुका था। फिर एकदम से उठकर वो वॉशरूम में चली गई और अपने आपको ठीक करके वो कुछ देर बाद वापस बाहर चली आई। उसके बाद वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराती हुई अपने घर चली गई। दोस्तों में सच में आरती को नहीं भुला सकता ।।

धन्यवाद …

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Thursday 7 September 2017

Makan Malik ki Bahu ki Chudai-मकान मालिक की बहू की चुदाई

Makan Malik ki Bahu ki Chudai-


Hii mera namm yash h.. Mai etawah ka rhne wala ye kahani aaj se 4-5 saal purani h.. Jbb me 12me tha me ekk rent k makan pe rehta tha usmein mere alawa 2 budde jnki ek Ldke ki wife or uski do choti bacchia uske ldke ki wife ka figure bhtt mstt tha ekdm se kisi ka bhi lund usee dekh k khada ho jaii jbb me phli brr us makan me rhne gya to Me usee dekhta hi rh gya uska naam neelam tha me uske makan me upr rhta tha jbb bhi neelam niche kmm krti thi too me use upr se uske clevage me dekha krta tha or ye usee bhi accha lgta sham ko jbb wo upr aaya krti thii too me usee dekha krta tha or uske naam ka mutth mara krta tha ek din rtt me wo gamio k time pe chat prr so rhii thii to mene dekha rtt me uski maxii uprr tkkk uthi hui h… Wo rttt Me hmesha maxi hi phna krti thii jbb mene dekha uski maxi kamar tkk uprr h.. “Malik ki Bahu ki Chudai”

Uski thigh saff dikh rhii thii mera land 9inch ka khada hone lga me apne aap ko rok nhi paya or whii prr uske muh k pss muth marne lga or uske cehre pe apna mall gira k so gya subah jb me utha tb wo ja chuki thi agle dinn jbb wo samm ko aayi to wo mujhse kuch jada hi khul k btt kr rhii thi orr mujhse pucha tmm koi gf h.. Kya to mene kha app jesi mili nhi abhi tkk to wo khne lgii mujhme esa kya me to abb purani ho chuki huu too mene khaa purana saman jada mjbut hota h.. Orr phir wo mere or njdik aa gyii orr mere land pe dhire see hath rakh dia uska hath pdte hii mera phanfana k 9ka khada ho gya abb mujhe bhi josh aa gya or mee usee lipp kiss karne lgaa sathh me uske mummo bhi dbaa rha thaa esaa krte hua hmee 10-15min..

Jarur Padhen - 

Ho gye phir wo boli andr chlte h.. Uss makan me uprr roof pe ekk kamra tha jisme wo log apna saman rkhta the hmm uss kmee me gye orr usne mere shorts utar diye rtt me jadatar sirf shorts hi phnta huu andr kuch orr wo mere land se khelne lgiii mene bhi uski maxi utari orr phir uski bra panty woo caff wali bra phne thi jisse uske mumme or attractive  dikhe phir me uske mumme muhh me leke chusne lgaa thodi der bddd wo 69 ki position me aa gyii 5min esa krne k bdd wo boli abb mujhse rha nhi jata mujhe chod do or mujhe apni randi bna loo lekin me use tdpana chata thaa to mee uski chut pee 5min tkk land ese hii ragarta rhaa uske bdd wo mere samne gidgidane lgii plss mere chut me daloo to phir mene ekk shot mara pura josh k sath to wo boli dhire kroo mee 2 sal k chudi nhi qki uske pati ki tbiyt khrb rkti thi isliye per mene ekk naa suni orr me chodta rha karib 15min bdd mee jhdne wala ho gya to wo boli mere muhh mee nikalna apna mall or mee uske muh me jhdd gyaa tbb tk wo 4brr jhdd chuki thi phir hmm ese hi lett gye thodi der bdd mera dobara khads hone lga to isbrr mene usse kha me tmm gand maruga to wo mna krne lgi boli tmm bhtt bda or mota h.. “Malik ki Bahu ki Chudai

Jarur Padhen - 

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Thursday 19 February 2015

बीवी की सेक्सी बहेन - By MASTRAM

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बीवी की सेक्सी बहेन – Hindi Story
मेरा नाम रेहान हे और मैं आज काल लाहोर मैं आस आ गोवेर्नमंन्ट सर्वेंट ग्रेड 17 मैं सर्व कर रहा हूँ. मैं बोहट मैन्हाँती और लगूँ के साथ सरकारी कम करने वाला हूँ, सोतेली माँरी आगे ईस्वक़्त 27 एरर्स हे.लेकिन वक़्त के साथ साथ तोरा सा बदल गया हूँ. बचपन मैं मुझे फीमेल्स मैं कोई इंटेरेस्ट नही थी और अब भी आस सच नही, लेकिन इंसान बाइ नेचर बोहट कोरे होठा हे. मैं शादी शुदा हूँ और सोतेली माँरी शादी को ईस्वक़्त 1 एअर होगआय हैं. सोतेली माँरी वाइफ जो के सोतेली माँरी कज़िन (खाला की बेटी) हे बाइ नेचर बोहट वफ़ादार हे और मेरा बोहट खेाल रखने वाली हे. वो ईस्वक़्त प्रेग्नेंट हे और लाइक्ली कमिंग जन्वरी मैं बचा जान लेगी. मैं साब से बरा भाई हूँ और घर को लुक आफ्टर करने वाला, सोतेली माँरी वाइफ का नंबर बहाँून मैं 3र्ड हे. वाइफ की बारी दो बहाँैं (शगुफ्ता आगे 38 और सोफीया 36) डॉक्टर्स हैं और बोहट खेाल रखने वाली हैं. मेरे साथ दो इन्सिडेंट्स पेश आए जिन मैं से आज मैं आप का साथ सिर्फ़ ऐक शेयर करना चाहता हूँ, दूसरा आपकी पहले के पसंद के बाद सूनाओंगा, उमैइनेड हे के यह हक़ीक़ी स्टोरी आपको पसंद आएगी.
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जेसा क मैं आपको पहले बता चुका हूँ का सोतेली माँरी वाइफ सोतेली माँरी कज़िन हे और बचपन से हमारा आना जाना था और हे. ये कहानी जो मैं अब डिस्क्राइब करने लगा हूँ, का तालूक़ दूसरी डॉक्टर बेहाँ से हे जिसका नाम ‘सोबिया’ हे, जो आब 3 बचून की मा हे. इस वक़ीये की िबतिडा उस वक़्त हुई जब मैं क्लास 7त मैं था ई.ए. 1997, और सोबिया बाजी ने पहला बेटा जाना था, वो आपने मैके आए हुई थी, और मैं भी इतिफ़ाक़ से सर्दियूं की च्छुटियूं मैं उनके घर गया हुआ था. सुबा के वक़्त जब तकरीबन 11 बजे वो आपने बचे को दूध दे रही थी और मैं कमरे मैं इतिफ़ाक़ से दाखिल हुआ तो सोतेली माँरी नज़र क़ुद्रातीटोर पर उनके ब्रेस्ट पर पारी, और उस वक़्त वो आपने बचे को ज़बरदस्ती दूध पिलाना चाह रही थी, लेकिन बचा मूऊ मैं उनका निपल नही ले रहा था, मैं जब कमरे मैं दाखिल हुआ तो वो आपने बचे के साथ मसरूफ़ थी और सोतेली माँरी तरफ कोई दहाँ नही दे रही थी, मैं कमरे मैं दाखिल होने क बाद उनके सामने बेता और ये मामला देखने लगा. कुछ देर बाद बचे ना निपल मूऊ मैं लिया और दूध पीना शुरू किया. उन्हूँ ने मुझे देखा तो शरमाते हुआी हल्की सी स्माइल दी, लेकिन उन्हूँे आपने ब्रेस्ट नही छुपाया और वो मेरे साथ बताईं करने लगी. दूध पीते हुआी बचा कभी निपल मूऊ से निकाल लेता और फिर वो दोबाराह बचे के मूऊ मैं डाल देती. मैं छ्होटा ज़र्रोर था लेकिन ये सूब कुछ देख कर मेरा उस्वाक़्त छ्होटा सा लंड खरा हुआ और मेरा दिल किया के मैं भी ये गरम गरम दूध पीलून,

