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Friday 17 November 2017

Monday 13 November 2017

Sunday 12 November 2017

पड़ोसन आंटी और उनकी सहेली की मस्त नंगी चूत गांड चुदाई - Gandi Khaniya - Hindi Sex Story

दोस्तो.. मेरा नाम सुमित है और मैं आगरा से हूँ। मैं एक बार फिर से एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया उसके लिए आप सभी का शुक्रिया।
मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं वो बहुत सेक्सी और खूबसूरत हैं.. उनका नाम दीप्ति है। आंटी की एक सहेली पूजा भी हैं.. वो थोड़ी कम सेक्सी हैं पर फिगर उनका भी बहुत मस्त है। मैं आंटी को छुप-छुप कर देखता था। मैं करीब 20 लड़कियों को नंगी देख चुका हूँ।
एक दिन आंटी ने मुझे घर बुलाया, मैंने वहाँ देखा कि आंटी की सहेली भी उनके साथ बैठी हैं।
मैं उनकी सहेली को उधर देख कर आंटी से बोला- मैं बाद में आता हूँ।
आंटी कहने लगीं- अरे बैठो.. मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी।
आंटी हल्ले से मुस्कराई.. फिर बातें होने लगीं।
ऐसे ही आंटी की सहेली ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मना कर दिया।
तब तक आंटी चाय बना कर ले आईं।
हम लोग चाय पी रहे थे। अचानक आंटी की सहेली मेरे करीब में आ कर बैठ गईं, वो कभी अपना हाथ मेरे सर पर फिरातीं.. कभी टाँगों पर!
मुझे चाय पीने के बाद कुछ अजीब सा लग रहा था। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मेरे पैंट में उभार बनते देख कर आंटी मुस्करा रही थीं।
तभी आंटी की सहेली पूजा मेरे लंड को देखकर हँस पड़ी, वो कहने लगीं- यह क्या है?
मेरा लंड खड़ा था।
पूजा आंटी सहलाने लगीं और मुझे बहुत जबरदस्त किस करने लगीं। उधर दीप्ति आंटी भी मेरे पास आ गईं। अब दोनों आंटियों ने मुझे नंगा कर दिया और मुझे चूमने लगीं। मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं।
तभी पूजा आंटी मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और लंड को चूसने लगीं।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
दीप्ति आंटी अपने कपड़े उतारने लगीं। यार… आंटी क्या कयामत माल लग रही थीं।
फिर पूजा आंटी भी कपड़े उतारने लगीं।
वो थोड़ी कम सेक्सी थीं.. पर दोनों को नंगी देख कर मजा आ रहा था।
मैंने दीप्ति आंटी को किस किया, साथ ही मैं उनकी चूचियों को भी दबा रहा था। उनके मुँह से काफ़ी तेज़ आवाजें आ रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
वो एकदम गर्म हो गई थीं और मेरा लंड पकड़ कर बड़ी जंगली तरीके से चूसने लगीं।
कुछ मिनट लंड चूसने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैं पूजा आंटी के मुँह में झड़ गया। दोनों नंगी आंटियों ने मेरा रस पी लिया।
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थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैं दीप्ति आंटी को किस कर रहा था और उनके चूतड़ों को मसल रहा था। मैं अब जोश में आ गया था। मैंने आंटी को लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा।
आंटी बहुत गर्म हो गई थीं, वो कह रही थीं- आह्ह.. कुछ करो मेरे राजा.. मुझे चोद दो।
मैंने अपना लंड हाथ में लिया और आंटी की नंगी चूत पर रख दिया। धक्का मारते लंड चूत से फिसल गया।
पूजा आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और रगड़ने लगीं, वो कहने लगीं- अब नहीं रहा जाता.. लंड पेल दो अन्दर.. लंड के लिए बहुत दिनों से प्यासी हूँ।
उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था।फिर मैंने उनकी चूत पर अपना थूक लगाया और कुछ थूक लंड पर मल लिया।
अब चूत की फांकों को फैला कर सुपारा फंसा दिया और धीरे से एक धक्का लगा दिया। मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया। आंटी के आंसू आ गए, वो बहुत चिल्लाने लगी थीं- उहहहह.. मर गई..
मैं बिना कुछ सुने लंड डाले जा रहा था। इधर पूजा आंटी मेरे लंड को पीछे से चाट रही थीं। वो कभी मेरी गांड में उंगली करतीं.. तो कभी मेरी गांड चाटतीं।
मैं दीप्ति आंटी को चोद रहा था और किस कर रहा था। थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं- और ज़ोर से चोद दे मेरे राजा।
मैं जोश में आ गया और दीप्ति आंटी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा ‘अहह.. चोद दो.. आह्ह..’
उनकी आवाजें कमरे को भी गर्म कर रही थीं, चूत चुदाई की आवाजों से भी पूरा कमरा रोमांटिक हो गया था।
दीप्ति आंटी जल्दी ही एक बार झड़ चुकी थीं। फिर मैंने उनकी चूचियों को चूसा और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गईं, वो कहने लगीं- और ज़ोर से चोद..
तो मैं भी जोश में आ गया और लगातार आंटी की चूत में झटके देने लगा।
कुछ मिनट बाद वो दूसरी बार झड़ चुकी थीं, अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूं?
इतने पूजा आंटी ने कहा- मेरे मुँह में लंड देना।
मैंने लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया। वो काफ़ी तेजी से लंड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी पूजा आंटी के मुँह में निकल गया।
मैंने जैसे ही उनके मुँह से लंड निकाला.. तो दोनों आंटियां रंडी की तरह एक-दूसरे के मुँह को चाट रही थीं।
फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं सोचने लगा कि आज तो पक्का इन दोनों ने मेरी चाय में कोई कामोत्तेजक दवा मिला दी है।
मैंने सोचा अब दवा अन्दर चली ही गई है तो इन दोनों को भी भरपूर चोद कर ही दम लूँगा। मेरा लंड एकदम पत्थर के सामान हार्ड हो गया था।
अब पूजा आंटी को चोदा, पूजा आंटी की चूत दीप्ति आंटी से और ज्यादा टाइट थी, पूजा आंटी की चूत में लंड नहीं जा रहा था। तब दीप्ति आंटी ने उनकी चूत पर थोड़ा तेल लगाया। तब जाके कहीं लंड चूत में गया।
पूजा आंटी दर्द से ‘अहह.. उहह..’ करके चिल्ला रही थीं, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, उनकी चूत से खून भी निकल रहा था।
फिर मैं थोड़ा रूका और उनके ऊपर लेटा रहा, उनके होंठों को और मम्मों को चूसता रहा, थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ।
अब मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरु कर दिए, वो भी अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई का मजा ले रही थीं। मैं काफी देर तक लगातार चुदाई करता रहा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने फिर पूछा- कहाँ निकालूं?
तो उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.. मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना है।
मैंने माल आंटी की चूत के अन्दर ही छोड़ दिया, कुछ देर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा।
बाद में मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गया। मैं लेटा हुआ था.. तभी पूजा आंटी उठीं और मेरे मुँह के पास अपनी चूत ले आईं।
मुझसे कहने लगीं- चूत चटवानी है।
मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगीं- मादरचोद चाट.. मेरी चूत खा जा भोसड़ी के!मैं उनकी चूत चाटता रहा, फिर वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं।
कुछ देर आराम करने के बाद मुझे उनकी गांड मारने इच्छा हुई, मैंने पूजा आंटी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है।
पहले उन्होंने मना किया.. फिर कुछ देर बाद वो मान गईं और मुझसे कुत्ते की तरह अपनी गांड चटवाने लगीं।
मैंने पहले दीप्ति आंटी की गांड को मारना चाहा, वो मना कर रही थीं- नहीं बहुत दर्द होगा।
फिर वो मेरे कहने पर मान गईं।
मैं उनकी गांड पर अपना लंड रखा और बहुत सा थूक लगाया, फिर धीरे से झटका मारा।
आंटी चिल्लाईं- मार डाला.. बहुत दर्द हो रहा है.. निकाल लो.. उई मम्मी.. मर गई।
मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो आंटी की गांड में लंड डाले जा रहा था।
फिर जब उन्हें थोड़ा आराम हुआ तो वो मेरे ऊपर आ गईं और उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगीं। उधर पूजा आंटी मुझे किस कर रही थीं।
कुछ देर बाद दीप्ति आंटी के झड़ने के बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने सारा रस आंटी की गांड में डाल दिया। मेरा लंड अन्दर तक घुसा हुआ था। उसमें आंटी की पॉटी लग गई थी।
कुछ देर आराम हुआ.. फिर दीप्ति आंटी ने पूजा आंटी की गांड साफ की। मैंने पूजा आंटी की गांड पर अपना लंड लगा कर एक झटका मारा, मेरा आधा लंड पूजा आंटी की गांड में घुस गया, वो भी चिल्लाने लगीं- निकालो इस मूसल को मेरी गांड से.. मैं मर जाऊँगी।
मैं थोड़ी देर रुका रहा, वो नॉर्मल हो गईं, फिर मैंने जोर का झटका लगाया, वो बिस्तर पर गिर गईं और उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उनकी गांड मारने लगा। थोड़ी देर बाद उनको मजा आने लगा और वो चूतड़ों को उठा कर गांड चुदवाने लगीं।
इस तरह मैं उनको चोदता रहा और काफ़ी टाइम बाद उनकी गांड में ही झड़ गया।
मैंने उस रात कई बार चूत गांड मारी.. मुझे बहुत मजा आया, उस रात हम तीनों ने खूब मजे लिए।
मैं काफ़ी थक चुका था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. मुझे मेल करते रहना।
sexylund1122@gmail.com
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Friday 10 November 2017

Thursday 9 November 2017

पड़ोसन भाभी की चूत की चुदाई करके बुखार उतारा

मेरा नाम अविनाश है, उम्र 22 वर्ष, कद 6 फीट, रंग ठीक-ठाक है। मैं दिल्ली में रहता हूँ, मैं यहाँ जॉब करता हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है जो एक माह पूर्व मेरे साथ घटी घटना पर आधारित है। यह बिल्कुल सच्ची आपबीती है बस थोड़ा सा मसाला अतिरिक्त डाल दिया है ताकि आप कहानी का सम्पूर्ण लुत्फ़ ले सकें।
मैं एक साल पहले नॉएडा शिफ्ट हुआ, मैं एक किराये के रूम में रहता हूँ, इस घर में कुल 5 कमरे हैं, मेन गेट से अंदर आकर बायीं तरफ मकान मालिक का बेडरूम है और सामने ड्राइंगरूम। बरामदे के बायीं और बाथरूम और दायीं ओर किचन। पीछे को दो और रूम हैं जिसमे से बाएं वाले में मैं रहता हूँ।
भैया आर्मी में हैं, घर पर भाभी और उनकी एक साल की बेटी नमिता रहती है। भैया के माँ बाप गाँव में रहते हैं, कभी कभार साल भर में आते हैं। अभी तक मैंने उनको दो बार यहाँ देखा है।