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लेकिन मुझ मैं इतनी जुरत नही थी, उस्वाक़्त वो भी यंग थी और हार्ड्ली 24 यियर्ज़ ओल्ड थी, लेकिन उनके ब्रेस्ट काफ़ी सुफैइड और खूबसूरत 36द साइज़ का थे, स्पेशली उनका निपल कोई 1.25 इंच लोंग था और अरेवला का कलर भी काफ़ी डार्क था. उन्हूँ ने जाब सोतेली माँरी बेताबी को देखा तो निपल बचे के मूऊ से निकाल कर मुझ पर 3 सेकेंड्स के लिए स्प्रे किया, दूध सीधा मेरे हाथ (5 फुट के फ़ासले) पर गिरा और मुझे शरम आई. फिर मैं चला गिया लेकिन मैं ये इन्सिडेंट आज दिन ताक भुला ना पाया. शेआद उन्हूँ ने मुझाय बचा समझ कर किया, लेकिन इसका मेरे दिमघ पर नफी असर परा, और मैं दूध वाला ब्रेस्ट का शेदाई हुआ. सोतेली माँरी शादी का बाद वो हमारे घर आई और आपने 1 1/2 यियर्ज़ ओल्ड बचे को साथ लाई. इतफ़ाक़ से सोतेली माँरी वाइफ घर मैं नही थी और वो कोई फुकतीओं अटेंड करने गये थी.
बीवी की सेक्सी बहेन – Hindi Story
जब सोतेली माँरी साली सोबिया ने बेल बजाई तो मैं गाते खोलने गया और उनको सलाम करने का बाद अंडर ले आया. वो काफ़ी लंबा सफ़र कर के आई थाइन और काफ़ी ताकि हुई थाइन, उन्हूने सोतेली माँरी वाइफ का पोच्छा तो मैं ने उन्हाइन बताया क वो 4=5 घंटे तक आजाईगी. मैंने उनका लाइ खाना अरेंज किया और बाद मैं उंहीं रेस्ट का कहा. वो रेस्ट करने दुसरे बेडरूम मैं चली गयी. मेरे ज़हाँ मैं वो बात अब्बतक मोजूद थी, और उनका ये 3र्ड बचा भी शीरख़्वार था. मैं रूम के बहिर से विंडो से कर्टन्स के बीच देखता रहा के कब वो आपने बचे को दूध डैंगी. बाथरूम अटेंड करने के बाद उन्हूँ ने आपने बचे को गोध मैं लिया और दूध पिलाने लगी. इस दफ़ा वो काफ़ी मोहतत थाइन और उन्हूँ ने सिर पर दोपतता लिया था और आपना ब्रेस्ट च्छुपाया था. ये देख कर मुझे घुसा ज़रूर आया लेकिन मैं ने दूध पीने के लाइ ट्रिक्स सूचना शुरू क्ये. थोरी डरे बाद मैं कमरे मैं दाखिल हुआ और उनका, बचून का और उनके हज़्बेंड का बारे मैं पूच्छना शुरू किया, जिस पर वो काफ़ी खुश रहिएं और गपशप करने लगीएँ. मैं ने बचे की सेहत के बारे मैं पूचछा और बचे का चेहरा देखने की तमन्ना की, उन्हूँ ने कहा का थोरी डरे तक आपको दिखा देती हूँ. मैं बचे की तरफ देखने लगा जो क दोपतता का पेच्चे दूध पीरहा था, ऐक दो दफ़ा जब बचे का मूऊ से निपल स्लिप होठा तो वो दोपतता के अंडर च्छूप के से देख कर निपल दोबारा बचे के मूऊ मैं दायदेटें.

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ने आख़िर उनको बातून बातून मैं 13 यियर्ज़ पुराना इन्सिडेंट याद दिलाया और रिक्वेस्ट की के मैं आपका ब्रेस्ट देखना चाहता हूँ, शुरू मैं तो वो कंप्लीट शॉक हुईन और इनकार करने लगी, मैं भी बीच मैं बदनाम होने के डर से फँस गया, फिर मैं ने उनको बरा क्लियर्ली कहा के अगर आप मुझे आपना दूध नही पिलाएंगी तो मैं आपनी वाइफ को तलाक़ दयडुंगा, जिसपर वो परेशन हुएईँ और बारी मुश्किल से उन्हूँ ने अग्री किया, उन्हूँे बचे को साइड पर लिटाया और दुपटा हटा कर और ब्रेस्ट तोरा से एक्सपोज़ कर के कहाँे लगें बताओ क्या करना चाहते हू, मैं करीब आया और मज़े से सोबिया बाजी का दूध पीने लगा, दूध कुद्रती टूर पर काफ़ी मज़ेयडार, गरम और हाक़ेक़त मैं मैंठा था, दूध की क्वांटिटी भी काफ़ी ज़ियादा थी. जब मैं ने दूध पीना शुरू किया तो मेरे दिल मैं हलचल पेड़ा हुई, और आहीस्तगी के साथ मैं ने उनके क्लाइटॉरिस को हाथ लगाया, और ये हरकत शेउद उनको भी अच्छी लगी और उन्हूँ ने कुछ नही कहा और मैं स्लोली उनकी कूस तो इनसाइट करने लगा, जिस्मैन मुझे कामयाबी हुई. मैं ने इंटरकोर्स की रिक्वेस्ट की जिस पर शुरू मैं उन्हूँ ने इनकार किया, और मेरा तोरा सा ज़ोर ज़बरदस्ती करने से वो कुछ नही कर सकें, और आपना लंड उनकी बारी और मोटी पुसी मैं एंटर करने के बाद उन्हें चैन आया, और मैं आहेस्तगी, मज़े और चस्के के साथ उनको चोदने लगा, और अनफॉर्चुनेट्ली जोश की हालत मैं मैं यह भूल चुका था के मैं ने कॉंडम नही लगाया और ना ही उन्हूँ ने याद दिलाया, और जाब मेरा स्पर्म उन्मन एंटर हुआ तो मुझे एहसास हुआ के मैं ने ये क्या कार्डिया हे, लेकिन आब कुछ भी नही होसकता. और उन्हूँ ने मुघ से ये अग्री किया के वो सोतेली माँरी वाइफ को कुछ नही बताएगी और इस नयी बच्चे की पैदाइश की सूरत मैं मुझे और सोतेली माँरी वाइफ को गिफ्ट करायगी. मुझे सरमांदगी ज़रूर हे लेकिन मैं सोबिया बाजी का शूकर गुज़र हूँ के उन्हूँ ने सोतेली माँरी ये तमन्ना पोरी की.