एक साल पहले मैं यहाँ आया या फिर यूँ कहें कि मेरी किस्मत मुझे यहाँ ले आई।
मैं जब यहाँ आया तब काफी शर्मीला था, लड़कियों से ज्यादा बोलता भी नहीं था।
भाभी कभी कभार हंसी मजाक कर लेती थी और मैं मुस्कुराकर जवाब दे देता था।
गली के बहुत सारे लड़के भाभी के दीवाने थे और मुझसे कहते- साले तू पटाता क्यूँ नहीं भाभी को!
पर तब मैं ना इस बारे में सोचता था और ना ही मुझमें लड़की पटाने की हिम्मत थी।
भाभी दिखने में बहुत खूबसूरत हैं पर थोड़ी मोटी, उनका साइज़ लगभग 34 32 38 होगा। एक बात उनको और खूबसूरत बनाती है, वह है उनका रंग, वे बहुत गोरी हैं।
8 मार्च को मैं शाम को 5 बजे रूम पर आया, मैंने चेंज किया। तभी दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने भाभी थी- अवि क्या मेरे लिये बुखार की दवाई ला दोगे।वह अलसाई सी बोली।

‘ह्म्म्म क्यूँ क्या हुआ?’ मैं तुरंत बोला। हालाँकि मुझे तुरंत अहसास हुआ कि बुखार की दवाई क्यूँ मंगाई जाती है।
‘हल्का बुखार है।’ वह धीरे से बोली।
‘ठीक है, मैं ले आता हूँ।’ मैं बोला।
चेंज करके मैं सीधे बाहर आया, मेडिकल शॉप पर गया और बुखार की दवाई ली, भाभी को देकर मैं सीधे रूम मैं आ गया।
रात 10 बजे फिर से नॉक हुई। मैं ब्लू फिल्म देख रहा था, मैंने तुरंत वीडियो स्टॉप की और दरवाजा खोला तो सामने भाभी थी- क्या प्लीज मेरे सर पर बाम लगा दोगे?
भाभी को सचमुच बुखार था। हालाँकि मेरी नजर उसके नाईट ड्रेस से बाहर निकल रहे बूब्स पर थी।
मैंने तुरंत खुद को सम्भाला और हल्का सा सर हिला दिया।
भाभी ने मेरे मनोभाव पढ़ लिये थे और बाकी सबकुछ मेरी लोअर में बना तम्बू बयाँ कर रहा था।
मैं भाभी के पीछे पीछे उनकी गांड की लचक को निहारते हुए बेडरूम में पहुंचा। भाभी ने मुझे बाम दिया और खुद लेट गई।
मैं हल्के हाथों से उसके माथे पर बाम लगाने लगा।
धीरे-धीरे भाभी की आँखें बंद होने लगी। मैंने उनके सर पर पानी भिगोकर पट्टी रखी और जाने के लिए उठा। तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और थूक निगलकर बोली- प्लीज यहीं सो जाओ ना!
मेरे पूरे बदन में सिरहन सी दौड़ गई, मैं फिर से दीवार से पीठ सटाकर बैठ गया और भाभी की पट्टी बदलने लगा।
थोड़ी देर में मेरी भी आँख लग गई और मैं सो गया।

रात को मैंने अचानक हलचल महसूस की और मेरी नींद खुल गई। मैं नींद में बिस्तर के बीच में आ गया था और भाभी मेरी ओर पीठ करके सोई हुई थी और अपनी गांड को पीछे की ओर धकेलकर मेरे बदन पर दबाव बना रही थी।
मैंने सोचा शायद भाभी नींद में होंगी पर लंड पर काबू पाना मुश्किल था। मेरा लंड पूरा तन गया था पर मैंने खुद पर कंट्रोल किया। अब भाभी थोड़ा आगे खिसक गई और मैं भी सोने की कोशिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा भाभी की सलवार आधी गांड तक खुली हुई थी और उसका एक हाथ उसकी चूत को सहला रहा था। हालाँकि अभी भी वह मेरी तरफ पीठ करके सोई हुई थी।
अब लंड पर काबू करना मुश्किल था, मेरा लंड बहुत गर्म हो गया था, मैं हल्के से भाभी की और खिसका और लंड निकालकर उनकी बड़ी गांड की दो फांकों के बीच रखकर दाई टांग उठाकर उसकी टांग के ऊपर रख दी और सोने का नाटक करने लगा।
एक मिनट तक कुछ नहीं हुआ, फिर मैंने महसूस किया कि भाभी अपनी गांड को पीछे की और उचका कर लंड को आमंत्रित कर रही थी। अब मुझसे रहा नहीं गया और भाभी की गांड को हल्का सा उठाकर लंड को गांड के छेद पर सेट कर एक जोर का धक्का मारा।
भाभी ने अपनी गांड उचका ली और जल्दी से छत की और पीठ करके लेट गई।
मैं उसके ऊपर से जल्दी से चढ़ गया और लंड को गांड से निकलने नहीं दिया।
लंड लगभग एक इंच घुस चुका था। गांड टाइट होने के कारण लंड की चमड़ी पलट गई थी और मेरे लंड में तेज चुभन हो रही थी।
भाभी धीरे से फुसफुसाई- प्लीज, आगे से करो ना!
अब मैं उठा और भाभी को सीधा लिटाया, हालाँकि अभी भी उनकी आँखें बंद थी, सलवार और पैंटी उतार कर एक तरफ कर दी और टांगों के बीच आ गया।
गुलाबी चूत मेरे सामने थी, चूत पर हल्के हल्के बाल थे, मैं अपनी जीभ निकाल कर हल्के हल्के चूत को चाटने लगा।
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भाभी की हल्की हल्की सिसकारियाँ निकलने लगी। भाभी अपने चूतड़ों को हल्का हल्का उछलने लगी और फिर दोनों जांघों से जोर से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और चिल्लाते हुए झरने लगी- आह आसह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहाहाह आअह आय्य्याआ ह्ह्ह आअह्ह!
और फिर शांत हो गई।

पर मेरा काम अभी बाकी था, मैंने लंड को चूत पर सेट किया और हल्के हल्के अंदर डाला। मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था, आधा अंदर जाते ही चूत की गर्मी ने अपना प्रभाव दिखाया और मैं जोर जोर से झड़ने लगा।
यह मेरा पहली बार था, मुझे लगा जैसे मेरे अंदर से सब कुछ निकल गया हो।
हम 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर दस मिनट बाद लंड फिर से तैयार था। मैंने हल्के से लंड को पहले बाहर निकला और फिर एक ही झटके में पूरा लंड चूत में घुसा दिया।
भाभी चिल्ला उठी- आहह आऐई ईईईइ सस्स्याआह आह्ह्ह।
जोर के झटके से भाभी की पाद निकल गई।
मैं भाभी को मुंह पर किस करने लगा और उनके गोल और भारी उरोजों को मसलने लगा। भाभी के मखमली और गुदगुदे बूब्स चूसने लगा।
थोड़ी देर में भाभी अपनी भारी गांड धीरे धीरे उचकाने लगी, मैंने भी हल्के हल्के लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और 2 मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा- आआह ऊउईई म्माआ आआह्ह!
भाभी की हल्की सिसकारियाँ मेरे जोश को दुगुना कर रही थी और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी और भाभी की वो हाहाकारी चुदाई की जिसका उनका बेड आज भी गवाह है जो एक कोने से हल्का टूट गया था।
15 मिनट तक चोदने के बाद मैं झड़ गया और पूरा लावा भाभी की गुफा में समा गया और बाकी मैंने चूत के मुहाने पर छोड़ दिया।
फिर मैं चुपचाप अपने रूम में आकर सो गया।
अब मैं नॉएडा शिफ्ट हो गया हूँ पर भाभी के नाम की आज भी मुठ मारता हूँ।
मेरी हिंदी सेक्सी स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया मुझे जरूर भेजें।
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Vidhwa Bhabhi -Hindi Sex Stories

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Mera naam sumit (Changed) hai meri umra 21 saal mai barnala ka rahne walaa haiyeh iss me meri 2nd story hai yeh real experience meri aur meri pados me rahne wali Rita bahbhiki hai, first of all mai unke ke bare me apko batata hu wah lagbhag 37 year ki hogi unka badan chaarhara hai, unke husband ka death ek car accident me do saal pahle ho gayi hai unka flat mere ghar ke upari hisse me hai mere ghar ke niche ke hisse me meri



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family rahti hai upper ke hisse me mai akela ka room hai, unki ek bacha hai jo nursery me padhta hai , mai aksar unke ghar me baitha rahta to who mere samne ekdam care less rahti thi mai baar baar unki chuchi aur jangh dikh jate the ek din who subah subah mere room me mujhe kisi kaam ke le ayi aur mujhe jagane lagi mai us samay underwear me soya tha uur mai rajai odh ke soya tha mai raat ko son eke waqt daewaza lock nahi karta tha kewal sata ke chor deta hai isliye wah bina knock kiye hue andar chali ayi unhone ne ne aate hi meri rajai khich ke mujhe jagaya mera lund us samy tana hua tha maine use chipne ki kosis ki lekin unhone mera haath pakad liya aur kaha kya chipa rahe ho maine kaha kuch nahi unhonne kaha kki ek baar bikhao to mai uth ke bhag ne ki kosis karne laga to unhone mujhe Dhaka de kar gira diya aur darwaja band kar diya mai aur uhone mujhe apne bahon me kas ke



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kapde kholne ko kaha aur mere lund ko sahlne laga main e unki bra aur panty bhi utar di unke chuchi bade bade aur tight the aur unki chut kale balo se se dhake the maine jab apna ungli unke boor me dala to wah bilkul garam aur tigh the tabhi unhone kaha ki dhire se chodna pichle 2 saal se nahi chudi hu, maine dhire se apna lund unke boor ke samana laya to unhone kaha is position me lund andar nahi jayga phir unhone apna ghutna mod ke mujhe lund dalne ko kaha maine dhire se lund unke bur me dala to wah bilkul bhi nahi ghusa maine jab jor se Dhaka diya to lund pura ghus gaya lekin wah dard se bilbila uthi, thori der ke bad maine shot lagana suru kardiya ab wah maja leni lagi. Unke muh se bahut sexy siskari niklne lagi aaaaaaaaaaaaaassssssssssssssshhhhhhhhhhhh . mai unhe 10 min tak chodta raha uske baad mai unke bur ke andar apna juce chod diya wah ab bhi



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bahut garam thi unhone mujhe kiss kiya aur kaha ki mujhe plese thanda kar do maine kaha ki thodi der ke baaad lund khada ho jane par phir se chudai karunga, to wah mujhe bathroom ja ke lund ko dho kar anne ko kaha mai jab bath room se ayaa to unhone lund ko apne muh me lekar chusne lagi is chusai se mera lund jaldi khara ho gaya aur maine unki jam kar chudai ki isbar unke chut se fawra nikla jissse mera bed gila ho gaya humlog ne us din 3 baar aur chudai ki aura b bhi raat ko mai unke saath hi soat hu. Aur chudai karte hai , ek tarah se mujhe raat me biwi ka sath mil gya hai use mere se chudwane bahut maja hai