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बीवी की सेक्सी बहेन – Hindi Story
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किरायेदार की लड़की शिखा – by MASTRAM

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किरायेदार की लड़की शिखा – Hindi Sexy Stories
मेरा नाम दीपक है . मैं पुंजब का रहाँे वाला हूँ .मेरा काड्द 5फ्ट 8 इंच है और रंग मेरा सांवला है . मैं एक अनेंप्लाय्ड इंजिनियर हूँ . मेरे घर के सामने वेल घर में 3 महीने पहले नये किरायेदार आए. उनकी एक लड़की और एक बेटा है . लड़की का नाम शिखा है . दिखने में वो बहुत ही सुंडर है , उसका रंग बहुत गोरा है . उसकी फिगर भी आसम है उसकी हाइट 5फ्ट 4इंच है. मैं उससे हर रोज़ देखता रहता रहता था और इशारे करता रहता था वो स्माइल कर देती थी कई बार , मुझे ऐसा लगना के मुझे प्यार हो गया है उसके साथ . वो कॉलेज में पर्हती है तो एक दिन जब वो कॉलेज के लिए निकली तो मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया . वो बस में चड़ गयइ और मैं उसके पीछे पीछे बिके पे उसके कॉलेज के पास पॉंच गया . बस उसके कॉलेज से कुछ पहले ही रुक्क गयी . वो बस से उत्तर गयइ और मेरी तरफ देखने लगगी और थोडा मुस्कुराइ और फिर चलने लगगी कॉलेज की और .
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मैं हिम्मत करके उसके पास पॉंच गया और उसको रोक लिया . मैने उससे कहा के मैं उससे लीके करता हूँ . उसने मेरी बात का जवाब नही दिया और कहाँे लगगी लोग देख रहे प्ल्स जाओ यहा से . मैने मोका देखा और कहा के मेरा नंबर लेलो मैं चला ज़ाऊगा और उससे कॉल करने का प्रॉमिस भी किया . उस दिन मैं वेट करता रहा लेकिन उसकी कॉल नही आई . रात को 11 बजे जब मैं सोने चला तो मेरे फोन पे एक मिस कॉल आई . मैने बॅक कॉल की तो आयेज से कोई जवाब नही आया . मैं समझ गया के ये सीखा की ही कॉल है . मैं बहुत खुश हो गया . मैने दुबारा फिर कॉल की इस बार उसने मेरे साथ बात की . हम दोनो ने उस दिन खूब बाटीएन की . बातों बातों में उसने बताया के उसका कोई बॉय फ्रेंड था पहले भी और उससे धोखा दे दिया . मैने उससे पर्पस किया लेकिन वो सोतेली माँ नही रही थी लेकिन कुछ दीनो बाद वो मेरी गर्ल फ्रेंड बन ने के लिए राज़ी हो गयी .धीरे धीरे हमे एक दूसरे के साथ बाटीएन करने की आदत हो गयइ एंड हम नॉटी बाटीएन भी करने लाग्गे .
एक दिन मुझे शिखा ने बताया के वो और उसके घर वेल पुंजब बाहर जा रहे हैं 2-3 दिन के लिए और हमारी बात नही होगी . मैने उसको कहा के वो ना जाए और कोई बहाना बनके रुक्क जाए , बहुत मुश्किल से वो सोतेली माँ गयी . उसने आपने घर वालों को कहा के उसके टेरमीनल एग्ज़ॅम्स है ज़रूरी है इस लिए वो नही जाना चाहती .
उसके घर वेल सोतेली माँ गये . वो एकेली रुक्क गयी . मैने सोतेली माँ ही सोतेली माँ उसके चोदने का प्लान बनाया हुआ था . कई बार मैं उसको चोदने के बारे में सोच के मार्तुरबटे कर लेता था . जिस दिन उसके घर वेल चले गये उस रात हू फोन पे नॉटी बाटीएन कर रहे थे . वो पूरा खुल के मेरा साथ दे रही थी . उसने पहले भी कई बार सेक्स किया हुआ था .
बातों बातों में उसने मुझे आपने पास आने के लिए बोला . रात के 12:30 बाज गये थे , मेरा भी बहुत दिल किया मिलने को सो मैं आपने घर की दीवार पार करके गली में आ गया . शिखा का घर पहली मंज़िल पे है मैं बाहर वाली दीवार पे चड़ गया . इस दीवार के साथ ही थोड़ी उचाई पे उनके बाथरूम की छत है मैं उसपे चड़ गया और फिर वहाँ से उनकी बाल्कनी में चला गया . मैने उससे अभी बताया नही था के मैं उसके घर में आ गया हूँ . मैने उसको फोने किया और कहा के बाल्कनी में आओ मैं तुम्हे देखना है और मैं चुप गया .

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बाल्कनी की लाइट बंद थी सो मैं दिखा नही उससे . जब वो बाहर आई तो मैने चुपके से उससे पीछे से बाहू में ले लिया . वो एक दूं से डर्र गयी . वो मुझे वाहा देख कर हैरान रह गयी . हम दोनो उनके रूम के अंडर चले गये .मैं उसके बेड पे बैठ गया और वो भी डरवाजे लॉक करके मेरे पास आ गयी . हम दोनो एक दूसरे के साथ बैठ के बाटीएन करने लाग्गे . बाटीएन करते करते मैने धीरे से उससे किस कर दिया उसके लोवर लिप्स पे . पता नि क्या हुआ वो मेरी तरफ पीठ करके बैठ गयइ और कहाँे लगी ये क्या कर दिया आपने .
मैं जानता था के वो नाराज़ नही है मुझसे . मैं बेड की कॉर्नर पे उसके पीछे बैठा हुआ था . मैने उसकी कमर पे हाथ फेरते हुए उसे ई लव योउ कहा और उसकी नेक पे किस की . उसने मुझे रोका नही .उसने ग्रीन कलर का टॉप पहाँा हुआ था और डार्क ब्राउन कलर का लोवर पिजामा . टॉप में उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी लाग्ग र्हे थे . अब हुम्म रोमॅंटिक बाटीएन करने लग गये . मैने उसे कहा के मैं उसके घर ही रहूँगा आज की रात और एक साथ सोने के पिए सोतेली माँा लिया .
हम बेड के कॉर्नर पर ही बैठे हुए थे अभी भी . मैने फिर से किस की शिखा को और मैं उसकी बॉडी को यहाँ वहाँ टच भी करने लग्गा . उसका भी कंट्रोल चुत रहा था आपने से . वो बहुत गरम हो चुकी थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी . हम दोनो की धड़कन तेज थी . मैने उसको लेता दिया और किस करते हुए उसकी पिजामा के उपर सर हाथ फेरने लग्गा . वो पूरी पागल हो र्ही थी .कुछ देर मैने लिप्स पे किस की फिर मैने उसका टॉप थोडा सा उपर किया और उसकी बेल्ली पे किस करने लग्गा . वो समझ गयइ थी के आज ज़रूर चूड़ेगी उसने मुझे 1 मिनिट रुकने के लिए कहा . डिल तो नही किया बुत मैं रुक्क गया . वो वॉशरूम चली गयी फॉर टाय्लेट थोड़ी देर में वापिस आ गयइ .
वो बाथरूम से वापिस आई तो मैं बेड पे लेता हुआ था . वो भी मेरे पास आ के लेट गयइ और मुझे हुगग करने लगगी . सीरियस्ली बहुत कस्स के हुगग कर रही थी एंड किस्सिंग भी . हम लेते हुए किस्सिंग करने लाग्गे . लेते हुए ही मैं उसके उपर आ गया और उसकी बेल्ली (स्टमक) पे किस करने लग्गा और लिकिंग (चाटना) भी करने लग्गा . धीरे धीरे मैने उसका टॉप और भी उपर कर दिया . उसकी ब्रा धीख रही थी मुझे अब ब्लॅक कलर की एंड बूब एक दूं पर्फेक्ट . मेरा जोश बहुत बरह गया था . किस कर ते करते मैं उपर आने लग्गा बूब्स की तरफ .