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Tuesday 7 November 2017

भाभी के साथ वो रंगीली रात -Hindi Sex Stories

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है। में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है। दोस्तों में पिछले कुछ सालों से ahindisexstories डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ता आ रहा हूँ। मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों को पढ़ा जो मुझे अच्छी लगी, लेकिन आज में पहली बार अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना मेरा सेक्स अनुभव आज आप लोगों के लिए लेकर आया हूँ जिसको लिखकर आप तक पहुँचाने में मैंने बहुत मेहनत की है तो आज आप उसको सुनिए और मुझे इसके बारे में बताना ना भूले। दोस्तों आप सभी को आज अपनी कहानी सुनाने से पहले में अपने परिवार का परिचय आप लोगों से करवा देता हूँ। मेरे परिवार में पापा मम्मी और हम दो भाई रहते है, मेरे पापा मम्मी और मेरा भाई गाँव में रहते है और में अकेला दिल्ली में अपना बिजनेस करता हूँ। में दिल्ली में जहाँ पर रहता हूँ वहां पर नीचे वाली मंजिल पर मेरे दूर के रिश्तेदारी में मेरे एक भैया और भाभी रहते है। उन दोनों की शादी को पूरा एक साल हो चुका है, लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नहीं है। मेरे भैया एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर नौकरी करते है।

मेरी भाभी का नाम मेघा है और वो बहुत ही सुंदर है। उनको देखकर हर बार मेरा लंड खड़ा हो जाता है, क्योंकि वो बहुत ही सेक्सी है और वो क्या मस्त लावजवाब दिखती है? और उनके बूब्स बड़े आकार के है जिसका आकार 34-28-34 है वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती है। इसलिए मेरी बस एक ही इच्छा थी कि में कैसे भी उनकी पूरी रात जमकर बहुत मस्त चुदाई करूं और उनके साथ बड़े मज़े करूं, लेकिन मेरे हाथ ऐसा कोई भी मौका नहीं लग रहा था। दोस्तों मेरे भैया की भाभी से बहुत अच्छी जमती थी, इसलिए वो दोनों बहुत खुश रहते थे और में कभी कभी भाभी से मज़ाक भी कर लिया करता था तो भाभी भी हंसकर मुझसे मज़ाक कर लिया करती थी, इसलिए भाभी की चुदाई करने का ख्याल मेरे दिल में हमेशा आया करता था। अब तो मेरी हमेशा बस यही कोशिश रहती थी कि में कैसे अपने इस सपने को पूरा करूं में यही बातें सोचता रहता था।
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फिर शायद भगवान को भी कुछ दिनों बाद मुझ पर तरस आ ही गया। उस समय भैया को अपनी कंपनी के किसी जरूरी काम से दस दिनों के लिए इंदौर जाना पड़ा और भाभी वो बात सुनकर बहुत ही उदास थी, क्योंकि भैया ने पिछले एक साल के इस समय में भाभी को कभी भी अकेला नहीं छोड़ा था और फिर भैया ने भाभी को कहा कि अगर तुम्हे किसी भी चीज की कोई ज़रूरत हो तो तुम रोहित को बुला लेना और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा ख़याल रखना और हम दोनों से यह बात कहकर वो दूसरे दिन सुबह की पहली फ्लाइट से ही इंदौर के लिए चले गये। फिर में मन ही मन बहुत ही खुश था कि चलो शायद मुझे कोई अच्छा मौका मिल जाए में सुबह दस बजे भाभी के पास चला गया और मैंने उनसे कहा कि भाभी आपको कोई काम हो तो मुझे बता दो में वापस आते समय कर दूंगा। तो भाभी ने हल्के से मुस्कुराकर कहा कि कोई काम नहीं है, लेकिन अगर जब मुझे तुमसे कोई काम होगा तब में तुम्हे वो जरुर बता दूंगी।

फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है भाभी और में अपने काम पर चला गया, लेकिन वहां पर किसी भी काम में मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था। मुझे तो हर तरफ सिर्फ़ मेघा भाभी ही नज़र आ रही थी। में शाम को जल्दी घर आ गया और भाभी के पास चला गया। फिर भाभी ने मुझसे पूछा कि तुम आज इतनी जल्दी कैसे आ गए? मैंने उनसे कहा कि भाभी आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए में जल्दी घर चला आया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने उनसे कहा कि मेरे सर में दर्द है तो भाभी ने कहा कि में दबा देती हूँ। अब मैंने कहा कि नहीं भाभी अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन भाभी नहीं मानी और वो मेरा सर दबाने लगी। दोस्तों उनके नरम मुलायम हाथ मेरे माथे पर छूते ही मेरे पूरे जिस्म में एक अजीब सी सनसनी होने लगी और में मदहोश होता जा रहा था। मैंने किसी तरह अपने पर कंट्रोल किया और अपने घर आ गया। फिर रात को भाभी मेरे पास आ गई और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हे खाना मेरे साथ ही खाना है। दोस्तों अंधे को क्या चाहिए दो आखें जो मुझे भगवान खुद दे रहे थे, इसलिए मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है भाभी, आप चलो में अभी आता हूँ और फिर में मुहं हाथ धोकर भाभी के यहाँ पर चला गया और तब मैंने देखा कि भाभी उस समय किचन में थी और वो खाना परोसने की तैयारी कर रही थी।