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एब्ब मैं बूब्स को प्रेस करते हुए शिखा को किस कर रहा था . वो भी पुर जोश के साथ मेरा साथ दे रही थी .किस करते करते मैने उसकी ब्रा खोल दी पीछे से और धीरे धीरे उसकी ब्रा उतार दी .शिखा के बूब्स अब एक दूं नंगे मेरे आखों के सामने थे . मैने बूब्स को प्रेस किया और आपने हाथों में पाकर कर चूसने लग्गा . मैने उसके टिट्स (चूंचियाँ) को आपने लिप्स और टंग के साथ खूब प्ले किया . शिखा कंट्रोल से बाहर हो रही थी . अब मैं उसकी बेल्ली पे किस्सिंग करते करते नीचे आने लग्गा . किस्सिंग करते करते मैने उसका लोवर नीचे खिसका दिया और उसकी वेरी लाइट ग्रीन कलर की पनटी मेरी आँखन के सामने थी . वो लेती हुई मेर तरफ देख रही थी और मैने उसकी चुत पे किस किया पनटी के बाहर ही . वो शर्मा गयइ कहाँे लगगी ये ना करो गांडी बात है . अब मैं धीरे धीरे उसकी पनटी को सरकने लग्गा और साथ साथ में किस करने लागा पनटी के पास और उसकी इन्नर थाइस पे . मैं उसकी दोनो टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी टाँगों को उप्पर उठा दिया और नीचे की तरफ से उसकी पनटी बॅकसाइड से पकरी और उतारने लग्गा और साथ साथ में किस करने लग्गा उसकी बट पे वो बहुत जोश में आने लगी . मैने उसकी पनटी पूरी उतार दी उसकी चुत बिल्कुल क्लीन शेव्ड थी . एक भी बाल नही था उसको सक करने के लिए मैं पागल हो रहा था वो भी समझ गयी थी के मैं एब्ब उसकी चुत को सक करूँगा . उसकी चुत के लिप्स को मैने खोला थोडा सा . बहुत हल्की हल्की गीली थी . मैने उसकी क्लिट पे आपनी ज़ुबान से चाटना शुरू किया उसके मूह से आवाज़ निकली “वो” मैने उससे कहा चुत को खोले उसने ऐसा ही किया मैं बात गया और उसकी लेग्स को आपने शोल्डर्स पे रख लिया उसकी चुत बिल्कुल मेरे मूह के पास थी . उसने चुत को खोला और मैं उसकी क्लिट को चाटने लग्गा एंड थोडा थोडा सक करने लगा . उससे एब्ब सेक्स चड़़ने लग गया था और उसकी चुत भी थोड़ी गीली हो गयइ थी . मैने उसकी लेग्स आपने शोल्डर्स से उतारी और आपनी फिंगर उसकी चुत के अंडर डाल दी . उसकी चुत पूरी गरम थी अंडर से . उसकी चुत में फिंगरिंग और सकिंग करता रहा मैं थोड़ी देर टक्क . मेरा भी लंड पूरा कड़क हो चुका था .
मैने आपनी त शर्ट उतार दी और लोवर भी . मैने अंडर वेर नि पहाँा था बिकॉज़ मैने पहले ही सोचा था उससे चोदने का . मेरे लोवर उतार ते ही वो लगातार मेरा लंड देख रही थी . मैने बोला क्या देख रही हो , वो बोली कुछ नही और मुस्कुराने लगगी . मैं उसके पास आ गया और उससे मेरा लुक्ड़ पाकरने को कहा .हम दोनो नंगे लेते हुए थे और वो एक हाथ से आपनी चुत पे मसाज कर रही थी और दूसरे से मेरे लंड को सहला रही थी . मेरा लंड 6 इंच लंबा है और मोटा भी . उसके छूने से मेरा लंड और भी जोश में आ रहा था एक दूं सीधा हुआ पड़ा था . उसने हल्के से लंड की स्किन को पीछे किया और लंड का टोपा बाहर आ गया एक दूं लाल रंग का . वो मेरा लंड सहला रही थी मैने उससे सक करने को कहा ,पहले वो सोतेली माँा करने लगगी लेकिन बाद में सोतेली माँ गयइ . उसने मेरा लंड आपने मूह में ले लिया और चूसने लगगी .उसने कहा के वो पहली बार लंड चूस रही है किसी का एंड उसकी चुत भी पहली बार सक की किसी ने .मेरा लंड काहुत ही हार्ड हो चुका था .
वो बोली “अब चोदा मुझे और वेट नही होठी ” . मैने उसको लेता दिया और मैं उसकी लेग्स के भीच आ गया . उसकी चुत गीली हो चुकी थी बहुत . मैं आपने अंगूठे को गीला करके उसकी क्लिट को रगार्ने लग्गा और भीच भीच में उसकी चुत में आपना अंगूठा डालने लागा . वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो रही थी . वो थोडा मेरी तरफ हुई और किस करने लगगी और आपने हाथ में मेरा लंड पाकर लिया उसने .मुझसे रहा नि गया मैने आपना लंड उसकी चुत पे रख दिया और टोप्पा रगार्ने लग्गा उसकी चुत पे . वो बोली अंडर डाल दो एब्ब वेट नि होठी . मैने आपनी थूक के साथ आपना लंड थोडा गीला किया और धीरे से उसकी चुत के अंडर डाल दिया . उसने बहुत टाइम से सेक्स नही किया था . बहुत टाइट थी उसकी चुत पर गीली होने की वजह से अंडर चला गया . उसके मूह से आवाज़ आई आ करके (उससे डर्द तो नही हुआ लेकिन मज़ा आया अंडर जाते हुए शायद ) . झटके में ही सारा अंडर कर दिया . मैने धीरे धीरे स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए बहुत मज़ा आ रहा था . वो पूरा साथ दे रही थी मेरा अंडर से मेरा लंड पूरा कस्स रही थी . मैं तो जैसे सातवे आससोतेली माँ पे था
उसकी चुत पानी चोद रही थी मेरा लंड पूरा गीला था . मैं पूरा 4 इंच तक बाहर करके फिर अंडर कर रहा था स्टेडी स्पीड में पूरा रगर खा रहा था . वो पूरा तरफ रही थी . कुछ देर ऐसा ही रहा वो बोली मैं झड़ने वाली हूँ . मैं थोडा तेज झटके लगाने लाग्ग गया . कसम खुदा की इतना मज़ा किसी को चोदने में नही आया जितना आज आ रहा था . थोड़ी देर में वो झाड़ रही थी मैने खूब झटके लगाए . मैं थोड़ी देर ऐसे नॉर्मली ही उससे चोदता रहा वो भी आँखें हल्की हल्की बंद करके पूरा मज़ा ले रही थी . वो तक गयइ थी मैने उससे लंड सक करने को कहा वो सोतेली माँ गयइ . मैं लेट गया और वो मेर लंड हाथ में पाकर के सक करने लगगी और हाथ से सहलाने भी लगगी , इस वक़्त वो मेरी लेग्स के बीच बैठी हुई थी . मैने उससे मेरी तरफ पीठ करने को कहा , उसने ऐसा ही किया , उसकी चुत पे पानी बहुत लग्गा हुआ था मैने आपने रुमाल से सॉफ किया और उसकी चुत पे फिर से फिंगरिंग करने लग्गा और क्लिट को भी अंगूठे से मसालने काग्गा गीला करके .वो फिर से गरम हो रही थी . कसम से मैने उसकी चुत का पानी टेस्ट किया “वाह क्या टेस्टी था नमकीन सा” .थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा वो मेरा लंड चुस्ती रही और मैं उसकी चुत से खेलता रहा . वो बोली फिर से चोदा एक बार . मैने उससे कहा उप्पर आओ तुम , वो बोली मैने कभी नि किया ऐसे , तो मैने कहा ट्राइ करते हैं .