फिर मैंने कहा कि में आ गया हूँ तो उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझे बैठने का इशारा करके वो मेरे लिए भी खाना लगाने लगी और फिर हम दोनों ने एक साथ में खाना खाया। फिर उसके बाद हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे थे। तभी भाभी ने अचानक मुझसे पूछा कि रोहित क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में उनकी इस बात को सुनकर थोड़ा सा चकित जरुर हुआ, लेकिन मैंने उस पर इतना ध्यान नहीं दिया और मैंने उनसे कहा कि नहीं भाभी मुझे अपने काम से ही समय नहीं मिलता तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड कहाँ से होगी? तो भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसने लगी और वो मुझे एक मादक मुस्कान देकर उठकर दोबारा किचन में चली गई। अब में अपने लंड से बड़ा परेशान था, क्योंकि वो अब पूरा तनकर खड़ा हो चुका था और उसने सांप की तरह फुकार मारना भी शुरू कर दिया था। अब मैंने किचन में जाकर भाभी को बोला कि भाभी में अब सोने जा रहा हूँ आपको मुझसे कोई काम हो तो आप मुझे बता दो। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे कोई भी काम नहीं है, तुम जाकर सो जाओ और फिर में अपने घर पर जाकर भाभी के नाम से मुठ मारकर सो गया।
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फिर दूसरे दिन सुबह मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आपको कुछ काम हो तो बता दो, में जा रहा हूँ, भाभी ने कहा अभी तो मुझे कुछ नहीं है, लेकिन आज शाम को तुम जल्दी आ सकते हो तो आ जाना, क्योंकि मुझे बाजार जाना है। अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है, में आ जाऊंगा और फिर में अपने काम पर चला गया। दो दिनों से मेरा किसी भी काम में मन ही नहीं लग रहा था। मुझे बार बार भाभी का ही ख्याल आ रहा था, क्योंकि भाभी थी ही ऐसी चीज़ जो किसी को भी पागल कर सकती है। फिर में शाम को जल्दी अपने घर आ गया और फ्रेश होकर में भाभी के पास जा पहुंचा। भाभी ने मुझसे पूछा कि तुम कब आए? तो मैंने कहा कि में अभी ही आया हूँ क्यों आपको बाजार जाना है ना? तो भाभी ने कहा कि हाँ बस आप 15 मिनट बैठो में अभी तैयार होकर आती हूँ। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर भाभी तैयार होने दूसरे कमरे में चली गये।

 में भी उठकर भाभी के कमरे के अंदर झांकने की कोशिश करने लगा। दरवाजे के छेद से मैंने भाभी को उनकी साड़ी उतारते हुए देखा और उसके बाद भाभी ने अपना ब्लाउज उतार दिया। दोस्तों वो क्या मस्त द्रश्य था, में आप लोगो को किसी भी शब्दों में बता नहीं सकता कि भाभी के बड़े बड़े बूब्स उनकी ब्रा में केद होकर ऐसे लग रहे थे कि अभी वो उनकी उस ब्रा को फाड़कर बाहर आ जायेंगे। उनको भाभी ने जबरदस्ती उसमे ठूंस रखा था, जिसको देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था। अब मेरा मन तो कर रहा था कि में अभी जाकर भाभी को अपनी बाहों में ले लूँ और उनको चूम लूँ। उनके बूब्स के साथ खेलूं, लेकिन में मजबूर था। फिर भाभी ने नीले रंग का ब्लाउज पहना और उसी रंग की साड़ी पहनी वो क्या मस्त कयामत लग रही थी और अब मैंने देखा कि भाभी बाहर आ रही है तो में हड़बड़ा गया और जल्दीबाजी में दरवाजे से लगा वो स्टूल नीचे गिर गया उसकी बहुत तेज आवाज हुई थी। अब में डर गया कि आज मेरी यह चोरी पकड़ी गई और अगर भाभी ने मेरी इस हरकत को भैया को बता दिया तो मेरा क्या हाल होगा? भाभी वो आवाज़ सुनकर जल्दी से बाहर आई और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ यह कैसी आवाज थी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, में डर गया मैंने सोचा कि शायद आज मेरी चोरी पकड़ी गई मुझे बहुत डर लग रहा था, लेकिन भाभी ने मुझसे कुछ नहीं कहा और वो मेरी तरफ मुस्कुराने लगी। फिर उसके बाद में और भाभी कार से बाज़ार आ गए और भाभी ने कुछ जरूरी सामान खरीद लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि चलो अब हम आगे चलते है, मुझे और भी सामान लेना है, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और मैंने अपनी कार को स्टार्ट कर दिया। हम आगे बढ़े थोड़ी आगे आने के बाद भाभी ने कहा कि कार को साइड में कर लो, मुझे यहीं से सामान लेना है।