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वो मेरे उपर आ गयी मैने और मेरा लंड अंडर ले लिया . रियली इस पोज़िशन में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था , वो पूरा कस रही थी मेरे लंड को .ज़्यादा देर नही किया गया उस से इसी तरह वो बोली मैं लेट ती हूँ , तो मैने उसे डॉग स्टाइल में करने को कहा . ऐसा ही किया हमने मैं पीछे आ गया और उससे चोदने लग्गा . मैं उसकी पीठ पे लगातार किस कर रहा था और बूब्स को भी सहला रहा था . थोड़ी देर में फिर से उसकी चुत ने पानी चोदना शुरू किया और वो कहाँे लगगी ज़ोर से चोदा , मुझे भी डॉग स्टाइल में बहुत मज़ा आ रहा था पूरा जोश था बहुत गिल्ली हो चुकी थी उसकी चुत , कुछ देर ऐसे ही चोदते चोदते मैं भी झाड़ गया . मैने कॉंडम नही पहाँा था अंडर ही कर दिया मैने . अगले दिन मैने उससे टॅबलेट ला के दी . उस रात मैने दुबारा फिर उससे सेक्स किया , सच में तट दे वाज़ थे बेस्ट सेक्स दे ऑफ मी लाइफ . अब भी मैं जब वो एकेली होठी है तो उसको चोदता हूँ .
किरायेदार की लड़की शिखा – Hindi Sexy Stories

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गाँव की गोरी और डॉक्टर - by MASTRAM

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गाँव की गोरी और डॉक्टर – Sexy Stories Hindi – 2
हाँ डॉक्टर साहब. तुम्हारा पति ऐसा करता था. तुम्हारी योनि मैं इस तरह अंगुल डालता था ?
नाआअहहििईन्न्न. डॉक्कत्टूऊओररर सस्सहाआब्ब्ब.
गोरी आब च्चटपटाने लगी थी. उसकी आँखें लाल हो उठी थी. अगर तुम्हारे साथ संभोग करने से पहले तुम्हारा पति ऐसा करे तो तुम्हाइन एक्च्छा लगेगा ?
हान्णन्न्.
वे तो कुच्छ जानते ही नहीं और सारा दोष मेरे माथे पर ही मढ़ रहे हैं. अगली बार जब आपने पति के पास जाना तो यहाँ. योनि पर एक भी बाल नहीं रखना. तुम्हारे पति को बहुत एक्चा लगेगा और वो ज़रूर तुम पर चढ़ेगा. एक्च्छा डॉक्टर साहब. जाओ उधर बाथरूम मैं सब काट कर आओ. वाहा राजोर रखा है. जानती हो ना. कैसे करना है.
संभोग करने से पहले इसे सज़ा कर आपने पति के सामने करना चाहिए. मैने गोरी की चुत को खोदते हुए उसकी आँखों में आँखें डाल कहा.
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हाँ. डॉक्टर साहब लेकिन उन्होने तो कभी भी मुझे बाल साफ करने के लिए नहीं कहा. गोरी ने धीरे से कहा.
वो गई और थोड़ी देर मैं वापस मेरे बेडरूम मैं आ गई. हो गया. तो तुम्हें रेज़र इस्तेमाल करना आता है. कहीं उस नाज़ुक जगह को काट तो नहीं बैठी हो ? मैने पूछा. जी जी कर दिया. शादी से पहले मैने काई बार रेज़र पहले भी इस्तेमाल किया है.
अच्छा आओ फिर यहाँ लेट जाओ. वो आई और लेट गई. फिचली बार से इस बार प्रतिरोध कम था.
मैने उसके पेटीकोआट का नडा पकड़ा और खींचना शुरु किया. पेटीकोआट खुल गया. उसकी कमर मुश्किल से 18 – 19 इंच रही होगी और हिप्स साइज़ करीब 37 इंचस.
झंघाओं पर खूब मांसलता थी. गोलाई और मादकता. विशाल पुत्ते. इस सुंडर कामुक दृश्या ने मेरा स्वागत किया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. डॉक्टर साहब. ये क्या कर रहे हैं. आप तो मुझे नंगी कर रहे हैं ?
अरे देख तो लून तुमने बाल ठीक से सॉफ किए भी की नहीं. और बाल काटने के बाद वहाँ पर एक क्रीम भी लगानी है.
आब इससे पहले वो कुच्छ बोलती. मैने उसका पेटीकोआट घुटनों से नीचे तक खींच लिया था. आती सुंडर. बाला की कामुक. तुम बहुत खूबसोरात हो गोरी. मैने थोडा साहस के साथ कह डाला.
उसकी तारीफ़ ने उसके हाथों के ज़ोर को थोडा कम कर दिया और उसका फ़ायदा उठाते हुए मैने पूरा पेटीकोआट खींच डाला और डोर कुर्सी पर फेंक दिया. यकीन सोतेली माँिए एसा लगा की अभी उसपर चढ़ जाओं. वो पतला सपाट पेट. छ्होटी सी कमर पर वो विशाल नितंब. वो टाइट वीनस माउंट. सिर्फ़ एक ब्लाउस पीस मैं रह गया था उसका बदन. भरपूर नज़रों से देखा मैने उसका बदन.
उसने शरम के मारे आपनी आँखों पर हाथ रख लिया और तुरंत पेट के बाल हो गयी ताकि मैं उसकी चुत न देख सकूँ. शायद चुत दिखाने मैं शर्मा रही थी.
ज़रा पलटो गोरी. शरम नहीं करते. फिर तुम इतनी सुंडर हो की तुम्हें तो आपने इस मस्त बदन पर गर्व होना चाहिए.
नहीं डॉक्टर साहब. पराए मर्द के सामने मे मुझे बहुत शरम आ रही है. पलटो ना गोरी. कहकर मैने उसके पुत्तों पर हाथ रखा और बाल पूर्वक उसे पलटा.
दो कुऊबसूरत झंघाओं के बीच मैं वो कुँवारी चुत चमक उठी. गोरे गोरे. दोनों चुत की पंखुड़ीयान फदाक सी रही थी. शायद उन्होने भाँप लिया था की किसी मस्त से लंड को उनकी ख़ूसबू लग गई है. उसकी चुत पर थोड़ी सी लाली भी च्चाई थी.
इधर मेरे लंड मैं भूचाल सा आ रहा था और मेरे अंडरवेर के लिए मेरे लंड को कंट्रोल मैं रखना मुश्किल सा हो रहा था.
फिर भी मेरे टाइट अंडरवेर ने मेरे लंड को च्चिपा रखा था. आब मैने उसकी चुत पर उंगलिया फिराई और पूछा. गोरी क्या राजन. टुमैन यहाँ पर मेरा मतलब तुम्हारी योनि पर चूमता है ?

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नहीं साहब. यहाँ छ्ची यहाँ कैसे चूमेंगे ?
तुम्हारे इन पुत्तों पर. मैने उसके बम्स पर हाथ रख कर पूचछा.
नहीं डॉक्टर साहब आप कैसी बातें कर रहे हैं. आब उसकी आवाज़ मैं एक नशा एक मादकता सी आ गई थी. चूड़ने के लिए तैयार एक गरम युवती की सी. वो कहाँ कहाँ चूमता है तुम्हाइन ?
जी. यहाँ पर. उसने आपने चूची की तरफ. इशारा किया. जो इस गरम होठे माहौल की खुसबू से साइज़ मैं काफ़ी बड़े हो गये थे और लगता था की जल्दी उनको बाहर नहीं निकाला तो ब्लाउस फॅट जाएगा. उसने कोई ब्रा भी नहीं पहाँी थी.
मैं बिस्तर पर चढ़ गया. मैने दोनो हथेलियन उसके दोनो मुम्मों पर रखी और उन्हइन कामुक आंदाज मैं मसलना शुरु किया.
वो तड़पने लगी. डॉक्तोररर्र. स्साआहाब. क्या कर रहाीन है आप. यह कैसा इलाज आप कर रहे हैं ?
कैसा लग रहा है गोरी ?
मुझे अच्च्ची तरह से देखना होगा की राजन ठीक करता है या नहीं. वह कहता है तुम हाथ लगाते ही ऐसे चीखने लग जाती हो.
बहुत आच्छा लग रहा है साहब. पर आप से यह सब करवाना क्या अच्च्ची बात है ?
और दबाऊं ? मैने गोरी की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी मस्त चूचियाँ दबानी जारी रखी. हाँ.
आपका इनको हल्के हल्के दबाना बहुत अच्च्छा लग रहा है. राजन भी ऐसे ही मसलता है.
तेरे इन खूबसोरात स्तनों को. नहीं साहब आपके हाथों मैं मर्दानी पकड़ है. मैने उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया. बूब्स के भर से अचानक उसका ब्लाउस फॅट गया और वो कसे कसे दूध बाहर को उछाल कर आ गये.
वा क्या खूबसूरत कामुक आप्सारा बैठी थी मेरे सामने एकदम नग्न. 36-18-37 एकदम दूध की तरह गोरी. बाला की कमसिन. मुझसे रुकना मुश्किल हो रहा था.
आब मैने उसके मुख को पकड़ उसके हूँठो को चूसना शुरु कर दिया. इससे पहले वो कुच्छ समझ पति उसके हूठ मेरे हूठो को जाकड़ मैं थे. मेरे एक हाथ ने उसके पूरे बदन को मेरे शरीर से छिपता लिया था और दूसरे हाथ ने ज़बरदस्ती उसकी झंघाओं के बीच से जगह बना कर उसके गुप्ताँग मैं उंगली डाल दी थी.
उसके क्लाइटॉरिस पर मैने जबरदस्त मसाज़ की. उसके पुत्ते उठाने लगे थे. वो मतवाली हो उठी थी. मैने हूँठो को चूमा. कभी राजन ने इस तरह किया तेरे साथ. सच खाया गोरी ?
नहीं डॉक्टर साहब. वह तो सीधे उपर चढ़ जाते हैं और थोड़ी देर हिल्के सुस्त पद जाते हैं. यही तो मुझे देखना है गोरी. राजन कह रहा था तुम चिल्लाने लग जाती हो ? बहुत एक्चा. पर आब. जाँच पड़ताल ख़तम हो गई क्या डॉक्टर साहब ? आप और क्या क्या करेंगे मेरे साथ ?

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आब मैं वही करूँगा जो एक जवान शक्तिसाली मारद को , एक सुंडर कामुक खूबसोरात बदन वाली जवान युवती , जो बिस्तर पर नंगी पड़ी हो , के साथ करना चाहिए. तेरा बदन वैसे भी एक साल से तड़प रहा है. तेरा कौमार्या टूटने के लिए बेताब है और आज ये मर्दाना काम. मेरा काम आंग करेगा रात भर इस बिस्तर पर.
मेरी उंगली जो अभी भी उसकी चुत मैं थी ने अचानक एक ज़लज़ला सा महसूस किया. ये उसका योनि रस था , जो योनि को संभोग के लिए तैयार होने मैं मदद करता है. मेरी उंगली पूरी भीग गई थी और रस चुत के बाहर बहकर झंघाऊं को भी भिगो रहा था. मेरी बात सुनकर उसके बदन मैं एक तड़प सी हुई. चुतर उपर को उठे और उसके मूँह से एक सिसकी भारी चीख निकल पड़ी.
बाद मैं थोडा संयत होकर गोरी बोली. डॉक्टर साहब पर इससे मैं रुसवा हो जाओंगी. मेरा मर्द मुझे घर से निकल देगा यदि उसे पता चला की मैं आप के साथ सोई थी. आप मुझे जाने दीजिए. मुझे माफ़ केजिए.
तू मुझे मारद समझती है. तो मुझ पर भरोसा रख. मैं आज तुझे भरपूर जवानी का सुख ही नहीं दूँगा , बल्कि तुझे हर मुसीबत से बचाऊँगा. तेरा मारद तुझे और भी खुशी खुशी रखेगा.
वो कैसे डॉक्टर साहब ?
क्योंकि आज के बाद जब वो तुझ पर चढ़ेगा , वो तेरे साथ संभोग कर सकेगा.
जो काम वो आजतक नहीं कर पाया तुम दोनो की शादी के बाद आब कर सकेगा और तब तू उसके बच्चे की मा भी बन जाएगी.
पर कैसे डॉक्टर साहब. कैसे होगा ये चमत्कार. साहब ? गोरी. प्यारी. मैने उसकी फटी चोली अलग करते हुए और उसके बूब्स को मसलना शुरु करते हुई कहा. तेरी योनि का द्वार बंद है. उसे आज मैं आपने प्रचंड भीषण लंड से खोल दूँगा ताकि तेरा पति फिर आपना लंड उस्मन घुसा सके और आपना वीरया उस्मन डाल सके , जिससे तू मा बन सकेगी.
मेरे मसालने से उसके बूब्स बड़े बड़े होने लगे थे और कठोर भी. उफफफफफफफफ्फ़. क्या लगती थी वो आपनी पूरी नग्नता मैं. उन सॉलिड बूब्स पर वो गोल छ्होटी चुचिया भी बहुत बेचें कर रही थी मुझे. उसका पूरा बदन आब बुरी तरह तड़प रहा था. नशीले बदन पर पसीने की हल्की छ्होटी बूँदें भी उभर आई थी. मेरा लंड बहुत ही तूफ़ानी हो रहा था और आब उसके आज़ाद होने का वक़्त आ गया था.

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डॉक्टर साहब मुझे बहुत डर लग रहा है. मेरी इज़्ज़त से मत खेलिए ना. जाने दीजिए. मेरा बदन. उूुउउइईइमाआ.
मुझ पर यकीन करो गोरी. ये एक मारद का वादा है तुझसे. मैं सब देख लॅंडगा. तेरा बदन तड़प रहा है गोरी. एक मारद के लिए.
तेरी चुत का बहता पानी. तेरे कसते हौई बूब्स सॉफ कह रहे हैं की आब तुझे संभोग चाहिए.
साहब. हाँ. गोरी मेरी रानी. बोल.
गाँव की गोरी और डॉक्टर – Sexy Stories Hindi – 2