फिर मैंने अपनी कार को उनके कहने पर तुरंत रोककर एक तरफ लगा दिया। अब भाभी ने मुझसे कहा कि चलो और में भाभी के साथ चल पड़ा भाभी एक लेडिस दुकान में गई और में उसके बाहर ही रुककर खड़ा हो गया। तब भाभी ने मुझसे कहा कि तुम भी अंदर चलो और में भी भाभी के साथ उस दुकान में चला गया। तब मैंने देखा कि वहां पर से भाभी ने एक सेक्सी मेक्सी ली और कुछ हॉट अंडरगार्मेंट्स जिन्हे देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था और भाभी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और अब मेरी हालत तो बहुत खराब हो रही थी। फिर हम दोनों वापस घर आ गए तभी भैया का फोन आ गया तब भाभी ने उनसे फोन पर कहा कि मुझे कल रात को घर पर अकेले में बहुत डर लग रहा था बताओ अब में क्या करूं? भैया ने कहा कि तुम चाहो तो रोहित को हमारे घर पर ही सुला लेना और बहुत देर तक बातें होने के बाद भाभी ने फोन बंद किया। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हे आज से यहीं पर मेरे साथ सोना है, क्योंकि मुझे रात को अकेले सोने में बहुत डर लगता है। दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुस्कुराने लगी, लेकिन में अभी तक उनकी मुस्कुराहट का वो राज नहीं समझ सका था, जिसको में बाद में धीरे धीरे बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था। दोस्तों ये कहानी आप GandiKhaniya डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
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अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है भाभी और रात को हम दोनों ने खाना खाया और उसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे। फिर करीब 11 बजे तक हमने साथ में बैठकर टीवी देखी और उसके बाद मैंने उनसे कहा कि अब में सोने जा रहा हूँ तो भाभी ने टीवी को बंद कर दिया और में हॉल में ही सोफे पर सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन दोस्तों सच कहूँ तो मुझे भाभी का वो मुस्कुराने का अंदाज़ सोच सोचकर नींद ही नहीं आ रही थी और रात के एक बजे के आसपास भाभी हॉल में आई तो में भाभी को देखता ही रह गया, क्योंकि भाभी ने उस समय वो नई वाली मेक्सी पहन रखी थी जो बहुत ही सेक्सी थी, उसमें से भाभी के बूब्स मुझे साफ साफ नज़र आ रहे थे। अब भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे डर लग रहा है, तुम मेरे कमरे में मेरे पास सो जाओ। फिर उनके मुहं से वो बात सुनकर मेरे मन में एक आनंद की लहर दौड़ने लगी और मैंने मन ही मन सोचा कि शायद भगवान को मुझ पर अब बहुत तरस आ गया है, इसलिए वो धीरे धीरे मेरे एक एक काम वो खुद आगे बढ़कर करवा रहा है और अब में बहुत खुश होकर भाभी के साथ उनके कमरे में चला गया। फिर में और भाभी दोनों ही उनके बेड पर लेट गए और बातें करने लगे फिर हम सो गये और करीब तीन बजे मैंने महसूस किया कि कोई हाथ है जो मेरे लंड को छू रहा है। में तुरंत समझ गया और में सोने का नाटक करने लगा। मेरा लंड तनकर कुतुब मीनार की तरह हो गया था और में मन ही मन इतना खुश हो गया था कि जैसे कि मुझे आज कुबेर का खजाना मिल गया था। में देखना चाहता था कि भाभी अब इसके आगे क्या करती है इसलिए में चुप रहा।

फिर मैंने महसूस किया कि भाभी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही है और दूसरे हाथ से अपनी चूत को सहला रही है। में तो पागल हो गया था और मेरा मन तो कर रहा था कि भाभी को पकड़कर तुरंत ही उनकी चुदाई कर दूँ। मैंने सोचा कि भाभी ही आगे बढ़ रही है तो में भी चुप ही रहूँ। फिर भाभी ने अब मेरे लंड से खेलना शुरू कर दिया और अब अपने एक हाथ से उन्होंने अपनी ही चूत को भी सहलाना शुरू कर दिया और उसके भाभी धीरे से मेरे पैरों की तरफ बढ़ी और फिर वो मेरा लंड को अपने मुहं में लेकर उसको सक करने लगी, जिसकी वजह से अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और इसलिए मैंने जागने का नाटक किया। फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी यह आप क्या कर रही है? यह सब अच्छी बात नहीं है, लेकिन तभी भाभी ने मुझसे बिना कुछ बोले मुझे अपनी छाती से लगा लिया और कहा कि रोहित में तुम से कई बार अपने सपनों में चुदाई करवा चुकी हूँ, लेकिन तुम मुझे आज सच में अच्छी तरह से रगड़कर चोद दो और मुझे अपना बना लो। में कब से इस दिन का इंतजार कर रही थी। अब मैंने उनसे कहा कि भाभी यह सब बहुत ग़लत होगा और इसके बारे में अगर भैया को पता चल गया तो क्या होगा? हमारे सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी, तब हम क्या करेंगे? तो भाभी ने कहा कि वो सब नहीं होगा तुम्हे इतना आगे सोचने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हे हमारे इस काम के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा, तुम तो बस में तुमसे जैसा कहूँ वैसा करते चले जाओ। दोस्तों आज तो मेरे मन की हर एक मुराद पूरी हो गई थी, क्योंकि वो खुद आगे होकर मुझसे अपनी चुदाई के लिए कह रही थी, जिस काम को में भी बहुत समय से करना चाहता था और इसलिए में अब कहाँ पीछे रहने वाला था? मैंने तुरंत भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और मैंने भाभी के होंठो से अपने होंठ लगा दिए और में उन्हे चूसने लगा। उनके पूरे जिस्म पर हाथ घुमाने लगा।
फिर थोड़ी ही देर के बाद मुझे महसूस होने लगा कि भाभी अब गरम होने लगी थी और उन्होंने मेरे लोवर को भी उतार दिया था। उसके बाद बनियान को भी उतार फेंका, जिसकी वजह से अब में भाभी के सामने बिल्कुल नंगा था। मैंने उनको कहा कि भाभी तुम मेरे कपड़े उतार रही हो और तुम खुद तो अब तक कपड़े पहने हो। तब भाभी ने मुझसे कहा कि तुम्हे किसने रोका है तुम खुद ही उतार दो? उनका यह जवाब सुनकर मैंने जल्दी से आगे बढ़कर सबसे पहले भाभी की मेक्सी को उसके बाद ब्रा को और फिर पेंटी को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब भाभी और में एकदम नंगे थे और में उनका वो गोरा सेक्सी जिस्म देखकर बिल्कुल पागल हो गया था और अब में किसी भूखे शेर की तरह भाभी के बूब्स को चूसने लगा और अपने एक हाथ से भाभी के निप्पल से खेल भी रहा था और उनका रस निचोड़ रहा था, जिसकी वजह से भाभी बहुत गरम हो रही थी और भाभी भी अपने एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी। फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी की गरम चिकनी चूत पर रख दिया और में चूत को सहलाने लगा। फिर मैंने महसूस किया कि भाभी की चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और उनके मुहं से उफूफ़्फफ्फ़ आह्ह्हह्ह की आवाज़े आ रही थी, जिसको सुनकर में और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था।
अब भाभी की साँसे गरम हो रही थी वो बिल्कुल मदहोश होने लगी थी।

फिर तभी भाभी ने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया, वाह क्या मस्त तरीके से वो मेरा लंड चूस रही थी, जिसकी वजह से भी मदहोश हो चुका था। मैंने भाभी से कहा कि भाभी मुझे भी अब आपकी चूत का रस पीना है। फिर भाभी ने कहा कि हाँ ठीक है चूस लो, वैसे भी यह आज से तुम्हारी ही है और फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये। में भाभी की चूत को चाट रहा था और वो मेरा लंड, जिसकी वजह से भाभी बड़ी ही मदहोश हो चुकी थी। वो बहुत जोश में थी। में अब भाभी की चूत में अपनी जीभ को डालकर अंदर बाहर कर रहा था, जिसकी वजह से भैया ऊफफफफफ्फ़ में मर गई और ज़ोर से रोहित मेरी जान आहहहहहहह में मर गई रे आईईईईईईईइ कह रही थी। इन कामों के बीच मैंने महसूस किया कि भाभी दो बार झड़ चुकी थी और में था कि अब तक झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। तुम यह लंड प्लीज जल्दी से मेरी चूत में डाल दो, नहीं तो में पागल हो जाउंगी और भाभी ने कहा कि प्लीज तुम तेल की बोतल ले आना, तुम्हारा लंड उनसे ज्यादा बड़ा है, में इसका दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकती और इसको पहले तेल लगाकर चिकना कर लो। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों भाभी भैया के लंड का क्या आकार है? तो भाभी ने कहा कि उनका तो बस चार इंच का है और उनका तुम्हारे लंड से पतला भी है।
अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश खुश हो गया और मैंने उनसे कहा कि तेल की ज़रूरत नहीं है, में बहुत धीरे से ही करूंगा और भाभी ने कहा कि ठीक है जैसा तुम ठीक समझो, कर लो, लेकिन प्लीज अब जल्दी करो में भाभी के ऊपर आ गया और भाभी के बूब्स को मसलने लगा और पीने लगा। भाभी भी पागल हुई जा रही थी और आवाज़ निकाल रही थी अहहहहह मेरी जान जल्दी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा। में भी तैयार होकर भाभी की जाँघो के बीच आ गया और भाभी की चूत बिल्कुल साफ थी। फिर मैंने भाभी की गांड के नीचे तकिया लगा, दिया जिससे कि भाभी की चूत ऊपर आ गई और मेरे लंड को चुदाई का न्योता देने लगी, मैंने जैसे ही लंड को भाभी की चूत के मुहं पर सटाया तो भाभी बोल पड़ी कि जल्दी रोहित जल्दी करो।
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अब मैंने पहले लंड से भाभी की चूत को रगड़ा और फिर एक ही झटके में मैंने अपना पूरा लंड भाभी की चूत में डाल दिया। भाभी चिल्ला पड़ी आह्ह्ह्हहहह ऊईईइईईई माँ मर गई, यह तुमने क्या किया, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, बाहर निकालो प्लीज। फिर मैंने कहा कि भाभी बस दो मिनट में सब कुछ ठीक हो जाएगा आप थोड़ी शांति रखो और में भाभी को धीरे धीरे धक्के लगाने लगा, जिसकी वजह से अब भाभी को भी अब मज़ा आने लगा था और वो अपने मुहं से अहहहह उफुफ्फुफफुफ़्फुऊऊ की आवाज़े निकाल रही थी। में भाभी को लगातार धक्के लगाता जा रहा था, लेकिन कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा कि में अब झड़ने वाली हूँ। मैंने कहा अभी मेरा इरादा नहीं है, में भाभी को 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा और इस बीच भाभी दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी माल बाहर आने वाला था, इसलिए मैंने भाभी से कहा कि भाभी में भी अब झड़ने वाला हूँ। फिर भाभी ने कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही झड़ जाओ और में झड़ गया। मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराईयों में डाल दिया। में अब थक चुका था, इसलिए में उसी तरह भाभी के ऊपर लेटा रहा और करीब दस मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे, भाभी मुझसे बिल्कुल चिपकी हुई थी और में भाभी के निप्पल से खेल रहा था। फिर जब हम उठे तो टाइम देखा 4:45 हो चुके थे। हम दोनों एक साथ ही साथ उठकर बाथरूम गये और भाभी मेरे सामने ही पेशाब करने लगी तब मैंने देखा कि उनकी चूत से पहले ढेर सारा वीर्य निकला उसके बाद मूत बाहर आ गया और भाभी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित तुम मेरी चूत को चाटो और में भाभी के कहने पर उनकी गीली चूत को चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी। फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और हमने फिर से सेक्स के मज़े लिए, लेकिन इस बार में भाभी को पूरे 35 मिनट तक चोदता रहा और भाभी तीन बार झड़ चुकी थी। अब में भी झड़ने ही वाला था और फिर मेरा भी वीर्य कुछ धक्कों के बाद निकल गया। दोस्तों मेरे भैया दस दिनों के लिए बाहर गये थे, इसलिए पूरे सात दिनों तक मैंने और भाभी बहुत जमकर चुदाई का मज़ा लेते रहे और फिर भैया भी आ गये जिसके बाद हमारी चुदाई का वो सिलसिला अब बंद हो गया और उसके बाद मुझे और भाभी को कोई भी ऐसा मौका नहीं मिला जिसका हम फायदा उठाकर चुदाई का मज़ा ले सके ।।
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Sunday 12 May 2013