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Monday 9 February 2015

mamu ne bhanjee ko choda

Hi, Dear readers and fans of Indian-Stories. I am behanchod (offcourse it is not real name) of 19 years from Karachi Pakistan. Since last one year i’m fan and frequent visitor of Indian-Stories and have read good number of desi stories. After a lot of consideration, i have decided to share with you all the sex stories of my real sister. Believe me these are REAL stories, though names are not correct but the story is REAL. I am new to story writing so if you feel any mistake please pardon me, besides that your feedback at my email behanchod_83@yahoo.com, will encourage me to give you more erotic stories, the REAL ones. So let me start. Our family is well off and my father is a business man, with every facility in our home. We are five children to my parents. I’m at number 4 and my three sisters are elder to me and my brother is younger to me. Eldest sister Hasina,27, is married since last two years, second Samina, 25, is doing her MBA, third Fareena, 21, is doing MBBS, fouth me, 19, doing BBA and last Raju, 11, is studying in school. I’m narrating this story of Samina. She is real beauty and is beautiful amongst all the females of the family. Really, i too get horney when think about her. This all happened some one year back. My papa gave me computer for studies, as i got admission in BBA and i with the help of my friend baught a wireless video camera, which i adjusted to my computer and hide the camera in the bathroom of my dream girl, my own sister. I was successfully watching my own elder sister when she was in her bathroom. A lot of times, i watched her naked, with great beautiful big boobs and hairless pussy. Woh jab bhee kahtee thee keh mein baathroom jarahee hoon, ya nehanay ja rahee hoon, to mein bhag kar computer per punhchita tha aur apni bahan ko nanga dekhta tha. Kai baar mein ne us kay baray baray mammay dekh kar muth maree. Woh bhee kabhi kabhi apni choot say kheltee thay. Aik din hamara mamoon (mother’s brother) hamaray ghar aaya. Ammi aur abbu chhotay bhai ko lekar kisi shadi mein ja rahay thay aur mein aur meree do behnain, Samina aur Fareena, mammo kay saath ghar par rahay. Ham TV longe main thay, garmiyon kay din thay, to Samina nay kaha, mein naha kar aati hoon. Woh baath room chli gai. Thori deir mein mammon nay kaha Behanchod tu parhta naheen kiya? mein nay kaha mamoon mein parhta hoon magar abhi aap bethay hein na. Us nay kaha koi baat naheen Fareena hai yahan, tum jao, parho. Mujhay to achha laga, mein bhaga aur computer par Samina ko nihatay hua dekhnay laga. Woh apnay baathroom main kharee hui baloon ko shampoo laga rahee thee jab baath room ka darwaza khula aur mammon bathroom mein dakhil huay, mein screen par dekh raha tha. Samina ko pata naheen chala, woh aankhain band kiey shampoo kar rahee thee. Mammon us ko khamoshee say dekhta raha aur apna hath shalwar kay ooper hee lund par phernay laga. Mujhay samjh naheen aaraha tha keh yeh kiya ho raha hai aur mein kiya karoon. Thoree dair key baad woh aagay bhara aur Samina kay mamoon ko dabanay laga, us nay ankhain khol kar kuchh kaha magar mujhay sunai naheen diya. Phir mein nay us kay kamray mein janay ka faisla kiya. Mein Samina kay kamray mein punhcha to woh abhi tak bathroom main thay, aur pata nahein kiya kar rahay thay. Mein us kamray mein curtain kay peechhay chhup gaya aur mammon bhanji ka intizar karnay laga. Kaphi dair guzar gai to mein sochnay laga keh yeh niklain gay bhee, ya waheen film chala dein gay. Mein wapis computer par janay ka hi soch raha tha to woh dono mammon bhanjee, dono nangay bath room say aagai aur bed par let gai. Woh samina ko chudai kay liey mana raha tha, aur woh musalsil inkar kar rahee thee. Samina us ko kah rahee
thee keh tu to hamara uncle hai, bhanji ko chodtay hui sharam naheen aaegi to us nay kaha, kiyon bhanji kunwari hai kiya? Mammon nay samina ko kaha mujhay pata hai tera jija, tujhay chodta hai (yeh mujhay pihlay pata naheen tha), woh to Fareena ko bhi chodta hai. Tera baap meree char bahnon ko chod chuka hai, agar mein nay tujhay choda to kiya hoga? Tum koi kunwari to naheen ho. Woh khamosh leti rahee aur Mammon us kay mammay sahlata raha. Samina ko kaphi dair khamosh dekh kar woh samjh gaya keh bhanji mammon say chudnay ko tiyar hai. Yeh mein zindagi ka pehla live sex dekh raha tha aur mera lund teer ki tarah seedha khara tha. Mammon nay Samina ko choomna shuru kiya aur woh bhi response denay lagi. Bhanji nay mammon ka lund hath mein lekar us say khelna shuru kiya. Thori deir kay baad mammon nay apna budha lund bhanji kay moonh mein diya aur woh randiyoon ki tarah us ko choosnay lagee. Aur woh us kay goray badan say khelta raha, us kay mammay dabata raha aur us kee choot mein angliyan karta raha. Jab mammon ka lund tiyar ho gaya to us nay bhanji kee tangain apnay kandhoon par rakheen aur lund choot par maslnay laga. Samina nay awazain nikalna shuroo ki, mammoon andar karo plz, plz andar karo. us nay kaha chup randee, buhut intizar karwaya hai, ab tu bhi intizaar kar. Woh lund ko choot par ragarta raha aur mammay dabata aur choosta raha. Thoree deir mein us nay apna lund andar daala to samina nay thandi aah bharee aur uuuuufffffff aaaaaahhhhhhhh jaldi chodo jaisi awazain nikalnay lagi. Mammon bhanji ko chodta raha, aur mein apni baree bahan ko apni ankhoan kay samnay chudwatay huay dekhta raha. Mammon nay to bhanji ko eik hee baar choda magar mein nay khiyalon hi khiyalon mein apni bahan ko do baar choda. Mammon abhi Samina ko chid hi raha tha, keh Fareena, ham sab ko dhoondhti hui, un kay kamray mein aagai. Yeh scene dekhnay jaisa tha, fareena apni baree bahan ko chudwatay hui dekh rahee thee. Woh yek tak dekhtee rahee, aur woh Mammon aur bhanji bekhabar chudtay rahay, phir un ko kuchh bolay baghair woh kamray say chali gai, shayad mujhay dhoondhnay kay liey. Jab Mammon bhanji ko chod chuka to woh do no thori dair let gai aur phir Samina nay hi kaha keh mammon bahan bhai hamain dhoondhtay hoongay, ab chalain. Us nay kaha theek hai, phir raat ko aaoonga, darwaza khula rakhna. Samina ney kaha theek hai, aur us ko lips par kiss kee. Un dono nay kapray pehnay. Aur kamray say nikal gai. Un kay janay key baad, mein bhee bahar nikla. Woh teeno TV lounge mein thay. Mein bhi udhar gaya, to Fareena nay kaha kahan thay, mein nay kaha mein to parh raha tha. Kiya hua?, woh bolee kuchh naheen, magar woh Mammon ko jaan bhooj kar apnay mammay dikha rahee thee aur woh bhi lalchati nazroon say dekh raha tha. Mein samjh gaya keh, mammon aaj doosri bhanji bhee chodaiga. Raat ko us nay do no bhanjiyon ko eik saath choda. Yeh kahani phir kabhi sahee. Pehlay is kahani kay baray mein apni rai dain.

Sunday 8 February 2015

sonam ko choda

बात तब से शुरू होती है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी।
मेरी दो सालियाँ हैं। एक की उम्र दस वर्ष के करीब है तथा दूसरी की उम्र 18 थी। मेरी बड़ी साली का नाम सोनम है। उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की थी और जिसका रिजल्ट भी मैंने ही देख कर उसको पास होने की खुशखबरी दी थी।
उस वक्त तक मेरे दिल में मेरी साली के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन रिजल्ट के बारे में सुनकर उसको ऐसा लगा, जैसे मेरी तरफ से उसको कोई कुबेर के खजाने का पता मिल गया हो। उसी वक्त से वो मुझे कुछ अलग ही नजरिये से देखने लगी।
इन बातों को एक वर्ष बीत चुका था। एक बार मैं अपनी ससुराल में एक शादी में गया जिसमें मुझे देर हो गई, जिस कारण से मुझे रात को वहीं रुकना पड़ा।
मुझे जरा सा भी अहसास नहीं था कि मेरे सुनहरे पल उस रात से ही शुरू होने वाले थे। मेरे साले-सालियाँ जिनमें मेरी चाचा ससुर की लड़कियाँ भी शामिल थीं। जैसे-जैसे रात जवान होती रही वैसे-वैसे धीरे-धीरे सब अपने-अपने बिस्तरों में जाते रहे। अंत में मैं और मेरी जवान साली ही बचे।
हम दोनों एक ही बिस्तर में लेटे थे, अचानक मेरा हाथ उसके पैरों पर पड़ गया, पर उसने उसे हटाया नहीं। जिस कारण मुझे कुछ अलग ही अहसास होने लगा था।
धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी जांघों तक पहुँच गया, पर उसने एक बार भी मेरा हाथ नहीं हटाया जिस कारण से मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और मैं फिर अहिस्ता-अहिस्ता से उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलता रहा।
जब मैंने मेरी साली की तरफ देखा, तो उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं।
उसे सिसकारियाँ लेते देख कर मेरे हथियार ने भी खुले में आने की सोच ली थी और अब वह मेरी पैन्ट में एक तम्बू की तरह दिख रहा था। परन्तु अपनी सतर्कता को देखते हुए हम दोनों अपने-अपने जज्बातों को काबू में रखते हुए अपने-अपने बिस्तरों पर सो गए तथा हम दोनों ही एक-दूसरे के सपनों में खो गए।
अगली सुबह जब हम दोनों नींद से जागे तो अचानक ही मेरी सासू माँ को किसी जरुरी काम के कारण कहीं बाहर जाना पड़ गया और मेरी सासू माँ के साथ-साथ मेरी पत्नी भी अपनी माँ के साथ ही जाने लगीं।

जाते समय उसने मेरी साली से कहा- तुम्हारे जीजा यहाँ नए हैं, इस कारण इन्हें यहाँ किसी भी काम या किसी चीज की आवश्यकता हो तो पूरी कर देना, मैं मम्मी के साथ जा रही हूँ।
उसने जाते-जाते मेरे पास आकर प्यार से कहा- अब और कितनी देर तक सोओगे… सुबह हो चुकी है.. मैं किसी जरूरी काम से मम्मी के साथ बाहर जा रही हूँ और शाम तक ही वापस आना होगा।
उसकी इस बात को सुन कर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि अब साली साहिबा से जी भर कर प्रेमलीला हो सकेगी।
उन दोनों के जाते ही मैंने अपनी साली को रसोई में जाते देखा। पूरे घर में केवल हम दोनों ही थे। मैंने अपनी साली को चाय लाने के लिए कहा और जैसे ही वह चाय लेकर मेरे पास आई, मैंने चाय का कप साइड में रखते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
मेरी इस हरकत से मेरी साली की अन्तर्वासना जागृत होने लगी, उसकी सांसे भारी हो गई और उसके वक्ष-उभार ऊपर-नीचे होने लगे।
मैं उसकी छाती के उभारों को ऊपर-नीचे होते हुए देख रहा था और महसूस कर रहा था।
‘साली जी..!’
‘हाय जीजा.. क्या करते हो..! कोई देख लेगा तो बदनामी होगी… छोड़ दो न प्लीज.. क्या कर रहे हो..!’
‘मेरी प्यारी साली.. आज मैं तुम्हें वो सुख देने जा रहा हूँ जिसके बारे में तुमने कभी सोचा नहीं होगा..!’
अब मैं धीरे-धीरे उसको बाँहों में जकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। पहले तो वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही किन्तु कुछ ही देर बात उसने अपने आप को मेरे हवाले कर दिया। मैंने भी उसके कुंवारेपन को जानते हुए धीरे-धीरे प्यार के साथ अपना काम करता रहा और एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में ही थी।


जैसे ही मैंने उसके पेट पर अपना हाथ फेरते-फेरते उसकी पैंटी पर ले गया, मुझे उसकी पैंटी पर कुछ गीला-गीला सा लगा तो मैंने पैंटी उतार दी और उसकी चूत में उंगली डालने लगा।
मुझे तुरंत ही उसका लाभ भी मिला, मेरी साली ने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर मेरी पैन्ट से बाहर निकाल कर उसे हाथ से मसलने लगी।
मैं भी अब धीरे-धीरे उसके पूरे बदन को चूमने लगा और चूमते-चूमते उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी।
जैसे ही मैंने मेरे होंठ मेरी साली की चूत के होंठों से टच ही किए थे कि मेरी साली की एक सीत्कार भरी लम्बी ‘आह ह्ह’ निकल गई।
‘बस जीजा.. आज के लिए इतना ही रहने दो.. कोई आ जाएगा.. तो बदनामी होगी..!’
लेकिन लम्बे अरसे के बाद फंसी मछली को मैं भला ऐसे कहाँ छोड़ने वाला था। मैंने उसको कसकर अपनी पकड़ में बाँध रखा था और मैं जानता था कि अब उसे अगर मैंने खुश कर दिया तो फिर मैं उसे कभी भी चोद सकता हूँ।
‘अरे मेरी प्यारी साली साहिबा.. थोड़ा सा तो रुको..!’
और मैंने अपनी जीभ को चूत में घुमा रहा था जैसे ही मैंने उसके क्लिट पर जीभ घुमाई, वो तड़फ उठी और मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी।
ऐसा लग रहा था कि जैसे अब उसने पूर्ण रूप से अपने आप को मेरे हवाले कर दिया हो और मैं लगातार उसकी प्यारी सी चूत में अपनी जीभ चला रहा था, वो धीरे-धीरे अपने चूतड़ को ऊपर-नीचे कर रही थी।
उसके बाद मैं समय को बर्बाद न करते हुए अपने अंतिम चरण पर आ गया और इतने टाइम में मेरी साली भी अपनी पूरी मस्ती में आकर अपनी दोनों टांगें इतनी ऊपर उठा दीं कि अब मुझे उसकी खुली हुई चूत साफ-साफ दिखाई देने लगी। अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह से चूत पाने के लिए मदहोश हुआ जा रहा था।
मैंने अपना लंड अपनी जवान साली की चूत पर रख दिया और हल्का-हल्का उसकी चूत को अपने लंड से सहलाता रहा।और जैसे ही मेरे लंड का कुछ ही हिस्सा चूत के अन्दर गया, वो तड़फ उठी। मगर इस मिलन का वो भी पूरा मजा लेना चाहती थी, तो उसने खुद ही अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका लिए और अब मुझे उसके चेहरे से उसका दर्द साफ दिखाई दे रहा था। लेकिन मैंने भी उसका ध्यान करते हुए आराम-आराम से चुदाई करना जारी रखा।

कुछ देर बाद मेरा लौड़ा पूरी तरह उसकी चूत में प्रवेश करके उसे आसमान में होने का अहसास करा रहा था। अब मैं अपनी तूफानी रफ़्तार में उसको आसमान की सैर करा रहा था।
कुछ ही देर में सोनम बोली- आआआ.. आआअह.. जीजा मैं तो आ रही हूँ… आज से पहले मुझे इतनी ख़ुशी कभी नहीं मिली..!
और कहते हुए झड़ गई। अब वो ढीली पड़ चुकी थी और कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया।
मस्ती के आलम में हम दोनों शिथिल हो कर एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहे फिर कुछ देर बाद उठ कर मैं उसके साथ नहाया और फिर सो गया।
उसके बाद तो जैसे हम दोनों जब भी मिलते एक हो जाते और आज भी मैं बिना अपनी बीवी को बताए उसको खुश करता रहता हूँ।